Sutra Navigation: Mahanishith ( महानिशीय श्रुतस्कंध सूत्र )
Search Details
Mool File Details |
|
Anuvad File Details |
|
Sr No : | 1017297 | ||
Scripture Name( English ): | Mahanishith | Translated Scripture Name : | महानिशीय श्रुतस्कंध सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
अध्ययन-३ कुशील लक्षण |
Translated Chapter : |
अध्ययन-३ कुशील लक्षण |
Section : | Translated Section : | ||
Sutra Number : | 597 | Category : | Chheda-06 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] (१०) एवं चाभिग्गहबंधं काऊणं जावज्जीवाए, ताहे य गोयमा इमाए चेव विज्जाए अहिमंतियाओ सत्त-गंध-मुट्ठीओ तस्सुत्तमंगे नित्थारग पारगो भवेज्जासि। त्ति उच्चारेमाणेणं गुरुणा घेतव्वाओ अ ओ म्। न म् ओ। भगवओ अरहओ। स् इ ज्झ उ। म् ए। भगवती। महा वि ज् ज् आ। व् ई र् ए। म ह् आ व् ई र् ए। ज य व् ई र् ए स् ए ण् अ व् ई र् ए। वद्ध म् आ न व् ई र् ए। ज य् अं त् ए। अ प र् आ ज् इ ए। स् व् आ हा। [ओम् नमो भगवओ अरहओ सिज्झउ मे भगवती महाविज्जा, वीरे महावीरे जयवीरे, सेणवीरे, वद्धमाणवीरे जयंते अपराजिए स्वाहा] उपचारो चउत्थभत्तेणं साहिज्जइ। एयाए विज्जाए सव्वगओ नित्थारगपारगो होइ। उवट्ठावणाए वा गणिस्स वा अणुण्णाए वा सत्त वारा परिजवेयव्वा। (१६) नित्थारग-पारगो होइ। उत्तिमट्ठ-पडिवन्ने वा अभिमंतिज्जइ आराहगो भवति। विग्घ-विनायगा उवसमंति सूरो संगामे पविसंतो अपराजिओ भवति। कप्प-समत्तीए मंगलवहनी खेमवहणी हवइ। | ||
Sutra Meaning : | देखो सूत्र ५९६ | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] (10) evam chabhiggahabamdham kaunam javajjivae, tahe ya goyama imae cheva vijjae ahimamtiyao satta-gamdha-mutthio tassuttamamge nittharaga parago bhavejjasi. Tti uchcharemanenam guruna ghetavvao A o m. Na m o. Bhagavao arahao. S i jjha u. M e. Bhagavati. Maha vi j j a. V i r e. Ma h a v i r e. Ja ya v i r e s e n a v i r e. Vaddha m a na v i r e. Ja y am t e. A pa r a j i e. S v a ha. [om namo bhagavao arahao sijjhau me bhagavati mahavijja, vire mahavire jayavire, senavire, vaddhamanavire jayamte aparajie svaha] Upacharo chautthabhattenam sahijjai. Eyae vijjae savvagao nittharagaparago hoi. Uvatthavanae va ganissa va anunnae va satta vara parijaveyavva. (16) nittharaga-parago hoi. Uttimattha-padivanne va abhimamtijjai arahago bhavati. Viggha-vinayaga uvasamamti suro samgame pavisamto aparajio bhavati. Kappa-samattie mamgalavahani khemavahani havai. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Dekho sutra 596 |