Sutra Navigation: Mahanishith ( महानिशीय श्रुतस्कंध सूत्र )
Search Details
Mool File Details |
|
Anuvad File Details |
|
Sr No : | 1018227 | ||
Scripture Name( English ): | Mahanishith | Translated Scripture Name : | महानिशीय श्रुतस्कंध सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
अध्ययन-८ चूलिका-२ सुषाढ अनगारकथा |
Translated Chapter : |
अध्ययन-८ चूलिका-२ सुषाढ अनगारकथा |
Section : | Translated Section : | ||
Sutra Number : | 1527 | Category : | Chheda-06 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] ॐ नमो चउवीसाए तित्थंकराणं, ॐ नमो तित्थस्स, ॐ नमो सुयदेवयाए भगवईए, ॐ नमो सुयकेव-लीणं ॐ नमो सव्वसाहूणं ॐ नमो [सव्वसिद्धाणं] ॐ नमो भगवओ अरहओ सिज्झउ मे भगवई महइ महाविज्जा व् इ इ र् ए म ह् अ अ व् इ इ र् ए, ज य द् इ इ र् ए स् ए न व् इ इ र् ए वद्ध म् अ अ ण् अ व् इ इ र् ए ज य् अ इ त् ए अ प् अ र् अ अ ज् इ ए स् व् अ अ ह् अ अ [वीरे महावीरे जयवीरे सेणवीरे वद्धमाणवीरे जयइ ते अपराजिए स्वाहा] उपचारो चउत्थभत्तेणं सहिज्जइ एसा विज्जा सव्वगओ ण् इ त्थ् अ अ र ग प् अ अ र ग् अ ओ होइ उवट्ठ् अ अ व ण् अ अ गणस्स वा अ ण् उ ण् ण् आ ए एसा सत्तवारा परिजवेयव्वा [नित्थारगो पारगो होइ] जे णं कप्पसमत्तीए विज्जा अभिमंतिऊणं विग्घविनाइगा आराहंति सूरे संगामे पविसंतो अपराजिओ होइ जिणकप्प-समत्तीए विज्जा अभिमंतिऊण खेमवहणी मंगलवहणी भवति। | ||
Sutra Meaning : | इस सूत्र में ‘‘वर्धमान विद्या’’ दी है। इसलिए उसकी हिन्दी – छाया नहीं दी। जिज्ञासु लोग हमारा आगम सुत्ताणि – भाग – ३९ महानिसीह सूत्र पृष्ठ – १४२ – १४३ देखे। ‘महानिसीह’ सूत्र ४५०४ श्लोक प्रमाण अभी मिलता हैं। सूत्र – १५२७, १५२८ | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] Om namo chauvisae titthamkaranam, Om namo titthassa, Om namo suyadevayae bhagavaie, Om namo suyakeva-linam Om namo savvasahunam Om namo [savvasiddhanam] Om namo bhagavao arahao sijjhau me bhagavai mahai mahavijja v i i r e ma h a a v i i r e, ja ya d i i r e s e na v i i r e vaddha m a a n a v i i r e ja y a i t e a p a r a a j i e s v a a h a a [vire mahavire jayavire senavire vaddhamanavire jayai te aparajie svaha] Upacharo chautthabhattenam sahijjai esa vijja savvagao n i tth a a ra ga p a a ra g a o hoi uvatth a a va n a a ganassa va a n u n n a e esa sattavara parijaveyavva [nittharago parago hoi] Je nam kappasamattie vijja abhimamtiunam vigghavinaiga arahamti sure samgame pavisamto aparajio hoi jinakappa-samattie vijja abhimamtiuna khemavahani mamgalavahani bhavati. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Isa sutra mem ‘‘vardhamana vidya’’ di hai. Isalie usaki hindi – chhaya nahim di. Jijnyasu loga hamara agama suttani – bhaga – 39 mahanisiha sutra prishtha – 142 – 143 dekhe. ‘mahanisiha’ sutra 4504 shloka pramana abhi milata haim. Sutra – 1527, 1528 |