Sutra Navigation: Dashashrutskandha ( दशाश्रुतस्कंध सूत्र )

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Sr No : 1014204
Scripture Name( English ): Dashashrutskandha Translated Scripture Name : दशाश्रुतस्कंध सूत्र
Mool Language : Ardha-Magadhi Translated Language : Hindi
Chapter :

दसा-३ आशातना

Translated Chapter :

दसा-३ आशातना

Section : Translated Section :
Sutra Number : 4 Category : Chheda-04
Gatha or Sutra : Sutra Sutra Anuyog :
Author : Deepratnasagar Original Author : Gandhar
 
Century : Sect : Svetambara1
Source :
 
Mool Sutra : [सूत्र] सुयं मे आउसं! तेणं भगवया एवमक्खायं–इह खलु थेरेहिं भगवंतेहिं तेत्तीसं आसायणाओ पन्नत्ताओ। कतराओ खलु ताओ थेरेहिं भगवंतेहिं तेत्तीसं आसायणाओ पन्नत्ताओ? इमाओ खलु ताओ थेरेहिं भगवंतेहिं तेत्तीसं आसायणाओ पन्नत्ताओ, तं जहा– १. सेहे रातिनियस्स पुरतो गंता भवति, आसादना सेहस्स। २. सेहे रातिनियस्स सपक्खं गंता भवति, आसादना सेहस्स। ३. सेहे रातिनियस्स आसन्नं गंता भवति, आसादना सेहस्स। ४. सेहे रातिनियस्स पुरओ चिट्ठित्ता भवति, आसादना सेहस्स। ५. सेहे रातिनियस्स सपक्खं चिट्ठित्ता भवति, आसादना सेहस्स। ६. सेहे रातिनियस्स आसन्नं चिट्ठित्ता भवति, आसादना सेहस्स। ७. सेहे रातिनियस्स पुरतो निसीइत्ता भवति, आसादना सेहस्स। ८. सेहे रातिनियस्स सपक्खं निसीइत्ता भवति, आसादना सेहस्स। ९. सेहे रातिनियस्स आसन्नं निसीइत्ता भवति, आसादना सेहस्स। १०. सेहे रातिनियेण सद्धिं बहिया वियारभूमिं निक्खंते समाणे पुव्वामेव सेहतराए आयामेइ पच्छा रातिनिए, आसादना सेहस्स। ११. सेहे रातिनिएण सद्धं बहिया विहारभूमिं वा वियारभूमिं वा निक्खंते समाणे तत्थ पुव्वामेव सेहतराए आलोएति पच्छा रातिनिए, आसादना सेहस्स। १२. केइ रातिनियस्स पुव्वं संलत्तए सिया तं पुव्वामेव सेहतराए आलवति पच्छा रातिनिए, आसादना सेहस्स। १३. सेहे रातिनियस्स रातो वा विआले वा वाहरमाणस्स अज्जो! के सुत्ते? के जागरे? तत्थ सेहे जागरमाणे रातिनियस्स अपडिसुणेत्ता भवति, आसादना सेहस्स। १४. सेहे असनं वा पानं वा खाइमं वा साइमं वा पडिगाहेत्ता तं पुव्वामेव सेहतरागस्स आलोएइ पच्छा रातिनियस्स, आसादना सेहस्स। १५. सेहे असनं वा पानं वा खाइमं वा साइमं वा पडिगाहेत्ता तं पुव्वामेव सेहतरागस्स पडिदंसेति पच्छा रातिनियस्स, आसादना सेहस्स। १६. सेहे असनं वा पानं वा खाइमं वा साइमं वा पडिगाहेत्ता तं पुव्वामेव सेहतरागं उवनिमंतेति पच्छा रातिनियं, आसादना सेहस्स। १७. सेहे रातिनिएण सद्धिं असनं वा पानं वा खाइमं वा साइमं वा पडिगाहेत्ता तं रातिनियं अनापुच्छित्ता जस्स-जस्स इच्छइ तस्स-तस्स खद्धं-खद्धं दलयइ, आसादना सेहस्स। १८. सेहे असनं वा पानं वा खाइमं वा साइमं वा पडिगाहेत्ता राइनिएण सद्धिं आहारेमाणे तत्थ सेहे खद्धं-खद्धं डाअं डाअं रसियं-रसियं ऊसढं-ऊसढं, मणुन्नं-मणुन्नं मणामं-मणामं निद्धं-निद्धं लुक्खं-लुक्खं आहरेत्ता भवइ, आसादना सेहस्स। १९. सेहे रातिनियस्स वाहरमाणस्स अपडिसुणित्ता भवइ, आसादना सेहस्स। २०. सेहे रातिनियस्स वाहरमाणस्स तत्थगते चेव पडिसुणेत्ता भवति, आसादना सेहस्स। २१. सेहे रातिनियं किं ति वत्ता, भवति, आसादना सेहस्स। २२. सेहे रातिनियं तुमंति वत्ता भवति, आसादना सेहस्स। २३. सेहे रातिनियं खद्धं-खद्धं वत्ता भवति, आसादना सेहस्स २४. सेहे रातिनियं तज्जाएण तज्जाएण पडिभणित्ता भवइ, आसादना सेहस्स। २५. सेहे रातिनियस्स कहं कहेमाणस्स इति एवंति वत्ता न भवति, आसादना सेहस्स। २६. सेहे रातिनियस्स कहं कहेमाणस्स नो सुमरसीति वत्ता भवति, आसादना सेहस्स। २७. सेहे रातिनियस्स कहं कहेमाणस्स णो सुमणसे भवति, आसादना सेहस्स। २८. सेहे रातिनियस्स कहं कहेमाणस्स परिसं भेत्ता भवति, आसादना सेहस्स। २९. सेहे रातिनियस्स कहं कहेमाणस्स कहं आछिंदित्ता भवति, आसादना सेहस्स। ३०. सेहे रातिनियस्स कहं कहेमाणस्स तीसे परिसाए अणुट्ठिताए अभिन्नाए अव्वोच्छिन्नाए अव्वो- गडाए दोच्चंपि तच्चंपि तमेव कहं कहेत्ता भवति, आसादना सेहस्स। ३१. सेहे रातिनियस्स सेज्जा-संथारगं पाएणं संघट्टित्ता हत्थेणं अणनुन्नवेत्ता गच्छति, आसादना सेहस्स। ३२. सेहे रातिनियस्स सेज्जा-संथारए चिट्ठित्ता वा निसीइत्ता वा तुयट्टित्ता वा भवइ, आसादना सेहस्स। ३३. सेहे रातिनियस्स उच्चासणंसि वा समासणंसि वा चिट्ठित्ता वा निसीइत्ता वा तुयट्टित्ता वा भवति, आसादना सेहस्स। एताओ खलु ताओ थेरेहिं भगवंतेहिं तेत्तीसं आसादनाओ पन्नत्ताओ।
Sutra Meaning : हे आयुष्मान्‌ ! उस निर्वाण प्राप्त भगवंत के स्व – मुख से मैंने इस प्रकार सूना है। यह आर्हत्‌ प्रवचन में स्थविर भगवंत ने वाकई में ३३ – आशातना प्ररूपी है। उस स्थविर भगवंत ने सचमुच कौन – सी ३३ – आशातना बताई है ? वो स्थविर भगवंत ने सचमुच जो ३३ – आशातना बताई है वह इस प्रकार है – १ – ९. शैक्ष (अल्प दीक्षा पर्यायवाले साधु) रत्नाधिक (बड़े दीक्षापर्याय या विशेष गुणवान्‌ साधु) के आगे चले, साथ – साथ चले, अति निकट चले, आगे, साथ – साथ या अति निकट खड़े रहे, आगे, साथ – साथ या अति निकट बैठे। १० – ११. रात्निक साधु के साथ बाहर बिचार भूमि (मल त्याग जगह) गए शैक्ष कारण से एक ही जलपात्र ले गए हो उस हालात में वो शैक्ष रात्निक की पहले शौच – शुद्धि करे, बाहर बिचार भूमि या विहार भूमि (स्वाध्याय – स्थल) गए हो तब रात्निक के पहले ऐर्यापथिक – प्रतिक्रमण करे। १२. किसी व्यक्ति रात्निक के पास वार्तालाप के लिए आए तब शैक्ष उसके पहले ही वार्तालाप करने लगे। १३. रात या विकाल में (सन्ध्या के वक्त) यदि रात्निक शैक्ष को सम्बोधन करके पूछे कि हे आर्य ! कौन – कौन सो रहे हैं और कौन – कौन जागते हैं तब वो शैक्ष, रात्निक या वचन पूरा सूना – अनसूना कर दे और प्रत्युत्तर न दे १४ – १८. शैक्ष यदि अशन, पान, खादिम, स्वादिम समान आहार लाए तब उसकी आलोचना के पहले कोई शैक्ष के पास करे फिर रात्निक के पास करे, पहले किसी शैक्ष को बताए, निमंत्रित करे फिर रात्निक को दिखाए या निमंत्रणा करे, रात्निक के साथ गए हो तो भी उसे पूछे बिना जो – जो साधु को देने की ईच्छा हो उसे जल्द अधिक प्रमाण में वो अशन आदि दे और रात्निक साधु के साथ आहार करते वक्त प्रशस्त, उत्तम, रसयुक्त, स्निग्ध, रूखा आदि चीज उस शैक्ष को मनोकुल हो तो जल्द या ज्यादा प्रमाण में खाए। १९ – २१. रात्निक (गुणाधिक) शैक्ष (छोटे दीक्षा पर्यायवाले साधु) को बुलाए तब उसकी बात सूना – अनसूना करके मौन रहे, अपने स्थान पर बैठकर उनकी बात सूने लेकिन सन्मुख उपस्थित न हो, ‘‘क्या कहा ?’’ ऐसा कहे। २२ – २४. शैक्ष, रात्निक को तूं ऐसे एकवचनी शब्द बोले, उनके आगे निरर्थक बक – बक करे, उनके द्वारा कहे गए शब्द उन्हें कहकर सुनाए (तिरस्कार से ‘‘तुम तो ऐसा कहते थे’’ ऐसा सामने बोले।) २५ – ३०. जब रात्निक (गुणाधिक साधु) कथा कहते हो तब वो शैक्ष ‘‘यह ऐसे कहना चाहिए’’ ऐसा बोले, ‘‘तुम भूल रहे हो – तुम्हें याद नहीं है।’’ ऐसा बोले, दुर्भाव प्रकट करे, (किसी बहाना करके) सभा विसर्जन करने के लिए आग्रह करे, कथा में विघ्न उत्पन्न करे, जब तक पर्षदा (सभा) पूरी न हो, छिन्न – भिन्न न हो या बैर – बिखेर न हो लेकिन हाजिर हो तब तक उसी कथा को दो – तीन बार कहे। ३१ – ३३. शैक्ष यदि रात्निक साधु के शय्या या संथारा पर गलती से पाँव लग जाए तब हाथ जोड़कर क्षमा याचना किए बिना चले जाए, रात्निक की शय्या – संथारा पर खड़े रहे – बैठे या सो जाए या उससे ऊंचे या समान आसन पर बैठे या सो जाए। उस स्थविर भगवंत ने सचमुच यह तैंतीस आशातना बताई है। ऐसा (उस प्रकार) मैं (तुम्हें) कहता हूँ।
Mool Sutra Transliteration : [sutra] suyam me ausam! Tenam bhagavaya evamakkhayam–iha khalu therehim bhagavamtehim tettisam asayanao pannattao. Katarao khalu tao therehim bhagavamtehim tettisam asayanao pannattao? Imao khalu tao therehim bhagavamtehim tettisam asayanao pannattao, tam jaha– 1. Sehe ratiniyassa purato gamta bhavati, asadana sehassa. 2. Sehe ratiniyassa sapakkham gamta bhavati, asadana sehassa. 3. Sehe ratiniyassa asannam gamta bhavati, asadana sehassa. 4. Sehe ratiniyassa purao chitthitta bhavati, asadana sehassa. 5. Sehe ratiniyassa sapakkham chitthitta bhavati, asadana sehassa. 6. Sehe ratiniyassa asannam chitthitta bhavati, asadana sehassa. 7. Sehe ratiniyassa purato nisiitta bhavati, asadana sehassa. 8. Sehe ratiniyassa sapakkham nisiitta bhavati, asadana sehassa. 9. Sehe ratiniyassa asannam nisiitta bhavati, asadana sehassa. 10. Sehe ratiniyena saddhim bahiya viyarabhumim nikkhamte samane puvvameva sehatarae ayamei pachchha Ratinie, asadana sehassa. 11. Sehe ratiniena saddham bahiya viharabhumim va viyarabhumim va nikkhamte samane tattha puvvameva Sehatarae aloeti pachchha ratinie, asadana sehassa. 12. Kei ratiniyassa puvvam samlattae siya tam puvvameva sehatarae alavati pachchha ratinie, asadana Sehassa. 13. Sehe ratiniyassa rato va viale va vaharamanassa ajjo! Ke sutte? Ke jagare? Tattha sehe Jagaramane ratiniyassa apadisunetta bhavati, asadana sehassa. 14. Sehe asanam va panam va khaimam va saimam va padigahetta tam puvvameva sehataragassa aloei pachchha Ratiniyassa, asadana sehassa. 15. Sehe asanam va panam va khaimam va saimam va padigahetta tam puvvameva sehataragassa padidamseti Pachchha ratiniyassa, asadana sehassa. 16. Sehe asanam va panam va khaimam va saimam va padigahetta tam puvvameva sehataragam uvanimamteti pachchha Ratiniyam, asadana sehassa. 17. Sehe ratiniena saddhim asanam va panam va khaimam va saimam va padigahetta tam ratiniyam Anapuchchhitta jassa-jassa ichchhai tassa-tassa khaddham-khaddham dalayai, asadana sehassa. 18. Sehe asanam va panam va khaimam va saimam va padigahetta rainiena saddhim aharemane tattha sehe Khaddham-khaddham daam daam rasiyam-rasiyam usadham-usadham, manunnam-manunnam manamam-manamam niddham-niddham Lukkham-lukkham aharetta bhavai, asadana sehassa. 19. Sehe ratiniyassa vaharamanassa apadisunitta bhavai, asadana sehassa. 20. Sehe ratiniyassa vaharamanassa tatthagate cheva padisunetta bhavati, asadana sehassa. 21. Sehe ratiniyam kim ti vatta, bhavati, asadana sehassa. 22. Sehe ratiniyam tumamti vatta bhavati, asadana sehassa. 23. Sehe ratiniyam khaddham-khaddham vatta bhavati, asadana sehassa 24. Sehe ratiniyam tajjaena tajjaena padibhanitta bhavai, asadana sehassa. 25. Sehe ratiniyassa kaham kahemanassa iti evamti vatta na bhavati, asadana sehassa. 26. Sehe ratiniyassa kaham kahemanassa no sumarasiti vatta bhavati, asadana sehassa. 27. Sehe ratiniyassa kaham kahemanassa no sumanase bhavati, asadana sehassa. 28. Sehe ratiniyassa kaham kahemanassa parisam bhetta bhavati, asadana sehassa. 29. Sehe ratiniyassa kaham kahemanassa kaham achhimditta bhavati, asadana sehassa. 30. Sehe ratiniyassa kaham kahemanassa tise parisae anutthitae abhinnae avvochchhinnae avvo- Gadae dochchampi tachchampi tameva kaham kahetta bhavati, asadana sehassa. 31. Sehe ratiniyassa sejja-samtharagam paenam samghattitta hatthenam ananunnavetta gachchhati, asadana Sehassa. 32. Sehe ratiniyassa sejja-samtharae chitthitta va nisiitta va tuyattitta va bhavai, asadana sehassa. 33. Sehe ratiniyassa uchchasanamsi va samasanamsi va chitthitta va nisiitta va tuyattitta va bhavati, Asadana sehassa. Etao khalu tao therehim bhagavamtehim tettisam asadanao pannattao.
Sutra Meaning Transliteration : He ayushman ! Usa nirvana prapta bhagavamta ke sva – mukha se maimne isa prakara suna hai. Yaha arhat pravachana mem sthavira bhagavamta ne vakai mem 33 – ashatana prarupi hai. Usa sthavira bhagavamta ne sachamucha kauna – si 33 – ashatana batai hai\? Vo sthavira bhagavamta ne sachamucha jo 33 – ashatana batai hai vaha isa prakara hai – 1 – 9. Shaiksha (alpa diksha paryayavale sadhu) ratnadhika (bare dikshaparyaya ya vishesha gunavan sadhu) ke age chale, satha – satha chale, ati nikata chale, age, satha – satha ya ati nikata khare rahe, age, satha – satha ya ati nikata baithe. 10 – 11. Ratnika sadhu ke satha bahara bichara bhumi (mala tyaga jagaha) gae shaiksha karana se eka hi jalapatra le gae ho usa halata mem vo shaiksha ratnika ki pahale shaucha – shuddhi kare, bahara bichara bhumi ya vihara bhumi (svadhyaya – sthala) gae ho taba ratnika ke pahale airyapathika – pratikramana kare. 12. Kisi vyakti ratnika ke pasa vartalapa ke lie ae taba shaiksha usake pahale hi vartalapa karane lage. 13. Rata ya vikala mem (sandhya ke vakta) yadi ratnika shaiksha ko sambodhana karake puchhe ki he arya ! Kauna – kauna so rahe haim aura kauna – kauna jagate haim taba vo shaiksha, ratnika ya vachana pura suna – anasuna kara de aura pratyuttara na de 14 – 18. Shaiksha yadi ashana, pana, khadima, svadima samana ahara lae taba usaki alochana ke pahale koi shaiksha ke pasa kare phira ratnika ke pasa kare, pahale kisi shaiksha ko batae, nimamtrita kare phira ratnika ko dikhae ya nimamtrana kare, ratnika ke satha gae ho to bhi use puchhe bina jo – jo sadhu ko dene ki ichchha ho use jalda adhika pramana mem vo ashana adi de aura ratnika sadhu ke satha ahara karate vakta prashasta, uttama, rasayukta, snigdha, rukha adi chija usa shaiksha ko manokula ho to jalda ya jyada pramana mem khae. 19 – 21. Ratnika (gunadhika) shaiksha (chhote diksha paryayavale sadhu) ko bulae taba usaki bata suna – anasuna karake mauna rahe, apane sthana para baithakara unaki bata sune lekina sanmukha upasthita na ho, ‘‘kya kaha\?’’ aisa kahe. 22 – 24. Shaiksha, ratnika ko tum aise ekavachani shabda bole, unake age nirarthaka baka – baka kare, unake dvara kahe gae shabda unhem kahakara sunae (tiraskara se ‘‘tuma to aisa kahate the’’ aisa samane bole.) 25 – 30. Jaba ratnika (gunadhika sadhu) katha kahate ho taba vo shaiksha ‘‘yaha aise kahana chahie’’ aisa bole, ‘‘tuma bhula rahe ho – tumhem yada nahim hai.’’ aisa bole, durbhava prakata kare, (kisi bahana karake) sabha visarjana karane ke lie agraha kare, katha mem vighna utpanna kare, jaba taka parshada (sabha) puri na ho, chhinna – bhinna na ho ya baira – bikhera na ho lekina hajira ho taba taka usi katha ko do – tina bara kahe. 31 – 33. Shaiksha yadi ratnika sadhu ke shayya ya samthara para galati se pamva laga jae taba hatha jorakara kshama yachana kie bina chale jae, ratnika ki shayya – samthara para khare rahe – baithe ya so jae ya usase umche ya samana asana para baithe ya so jae. Usa sthavira bhagavamta ne sachamucha yaha taimtisa ashatana batai hai. Aisa (usa prakara) maim (tumhem) kahata hum.