Sutra Navigation: Jambudwippragnapati ( जंबुद्वीप प्रज्ञप्ति सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1007733 | ||
Scripture Name( English ): | Jambudwippragnapati | Translated Scripture Name : | जंबुद्वीप प्रज्ञप्ति सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
वक्षस्कार ४ क्षुद्र हिमवंत |
Translated Chapter : |
वक्षस्कार ४ क्षुद्र हिमवंत |
Section : | Translated Section : | ||
Sutra Number : | 133 | Category : | Upang-07 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] से केणट्ठेणं भंते! एवं वुच्चइ– हेमवए वासे? हेमवए वासे? गोयमा! चुल्लहिमवंतमहाहिमवंतेहिं वासहरपव्वएहिं दुहओ समुवगूढे निच्चं हेमं दलयइ, निच्चं हेमं पगासइ। हेमवए य एत्थ देवे महिड्ढीए जाव पलिओवमट्ठिईए परिवसइ। से तेणट्ठेणं गोयमा! एवं वुच्चइ– | ||
Sutra Meaning : | भगवन् ! वह हैमवतक्षेत्र क्यों कहा जाता है ? गौतम ! वह महाहिमवान् पर्वत से दक्षिण में एवं चुल्ल हिमवान् पर्वत से उत्तर में, उनके अन्तराल में है। वहाँ जो यौगलिक मनुष्य निवास करते हैं, वे बैठने आदि के निमित्त नित्य स्वर्णमय शिलापट्टक आदि का उपयोग करते हैं। उन्हें नित्य स्वर्ण देकर वह यह प्रकाशित करता है कि वह स्वर्णमय विशिष्ट वैभवयुक्त है। वहाँ परम ऋद्धिशाली, एक पल्योपम आयुष्ययुक्त हैमवत नामक देव निवास करता है। गौतम ! इस कारण वह हैमवतक्षेत्र कहा जाता है। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] se kenatthenam bhamte! Evam vuchchai– hemavae vase? Hemavae vase? Goyama! Chullahimavamtamahahimavamtehim vasaharapavvaehim duhao samuvagudhe nichcham hemam dalayai, nichcham hemam pagasai. Hemavae ya ettha deve mahiddhie java paliovamatthiie parivasai. Se tenatthenam goyama! Evam vuchchai– | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Bhagavan ! Vaha haimavatakshetra kyom kaha jata hai\? Gautama ! Vaha mahahimavan parvata se dakshina mem evam chulla himavan parvata se uttara mem, unake antarala mem hai. Vaham jo yaugalika manushya nivasa karate haim, ve baithane adi ke nimitta nitya svarnamaya shilapattaka adi ka upayoga karate haim. Unhem nitya svarna dekara vaha yaha prakashita karata hai ki vaha svarnamaya vishishta vaibhavayukta hai. Vaham parama riddhishali, eka palyopama ayushyayukta haimavata namaka deva nivasa karata hai. Gautama ! Isa karana vaha haimavatakshetra kaha jata hai. |