[सूत्र] नो कप्पइ निग्गंथाण वा निग्गंथीण वा इमाओ पंच महण्णवाओ महानईओ उद्दिट्ठाओ गणियाओ वंजियाओ अंतो मासस्स दुक्खुत्तो वा तिक्खुत्तो वा उत्तरित्तए वा संतरित्तए वा, तं जहा–गंगा जउना सरयू कोसिया मही।
Sutra Meaning :
गंगा, जमुना, सरयू, कोशिका, मही यह पाँच महानदी समुद्रगामिनी हैं, प्रधान हैं, प्रसिद्ध हैं। यह नदियाँ एक महिने में एक या दो बार ऊतरना या नाँव से पार करना साधु – साध्वी को न कल्पे, शायद ऐसा मालूम हो कि कुणाला नगरी के पास ऐरावती नदी एक पाँव पानी में और एक पाँव भूमि पर रखकर पार की जा सकती है तो एक महिने में दो या तीन बार भी पार करना कल्पे, यदि वो मुमकीन न हो तो एक महिने में दो या तीन बार ऊतरना या नाँव से पार करना न कल्पे।
सूत्र – १३७, १३८
Mool Sutra Transliteration :
[sutra] no kappai niggamthana va niggamthina va imao pamcha mahannavao mahanaio udditthao ganiyao vamjiyao amto masassa dukkhutto va tikkhutto va uttarittae va samtarittae va, tam jaha–gamga jauna sarayu kosiya mahi.
Sutra Meaning Transliteration :
Gamga, jamuna, sarayu, koshika, mahi yaha pamcha mahanadi samudragamini haim, pradhana haim, prasiddha haim. Yaha nadiyam eka mahine mem eka ya do bara utarana ya namva se para karana sadhu – sadhvi ko na kalpe, shayada aisa maluma ho ki kunala nagari ke pasa airavati nadi eka pamva pani mem aura eka pamva bhumi para rakhakara para ki ja sakati hai to eka mahine mem do ya tina bara bhi para karana kalpe, yadi vo mumakina na ho to eka mahine mem do ya tina bara utarana ya namva se para karana na kalpe.
Sutra – 137, 138