Sutra Navigation: Jambudwippragnapati ( जंबुद्वीप प्रज्ञप्ति सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1007900 | ||
Scripture Name( English ): | Jambudwippragnapati | Translated Scripture Name : | जंबुद्वीप प्रज्ञप्ति सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
वक्षस्कार ७ ज्योतिष्क |
Translated Chapter : |
वक्षस्कार ७ ज्योतिष्क |
Section : | Translated Section : | ||
Sutra Number : | 300 | Category : | Upang-07 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] किमाइया णं भंते! संवच्छरा, किमाइया अयना, किमाइया उऊ, किमाइया भासा, किमाइया पक्खा, किमाइया अहोरत्ता, किमाइया मुहुत्ता, किमाइया करणा, किमाइया नक्खत्ता पन्नत्ता? गोयमा! चंदाइया संवच्छरा, दक्खिणाइया अयणा, पाउसाइया उऊ, सावणाइया मासा, बहुलाइया पक्खा, दिवसाइया अहोरत्ता, रोद्दाइया मुहुत्ता, बालवाइया करणा, अभिजियाइया नक्खत्ता पन्नत्ता समणाउसो! । पंचसंवच्छरिए णं भंते! जुगे केवइया अयणा, केवइया उऊ, एवं मासा पक्खा अहोरत्ता, केवइया मुहुत्ता पन्नत्ता? गोयमा! पंचसंवच्छरिए णं जुगे दस अयणा, तीसं उऊ, सट्ठी मासा, एगे वीसुत्तरे पक्खसए, अट्ठारसतीसा अहोरत्तसया चउप्पन्नं मुहुत्तसहस्सा नव य सया पन्नत्ता। | ||
Sutra Meaning : | भगवन् ! संवत्सरों में आदि – संवत्सर कौन सा है ? अयनों में प्रथम अयन कौन सा है ? यावत् नक्षत्रों में प्रथम नक्षत्र कौन सा है ? गौतम ! संवत्सरों में आदि – चन्द्र – संवत्सर है। अयनों में प्रथम दक्षिणायन है। ऋतुओं में प्रथम प्रावृट् – ऋतु है। महीनों में प्रथम श्रावण है। पक्षों में प्रथम कृष्णपक्ष है। अहोरात्र में प्रथम दिवस है। मुहूर्त्तों में प्रथम रुद्र है। करणों में प्रथम बालव है। नक्षत्रों में प्रथम अभिजित है। भगवन् ! पञ्च संवत्सरिक युग में अयन, ऋतु, मास, पक्ष, अहोरात्र तथा मुहूर्त्त कितने कितने हैं ? गौतम ! अयन १०, ऋतुएं ३०, मास ६०, पक्ष १२०, अहोरात्र १८३० तथा मुहूर्त्त ५४९०० हैं। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] kimaiya nam bhamte! Samvachchhara, kimaiya ayana, kimaiya uu, kimaiya bhasa, kimaiya pakkha, kimaiya ahoratta, kimaiya muhutta, kimaiya karana, kimaiya nakkhatta pannatta? Goyama! Chamdaiya samvachchhara, dakkhinaiya ayana, pausaiya uu, savanaiya masa, bahulaiya pakkha, divasaiya ahoratta, roddaiya muhutta, balavaiya karana, abhijiyaiya nakkhatta pannatta samanauso!. Pamchasamvachchharie nam bhamte! Juge kevaiya ayana, kevaiya uu, evam masa pakkha ahoratta, kevaiya muhutta pannatta? Goyama! Pamchasamvachchharie nam juge dasa ayana, tisam uu, satthi masa, ege visuttare pakkhasae, attharasatisa ahorattasaya chauppannam muhuttasahassa nava ya saya pannatta. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Bhagavan ! Samvatsarom mem adi – samvatsara kauna sa hai\? Ayanom mem prathama ayana kauna sa hai\? Yavat nakshatrom mem prathama nakshatra kauna sa hai\? Gautama ! Samvatsarom mem adi – chandra – samvatsara hai. Ayanom mem prathama dakshinayana hai. Rituom mem prathama pravrit – ritu hai. Mahinom mem prathama shravana hai. Pakshom mem prathama krishnapaksha hai. Ahoratra mem prathama divasa hai. Muhurttom mem prathama rudra hai. Karanom mem prathama balava hai. Nakshatrom mem prathama abhijita hai. Bhagavan ! Pancha samvatsarika yuga mem ayana, ritu, masa, paksha, ahoratra tatha muhurtta kitane kitane haim\? Gautama ! Ayana 10, rituem 30, masa 60, paksha 120, ahoratra 1830 tatha muhurtta 54900 haim. |