Sutra Navigation: Samavayang ( समवयांग सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1003351 | ||
Scripture Name( English ): | Samavayang | Translated Scripture Name : | समवयांग सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
समवाय प्रकीर्णक |
Translated Chapter : |
समवाय प्रकीर्णक |
Section : | Translated Section : | ||
Sutra Number : | 251 | Category : | Ang-04 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] नेरइया णं भंते! अणंतराहारा तओ निव्वत्तणया तओ परियाइयनया तओ परिणामनया तओ परियारणय तओ पच्छा विकुव्वणया? हंता गोयमा! नेरइया णं अनंतराहारा तओ निव्वत्तणया ततो परियाइयनया तओ परिणाम- नया तओ परियारनया तओ पच्छा विकुव्वणया। एवं आहारपदं भाणियव्वं। | ||
Sutra Meaning : | भगवन् ! नारक अनन्तराहारी हैं ? (उपपात क्षेत्र में उत्पन्न होने के प्रथम समय में ही क्या अपने शरीर के योग्य पुद्गलों को ग्रहण करते हैं ?) तत्पश्चात् निर्वर्तनता (शरीर की रचना) करते हैं ? तत्पश्चात् पर्यादानता (अंग – प्रत्यंगों के योग्य पुद्गलों को ग्रहण) करते हैं ? तत्पश्चात् परिणामनता (गृहीत पुद्गलों का शब्दादि विषय के रूप में उपभोग) करते हैं ? तत्पश्चात् परिचारणा (प्रतिचार) करते हैं ? और तत्पश्चात् विकुर्वणा (नाना प्रकार की विक्रिया) करते हैं ? (क्या यह सत्य है ?) हाँ, गौतम ! ऐसा ही है। (यह कथन सत्य है।) (यहाँ पर प्रज्ञापना सूत्रोक्त) आहार पद कह लेना चाहिए। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] neraiya nam bhamte! Anamtarahara tao nivvattanaya tao pariyaiyanaya tao parinamanaya tao pariyaranaya tao pachchha vikuvvanaya? Hamta goyama! Neraiya nam anamtarahara tao nivvattanaya tato pariyaiyanaya tao parinama- naya tao pariyaranaya tao pachchha vikuvvanaya. Evam aharapadam bhaniyavvam. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Bhagavan ! Naraka anantarahari haim\? (upapata kshetra mem utpanna hone ke prathama samaya mem hi kya apane sharira ke yogya pudgalom ko grahana karate haim\?) tatpashchat nirvartanata (sharira ki rachana) karate haim\? Tatpashchat paryadanata (amga – pratyamgom ke yogya pudgalom ko grahana) karate haim\? Tatpashchat parinamanata (grihita pudgalom ka shabdadi vishaya ke rupa mem upabhoga) karate haim\? Tatpashchat paricharana (pratichara) karate haim\? Aura tatpashchat vikurvana (nana prakara ki vikriya) karate haim\? (kya yaha satya hai\?) ham, gautama ! Aisa hi hai. (yaha kathana satya hai.) (yaham para prajnyapana sutrokta) ahara pada kaha lena chahie. |