[सूत्र] वासावासं पज्जोसविया निग्गंथी य जं पुरओ काउं विहरइ सा आहच्च वीसंभेज्जा अत्थियाइं त्थ काइ अण्णा उवसंपज्जणारिहा सा उवसंपज्जियव्वा।
नत्थियाइं त्थ काइं अण्णा उवसंपज्जणारिहा तीसे य अप्पणो कप्पाए असमत्ते कप्पइ से एगराइयाए पडिमाए जण्णं-जण्णं दिसं अण्णाओ साहम्मिणीओ विहरंति तण्णं-तण्णं दिसं उवलित्तए। नो से कप्पइ तत्थ विहारवत्तियं वत्थए, कप्पइ से तत्थ कारणवत्तियं वत्थए।
तंसि च णं कारणंसि निट्ठियंसि परा वएज्जा–वसाहि अज्जे! एगरायं वा दुरायं वा। एवं से कप्पइ एगरायं वा वत्थए, नो से कप्पइ परं एगरायाओ वा दुरायाओ वा वत्थए।
जं तत्थ परं एगरायाओ वा दुरायाओ वा वसइ, से संतरा छेए वा परिहारे वा।
Sutra Meaning :
देखो सूत्र १३७
Mool Sutra Transliteration :
[sutra] vasavasam pajjosaviya niggamthi ya jam purao kaum viharai sa ahachcha visambhejja atthiyaim ttha kai anna uvasampajjanariha sa uvasampajjiyavva.
Natthiyaim ttha kaim anna uvasampajjanariha tise ya appano kappae asamatte kappai se egaraiyae padimae jannam-jannam disam annao sahamminio viharamti tannam-tannam disam uvalittae. No se kappai tattha viharavattiyam vatthae, kappai se tattha karanavattiyam vatthae.
Tamsi cha nam karanamsi nitthiyamsi para vaejja–vasahi ajje! Egarayam va durayam va. Evam se kappai egarayam va vatthae, no se kappai param egarayao va durayao va vatthae.
Jam tattha param egarayao va durayao va vasai, se samtara chhee va parihare va.