[सूत्र] निग्गंथीए नवडहरतरुणियाए आयारपकप्पे नामं अज्झयणे परिब्भट्ठे सिया। सा य पुच्छियव्वा–केण ते अज्जे! कारणेणं आयारपकप्पे नामं अज्झयणे परिब्भट्ठे? किं आबाहेणं उदाहु पमाएणं? सा य वएज्जा–नो आबाहेणं, पमाएणं। जाव-ज्जीवं तीसे तप्पत्तियं नो कप्पइ पवत्तिणित्तं वा गणावच्छेइणित्तं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा।
सा य वएज्जा–आबाहेणं, नो पमाएणं। सा य संठवेस्सामी ति संठवेज्जा, एवं से कप्पइ पवत्तिणित्तं वा गणावच्छेइणित्तं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा। सा य संठवेस्सामी ति नो संठवेज्जा, एवं से नो कप्पइ पवत्तिणित्तं वा गणावच्छेइणित्तं वा उद्दिसित्तए वा धारेत्तए वा।
Sutra Meaning :
दीक्षा आश्रित करके नए या तरुण साधु या साध्वी हो उसे आचार प्रकल्प – निसीह अध्ययन भूल जाए तो उसे पूछो कि हे आर्य ! किस कारण से तुम आचार प्रकल्प अध्ययन भूल गए, बीमारी से या प्रमाद से ?
यदि वो ऐसा कहे कि बीमारी से नहीं लेकिन प्रमाद से भूल गए तो उसे जावज्जीव के लिए पदवी मत देना। यदि ऐसा कहे कि बीमारी से भूल गए प्रमाद से नहीं तो फिर से पाठ दो और पदवी भी दो लेकिन यदि वो पढ़ूँगा ऐसा कहकर पढ़ाई न करे या पहले का याद न करे तो उसे पदवी देना न कल्पे।
सूत्र – १४१, १४२
Mool Sutra Transliteration :
[sutra] niggamthie navadaharataruniyae ayarapakappe namam ajjhayane paribbhatthe siya. Sa ya puchchhiyavva–kena te ajje! Karanenam ayarapakappe namam ajjhayane paribbhatthe? Kim abahenam udahu pamaenam? Sa ya vaejja–no abahenam, pamaenam. Java-jjivam tise tappattiyam no kappai pavattinittam va ganavachchheinittam va uddisittae va dharettae va.
Sa ya vaejja–abahenam, no pamaenam. Sa ya samthavessami ti samthavejja, evam se kappai pavattinittam va ganavachchheinittam va uddisittae va dharettae va. Sa ya samthavessami ti no samthavejja, evam se no kappai pavattinittam va ganavachchheinittam va uddisittae va dharettae va.
Sutra Meaning Transliteration :
Diksha ashrita karake nae ya taruna sadhu ya sadhvi ho use achara prakalpa – nisiha adhyayana bhula jae to use puchho ki he arya ! Kisa karana se tuma achara prakalpa adhyayana bhula gae, bimari se ya pramada se\?
Yadi vo aisa kahe ki bimari se nahim lekina pramada se bhula gae to use javajjiva ke lie padavi mata dena. Yadi aisa kahe ki bimari se bhula gae pramada se nahim to phira se patha do aura padavi bhi do lekina yadi vo parhumga aisa kahakara parhai na kare ya pahale ka yada na kare to use padavi dena na kalpe.
Sutra – 141, 142