[सूत्र] निग्गंथीए य गाहावइकुलं पिंडवायपडियाए अनुप्पविट्ठाए अन्नयरे पुलागभत्ते पडिग्गाहिए सिया, सा य संथरेज्जा, कप्पइ से तद्दिवसं तेनेव भत्तट्ठेणं पज्जोसवेत्तए, नो से कप्पइ दोच्चं पि गाहावइकुलं पिंडवायपडियाए पविसित्तए।
सा य नो संथरेज्जा एवं से कप्पइ दोच्चं पि गाहावइकुलं पिंडवायपडियाए पविसित्तए।
Sutra Meaning :
साधु – साध्वी आहार के लिए गृहस्थ के घर में प्रवेश करे और वहाँ किसी एक तरह का पुलाक भक्त यानि कि असार आहार ग्रहण करे, यदि वो गृहीत आहार से उस साधु – साध्वी का निर्वाह हो जाए तो उसी आहार से अहोरात्र पसार करे लेकिन दूसरी बार आहार ग्रहण करने के लिए गृहस्थ के घर में उसका प्रवेश करना न कल्पे। लेकिन यदि उसका निर्वाह न हो सके तो आहार के लिए दूसरी बार भी गृहस्थ के घर जाना कल्पे – इस प्रकार मैं (तुम्हें) कहता हूँ।
Mool Sutra Transliteration :
[sutra] niggamthie ya gahavaikulam pimdavayapadiyae anuppavitthae annayare pulagabhatte padiggahie siya, sa ya samtharejja, kappai se taddivasam teneva bhattatthenam pajjosavettae, no se kappai dochcham pi gahavaikulam pimdavayapadiyae pavisittae.
Sa ya no samtharejja evam se kappai dochcham pi gahavaikulam pimdavayapadiyae pavisittae.
Sutra Meaning Transliteration :
Sadhu – sadhvi ahara ke lie grihastha ke ghara mem pravesha kare aura vaham kisi eka taraha ka pulaka bhakta yani ki asara ahara grahana kare, yadi vo grihita ahara se usa sadhu – sadhvi ka nirvaha ho jae to usi ahara se ahoratra pasara kare lekina dusari bara ahara grahana karane ke lie grihastha ke ghara mem usaka pravesha karana na kalpe. Lekina yadi usaka nirvaha na ho sake to ahara ke lie dusari bara bhi grihastha ke ghara jana kalpe – isa prakara maim (tumhem) kahata hum.