[सूत्र] निग्गंथस्स य अहेपायंसि खाणू वा कंटए वा हीरे वा सक्करे वा परियावज्जेज्जा, तं च निग्गंथे नो संचाएज्जा नीहरित्तए वा विसोहेत्तए वा, तं निग्गंथी नीहरमाणी वा विसोहेमाणी वा नाइक्कमइ।
Sutra Meaning :
साधु के पाँव के तलवे में तीक्ष्ण या सूक्ष्म काँटा – लकड़ा या पत्थर की कण लग जाए, आँख में सूक्ष्म जन्तु, बीज या रज गिरे और उसे खुद साधु या सहवर्ती साधु नीकालने के लिए या ढूँढ़ने के लिए समर्थ न हो तब साध्वी उसे नीकाले या ढूँढ़े तो जिनाज्ञा का उल्लंघन नहीं होता उसी तरह ऐसी मुसीबत साध्वी को हो तब साध्वी उसे नीकालने या ढूँढ़ने के लिए समर्थ न हो तो साधु उसे नीकाले तो जिनाज्ञा का उल्लंघन नहीं होता।
सूत्र – १९८–२०१
Mool Sutra Transliteration :
[sutra] niggamthassa ya ahepayamsi khanu va kamtae va hire va sakkare va pariyavajjejja, tam cha niggamthe no samchaejja niharittae va visohettae va, tam niggamthi niharamani va visohemani va naikkamai.
Sutra Meaning Transliteration :
Sadhu ke pamva ke talave mem tikshna ya sukshma kamta – lakara ya patthara ki kana laga jae, amkha mem sukshma jantu, bija ya raja gire aura use khuda sadhu ya sahavarti sadhu nikalane ke lie ya dhumrhane ke lie samartha na ho taba sadhvi use nikale ya dhumrhe to jinajnya ka ullamghana nahim hota usi taraha aisi musibata sadhvi ko ho taba sadhvi use nikalane ya dhumrhane ke lie samartha na ho to sadhu use nikale to jinajnya ka ullamghana nahim hota.
Sutra – 198–201