[सूत्र] इह खलु निग्गंथाण वा निग्गंथीण वा पाडिहारिए वा सागारियसंतिए वा सेज्जा-संथारए विप्पणसेज्जा, से य अनुगवेसियव्वे सिया। से य अनुगवेस्समाणे लभेज्जा, तस्सेव पडिदायव्वे सिया। से य अनुगवेस्समाणे नो लभेज्जा, एवं से कप्पइ दोच्चं पि ओग्गहं अणुन्नवित्ता परिहारं परिहरित्तए।
Sutra Meaning :
साधु – साध्वी को प्रातिहारिक (परत करने को योग्य) या सागारिक (शय्यातर) के शय्यासंथारा यदि गुम हो जाए तो उसे ढूँढ़ना चाहिए, यदि मिल जाए तो जिसका हो उसे परत करना चाहिए, यदि न मिले तो फिर से आज्ञा लेकर दूसरा शय्या – संथारा ग्रहण करके इस्तमाल करना चाहिए।
Mool Sutra Transliteration :
[sutra] iha khalu niggamthana va niggamthina va padiharie va sagariyasamtie va sejja-samtharae vippanasejja, se ya anugavesiyavve siya. Se ya anugavessamane labhejja, tasseva padidayavve siya. Se ya anugavessamane no labhejja, evam se kappai dochcham pi oggaham anunnavitta pariharam pariharittae.
Sutra Meaning Transliteration :
Sadhu – sadhvi ko pratiharika (parata karane ko yogya) ya sagarika (shayyatara) ke shayyasamthara yadi guma ho jae to use dhumrhana chahie, yadi mila jae to jisaka ho use parata karana chahie, yadi na mile to phira se ajnya lekara dusara shayya – samthara grahana karake istamala karana chahie.