Sutra Navigation: Pragnapana ( प्रज्ञापना उपांग सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1006873 | ||
Scripture Name( English ): | Pragnapana | Translated Scripture Name : | प्रज्ञापना उपांग सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
पद-३० पश्यता |
Translated Chapter : |
पद-३० पश्यता |
Section : | Translated Section : | ||
Sutra Number : | 573 | Category : | Upang-04 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] कतिविहा णं भंते! पासणया पन्नत्ता? गोयमा! दुविहा पासणया पन्नत्ता, तं जहा–सागारपासणया अनागारपासणया। सागारपासणया णं भंते! कइविहा पन्नत्ता? गोयमा! छव्विहा पन्नत्ता, तं जहा–सुयनाणसागारपासणया ओहिनाणसागारपासणया मनपज्जवनाणसागारपासणया केवलनाण-सागारपासणया सुयअन्नाणसागारपासणया विभंगनाणसागारपासणया। अनागारपासणया णं भंते! कतिविहा पन्नत्ता? गोयमा! तिविहा पन्नत्ता, तं जहा–चक्खुदंसणअनागारपासणया ओहिदंसणअनागारपासणया केवलदंसणअनागारपासणया। एवं जीवाणं पि। नेरइयाणं भंते! कतिविहा पासणया पन्नत्ता? गोयमा! दुविहा पन्नत्ता, तं जहा–सागारपासणया अनागारपासणया। नेरइयाणं भंते! सागारपासणया कतिविहा पन्नत्ता? गोयमा! चउव्विहा पन्नत्ता, तं जहा–सुतनाणसागारपासणया ओहिनाणसागारपासणया सुयअन्नाणसागारपासणया विभंगनाणसागार-पासणया। नेरइयाणं भंते! अनागारपासणया कतिविहा पन्नत्ता? गोयमा! दुविहा पन्नत्ता, तं जहा–चक्खुदंसणअनागारपासणया य ओहिदंसणअनागारपासणया य। एवं जाव थणियकुमारा। पुढविक्काइयाणं भंते! कतिविहा पासणया पन्नत्ता? गोयमा! एगा सागारपासणया। पुढविक्काइयाणं भंते! सागारपासणया कतिविहा पन्नत्ता? गोयमा! एगा सुयअन्नाणसागारपासणया पन्नत्ता। एवं जाव वणप्फइकाइयाणं। बेइंदियाणं भंते! कतिविहा पासणया पन्नत्ता? गोयमा! एगा सागारपासणया पन्नत्ता। बेइंदियाणं भंते! सागारपासणया कतिविहा पन्नत्ता? गोयमा! दुविहा पन्नत्ता, तं जहा–सुतनाणसागारपासणया य सुयअन्नाणसागारपासणया य। एवं तेइंदियाण वि। चउरिंदियाणं पुच्छा। गोयमा! दुविहा पन्नत्ता, तं जहा–सागारपासणया य अनागारपासणया य। सागारपासणया जहा बेइंदियाणं। चउरिंदियाणं भंते! अनागारपासणया कतिविहा पन्नत्ता? गोयमा! एगा चक्खुदंसणअनागार-पासणया पन्नत्ता। मनूसाणं जहा जीवाणं। सेसा जहा नेरइया जाव वेमानिया। जीवा णं भंते! किं सागारपस्सी? अनागारपस्सी? गोयमा! जीवा सागारपस्सी वि अनागारपस्सी वि। से केणट्ठेणं भंते! एवं वुच्चति–जीवा सागारपस्सी वि अनागारपस्सी वि? गोयमा! जे णं जीवा सुयनाणी ओहिनाणी मनपज्जवनाणी केवलनाणी सुयअन्नाणी विभंगनाणी ते णं जीवा सागारपस्सी। जे णं जीवा चक्खुदंसणी ओहिदंसणी केवलदंसणी ते णं जीवा अनागारपस्सी। से तेणट्ठेणं गोयमा! एवं वुच्चति–जीवा सागारपस्सी वि अनागारपस्सी वि। नेरइया णं भंते! किं सागारपस्सी? अनागारपस्सी? गोयमा! एवं चेव, नवरं–सागारपासणयाए मनपज्जवनाणी केवलनाणी न वुच्चंति, अनागारपासणयाए केवलदंसणं नत्थि। एवं जाव थणियकुमारा। पुढविक्काइयाणं पुच्छा। गोयमा! पुढविक्काइया सागारपस्सी, नो अनागारपस्सी। से केणट्ठेणं भंते! एवं वुच्चति? गोयमा! पुढविक्काइयाणं एगा सुयअन्नाण-सागारपासणया पन्नत्ता। से तेणट्ठेणं गोयमा! एवं वुच्चति। एवं जाव वणस्सतिकाइया। बेइंदियाणं पुच्छा। गोयमा! सागारपस्सी नो अनागारपस्सी। से केणट्ठेणं भंते! एवं वुच्चति? गोयमा! बेइंदियाणं दुविहा सागारपासणया पन्नत्ता, तं जहा–सुयनाणसागारपासणया य सुयअन्नाणसागारपासणया य। से तेणट्ठेणं गोयमा! एवं वुच्चति। एवं तेइंदियाण वि। चउरिंदियाणं पुच्छा। गोयमा! चउरिंदिया सागारपस्सी वि अनागारपस्सी वि। से केणट्ठेणं? गोयमा! जे णं चउरिंदिया सुयनाणी सुतअन्नाणी ते णं चउरिंदिया सागारपस्सी, जे णं चउरिंदिया चक्खुदंसणी ते णं चउरिंदिया अनागारपस्सी। से तेणट्ठेणं गोयमा! एवं वुच्चति। मनूसा जहा जीवा। अवसेसा जहा नेरइया जाव वेमानिया। | ||
Sutra Meaning : | भगवन् ! पश्यत्ता कितने प्रकार की है ? गौतम ! दो प्रकार की, – साकारपश्यत्ता और अनाकारपश्यत्ता। साकारपश्यत्ता कितने प्रकार की है ? गौतम ! छह प्रकार की – श्रुतज्ञानसाकारपश्यत्ता, अवधिज्ञान०, मनःपर्यव – ज्ञान०, केवलज्ञान०, श्रुत – अज्ञान० और विभंगज्ञानसाकारपश्यत्ता। अनाकारपश्यत्ता कितने प्रकार की है ? गौतम! तीन प्रकार की – चक्षुदर्शनअनाकारपश्यत्ता, अवधिदर्शनअनाकारपश्यत्ता और केवलदर्शनअनाकारपश्यत्ता। इसी प्रकार समुच्चय जीवों में भी कहना। नैरयिक जीवों की पश्यत्ता कितने प्रकार की है ? गौतम ! दो प्रकार की – साकारपश्यत्ता और अनाकार – पश्यत्ता। नैरयिकों की साकारपश्यत्ता चार प्रकार की है – श्रुतज्ञानसाकारपश्यत्ता, अवधिज्ञान०, श्रुत – अज्ञान० और विभंगज्ञानसाकारपश्यत्ता। नैरयिकों की अनाकारपश्यत्ता दो प्रकार की है – चक्षुदर्शन – अनाकारपश्यत्ता और अवधिदर्शन – अनाकारपश्यत्ता। इसी प्रकार स्तनितकुमारों तक जानना। भगवन् ! पृथ्वीकायिक जीवों की पश्यत्ता कितने प्रकार की है ? गौतम ! एक साकारपश्यत्ता। पृथ्वी – कायिकों की साकारपश्यत्ता एकमात्र श्रुत – अज्ञान० है। इसी प्रकार वनस्पतिकायिकों तक जानना। द्वीन्द्रिय जीवों में एकमात्र साकारपश्यत्ता है। गौतम ! वह दो प्रकार की है – श्रुतज्ञानसाकारपश्यत्ता और श्रुत – अज्ञानसाकारपश्यत्ता इसी प्रकार त्रीन्द्रिय जीवों को भी जानना। चतुरिन्द्रिय जीवों की पश्यत्ता दो प्रकार की है – साकारपश्यत्ता और अनाकारपश्यत्ता। इनकी साकारपश्यत्ता द्वीन्द्रियों के समान जानना। चतुरिन्द्रिय जीवों की अनाकारपश्यत्ता एकमात्र चक्षुदर्शन० है। मनुष्यों समुच्चय जीवों के समान है। वैमानिक पर्यन्त शेष समस्त दण्डकों की पश्यत्ता नैरयिकों के समान कहना। भगवन् ! जीव साकारपश्यत्तावाले होते हैं या अनाकारपश्यत्तावाले ? गौतम ! दोनों होते हैं। क्योंकि – गौतम ! जो जीव श्रुतज्ञानी, अवधिज्ञानी, मनःपर्यवज्ञानी, केवलज्ञानी, श्रुत – अज्ञानी और विभंगज्ञानी होते हैं, वे साकारपश्यत्ता वाले होते हैं और जो जीव चक्षुदर्शनी, अवधिदर्शनी और केवलदर्शनी होते हैं, वे अनाकारपश्यत्ता वाले होते हैं। नैरयिक जीव साकारपश्यत्ता वाले हैं या अनगारपश्यत्ता वाले ? गौतम ! पूर्ववत्, परन्तु इनमें साकार – पश्यत्ता के रूप में मनःपर्यायज्ञानी और केवलज्ञानी तथा अनाकारपश्यत्ता में केवलदर्शन नहीं है। इसी प्रकार स्तनितकुमारों तक कहना। पृथ्वीकायिक जीवों में पूर्ववत् प्रश्न। गौतम ! पृथ्वीकायिक जीव साकारपश्यत्ता वाले हैं, क्योंकि – गौतम ! पृथ्वीकायिकों में एकमात्र श्रुत – अज्ञान होने से साकारपश्यत्ता कही है। इसी प्रकार वनस्पति – कायिकों तक कहना। भगवन् ! द्वीन्द्रिय जीव साकारपश्यत्तावाले हैं या अनाकारपश्यत्तावाले ? गौतम ! वे साकारपश्यत्ता वाले हैं। क्योंकि – गौतम द्वीन्द्रिय जीवों की दो प्रकार की पश्यत्ता है। श्रुतज्ञानसाकारपश्यत्ता और श्रुत – अज्ञानसाकार – पश्यत्ता। इसी प्रकार त्रीन्द्रिय जीवों में समझना। भगवन् ! चतुरिन्द्रिय जीव साकारपश्यत्तावाले हैं या अनाकार – पश्यत्तावाले हैं? गौतम ! दोनों हैं। क्योंकि – गौतम ! जो चतुरिन्द्रिय जीव श्रुत – ज्ञानी और श्रुत – अज्ञानी हैं, वे साकारपश्यत्ता वाले हैं और चतुरिन्द्रिय चक्षुदर्शनी हैं, अतः अनाकारपश्यत्ता वाले हैं। मनुष्यों, समुच्चय जीवों के समान हैं। अवशिष्ट सभी वैमानिक तक नैरयिकों के समान जानना। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] kativiha nam bhamte! Pasanaya pannatta? Goyama! Duviha pasanaya pannatta, tam jaha–sagarapasanaya anagarapasanaya. Sagarapasanaya nam bhamte! Kaiviha pannatta? Goyama! Chhavviha pannatta, tam jaha–suyananasagarapasanaya ohinanasagarapasanaya manapajjavananasagarapasanaya kevalanana-sagarapasanaya suyaannanasagarapasanaya vibhamgananasagarapasanaya. Anagarapasanaya nam bhamte! Kativiha pannatta? Goyama! Tiviha pannatta, tam jaha–chakkhudamsanaanagarapasanaya ohidamsanaanagarapasanaya kevaladamsanaanagarapasanaya. Evam jivanam pi. Neraiyanam bhamte! Kativiha pasanaya pannatta? Goyama! Duviha pannatta, tam jaha–sagarapasanaya anagarapasanaya. Neraiyanam bhamte! Sagarapasanaya kativiha pannatta? Goyama! Chauvviha pannatta, tam jaha–sutananasagarapasanaya ohinanasagarapasanaya suyaannanasagarapasanaya vibhamgananasagara-pasanaya. Neraiyanam bhamte! Anagarapasanaya kativiha pannatta? Goyama! Duviha pannatta, tam jaha–chakkhudamsanaanagarapasanaya ya ohidamsanaanagarapasanaya ya. Evam java thaniyakumara. Pudhavikkaiyanam bhamte! Kativiha pasanaya pannatta? Goyama! Ega sagarapasanaya. Pudhavikkaiyanam bhamte! Sagarapasanaya kativiha pannatta? Goyama! Ega suyaannanasagarapasanaya pannatta. Evam java vanapphaikaiyanam. Beimdiyanam bhamte! Kativiha pasanaya pannatta? Goyama! Ega sagarapasanaya pannatta. Beimdiyanam bhamte! Sagarapasanaya kativiha pannatta? Goyama! Duviha pannatta, tam jaha–sutananasagarapasanaya ya suyaannanasagarapasanaya ya. Evam teimdiyana vi. Chaurimdiyanam puchchha. Goyama! Duviha pannatta, tam jaha–sagarapasanaya ya anagarapasanaya ya. Sagarapasanaya jaha beimdiyanam. Chaurimdiyanam bhamte! Anagarapasanaya kativiha pannatta? Goyama! Ega chakkhudamsanaanagara-pasanaya pannatta. Manusanam jaha jivanam. Sesa jaha neraiya java vemaniya. Jiva nam bhamte! Kim sagarapassi? Anagarapassi? Goyama! Jiva sagarapassi vi anagarapassi vi. Se kenatthenam bhamte! Evam vuchchati–jiva sagarapassi vi anagarapassi vi? Goyama! Je nam jiva suyanani ohinani manapajjavanani kevalanani suyaannani vibhamganani te nam jiva sagarapassi. Je nam jiva chakkhudamsani ohidamsani kevaladamsani te nam jiva anagarapassi. Se tenatthenam goyama! Evam vuchchati–jiva sagarapassi vi anagarapassi vi. Neraiya nam bhamte! Kim sagarapassi? Anagarapassi? Goyama! Evam cheva, navaram–sagarapasanayae manapajjavanani kevalanani na vuchchamti, anagarapasanayae kevaladamsanam natthi. Evam java thaniyakumara. Pudhavikkaiyanam puchchha. Goyama! Pudhavikkaiya sagarapassi, no anagarapassi. Se kenatthenam bhamte! Evam vuchchati? Goyama! Pudhavikkaiyanam ega suyaannana-sagarapasanaya pannatta. Se tenatthenam goyama! Evam vuchchati. Evam java vanassatikaiya. Beimdiyanam puchchha. Goyama! Sagarapassi no anagarapassi. Se kenatthenam bhamte! Evam vuchchati? Goyama! Beimdiyanam duviha sagarapasanaya pannatta, tam jaha–suyananasagarapasanaya ya suyaannanasagarapasanaya ya. Se tenatthenam goyama! Evam vuchchati. Evam teimdiyana vi. Chaurimdiyanam puchchha. Goyama! Chaurimdiya sagarapassi vi anagarapassi vi. Se kenatthenam? Goyama! Je nam chaurimdiya suyanani sutaannani te nam chaurimdiya sagarapassi, je nam chaurimdiya chakkhudamsani te nam chaurimdiya anagarapassi. Se tenatthenam goyama! Evam vuchchati. Manusa jaha jiva. Avasesa jaha neraiya java vemaniya. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Bhagavan ! Pashyatta kitane prakara ki hai\? Gautama ! Do prakara ki, – sakarapashyatta aura anakarapashyatta. Sakarapashyatta kitane prakara ki hai\? Gautama ! Chhaha prakara ki – shrutajnyanasakarapashyatta, avadhijnyana0, manahparyava – jnyana0, kevalajnyana0, shruta – ajnyana0 aura vibhamgajnyanasakarapashyatta. Anakarapashyatta kitane prakara ki hai\? Gautama! Tina prakara ki – chakshudarshanaanakarapashyatta, avadhidarshanaanakarapashyatta aura kevaladarshanaanakarapashyatta. Isi prakara samuchchaya jivom mem bhi kahana. Nairayika jivom ki pashyatta kitane prakara ki hai\? Gautama ! Do prakara ki – sakarapashyatta aura anakara – pashyatta. Nairayikom ki sakarapashyatta chara prakara ki hai – shrutajnyanasakarapashyatta, avadhijnyana0, shruta – ajnyana0 aura vibhamgajnyanasakarapashyatta. Nairayikom ki anakarapashyatta do prakara ki hai – chakshudarshana – anakarapashyatta aura avadhidarshana – anakarapashyatta. Isi prakara stanitakumarom taka janana. Bhagavan ! Prithvikayika jivom ki pashyatta kitane prakara ki hai\? Gautama ! Eka sakarapashyatta. Prithvi – kayikom ki sakarapashyatta ekamatra shruta – ajnyana0 hai. Isi prakara vanaspatikayikom taka janana. Dvindriya jivom mem ekamatra sakarapashyatta hai. Gautama ! Vaha do prakara ki hai – shrutajnyanasakarapashyatta aura shruta – ajnyanasakarapashyatta isi prakara trindriya jivom ko bhi janana. Chaturindriya jivom ki pashyatta do prakara ki hai – sakarapashyatta aura anakarapashyatta. Inaki sakarapashyatta dvindriyom ke samana janana. Chaturindriya jivom ki anakarapashyatta ekamatra chakshudarshana0 hai. Manushyom samuchchaya jivom ke samana hai. Vaimanika paryanta shesha samasta dandakom ki pashyatta nairayikom ke samana kahana. Bhagavan ! Jiva sakarapashyattavale hote haim ya anakarapashyattavale\? Gautama ! Donom hote haim. Kyomki – gautama ! Jo jiva shrutajnyani, avadhijnyani, manahparyavajnyani, kevalajnyani, shruta – ajnyani aura vibhamgajnyani hote haim, ve sakarapashyatta vale hote haim aura jo jiva chakshudarshani, avadhidarshani aura kevaladarshani hote haim, ve anakarapashyatta vale hote haim. Nairayika jiva sakarapashyatta vale haim ya anagarapashyatta vale\? Gautama ! Purvavat, parantu inamem sakara – pashyatta ke rupa mem manahparyayajnyani aura kevalajnyani tatha anakarapashyatta mem kevaladarshana nahim hai. Isi prakara stanitakumarom taka kahana. Prithvikayika jivom mem purvavat prashna. Gautama ! Prithvikayika jiva sakarapashyatta vale haim, kyomki – gautama ! Prithvikayikom mem ekamatra shruta – ajnyana hone se sakarapashyatta kahi hai. Isi prakara vanaspati – kayikom taka kahana. Bhagavan ! Dvindriya jiva sakarapashyattavale haim ya anakarapashyattavale\? Gautama ! Ve sakarapashyatta vale haim. Kyomki – gautama dvindriya jivom ki do prakara ki pashyatta hai. Shrutajnyanasakarapashyatta aura shruta – ajnyanasakara – pashyatta. Isi prakara trindriya jivom mem samajhana. Bhagavan ! Chaturindriya jiva sakarapashyattavale haim ya anakara – pashyattavale haim? Gautama ! Donom haim. Kyomki – gautama ! Jo chaturindriya jiva shruta – jnyani aura shruta – ajnyani haim, ve sakarapashyatta vale haim aura chaturindriya chakshudarshani haim, atah anakarapashyatta vale haim. Manushyom, samuchchaya jivom ke samana haim. Avashishta sabhi vaimanika taka nairayikom ke samana janana. |