Sutra Navigation: Pragnapana ( प्रज्ञापना उपांग सूत्र )

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Sr No : 1006832
Scripture Name( English ): Pragnapana Translated Scripture Name : प्रज्ञापना उपांग सूत्र
Mool Language : Ardha-Magadhi Translated Language : Hindi
Chapter :

पद-२२ क्रिया

Translated Chapter :

पद-२२ क्रिया

Section : Translated Section :
Sutra Number : 532 Category : Upang-04
Gatha or Sutra : Sutra Sutra Anuyog :
Author : Deepratnasagar Original Author : Gandhar
 
Century : Sect : Svetambara1
Source :
 
Mool Sutra : [सूत्र] पाणाइवायविरए णं भंते! जीवे कति कम्मपगडीओ बंधति? गोयमा! सत्तविहबंधए वा अट्ठविहबंधए वा छव्विहबंधए वा एगविहबंधए वा अबंधए वा। एवं मनूसे वि भाणियव्वे। पाणाइवायविरया णं भंते! जीव कति कम्मपगडीओ बंधंति? गोयमा! सव्वे वि ताव होज्जा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य १. । अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा अट्ठविहबंधगे य १. अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य अट्ठविहबंधगा य २. अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य छव्विहबंधगे य ३. अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य छव्विहबंधगा य ४. अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य अबंधगे य ५. अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य अबंधगा य ६. । अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य अट्ठविहबंधगे य छव्विहबंधगे य १. अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य अट्ठ विहबंधगे य छव्विहबंधगे य २. अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य अट्ठविहबंधगा य छव्विहबंधगे य ३. अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य अट्ठविहबंधगा य छव्विहबंधगा य ४. अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य अट्ठविहबंधगे य अबंधए य १. अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य अट्ठविहबंधगे य अबंधगा य २. अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य अट्ठविहबंधगा य अबंधगे य ३. अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य अट्ठविहबंधगा य अबंधगा य ४, अहवा सत्तविहबंधगा य एग विहबंधगा य छव्विहबंधगे य अबंधगे य १ अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य छव्विहबंधगे य अबंधगा य २ अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य छव्विहबंधगा य अबंधए य ३ अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य छव्विहबंधगा य अबंधगा य ४। अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य अट्ठविहबंधगे य छव्विहबंधगे य अबंधगे य १. अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य अट्ठविहबंधगे य छव्विहबंधगे य अबंधगा य २. अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य अट्ठविहबंधगे य छव्विहबंधगा य अबंधगे य ३. अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य अट्ठविहबंधगे य छव्विहबंधगा य अबंधगा य ४. अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य अट्ठविहबंधगा य छव्विहबंधगे य अबंधगे य ५. अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य अट्ठविहबंधगा य छव्विहबंधगे य अबंधगा य ६. अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य अट्ठविहबंधगा य छव्विहबंधगा य अबंधगे य ७. अहवा सत्तविहबंधगा य एगविहबंधगा य अट्ठविहबंधगा य छव्विहबंधगा य अबंधगा य ८. एते अट्ठ भंगा। सव्वे वि मिलिया सत्तावीसं भंगा भवंति। एवं मनूसाण वि एते चेव सत्तावीसं भंगा भाणियव्वा। एवं मुसावायविरयस्स जाव मायामोसविरयस्स जीवस्स य मनूसस्स य। मिच्छादंसणसल्लविरए णं भंते! जीवे कति कम्मपगडीओ बंधति? गोयमा! सत्तविहबंधए वा अट्ठविहबंधए वा एगविहबंधए वा अबंधए वा। मिच्छादंसणसल्लविरए णं भंते! नेरइए कति कम्मपगडीओ बंधति? गोयमा! सत्तविहबंधए वा अट्ठविहबंधए वा जाव पंचेंदियतिरिक्खजोणिए। मनूसे जहा जीवे। वाणमंतर-जोइसिय-वेमाणिए जहा नेरइए। मिच्छादंसणसल्लविरया णं भंते! जीवा कति कम्मपगडीओ बंधंति? गोयमा! ते चेव सत्तावीसं भंगा भाणियव्वा मिच्छादंसणसल्लविरया णं भंते! नेरइया कति कम्मपगडीओ बंधंति? गोयमा! सव्वे वि ताव होज्ज सत्तविहबंधगा १ अहवा सत्तविहबंधगा य अट्ठविहबंधगे य २ अहवा सत्तविहबंधगा य अट्ठविहबंधगा य ३। एवं जाव वेमानिया, नवरं–मनूसाणं जहा जीवाणं।
Sutra Meaning : भगवन्‌ ! प्राणातिपात से विरत (एक) जीव कितनी कर्मप्रकृतियों का बन्ध करता है ? गौतम ! सप्तविध, अष्टविध, षड्‌विध अथवा एकविधबन्धक या अबन्धक होता है। इसी प्रकार मनुष्य में भी कहना। भगवन्‌ ! प्राणातिपात से विरत (अनेक) जीव कितनी कर्मप्रकृतियाँ बाँधते हैं ? गौतम ! (१) समस्त जीव सप्तविध और एकविधबन्धक होते हैं। अथवा (१) अनेक सप्तविध – बन्धक अनेक एकविधबन्धक होते हैं और एक अष्टविध – बन्धक, (२) अनेक सप्तविधबन्धक, अनेक एकविधबन्धक और अनेक अष्टविधबन्धक, (३) अथवा अनेक सप्त – विधबन्धक और एकविधबन्धक होते हैं और एक षड्‌विधबन्धक, (४) अथवा अनेक सप्तविधबन्धक, एकविध – बन्धक तथा षड्‌विधबन्धक, (५) अथवा अनेक सप्तविधबन्धक और एकविधबन्धक होते हैं और एक अबन्धक, (६) अथवा अनेक सप्तविधबन्धक, एकविधबन्धक और अबन्धक होते हैं। इसी तरह अनेक सप्तविधबन्धक और अनेक एकविधबन्धक के साथ – (१) एक और अनेक अष्टविधबन्धक एवं षड्‌विधबन्धक को लेकर एक चतुर्भंगी, (२) एक और अनेक अष्टविधबन्धक एवं अबन्धक को लेकर एक चतुर्भंगी, (३) एक और अनेक षड्‌विधबन्धक एवं अबन्धक को लेकर एक चतुर्भंगी समझ लेना। इसी तरह ही अनेक सप्तविधबन्धक और अनेक एकविध – बन्धक के साथ – (१) अष्टविधबन्धक, (२) षड्‌विधबन्धक, (३) अबन्धक को एक और अनेक भेद लेकर एक अष्टभंगी होती है। सब मिलाकर कुल २७ भंग होते हैं। इसी प्रकार ही प्राणातिपात विरत मनुष्यों के यहीं २७ भंग कह देना। इसी प्रकार मृषावादविरत यावत्‌ मायामृषाविरत एक जीव तथा एक मनुष्य को भी समझना। मिथ्यादर्शन – शल्यविरत जीव कितनी कर्मप्रकृतियाँ बाँधता है ? गौतम ! सप्तविध, अष्टविध, षड्‌विध और एकविधबन्धक अथवा अबन्धक होता है। भगवन्‌ ! मिथ्यादर्शनशल्य से विरत (एक) नैरयिक कितनी कर्मप्रकृतियाँ बाँधता है ? गौतम ! सप्तविध अथवा अष्टविधबन्धक होता है; पंचेन्द्रिय – तिर्यंचयोनिक तक यहीं जानना। (एक) मनुष्य के सम्बन्ध में सामान्य जीव के समान कहना। वाणव्यन्तर, ज्योतिष्क और वैमानिक में एक नैरयिक के समान कहना। मिथ्यादर्शनशल्य से विरत (अनेक) जीव कितनी कर्मप्रकृतियाँ बाँधते हैं ? गौतम ! पूर्वोक्त २७ भंग कहना। मिथ्यादर्शनशल्य से विरत (अनेक) नारक कितनी कर्मप्रकृतियाँ बाँधते हैं ? गौतम ! सभी (भंग इस प्रकार) होते हैं – (१) (अनेक) सप्त – विधबन्धक होते हैं, (२) अथवा (अनेक) सप्तविधबन्धक होते हैं और (एक) अष्टविधबन्धक होता है, (३) अथवा अनेक सप्तविधबन्धक और अष्टविधबन्धक होते हैं। इसी प्रकार यावत्‌ (अनेक) वैमानिकों को कहना विशेष यह कि (अनेक) मनुष्यों में जीवों के समान कहना।
Mool Sutra Transliteration : [sutra] panaivayavirae nam bhamte! Jive kati kammapagadio bamdhati? Goyama! Sattavihabamdhae va atthavihabamdhae va chhavvihabamdhae va egavihabamdhae va abamdhae va. Evam manuse vi bhaniyavve. Panaivayaviraya nam bhamte! Jiva kati kammapagadio bamdhamti? Goyama! Savve vi tava hojja sattavihabamdhaga ya egavihabamdhaga ya 1. Ahava sattavihabamdhaga ya egavihabamdhaga atthavihabamdhage ya 1. Ahava sattavihabamdhaga ya egavihabamdhaga ya atthavihabamdhaga ya 2. Ahava sattavihabamdhaga ya egavihabamdhaga ya chhavvihabamdhage ya 3. Ahava sattavihabamdhaga ya egavihabamdhaga ya chhavvihabamdhaga ya 4. Ahava sattavihabamdhaga ya egavihabamdhaga ya abamdhage ya 5. Ahava sattavihabamdhaga ya egavihabamdhaga ya abamdhaga ya 6. Ahava sattavihabamdhaga ya egavihabamdhaga ya atthavihabamdhage ya chhavvihabamdhage ya 1. Ahava sattavihabamdhaga ya egavihabamdhaga ya attha vihabamdhage ya chhavvihabamdhage ya 2. Ahava sattavihabamdhaga ya egavihabamdhaga ya atthavihabamdhaga ya chhavvihabamdhage ya 3. Ahava sattavihabamdhaga ya egavihabamdhaga ya atthavihabamdhaga ya chhavvihabamdhaga ya 4. Ahava sattavihabamdhaga ya egavihabamdhaga ya atthavihabamdhage ya abamdhae ya 1. Ahava sattavihabamdhaga ya egavihabamdhaga ya atthavihabamdhage ya abamdhaga ya 2. Ahava sattavihabamdhaga ya egavihabamdhaga ya atthavihabamdhaga ya abamdhage ya 3. Ahava sattavihabamdhaga ya egavihabamdhaga ya atthavihabamdhaga ya abamdhaga ya 4, ahava sattavihabamdhaga ya ega vihabamdhaga ya chhavvihabamdhage ya abamdhage ya 1 ahava sattavihabamdhaga ya egavihabamdhaga ya chhavvihabamdhage ya abamdhaga ya 2 ahava sattavihabamdhaga ya egavihabamdhaga ya chhavvihabamdhaga ya abamdhae ya 3 ahava sattavihabamdhaga ya egavihabamdhaga ya chhavvihabamdhaga ya abamdhaga ya 4. Ahava sattavihabamdhaga ya egavihabamdhaga ya atthavihabamdhage ya chhavvihabamdhage ya abamdhage ya 1. Ahava sattavihabamdhaga ya egavihabamdhaga ya atthavihabamdhage ya chhavvihabamdhage ya abamdhaga ya 2. Ahava sattavihabamdhaga ya egavihabamdhaga ya atthavihabamdhage ya chhavvihabamdhaga ya abamdhage ya 3. Ahava sattavihabamdhaga ya egavihabamdhaga ya atthavihabamdhage ya chhavvihabamdhaga ya abamdhaga ya 4. Ahava sattavihabamdhaga ya egavihabamdhaga ya atthavihabamdhaga ya chhavvihabamdhage ya abamdhage ya 5. Ahava sattavihabamdhaga ya egavihabamdhaga ya atthavihabamdhaga ya chhavvihabamdhage ya abamdhaga ya 6. Ahava sattavihabamdhaga ya egavihabamdhaga ya atthavihabamdhaga ya chhavvihabamdhaga ya abamdhage ya 7. Ahava sattavihabamdhaga ya egavihabamdhaga ya atthavihabamdhaga ya chhavvihabamdhaga ya abamdhaga ya 8. Ete attha bhamga. Savve vi miliya sattavisam bhamga bhavamti. Evam manusana vi ete cheva sattavisam bhamga bhaniyavva. Evam musavayavirayassa java mayamosavirayassa jivassa ya manusassa ya. Michchhadamsanasallavirae nam bhamte! Jive kati kammapagadio bamdhati? Goyama! Sattavihabamdhae va atthavihabamdhae va egavihabamdhae va abamdhae va. Michchhadamsanasallavirae nam bhamte! Neraie kati kammapagadio bamdhati? Goyama! Sattavihabamdhae va atthavihabamdhae va java pamchemdiyatirikkhajonie. Manuse jaha jive. Vanamamtara-joisiya-vemanie jaha neraie. Michchhadamsanasallaviraya nam bhamte! Jiva kati kammapagadio bamdhamti? Goyama! Te cheva sattavisam bhamga bhaniyavva Michchhadamsanasallaviraya nam bhamte! Neraiya kati kammapagadio bamdhamti? Goyama! Savve vi tava hojja sattavihabamdhaga 1 ahava sattavihabamdhaga ya atthavihabamdhage ya 2 ahava sattavihabamdhaga ya atthavihabamdhaga ya 3. Evam java vemaniya, navaram–manusanam jaha jivanam.
Sutra Meaning Transliteration : Bhagavan ! Pranatipata se virata (eka) jiva kitani karmaprakritiyom ka bandha karata hai\? Gautama ! Saptavidha, ashtavidha, shadvidha athava ekavidhabandhaka ya abandhaka hota hai. Isi prakara manushya mem bhi kahana. Bhagavan ! Pranatipata se virata (aneka) jiva kitani karmaprakritiyam bamdhate haim\? Gautama ! (1) samasta jiva saptavidha aura ekavidhabandhaka hote haim. Athava (1) aneka saptavidha – bandhaka aneka ekavidhabandhaka hote haim aura eka ashtavidha – bandhaka, (2) aneka saptavidhabandhaka, aneka ekavidhabandhaka aura aneka ashtavidhabandhaka, (3) athava aneka sapta – vidhabandhaka aura ekavidhabandhaka hote haim aura eka shadvidhabandhaka, (4) athava aneka saptavidhabandhaka, ekavidha – bandhaka tatha shadvidhabandhaka, (5) athava aneka saptavidhabandhaka aura ekavidhabandhaka hote haim aura eka abandhaka, (6) athava aneka saptavidhabandhaka, ekavidhabandhaka aura abandhaka hote haim. Isi taraha aneka saptavidhabandhaka aura aneka ekavidhabandhaka ke satha – (1) eka aura aneka ashtavidhabandhaka evam shadvidhabandhaka ko lekara eka chaturbhamgi, (2) eka aura aneka ashtavidhabandhaka evam abandhaka ko lekara eka chaturbhamgi, (3) eka aura aneka shadvidhabandhaka evam abandhaka ko lekara eka chaturbhamgi samajha lena. Isi taraha hi aneka saptavidhabandhaka aura aneka ekavidha – bandhaka ke satha – (1) ashtavidhabandhaka, (2) shadvidhabandhaka, (3) abandhaka ko eka aura aneka bheda lekara eka ashtabhamgi hoti hai. Saba milakara kula 27 bhamga hote haim. Isi prakara hi pranatipata virata manushyom ke yahim 27 bhamga kaha dena. Isi prakara mrishavadavirata yavat mayamrishavirata eka jiva tatha eka manushya ko bhi samajhana. Mithyadarshana – shalyavirata jiva kitani karmaprakritiyam bamdhata hai\? Gautama ! Saptavidha, ashtavidha, shadvidha aura ekavidhabandhaka athava abandhaka hota hai. Bhagavan ! Mithyadarshanashalya se virata (eka) nairayika kitani karmaprakritiyam bamdhata hai\? Gautama ! Saptavidha athava ashtavidhabandhaka hota hai; pamchendriya – tiryamchayonika taka yahim janana. (eka) manushya ke sambandha mem samanya jiva ke samana kahana. Vanavyantara, jyotishka aura vaimanika mem eka nairayika ke samana kahana. Mithyadarshanashalya se virata (aneka) jiva kitani karmaprakritiyam bamdhate haim\? Gautama ! Purvokta 27 bhamga kahana. Mithyadarshanashalya se virata (aneka) naraka kitani karmaprakritiyam bamdhate haim\? Gautama ! Sabhi (bhamga isa prakara) hote haim – (1) (aneka) sapta – vidhabandhaka hote haim, (2) athava (aneka) saptavidhabandhaka hote haim aura (eka) ashtavidhabandhaka hota hai, (3) athava aneka saptavidhabandhaka aura ashtavidhabandhaka hote haim. Isi prakara yavat (aneka) vaimanikom ko kahana vishesha yaha ki (aneka) manushyom mem jivom ke samana kahana.