Sutra Navigation: Pragnapana ( प्रज्ञापना उपांग सूत्र )

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Sr No : 1006628
Scripture Name( English ): Pragnapana Translated Scripture Name : प्रज्ञापना उपांग सूत्र
Mool Language : Ardha-Magadhi Translated Language : Hindi
Chapter :

पद-६ व्युत्क्रान्ति

Translated Chapter :

पद-६ व्युत्क्रान्ति

Section : Translated Section :
Sutra Number : 328 Category : Upang-04
Gatha or Sutra : Sutra Sutra Anuyog :
Author : Deepratnasagar Original Author : Gandhar
 
Century : Sect : Svetambara1
Source :
 
Mool Sutra : [सूत्र] रयणप्पभापुढविनेरइया णं भंते! केवतियं कालं विरहिया उववाएणं पन्नत्ता? गोयमा! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं चउव्वीसं मुहुत्ता। सक्करप्पभापुढविनेरइया णं भंते! केवतियं कालं विरहिया उववाएणं पन्नत्ता? गोयमा! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं सत्त रातिंदियाणि। वालुयप्पभापुढविनेरइया णं भंते! केवतियं कालं विरहिया उववाएणं पन्नत्ता? गोयमा! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं अद्धमासं। पंकप्पभापुढविनेरइया णं भंते! केवतियं कालं विरहिया उववाएणं पन्नत्ता? गोयमा! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं मासं। धूमप्पभापुढविनेरइया णं भंते! केवतियं कालं विरहिया उववाएणं पन्नत्ता? गोयमा! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं दो मासा। तमापुढविनेरइया णं भंते! केवतियं कालं विरहिया उववाएणं पन्नत्ता? गोयमा! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं चत्तारि मासा। अहेसत्तमापुढविनेरइया णं भंते! केवतियं कालं विरहिया उववाएणं पन्नत्ता? गोयमा! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं छम्मासा। असुरकुमारा णं भंते! केवतियं कालं विरहिया उववाएणं पन्नत्ता? गोयमा! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं चउव्वीसं मुहुत्ता। नागकुमारा णं भंते! केवतियं कालं विरहिया उववाएणं पन्नत्ता? गोयमा! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं चउव्वीसं मुहुत्ता। एवं सुवण्णकुमाराणं विज्जुकुमाराणं अग्गिकुमाराणं दीवकुमाराणं उदहिकुमाराणं दिसाकुमाराणं वाउकुमाराणं थणियकुमाराणं य पत्तेयं-पत्तेयं जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं चउव्वीसं मुहुत्ता। पुढविकाइया णं भंते! केवतियं कालं विरहिया उववाएणं पन्नत्ता? गोयमा! अनुसमयम-विरहियं उववाएणं पन्नत्ता। एवं आउकाइयाण वि तेउकाइयाण वि वाउकाइयाण वि वणप्फइकाइयाण वि अनुसमयं अविरहिया उववाएणं पन्नत्ता। बेइंदिया णं भंते! केवतियं कालं विरहिया उववाएणं पन्नत्ता? गोयमा! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं अंतोमुहुत्तं। एवं तेइंदिय-चउरिंदिया। सम्मुच्छिमपंचेंदियतिरिक्खजोणिया णं भंते! केवतियं कालं विरहिया उववाएणं पन्नत्ता? गोयमा! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं अंतोमुहुत्तं। गब्भवक्कंतियपंचेंदियतिरिक्खजोणिया णं भंते! केवतियं कालं विरहिया उववाएणं पन्नत्ता? गोयमा! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं बारस मुहुत्ता। सम्मुच्छिममनुस्सा णं भंते! केवतियं कालं विरहिया उववाएणं पन्नत्ता? गोयमा! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं चउव्वीसं मुहुत्ता। गब्भवक्कंतियमनुस्साणं पुच्छा। गोयमा! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं बारस मुहुत्ता। वाणमंतराणं पुच्छा। गोयमा! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं चउव्वीसं मुहुत्ता। जोइसियाणं पुच्छा। गोयमा! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं चउव्वीसं मुहुत्ता। सोहम्मकप्पे देवा णं भंते! केवतियं कालं विरहिया उववाएणं पन्नत्ता? गोयमा! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं चउव्वीसं मुहुत्ता। ईसाने कप्पे देवाणं पुच्छा। गोयमा! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं चउव्वीसं मुहुत्ता। सणंकुमारदेवाणं पुच्छा। गोयमा! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं नव रातिंदियाइं वीसा य मुहुत्ता। माहिंददेवाणं पुच्छा। गोयमा! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं बारस राइंदियाइं दस मुहुत्ता। बंभलोए देवाणं पुच्छा। गोयमा! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं अद्धतेवीसं रातिंदियाइं। लंतगदेवाणं पुच्छा। गोयमा! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं पणतालीसं रातिंदियाइं। महासुक्कदेवाणं पुच्छा। गोयमा! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं असीतिं रातिंदियाइं। सहस्सारदेवाणं पुच्छा। गोयमा! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं रातिंदियसतं। आणयदेवाणं पुच्छा। गोयमा! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं संखेज्जा मासा। पाणयदेवाणं पुच्छा। गोयमा! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं संखेज्जा मासा। आरणदेवाणं पुच्छा। गोयमा! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं संखेज्जा वासा। अच्चुयदेवाणं पुच्छा। गोयमा! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं संखेज्जा वासा। हेट्ठिमगेवेज्जाणं पुच्छा। गोयमा! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं संखेज्जाइं वाससताइं। मज्झिमगेवेज्जाणं पुच्छा। गोयमा! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं संखेज्जाइं वाससहस्साइं। उवरिमगेवेज्जगदेवाणं पुच्छा। गोयमा! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं संखेज्जाइं वाससत-सहस्साइं। विजय-वेजयंत-जयंतापराजियदेवाणं पुच्छा। गोयमा! जहन्नेणं एगं समयं उक्कोसेणं असंखेज्जं कालं। सव्वट्ठसिद्धगदेवा णं भंते! केवतियं कालं विरहिता उववाएणं पन्नत्ता? गोयमा! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं पलिओवमस्स संखेज्जइभागं। सिद्धा णं भंते! केवतियं कालं विरहिया सिज्झणयाए पन्नत्ता? गोयमा! जहन्नेणं एगं समयं, उक्कोसेणं छम्मासा।
Sutra Meaning : भगवन्‌ ! रत्नप्रभा – पृथ्वी के नैरयिक कितने काल तक उपपात से विरहित हैं ? गौतम ! जघन्य एक समय का, उत्कृष्ट चौबीस मुहूर्त्त तक। शर्कराप्रभापृथ्वी के नारक जघन्य एक समय और उत्कृष्टतः सात रात्रि – दिन तक उपपात से विरहित रहते हैं। वालुकापृथ्वी के नारक जघन्य एक समय और उत्कृष्ट अर्द्धमास तक उपपात से विरहित रहते हैं। पंकप्रभापृथ्वी के नैरयिक जघन्य एक समय और उत्कृष्ट एक मास तक उपपातविरहित रहते हैं। धूमप्रभापृथ्वी के नारक जघन्य एक समय और उत्कृष्ट दो मास तक उपपात से विरहित होते हैं। तमःप्रभापृथ्वी के नारक जघन्य एक समय और उत्कृष्ट चार मास उपपातविरहित रहते हैं। तमस्तमापृथ्वी के नैरयिक जघन्य एक समय और उत्कृष्ट छह मास उपपात से विरहित रहते हैं। भगवन्‌ ! असुरकुमार कितने काल तक उपपात से विरहित रहते हैं ? गौतम ! जघन्य एक समय और उत्कृष्ट चौबीस मुहूर्त्त तक। इसी तरह स्तनितकुमार तक जान लेना। भगवन्‌ ! पृथ्वीकायिक जीव कितने काल तक उपपात से विरहित हैं ? गौतम ! प्रतिसमय उपपात से अविरहित हैं। इसी तरह वनस्पतिकायिक तक जानना। द्वीन्द्रिय जीवों का उपपातविरह जघन्य एक समय और उत्कृष्ट अन्तर्मुहूर्त्त रहता है। इसी प्रकार त्रीन्द्रिय एवं चतुरिन्द्रिय में समझना। सम्मूर्च्छिम पंचेन्द्रियतिर्यंचयोनिक का उपपातविरह जघन्य एक समय का और उत्कृष्ट अन्तर्मुहूर्त्त है। गर्भजपंचेन्द्रिय तिर्यंचयोनिक जघन्य एक समय और उत्कृष्ट बारह मुहूर्त्त उपपात से विरहित रहते हैं। सम्मूर्च्छिम मनुष्य जघन्य एक समय और उत्कृष्ट चौबीस मुहूर्त्त उपपात से विरहित कहे हैं। गर्भज मनुष्य जघन्य एक समय और उत्कृष्ट बारह मुहूर्त्त उपपात से विरहित कहे हैं। भगवन्‌ ! वाणव्यन्तर देव कितने काल तक उपपात से विरहित कहे हैं ? गौतम ! जघन्य एक समय और उत्कृष्ट चौबीस मुहूर्त्त तक। ज्योतिष्क देव जघन्य एक समय तथा उत्कृष्ट चौबीस मुहूर्त्त उपपात विरहित कहे हैं। भगवन्‌ ! सौधर्मकल्प में देव कितने काल तक उपपात से विरहित कहे हैं ? गौतम ! जघन्य एक समय और उत्कृष्ट चौबीस मुहूर्त्त। ईशानकल्प में यही काल जानना। सनत्कुमार देवों का उपपातविरहकाल जघन्य एक समय तथा उत्कृष्ट नौ रात्रि दिन और बीस मुहूर्त्त है। माहेन्द्र देवों का उपपातविरहकाल जघन्य एक समय तथा उत्कृष्ट बारह रात्रि – दिन और दस मुहूर्त्त है। ब्रह्मलोक देव जघन्य एक समय तथा उत्कृष्ट साढ़े बाईस रात्रि – दिन उपपातविरहकाल रहते हैं। लान्तक देवों का उपपातविरह जघन्य एक समय तथा उत्कृष्ट पैंतालीस रात्रि – दिन है। महाशुक्र देवों का उपपातविरह जघन्य एक समय तथा उत्कृष्ट अस्सी रात्रि – दिन है। सहस्रार देवों का उपपात – विरहकाल जघन्य एक समय तथा उत्कृष्ट सौ रात्रि – दिन है। आनतदेव का उपपातविरह काल जघन्य एक समय तथा उत्कृष्ट संख्यात मास है। प्राणतदेव जघन्य एक समय तथा उत्कृष्ट संख्यात मास उपपात विरहित हैं। आरण देवों का उपपातविरह काल जघन्य एक समय तथा उत्कृष्ट संख्यातवर्ष है। अच्युतदेव का उपपातविरह काल जघन्य एक समय, उत्कृष्ट संख्यात वर्ष है। भगवन्‌ ! अधस्तन ग्रैवेयक देव कितने काल तक उपपात से विरहित कहे हैं ? गौतम ! जघन्य एक समय तथा उत्कृष्ट संख्यात सौ वर्ष तक। मध्यम ग्रैवेयकदेव जघन्य एक समय तथा उत्कृष्ट संख्यात हजार वर्ष उपपात – विरहित कहे हैं। ऊपरी ग्रैवेयक देवों का उपपातविरह जघन्य एक समय तथा उत्कृष्ट संख्यात लाख वर्ष है। विजय, वैजयन्त, जयन्त और अपराजित देवों का उपपातविरह जघन्य एक समय तथा उत्कृष्ट असंख्यातकाल है। सर्वार्थसिद्ध देवों का उपपातविरह जघन्य एक समय उत्कृष्ट पल्योपम का संख्यातवा भाग है। भगवन्‌ ! सिद्ध जीवों का उपपात – विरह कितने काल है ? जघन्य एक समय तथा उत्कृष्ट छह मास।
Mool Sutra Transliteration : [sutra] rayanappabhapudhavineraiya nam bhamte! Kevatiyam kalam virahiya uvavaenam pannatta? Goyama! Jahannenam egam samayam, ukkosenam chauvvisam muhutta. Sakkarappabhapudhavineraiya nam bhamte! Kevatiyam kalam virahiya uvavaenam pannatta? Goyama! Jahannenam egam samayam, ukkosenam satta ratimdiyani. Valuyappabhapudhavineraiya nam bhamte! Kevatiyam kalam virahiya uvavaenam pannatta? Goyama! Jahannenam egam samayam, ukkosenam addhamasam. Pamkappabhapudhavineraiya nam bhamte! Kevatiyam kalam virahiya uvavaenam pannatta? Goyama! Jahannenam egam samayam, ukkosenam masam. Dhumappabhapudhavineraiya nam bhamte! Kevatiyam kalam virahiya uvavaenam pannatta? Goyama! Jahannenam egam samayam, ukkosenam do masa. Tamapudhavineraiya nam bhamte! Kevatiyam kalam virahiya uvavaenam pannatta? Goyama! Jahannenam egam samayam, ukkosenam chattari masa. Ahesattamapudhavineraiya nam bhamte! Kevatiyam kalam virahiya uvavaenam pannatta? Goyama! Jahannenam egam samayam, ukkosenam chhammasa. Asurakumara nam bhamte! Kevatiyam kalam virahiya uvavaenam pannatta? Goyama! Jahannenam egam samayam, ukkosenam chauvvisam muhutta. Nagakumara nam bhamte! Kevatiyam kalam virahiya uvavaenam pannatta? Goyama! Jahannenam egam samayam, ukkosenam chauvvisam muhutta. Evam suvannakumaranam vijjukumaranam aggikumaranam divakumaranam udahikumaranam disakumaranam vaukumaranam thaniyakumaranam ya patteyam-patteyam jahannenam egam samayam, ukkosenam chauvvisam muhutta. Pudhavikaiya nam bhamte! Kevatiyam kalam virahiya uvavaenam pannatta? Goyama! Anusamayama-virahiyam uvavaenam pannatta. Evam aukaiyana vi teukaiyana vi vaukaiyana vi vanapphaikaiyana vi anusamayam avirahiya uvavaenam pannatta. Beimdiya nam bhamte! Kevatiyam kalam virahiya uvavaenam pannatta? Goyama! Jahannenam egam samayam, ukkosenam amtomuhuttam. Evam teimdiya-chaurimdiya. Sammuchchhimapamchemdiyatirikkhajoniya nam bhamte! Kevatiyam kalam virahiya uvavaenam pannatta? Goyama! Jahannenam egam samayam, ukkosenam amtomuhuttam. Gabbhavakkamtiyapamchemdiyatirikkhajoniya nam bhamte! Kevatiyam kalam virahiya uvavaenam pannatta? Goyama! Jahannenam egam samayam, ukkosenam barasa muhutta. Sammuchchhimamanussa nam bhamte! Kevatiyam kalam virahiya uvavaenam pannatta? Goyama! Jahannenam egam samayam, ukkosenam chauvvisam muhutta. Gabbhavakkamtiyamanussanam puchchha. Goyama! Jahannenam egam samayam, ukkosenam barasa muhutta. Vanamamtaranam puchchha. Goyama! Jahannenam egam samayam, ukkosenam chauvvisam muhutta. Joisiyanam puchchha. Goyama! Jahannenam egam samayam, ukkosenam chauvvisam muhutta. Sohammakappe deva nam bhamte! Kevatiyam kalam virahiya uvavaenam pannatta? Goyama! Jahannenam egam samayam, ukkosenam chauvvisam muhutta. Isane kappe devanam puchchha. Goyama! Jahannenam egam samayam, ukkosenam chauvvisam muhutta. Sanamkumaradevanam puchchha. Goyama! Jahannenam egam samayam, ukkosenam nava ratimdiyaim visa ya muhutta. Mahimdadevanam puchchha. Goyama! Jahannenam egam samayam, ukkosenam barasa raimdiyaim dasa muhutta. Bambhaloe devanam puchchha. Goyama! Jahannenam egam samayam, ukkosenam addhatevisam ratimdiyaim. Lamtagadevanam puchchha. Goyama! Jahannenam egam samayam, ukkosenam panatalisam ratimdiyaim. Mahasukkadevanam puchchha. Goyama! Jahannenam egam samayam, ukkosenam asitim ratimdiyaim. Sahassaradevanam puchchha. Goyama! Jahannenam egam samayam, ukkosenam ratimdiyasatam. Anayadevanam puchchha. Goyama! Jahannenam egam samayam, ukkosenam samkhejja masa. Panayadevanam puchchha. Goyama! Jahannenam egam samayam, ukkosenam samkhejja masa. Aranadevanam puchchha. Goyama! Jahannenam egam samayam, ukkosenam samkhejja vasa. Achchuyadevanam puchchha. Goyama! Jahannenam egam samayam, ukkosenam samkhejja vasa. Hetthimagevejjanam puchchha. Goyama! Jahannenam egam samayam, ukkosenam samkhejjaim vasasataim. Majjhimagevejjanam puchchha. Goyama! Jahannenam egam samayam, ukkosenam samkhejjaim vasasahassaim. Uvarimagevejjagadevanam puchchha. Goyama! Jahannenam egam samayam, ukkosenam samkhejjaim vasasata-sahassaim. Vijaya-vejayamta-jayamtaparajiyadevanam puchchha. Goyama! Jahannenam egam samayam ukkosenam asamkhejjam kalam. Savvatthasiddhagadeva nam bhamte! Kevatiyam kalam virahita uvavaenam pannatta? Goyama! Jahannenam egam samayam, ukkosenam paliovamassa samkhejjaibhagam. Siddha nam bhamte! Kevatiyam kalam virahiya sijjhanayae pannatta? Goyama! Jahannenam egam samayam, ukkosenam chhammasa.
Sutra Meaning Transliteration : Bhagavan ! Ratnaprabha – prithvi ke nairayika kitane kala taka upapata se virahita haim\? Gautama ! Jaghanya eka samaya ka, utkrishta chaubisa muhurtta taka. Sharkaraprabhaprithvi ke naraka jaghanya eka samaya aura utkrishtatah sata ratri – dina taka upapata se virahita rahate haim. Valukaprithvi ke naraka jaghanya eka samaya aura utkrishta arddhamasa taka upapata se virahita rahate haim. Pamkaprabhaprithvi ke nairayika jaghanya eka samaya aura utkrishta eka masa taka upapatavirahita rahate haim. Dhumaprabhaprithvi ke naraka jaghanya eka samaya aura utkrishta do masa taka upapata se virahita hote haim. Tamahprabhaprithvi ke naraka jaghanya eka samaya aura utkrishta chara masa upapatavirahita rahate haim. Tamastamaprithvi ke nairayika jaghanya eka samaya aura utkrishta chhaha masa upapata se virahita rahate haim. Bhagavan ! Asurakumara kitane kala taka upapata se virahita rahate haim\? Gautama ! Jaghanya eka samaya aura utkrishta chaubisa muhurtta taka. Isi taraha stanitakumara taka jana lena. Bhagavan ! Prithvikayika jiva kitane kala taka upapata se virahita haim\? Gautama ! Pratisamaya upapata se avirahita haim. Isi taraha vanaspatikayika taka janana. Dvindriya jivom ka upapataviraha jaghanya eka samaya aura utkrishta antarmuhurtta rahata hai. Isi prakara trindriya evam chaturindriya mem samajhana. Sammurchchhima pamchendriyatiryamchayonika ka upapataviraha jaghanya eka samaya ka aura utkrishta antarmuhurtta hai. Garbhajapamchendriya tiryamchayonika jaghanya eka samaya aura utkrishta baraha muhurtta upapata se virahita rahate haim. Sammurchchhima manushya jaghanya eka samaya aura utkrishta chaubisa muhurtta upapata se virahita kahe haim. Garbhaja manushya jaghanya eka samaya aura utkrishta baraha muhurtta upapata se virahita kahe haim. Bhagavan ! Vanavyantara deva kitane kala taka upapata se virahita kahe haim\? Gautama ! Jaghanya eka samaya aura utkrishta chaubisa muhurtta taka. Jyotishka deva jaghanya eka samaya tatha utkrishta chaubisa muhurtta upapata virahita kahe haim. Bhagavan ! Saudharmakalpa mem deva kitane kala taka upapata se virahita kahe haim\? Gautama ! Jaghanya eka samaya aura utkrishta chaubisa muhurtta. Ishanakalpa mem yahi kala janana. Sanatkumara devom ka upapatavirahakala jaghanya eka samaya tatha utkrishta nau ratri dina aura bisa muhurtta hai. Mahendra devom ka upapatavirahakala jaghanya eka samaya tatha utkrishta baraha ratri – dina aura dasa muhurtta hai. Brahmaloka deva jaghanya eka samaya tatha utkrishta sarhe baisa ratri – dina upapatavirahakala rahate haim. Lantaka devom ka upapataviraha jaghanya eka samaya tatha utkrishta paimtalisa ratri – dina hai. Mahashukra devom ka upapataviraha jaghanya eka samaya tatha utkrishta assi ratri – dina hai. Sahasrara devom ka upapata – virahakala jaghanya eka samaya tatha utkrishta sau ratri – dina hai. Anatadeva ka upapataviraha kala jaghanya eka samaya tatha utkrishta samkhyata masa hai. Pranatadeva jaghanya eka samaya tatha utkrishta samkhyata masa upapata virahita haim. Arana devom ka upapataviraha kala jaghanya eka samaya tatha utkrishta samkhyatavarsha hai. Achyutadeva ka upapataviraha kala jaghanya eka samaya, utkrishta samkhyata varsha hai. Bhagavan ! Adhastana graiveyaka deva kitane kala taka upapata se virahita kahe haim\? Gautama ! Jaghanya eka samaya tatha utkrishta samkhyata sau varsha taka. Madhyama graiveyakadeva jaghanya eka samaya tatha utkrishta samkhyata hajara varsha upapata – virahita kahe haim. Upari graiveyaka devom ka upapataviraha jaghanya eka samaya tatha utkrishta samkhyata lakha varsha hai. Vijaya, vaijayanta, jayanta aura aparajita devom ka upapataviraha jaghanya eka samaya tatha utkrishta asamkhyatakala hai. Sarvarthasiddha devom ka upapataviraha jaghanya eka samaya utkrishta palyopama ka samkhyatava bhaga hai. Bhagavan ! Siddha jivom ka upapata – viraha kitane kala hai\? Jaghanya eka samaya tatha utkrishta chhaha masa.