Sutra Navigation: Samavayang ( समवयांग सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1003317 | ||
Scripture Name( English ): | Samavayang | Translated Scripture Name : | समवयांग सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
समवाय प्रकीर्णक |
Translated Chapter : |
समवाय प्रकीर्णक |
Section : | Translated Section : | ||
Sutra Number : | 217 | Category : | Ang-04 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] से किं तं ठाणे? ठाणे णं ससमया ठाविज्जंति परसमया ठाविज्जंति ससमयपरसमया ठाविज्जंति जीवा ठाविज्जंति अजीवा ठाविज्जंति जीवा-जीवा ठाविज्जंति लोगे ठाविज्जंति अलोगे ठाविज्जंति लोगालोगे ठाविज्जंति। ठाणे णं दव्व-गुण-खेत्त-काल-पज्जव पयत्थाणं– | ||
Sutra Meaning : | स्थानाङ्ग क्या है – इसमें क्या वर्णन है ? जिसमें जीवादि पदार्थ प्रतिपाद्य रूप से स्थान प्राप्त करते हैं, वह स्थानाङ्ग है। इस के द्वारा स्वसमय स्थापित – सिद्ध किये जाते हैं, पर – समय स्थापित किये जाते हैं, स्वसमय – परसमय स्थापित किये जाते हैं। जीव स्थापित किये जाते हैं, अजीव स्थापित किये जाते हैं, जीव – अजीव स्थापित किये जाते हैं। लोक स्थापित किया जाता है, अलोक स्थापित किया जाता है और लोक – अलोक दोनों स्थापित किये जाते हैं। स्थापनाङ्ग में जीव आदि पदार्थों के द्रव्य, गुण, क्षेत्र, काल और पर्यायों का निरूपण किया गया है। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] se kim tam thane? Thane nam sasamaya thavijjamti parasamaya thavijjamti sasamayaparasamaya thavijjamti jiva thavijjamti ajiva thavijjamti jiva-jiva thavijjamti loge thavijjamti aloge thavijjamti logaloge thavijjamti. Thane nam davva-guna-khetta-kala-pajjava payatthanam– | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Sthananga kya hai – isamem kya varnana hai\? Jisamem jivadi padartha pratipadya rupa se sthana prapta karate haim, vaha sthananga hai. Isa ke dvara svasamaya sthapita – siddha kiye jate haim, para – samaya sthapita kiye jate haim, svasamaya – parasamaya sthapita kiye jate haim. Jiva sthapita kiye jate haim, ajiva sthapita kiye jate haim, jiva – ajiva sthapita kiye jate haim. Loka sthapita kiya jata hai, aloka sthapita kiya jata hai aura loka – aloka donom sthapita kiye jate haim. Sthapananga mem jiva adi padarthom ke dravya, guna, kshetra, kala aura paryayom ka nirupana kiya gaya hai. |