Sutra Navigation: Sutrakrutang ( सूत्रकृतांग सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1001761 | ||
Scripture Name( English ): | Sutrakrutang | Translated Scripture Name : | सूत्रकृतांग सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
श्रुतस्कंध-२ अध्ययन-६ आर्द्रकीय |
Translated Chapter : |
श्रुतस्कंध-२ अध्ययन-६ आर्द्रकीय |
Section : | Translated Section : | ||
Sutra Number : | 761 | Category : | Ang-02 |
Gatha or Sutra : | Gatha | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [गाथा] नेगंति नच्चंति तओदए से वयंति ते दो वि गुणोदयम्मि । से उदए साइमणंतपत्ते तमुदयं साहयइ ताइ नाई ॥ | ||
Sutra Meaning : | पूर्वोक्त सावद्य अनुष्ठान से वणिक् का जो उदय होता है वह न तो एकान्तिक है और न आत्यन्तिक। विद्वान लोग कहते हैं कि जो उदय इन दोनों गुणों से रहित है, उसमें कोई गुण नहीं है। किन्तु भगवान महावीर को जो उदय प्राप्त है, वह आदि और अनन्त है। त्राता एवं ज्ञातवंशीय या समस्त वस्तुजात के ज्ञाता भगवान महावीर इसी उदय का दूसरों को उपदेश करते हैं, या इसकी प्रशंसा करते हैं। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [gatha] negamti nachchamti taodae se vayamti te do vi gunodayammi. Se udae saimanamtapatte tamudayam sahayai tai nai. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Purvokta savadya anushthana se vanik ka jo udaya hota hai vaha na to ekantika hai aura na atyantika. Vidvana loga kahate haim ki jo udaya ina donom gunom se rahita hai, usamem koi guna nahim hai. Kintu bhagavana mahavira ko jo udaya prapta hai, vaha adi aura ananta hai. Trata evam jnyatavamshiya ya samasta vastujata ke jnyata bhagavana mahavira isi udaya ka dusarom ko upadesha karate haim, ya isaki prashamsa karate haim. |