Sutra Navigation: Uttaradhyayan ( उत्तराध्ययन सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1022843 | ||
Scripture Name( English ): | Uttaradhyayan | Translated Scripture Name : | उत्तराध्ययन सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
अध्ययन-२९ सम्यकत्व पराक्रम |
Translated Chapter : |
अध्ययन-२९ सम्यकत्व पराक्रम |
Section : | Translated Section : | ||
Sutra Number : | 1143 | Category : | Mool-04 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] अप्पडिबद्धयाए णं भंते! जीवे किं जणयइ? अप्पडिबद्धयाए णं निस्संगत्तं जणयइ। निस्संगत्तेणं जीवे एगे एगग्गचित्ते दिया य राओ य असज्जमाणे अप्पडिबद्धे यावि विहरइ। | ||
Sutra Meaning : | भन्ते ! अप्रतिबद्धता से जीव को क्या प्राप्त होता है ? अप्रतिबद्धता से जीव निस्संग होता है। निस्संग होने से जीव एकाकी होता है, एकाग्रचित्त होता है। दिन – रात सदा सर्वत्र विरक्त और अप्रतिबद्ध होकर विचरण करता है | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] appadibaddhayae nam bhamte! Jive kim janayai? Appadibaddhayae nam nissamgattam janayai. Nissamgattenam jive ege egaggachitte diya ya rao ya asajjamane appadibaddhe yavi viharai. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Bhante ! Apratibaddhata se jiva ko kya prapta hota hai\? Apratibaddhata se jiva nissamga hota hai. Nissamga hone se jiva ekaki hota hai, ekagrachitta hota hai. Dina – rata sada sarvatra virakta aura apratibaddha hokara vicharana karata hai |