Sutra Navigation: Mahanishith ( महानिशीय श्रुतस्कंध सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1017113 | ||
Scripture Name( English ): | Mahanishith | Translated Scripture Name : | महानिशीय श्रुतस्कंध सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
अध्ययन-२ कर्मविपाक प्रतिपादन |
Translated Chapter : |
अध्ययन-२ कर्मविपाक प्रतिपादन |
Section : | उद्देशक-३ | Translated Section : | उद्देशक-३ |
Sutra Number : | 413 | Category : | Chheda-06 |
Gatha or Sutra : | Gatha | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [गाथा] विप्पहिच्चित्थियं सम्मं सव्वहा मेहुणं पि य। अत्थेगे गोयमा पाणी जे नो चयइ परिग्गहं॥ | ||
Sutra Meaning : | हे गौतम ! ऐसे कुछ जीव होते हैं कि जो स्त्री का त्याग अच्छी तरह से कर सकते हैं। मैथुन को भी छोड़ देते हैं। फिर भी वो परिग्रह की ममता छोड़ नहीं सकते। सचित्त, अचित्त या उभययुक्त बहुत या थोड़ा जितने प्रमाण में उसकी ममता रखते हैं, भोगवटा करते हैं, उतने प्रमाण में वो संगवाला कहलाता है। संगवाला प्राणी ज्ञान आदि तीन की साधना नहीं कर सकता, इसलिए परिग्रह का त्याग करो। सूत्र – ४१३–४१५ | ||
Mool Sutra Transliteration : | [gatha] vippahichchitthiyam sammam savvaha mehunam pi ya. Atthege goyama pani je no chayai pariggaham. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | He gautama ! Aise kuchha jiva hote haim ki jo stri ka tyaga achchhi taraha se kara sakate haim. Maithuna ko bhi chhora dete haim. Phira bhi vo parigraha ki mamata chhora nahim sakate. Sachitta, achitta ya ubhayayukta bahuta ya thora jitane pramana mem usaki mamata rakhate haim, bhogavata karate haim, utane pramana mem vo samgavala kahalata hai. Samgavala prani jnyana adi tina ki sadhana nahim kara sakata, isalie parigraha ka tyaga karo. Sutra – 413–415 |