Sutra Navigation: Vyavaharsutra ( व्यवहारसूत्र )

Search Details

Mool File Details

Anuvad File Details

Sr No : 1013948
Scripture Name( English ): Vyavaharsutra Translated Scripture Name : व्यवहारसूत्र
Mool Language : Ardha-Magadhi Translated Language : Hindi
Chapter :

Translated Chapter :

Section : उद्देशक-६ Translated Section : उद्देशक-६
Sutra Number : 148 Category : Chheda-03
Gatha or Sutra : Sutra Sutra Anuyog :
Author : Deepratnasagar Original Author : Gandhar
 
Century : Sect : Svetambara1
Source :
 
Mool Sutra : [सूत्र] भिक्खू य इच्छेज्जा नायविहिं एत्तए, नो से कप्पइ थेरे अनापुच्छित्ता नायविहिं एत्तए, कप्पइ से थेरे आपुच्छित्ता नायविहिं एत्तए। थेरा य से वियरेज्जा, एवं से कप्पइ नायविहिं एत्तए। थेरा य से नो वियरेज्जा, एवं से नो कप्पइ नायविहिं एत्तए। जं तत्थ थेरेहिं अविइण्णे नायविहिं एइ, से संतरा छेए वा परिहारे वा। नो से कप्पइ अप्पसुयस्स अप्पागमस्स एगाणियस्स नायविहिं एत्तए। कप्पइ से जे तत्थ बहुस्सुए बब्भागमे तेण सद्धिं नायविहिं एत्तए। तत्थ से पुव्वागमणेणं पुव्वाउत्ते चाउलोदणे, पच्छाउत्ते भिलिंगसूवे, कप्पइ से चाउलोदणे पडिग्गाहेत्तए, नो से कप्पइ भिलिंगसूवे पडिग्गाहेत्तए। तत्थ से पुव्वागमणेणं पुव्वाउत्ते भिलिंगसूवे, पच्छाउत्ते चाउलोदणे, कप्पइ से भिलिंगसूवे पडिग्गाहेत्तए, नो से कप्पइ चाउलोदणे पडिग्गाहेत्तए। तत्थ से पुव्वागमणेणं दो वि पुव्वाउत्ते कप्पइ से दो वि पडिग्गाहेत्तए। तत्थ से पुव्वागमणेणं दो वि पच्छाउत्ते नो से कप्पइ दो वि पडिग्गाहेत्तए।
Sutra Meaning : जो किसी साधु अपने रिश्तेदार के घर जाना चाहे तो स्थविर को पूछे बिना जाना न कल्पे, पूछने के बाद भी यदि जो स्थविर आज्ञा दे तो कल्पे और आज्ञा न दे तो न कल्पे। यदि आज्ञा बिना जाए तो जितने दिन रहे उतना छेद या तप प्रायश्चित्त आता है। अल्पसूत्री या आगम के अल्पज्ञाता को अकेले ही अपने रिश्तेदार के वहाँ जाना न कल्पे। दूसरे बहुश्रुत या कईं आगम के ज्ञाता के साथ रिश्तेदार के वहाँ जाना कल्पे। यदि पहले चावल हुए हो लेकिन दाल न हुई हो तो चावल लेना कल्पे लेकिन दाल लेना न कल्पे। यदि पहले दाल हुई हो और जाने के बाद चावल बने तो दाल लेना कल्पे, लेकिन चावल लेना न कल्पे। दोनों पहले से ऊतारे गए हो तो दोनों लेना कल्पे और एक भी चीज न हुई हो तो कुछ भी लेना न कल्पे यानि साधु के जाने से पहले जो कुछ तैयार हो वो सब कल्पे और जाने के बाद तैयार हो ऐसा कोई भी आहार न कल्पे।
Mool Sutra Transliteration : [sutra] bhikkhu ya ichchhejja nayavihim ettae, no se kappai there anapuchchhitta nayavihim ettae, kappai se there apuchchhitta nayavihim ettae. Thera ya se viyarejja, evam se kappai nayavihim ettae. Thera ya se no viyarejja, evam se no kappai nayavihim ettae. Jam tattha therehim aviinne nayavihim ei, se samtara chhee va parihare va. No se kappai appasuyassa appagamassa eganiyassa nayavihim ettae. Kappai se je tattha bahussue babbhagame tena saddhim nayavihim ettae. Tattha se puvvagamanenam puvvautte chaulodane, pachchhautte bhilimgasuve, kappai se chaulodane padiggahettae, no se kappai bhilimgasuve padiggahettae. Tattha se puvvagamanenam puvvautte bhilimgasuve, pachchhautte chaulodane, kappai se bhilimgasuve padiggahettae, no se kappai chaulodane padiggahettae. Tattha se puvvagamanenam do vi puvvautte kappai se do vi padiggahettae. Tattha se puvvagamanenam do vi pachchhautte no se kappai do vi padiggahettae.
Sutra Meaning Transliteration : Jo kisi sadhu apane rishtedara ke ghara jana chahe to sthavira ko puchhe bina jana na kalpe, puchhane ke bada bhi yadi jo sthavira ajnya de to kalpe aura ajnya na de to na kalpe. Yadi ajnya bina jae to jitane dina rahe utana chheda ya tapa prayashchitta ata hai. Alpasutri ya agama ke alpajnyata ko akele hi apane rishtedara ke vaham jana na kalpe. Dusare bahushruta ya kaim agama ke jnyata ke satha rishtedara ke vaham jana kalpe. Yadi pahale chavala hue ho lekina dala na hui ho to chavala lena kalpe lekina dala lena na kalpe. Yadi pahale dala hui ho aura jane ke bada chavala bane to dala lena kalpe, lekina chavala lena na kalpe. Donom pahale se utare gae ho to donom lena kalpe aura eka bhi chija na hui ho to kuchha bhi lena na kalpe yani sadhu ke jane se pahale jo kuchha taiyara ho vo saba kalpe aura jane ke bada taiyara ho aisa koi bhi ahara na kalpe.