[सूत्र] वासावासं पज्जोसविओ भिक्खू जं पुरओ कट्टु विहरइ, से य आहच्च वीसंभेज्जा, अत्थियाइं त्थ अन्ने केइ उवसंपज्जणारिहे, से उवसंपज्जियव्वे।
नत्थियाइं त्थ अन्ने केइ उवसंपज्जणारिहे, अप्पणो य से कप्पाए असमत्ते एवं से कप्पइ एगराइयाए पडिमाए जण्णं-जण्णं दिसं अन्ने साहम्मिया विहरंति तण्णं-तण्णं दिसं उवलित्तए।
नो से कप्पइ तत्थ विहारवत्तियं वत्थए, कप्पइ से तत्थ कारणवत्तियं वत्थए।
तंसि च णं कारणंसि निट्ठियंसि परो वएज्जा–वसाहि अज्जो! एगरायं वा दुरायं वा। एवं से कप्पइ एगरायं वा दुरायं वा वत्थए,
नो से कप्पइ परं एगरायाओ वा दुरायाओ वा वत्थए।
जं तत्थ परं एगरायाओ वा दुरायाओ वा वसइ, से संतरा छेए वा परिहारे वा।
Sutra Meaning :
देखो सूत्र १०५
Mool Sutra Transliteration :
[sutra] vasavasam pajjosavio bhikkhu jam purao kattu viharai, se ya ahachcha visambhejja, atthiyaim ttha anne kei uvasampajjanarihe, se uvasampajjiyavve.
Natthiyaim ttha anne kei uvasampajjanarihe, appano ya se kappae asamatte evam se kappai egaraiyae padimae jannam-jannam disam anne sahammiya viharamti tannam-tannam disam uvalittae.
No se kappai tattha viharavattiyam vatthae, kappai se tattha karanavattiyam vatthae.
Tamsi cha nam karanamsi nitthiyamsi paro vaejja–vasahi ajjo! Egarayam va durayam va. Evam se kappai egarayam va durayam va vatthae,
No se kappai param egarayao va durayao va vatthae.
Jam tattha param egarayao va durayao va vasai, se samtara chhee va parihare va.