एक सामाचारी वाले कईं साधु साथ में विचरते हो और उसमें से एक दोष का सेवन करे, फिर आलोचना करे तो उसे परिहार तप के लिए स्थापित करना और दूसरे उसकी वैयावच्च करे, यदि सभी साधु ने दोष का सेवन किया हो तो एक को वडील रूप में वैयावच्च के लिए स्थापित करे और अन्य परिहार तप करे। वो पूरा होने पर वैयावच्च करनेवाले साधु परिहार तप करे और जिन्होंने तप पूरा किया है उनमें से कोई उसकी वैयावच्च करे।
सूत्र – ३८, ३९
Eka samachari vale kaim sadhu satha mem vicharate ho aura usamem se eka dosha ka sevana kare, phira alochana kare to use parihara tapa ke lie sthapita karana aura dusare usaki vaiyavachcha kare, yadi sabhi sadhu ne dosha ka sevana kiya ho to eka ko vadila rupa mem vaiyavachcha ke lie sthapita kare aura anya parihara tapa kare. Vo pura hone para vaiyavachcha karanevale sadhu parihara tapa kare aura jinhomne tapa pura kiya hai unamem se koi usaki vaiyavachcha kare.
Sutra – 38, 39