Sutra Navigation: Pragnapana ( प्रज्ञापना उपांग सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1006810 | ||
Scripture Name( English ): | Pragnapana | Translated Scripture Name : | प्रज्ञापना उपांग सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
पद-२१ अवगाहना संस्थान |
Translated Chapter : |
पद-२१ अवगाहना संस्थान |
Section : | Translated Section : | ||
Sutra Number : | 510 | Category : | Upang-04 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] कति णं भंते! सरीरया पन्नत्ता? गोयमा! पंच सरीरया पन्नत्ता, तं जहा–ओरालिए वेउव्विए आहारए तेयए कम्मए। ओरालियसरीरे णं भंते! कतिविहे पन्नत्ते? गोयमा! पंचविहे पन्नत्ते, तं जहा–एगिंदियओरालियसरीरे जाव पंचेंदियओरालियसरीरे। एगिंदियओरालियसरीरे णं भंते! कतिविहे पन्नत्ते? गोयमा! पंचविहे पन्नत्ते, तं जहा–पुढविक्काइयएगिंदियओरालियसरीरे जाव वणप्फइकाइयएगिंदियओरालियसरीरे। पुढविक्काइयएगिंदियओरालियसरीरे णं भंते! कतिविहे पन्नत्ते? गोयमा! दुविहे पन्नत्ते, तं जहा–सुहुमपुढविक्का-इयएगिंदियओरालियसरीरे य बादरपुढविक्काइयएगिंदियओरालियसरीरे य। सुहुमपुढविकाइयएगिंदियओरालियसरीरे णं भंते! कतिविहे पन्नत्ते? गोयमा! दुविहे पन्नत्ते, तं जहा–पज्जत्तगसुहुमपुढविक्काइयएगिंदियओरालियसरीरे य अपज्जत्तगसुहुमपुढविक्काइयएगिंदियओरा -लियसरीरे य। बादरपुढविक्काइया वि एवं चेव। एवं जाव वणस्सइकाइयएगिंदियओरालियसरीरे त्ति बेइंदियओरालियसरीरे णं भंते! कतिविहे पन्नत्ते? गोयमा! दुविहे पन्नत्ते, तं जहा–पज्जत्तबेइंदियओरालियसरीरे य अपज्जत्तबेइंदियओरालियसरीरे य। एवं तेइंदियचउरिंदिया वि। पंचेंदियओरालियसरीरे णं भंते! कइविहे पन्नत्ते? गोयमा! दुविहे पन्नत्ते, तं जहा–तिरिक्ख-पंचेंदियओरालियसरीरे य मनुस्सपंचेंदियओरालियसरीरे य। तिरिक्खजोणियपंचेंदियओरालियसरीरे णं भंते! कतिविहे पन्नत्ते? गोयमा! तिविहे पन्नत्ते, तं जहा–जलयरतिरिक्खजोणियपंचेंदियओरालियसरीरे य थलयरतिरिक्खजोणियपंचेंदियओरालिय- सरीरे य खहयरतिरिक्खजोणियपंचेंदियओरालियसरीरे य। जलयरतिरिक्खजोणियपंचेंदियओरालियसरीरे णं भंते! कतिविहे पन्नत्ते? गोयमा! दुविहे पन्नत्ते, तं जहा–सम्मुच्छिमजलयरतिरिक्खजोणियपंचेंदियओरालियसरीरे य गब्भवक्कंतियजलयर-तिरिक्खजोणियपंचेंदियओरालियसरीरे य। सम्मुच्छिमजलयरतिरिक्खजोणियपंचेंदियओरालियसरीरे णं भंते! कतिविहे पन्नत्ते? गोयमा! दुविहे पन्नत्ते, तं जहा–पज्जत्तगसम्मुच्छिमतिरिक्खजोणियपंचेंदियओरालियसरीरे य अपज्जत्तग-सम्मुच्छिमतिरिक्खजोणियपंचेंदियओरालियसरीरे य। एवं गब्भवक्कंतिए वि। थलयरतिरिक्खजोणियपंचेंदियओरालियसरीरे णं भंते! कतिविहे पन्नत्ते? गोयमा! दुविहे पन्नत्ते, तं जहा–चउप्पयथलयरतिरिक्खजोणियपंचेंदियओरालियसरीरे य परिसप्पथलयरतिरिक्ख-जोणियपंचेंदियओरालियसरीरे य। चउप्पयथलयरतिरिक्खजोणियपंचेंदियओरालियसरीरे णं भंते! कतिविहे पन्नत्ते? गोयमा! दुविहे पन्नत्ते, तं जहा–सम्मुच्छिमचउप्पयथलयरतिरिक्खजोणियपंचेंदियओरालियसरीरे य गब्भ-वक्कंतियचउप्पयथलयरतिरिक्खजोणियपंचेंदियओरालियसरीरे य। सम्मुच्छिमचउप्पयथलयरतिरिक्खजोणियपंचेंदियओरालियसरीरे णं भंते! कइविहे पन्नत्ते? गोयमा! दुविहे पन्नत्ते, तं जहा–पज्जत्तगसम्मुच्छिमचउप्पयथलयरतिरिक्खजोणियपंचेंदिय-ओरालियसरीरे य अपज्जत्तगसम्मुच्छिमचउप्पयथलयरति-रिक्खजोणियपंचेंदियओरालियसरीरे य। एवं गब्भवक्कंतिए वि। परिसप्पथलयरतिरिक्खजोणियपंचेंदियओरालियसरीरे णं भंते! कतिविहे पन्नत्ते? गोयमा! दुविहे पन्नत्ते, तं जहा–उरपरिसप्पथलयरतिरिक्खजोणियपंचेंदियओरालियसरीरे य भुयपरिसप्प-थलयरतिरिक्खजोणियपंचेंदियओरालियसरीरे य। उरपरिसप्पथलयरतिरिक्खजोणियपंचेंदियओरालियसरीरे णं भंते! कतिविहे पन्नत्ते? गोयमा! दुविहे पन्नत्ते, तं जहा–सम्मुच्छिमउरपरिसप्पथलयरतिरिक्खजोणियपंचेंदियओरालियसरीरे य गब्भवक्कंतियउरपरिसप्पथलयरतिरिक्खजोणियपंचेंदियओरालियसरीरे य। सम्मुच्छिमे दुविहे पन्नत्ते, तं जहा–अपज्जत्तसम्मुच्छिमउरपरिसप्पथलयरतिरिक्खजोणिय-पंचेंदियओरालियसरीरे य पज्जत्तसम्मुच्छिमउरपरिसप्पथलयरतिरिक्खजोणियपंचेंदियओरालिय-सरीरे य। एवं गब्भवक्कंतियउरपरिसप्पचउक्कओ भेदो। एवं भुयपरिसप्पा वि सम्मुच्छिम-गब्भ-वक्कंतिय-पज्जत्त-अपज्जत्ता। खहयरा दुविहा पन्नत्ता, तं जहा– सम्मुच्छिमा य गब्भवक्कंतिया य। सम्मुच्छिमा दुविहा पन्नत्ता, तं जहा–पज्जत्ता य अपज्जत्ता य। गब्भवक्कंतिया वि पज्जत्ता य अपज्जत्ता य। मनूसपंचेंदियओरालियसरीरे णं भंते! कतिविहे पन्नत्ते? गोयमा! दुविहे पन्नत्ते, तं जहा–सम्मुच्छिममनूसपंचेंदियओरालियसरीरे य गब्भवक्कंतियमनूसपंचेंदियओरालियसरीरे य। गब्भ-वक्कंतियमनूसपंचेंदियओरालियसरीरे णं भंते! कतिविहे पन्नत्ते? गोयमा! दुविहे पन्नत्ते, तं जहा–पज्जत्तगगब्भवक्कंतियमनूसपंचेंदियओरालियसरीरे य अपज्जत्तगगब्भवक्कंतियमनूसपंचेंदिय-ओरालियसरीरे य। | ||
Sutra Meaning : | भगवन् ! कितने शरीर हैं ? गौतम ! पाँच – औदारिक, वैक्रिय, आहारक, तैजस और कार्मण। औदारिक – शरीर कितने प्रकार का है ? गौतम ! पाँच प्रकार का, एकेन्द्रिय यावत् पंचेन्द्रिय – औदारिकशरीर। एकेन्द्रिय – औदारिकशरीर कितने प्रकार का है ? गौतम ! पाँच प्रकार का, पृथ्वीकायिक यावत् वनस्पतिकायिक – एकेन्द्रिय – औदारिकशरीर। पृथ्वीकायिक – एकेन्द्रिय – औदारिकशरीर कितने प्रकार का है ? गौतम ! दो प्रकार का, सूक्ष्म और बादर। सूक्ष्मपृथ्वीकायिक – एकेन्द्रिय – औदारिकशरीर कितने प्रकार का है ? गौतम ! दो प्रकार का, पर्याप्तक और अपर्याप्तक० इसी प्रकार बादर – पृथ्वीकायिक समझ लेना। इसी प्रकार वनस्पतिकायिक तक जानना। द्वीन्द्रिय – औदारिकशरीर कितने प्रकार का है ? गौतम ! दो प्रकार का, पर्याप्त और अपर्याप्त०। इसी प्रकार त्रीन्द्रिय और चतुरिन्द्रिय जानना। पंचेन्द्रिय – औदारिकशरीर कितने प्रकार का है ? गौतम ! दो प्रकार का, तिर्यंच – पंचेन्द्रिय और मनुष्य – पंचेन्द्रिय – औदारिकशरीर। तिर्यंचयोनिक – पंचेन्द्रिय – औदारिकशरीर कितने प्रकार का है? गौतम ! तीन प्रकार का, जलचर, स्थलचर और खेचर – तिर्यंचयोनिक – पंचेन्द्रिय औदारिकशरीर। जलचर – तिर्यंच – योनिक – पंचेन्द्रिय – औदारिकशरीर कितने प्रकार का है ? गौतम ! दो प्रकार का, सम्मूर्च्छिम० और गर्भज जलचर – तिर्यंचपंचेन्द्रिय – औदारिकशरीर। सम्मूर्च्छिम – जलचर – तिर्यंचयोनिक – पंचेन्द्रिय – औदारिकशरीर कितने प्रकार का है ? गौतम ! दो प्रकार का, पर्याप्तक और अपर्याप्तक० इसी प्रकार गर्भज को भी समझ लेना। स्थलचर – तिर्यंचयोनिक – पंचेन्द्रिय – औदारिकशरीर कितने प्रकार का है ? गौतम ! दो प्रकार का, चतुष्पद – स्थलचर० और परिसर्प – स्थलचर – तिर्यंचयोनिक – पंचेन्द्रिय – औदारिकशरीर। चतुष्पद – स्थलचर – तिर्यंचयोनिक – पंचेन्द्रिय – औदारिकशरीर कितने प्रकार का है ? गौतम ! दो प्रकार का, सम्मूर्च्छिम और गर्भज – चतुष्पद०। सम्मूर्च्छिम – चतुष्पद – स्थलचर – तिर्यंचयोनिक – पंचेन्द्रिय – औदारिकशरीर कितने प्रकार का है ? गौतम ! दो प्रकार का, पर्याप्तक और अपर्याप्तक०। इसी प्रकार गर्भज को भी समझना। परिसर्प – स्थलचर – तिर्यंचयोनिक – पंचेन्द्रिय – औदारिकशरीर कितने प्रकार का है ? गौतम ! दो प्रकार का, उरःपरिसर्प और भुजपरिसर्प – स्थलचर० उरःपरिसर्प – स्थलचर – तिर्यंचयोनिक – पंचेन्द्रिय – औदारिकशरीर कितने प्रकार का है ? गौतम दो प्रकार का, सम्मूर्च्छिम और गर्भज – उरःपरिसर्प० सम्मूर्च्छिम उरःपरिसर्प० दो प्रकार का है, अपर्याप्तक और पर्याप्तक – सम्मूर्च्छिम – उरःपरिसर्प० इसी प्रकार गर्भज – उरःपरिसर्प और भुजपरिसर्प भी समझ लेना। खेचर – तिर्यंचयोनिक – पंचेन्द्रिय – औदारिकशरीर भी दो प्रकार का यथा – सम्मूर्च्छिम और गर्भज। सम्मूर्च्छिम दो प्रकार के हैं, पर्याप्त और अपर्याप्त। गर्भज को भी ऐसे ही समझना। मनुष्य – पंचेन्द्रिय – औदारिकशरीर कितने प्रकार का है ? गौतम ! दो प्रकार का, सम्मूर्च्छिम और गर्भज – मनुष्य०। गर्भज – मनुष्य – पंचेन्द्रिय – औदारिकशरीर दो प्रकार का है, पर्याप्तक और अपर्याप्तक – गर्भज – मनुष्य०। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] kati nam bhamte! Sariraya pannatta? Goyama! Pamcha sariraya pannatta, tam jaha–oralie veuvvie aharae teyae kammae. Oraliyasarire nam bhamte! Kativihe pannatte? Goyama! Pamchavihe pannatte, tam jaha–egimdiyaoraliyasarire java pamchemdiyaoraliyasarire. Egimdiyaoraliyasarire nam bhamte! Kativihe pannatte? Goyama! Pamchavihe pannatte, tam jaha–pudhavikkaiyaegimdiyaoraliyasarire java vanapphaikaiyaegimdiyaoraliyasarire. Pudhavikkaiyaegimdiyaoraliyasarire nam bhamte! Kativihe pannatte? Goyama! Duvihe pannatte, tam jaha–suhumapudhavikka-iyaegimdiyaoraliyasarire ya badarapudhavikkaiyaegimdiyaoraliyasarire ya. Suhumapudhavikaiyaegimdiyaoraliyasarire nam bhamte! Kativihe pannatte? Goyama! Duvihe pannatte, tam jaha–pajjattagasuhumapudhavikkaiyaegimdiyaoraliyasarire ya apajjattagasuhumapudhavikkaiyaegimdiyaora -liyasarire ya. Badarapudhavikkaiya vi evam cheva. Evam java vanassaikaiyaegimdiyaoraliyasarire tti Beimdiyaoraliyasarire nam bhamte! Kativihe pannatte? Goyama! Duvihe pannatte, tam jaha–pajjattabeimdiyaoraliyasarire ya apajjattabeimdiyaoraliyasarire ya. Evam teimdiyachaurimdiya vi. Pamchemdiyaoraliyasarire nam bhamte! Kaivihe pannatte? Goyama! Duvihe pannatte, tam jaha–tirikkha-pamchemdiyaoraliyasarire ya manussapamchemdiyaoraliyasarire ya. Tirikkhajoniyapamchemdiyaoraliyasarire nam bhamte! Kativihe pannatte? Goyama! Tivihe pannatte, tam jaha–jalayaratirikkhajoniyapamchemdiyaoraliyasarire ya thalayaratirikkhajoniyapamchemdiyaoraliya- sarire ya khahayaratirikkhajoniyapamchemdiyaoraliyasarire ya. Jalayaratirikkhajoniyapamchemdiyaoraliyasarire nam bhamte! Kativihe pannatte? Goyama! Duvihe pannatte, tam jaha–sammuchchhimajalayaratirikkhajoniyapamchemdiyaoraliyasarire ya gabbhavakkamtiyajalayara-tirikkhajoniyapamchemdiyaoraliyasarire ya. Sammuchchhimajalayaratirikkhajoniyapamchemdiyaoraliyasarire nam bhamte! Kativihe pannatte? Goyama! Duvihe pannatte, tam jaha–pajjattagasammuchchhimatirikkhajoniyapamchemdiyaoraliyasarire ya apajjattaga-sammuchchhimatirikkhajoniyapamchemdiyaoraliyasarire ya. Evam gabbhavakkamtie vi. Thalayaratirikkhajoniyapamchemdiyaoraliyasarire nam bhamte! Kativihe pannatte? Goyama! Duvihe pannatte, tam jaha–chauppayathalayaratirikkhajoniyapamchemdiyaoraliyasarire ya parisappathalayaratirikkha-joniyapamchemdiyaoraliyasarire ya. Chauppayathalayaratirikkhajoniyapamchemdiyaoraliyasarire nam bhamte! Kativihe pannatte? Goyama! Duvihe pannatte, tam jaha–sammuchchhimachauppayathalayaratirikkhajoniyapamchemdiyaoraliyasarire ya gabbha-vakkamtiyachauppayathalayaratirikkhajoniyapamchemdiyaoraliyasarire ya. Sammuchchhimachauppayathalayaratirikkhajoniyapamchemdiyaoraliyasarire nam bhamte! Kaivihe pannatte? Goyama! Duvihe pannatte, tam jaha–pajjattagasammuchchhimachauppayathalayaratirikkhajoniyapamchemdiya-oraliyasarire ya apajjattagasammuchchhimachauppayathalayarati-rikkhajoniyapamchemdiyaoraliyasarire ya. Evam gabbhavakkamtie vi. Parisappathalayaratirikkhajoniyapamchemdiyaoraliyasarire nam bhamte! Kativihe pannatte? Goyama! Duvihe pannatte, tam jaha–uraparisappathalayaratirikkhajoniyapamchemdiyaoraliyasarire ya bhuyaparisappa-thalayaratirikkhajoniyapamchemdiyaoraliyasarire ya. Uraparisappathalayaratirikkhajoniyapamchemdiyaoraliyasarire nam bhamte! Kativihe pannatte? Goyama! Duvihe pannatte, tam jaha–sammuchchhimauraparisappathalayaratirikkhajoniyapamchemdiyaoraliyasarire ya gabbhavakkamtiyauraparisappathalayaratirikkhajoniyapamchemdiyaoraliyasarire ya. Sammuchchhime duvihe pannatte, tam jaha–apajjattasammuchchhimauraparisappathalayaratirikkhajoniya-pamchemdiyaoraliyasarire ya pajjattasammuchchhimauraparisappathalayaratirikkhajoniyapamchemdiyaoraliya-sarire ya. Evam gabbhavakkamtiyauraparisappachaukkao bhedo. Evam bhuyaparisappa vi sammuchchhima-gabbha-vakkamtiya-pajjatta-apajjatta. Khahayara duviha pannatta, tam jaha– sammuchchhima ya gabbhavakkamtiya ya. Sammuchchhima duviha pannatta, tam jaha–pajjatta ya apajjatta ya. Gabbhavakkamtiya vi pajjatta ya apajjatta ya. Manusapamchemdiyaoraliyasarire nam bhamte! Kativihe pannatte? Goyama! Duvihe pannatte, tam jaha–sammuchchhimamanusapamchemdiyaoraliyasarire ya gabbhavakkamtiyamanusapamchemdiyaoraliyasarire ya. Gabbha-vakkamtiyamanusapamchemdiyaoraliyasarire nam bhamte! Kativihe pannatte? Goyama! Duvihe pannatte, tam jaha–pajjattagagabbhavakkamtiyamanusapamchemdiyaoraliyasarire ya apajjattagagabbhavakkamtiyamanusapamchemdiya-oraliyasarire ya. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Bhagavan ! Kitane sharira haim\? Gautama ! Pamcha – audarika, vaikriya, aharaka, taijasa aura karmana. Audarika – sharira kitane prakara ka hai\? Gautama ! Pamcha prakara ka, ekendriya yavat pamchendriya – audarikasharira. Ekendriya – audarikasharira kitane prakara ka hai\? Gautama ! Pamcha prakara ka, prithvikayika yavat vanaspatikayika – ekendriya – audarikasharira. Prithvikayika – ekendriya – audarikasharira kitane prakara ka hai\? Gautama ! Do prakara ka, sukshma aura badara. Sukshmaprithvikayika – ekendriya – audarikasharira kitane prakara ka hai\? Gautama ! Do prakara ka, paryaptaka aura aparyaptaka0 isi prakara badara – prithvikayika samajha lena. Isi prakara vanaspatikayika taka janana. Dvindriya – audarikasharira kitane prakara ka hai\? Gautama ! Do prakara ka, paryapta aura aparyapta0. Isi prakara trindriya aura chaturindriya janana. Pamchendriya – audarikasharira kitane prakara ka hai\? Gautama ! Do prakara ka, tiryamcha – pamchendriya aura manushya – pamchendriya – audarikasharira. Tiryamchayonika – pamchendriya – audarikasharira kitane prakara ka hai? Gautama ! Tina prakara ka, jalachara, sthalachara aura khechara – tiryamchayonika – pamchendriya audarikasharira. Jalachara – tiryamcha – yonika – pamchendriya – audarikasharira kitane prakara ka hai\? Gautama ! Do prakara ka, sammurchchhima0 aura garbhaja jalachara – tiryamchapamchendriya – audarikasharira. Sammurchchhima – jalachara – tiryamchayonika – pamchendriya – audarikasharira kitane prakara ka hai\? Gautama ! Do prakara ka, paryaptaka aura aparyaptaka0 isi prakara garbhaja ko bhi samajha lena. Sthalachara – tiryamchayonika – pamchendriya – audarikasharira kitane prakara ka hai\? Gautama ! Do prakara ka, chatushpada – sthalachara0 aura parisarpa – sthalachara – tiryamchayonika – pamchendriya – audarikasharira. Chatushpada – sthalachara – tiryamchayonika – pamchendriya – audarikasharira kitane prakara ka hai\? Gautama ! Do prakara ka, sammurchchhima aura garbhaja – chatushpada0. Sammurchchhima – chatushpada – sthalachara – tiryamchayonika – pamchendriya – audarikasharira kitane prakara ka hai\? Gautama ! Do prakara ka, paryaptaka aura aparyaptaka0. Isi prakara garbhaja ko bhi samajhana. Parisarpa – sthalachara – tiryamchayonika – pamchendriya – audarikasharira kitane prakara ka hai\? Gautama ! Do prakara ka, urahparisarpa aura bhujaparisarpa – sthalachara0 urahparisarpa – sthalachara – tiryamchayonika – pamchendriya – audarikasharira kitane prakara ka hai\? Gautama do prakara ka, sammurchchhima aura garbhaja – urahparisarpa0 sammurchchhima urahparisarpa0 do prakara ka hai, aparyaptaka aura paryaptaka – sammurchchhima – urahparisarpa0 isi prakara garbhaja – urahparisarpa aura bhujaparisarpa bhi samajha lena. Khechara – tiryamchayonika – pamchendriya – audarikasharira bhi do prakara ka yatha – sammurchchhima aura garbhaja. Sammurchchhima do prakara ke haim, paryapta aura aparyapta. Garbhaja ko bhi aise hi samajhana. Manushya – pamchendriya – audarikasharira kitane prakara ka hai\? Gautama ! Do prakara ka, sammurchchhima aura garbhaja – manushya0. Garbhaja – manushya – pamchendriya – audarikasharira do prakara ka hai, paryaptaka aura aparyaptaka – garbhaja – manushya0. |