Sutra Navigation: Pragnapana ( प्रज्ञापना उपांग सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1006764 | ||
Scripture Name( English ): | Pragnapana | Translated Scripture Name : | प्रज्ञापना उपांग सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
पद-१७ लेश्या |
Translated Chapter : |
पद-१७ लेश्या |
Section : | उद्देशक-४ | Translated Section : | उद्देशक-४ |
Sutra Number : | 464 | Category : | Upang-04 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] कण्हलेस्सा णं भंते! वण्णेणं केरिसिया पन्नत्ता? गोयमा! से जहानामए–जीमूए इ वा अंजने इ वा खंजणे इ वा कज्जले इ वा गवले इ वा गवलवलए इ वा जंबूफले इ वा अद्दारिट्ठए इ वा परपुट्ठे इ वा भमरे इ वा भमरावली इ वा गयकलभे इ वा किण्हकेसरे इ वा आगासथिग्गले इ वा किण्हासोए इ वा किण्हकणवीरए इ वा किण्हबंधुजीवए इ वा, भवेतारूवा? गोयमा! नो इणट्ठे समट्ठे, किण्हलेस्सा णं एत्तो अनिट्ठतरिया चेव अकंततरिया चेव अप्पियतरिया चेव अमणुन्नतरिया चेव अमनामतरिया चेव वण्णेणं पन्नत्ता। नीललेस्सा णं भंते! केरिसिया वण्णेणं पन्नत्ता? गोयमा! से जहानामए– भिंगे इ वा भिंगपत्ते इ वा चासे इ वा चासपिच्छे इ वा सुए इ वा सुयपिच्छे इ वा सामा इ वा वनराई इ वा उच्चंतए इ वा पारेवयगीवा इ वा मोरगीवा इ वा हलधरवसणे इ वा अयसिकुसुमे इ वा वाणकुसुमे इ वा अंजनकेसियाकुसुमे इ वा नीलुप्पले इ वा नीलासोए इ वा नीलकणवीरए इ वा नीलबंधुजीवए इ वा, भवेतारूवा? गोयमा! नो इणट्ठे समट्ठे, नीललेसा णं एत्तो अनिट्ठतरिया चेव अकंततरिया चेव अप्पियतरिया चेव अमणुन्नतरिया चेव अमणामतरिया चेव वण्णेणं पन्नत्ता। काउलेस्सा णं भंते! केरिसिया वण्णेणं पन्नत्ता? गोयमा! से जहानामए–खइरसारे इ वा कइरसारे इ वा धमाससारे इ वा तंबे इ वा तंबकरोडए इ वा तंबछिवाडिया इ वा वाइंगणिकुसुमए इ वा कोइलच्छदकुसुमए इ वा जवासाकुसुमे इ वा कलकुसुमे इ वा, भवेतारूवा? गोयमा! नो इणट्ठे समट्ठे, काउलेस्सा णं एत्तो अनिट्ठतरिया चेव अकंकतरिया चेव अप्पियतरिया चेव अमणुन्नतरिया चेव अमणामतरिया चेव वण्णेणं पन्नत्ता। तेउलेस्सा णं भंते! केरिसिया वण्णेणं पन्नत्ता? गोयमा! से जहानामए– ससरुहिरे इ वा उरब्भरुहिरे इ वा वराहरुहिरे इ वा संबररुहिरे इ वा मनुस्सरुहिरे इ वा वालिंदगोवे इ वा बालदिवागरे इ वा संझब्भरागे इ वा गुंजद्धरागे इ वा आइहिंगुलए इ वा पवालंकुरे इ वा लक्खारसे इ वा लोहियक्खमणी इ वा किमिरागकंबले इ वा गयतालुए इ वा चीणपिट्ठरासी इ वा पालियायकुसुमे इ वा जासुमणकुसुमे इ वा किंसुयपुप्फरासी इ वा रत्तुप्पले इ वा रत्तासोगे इ वा रत्तकणवीरए इ वा रत्तबंधुजीवए इ वा, भवेयारूवा? गोयमा! नो इणट्ठे समट्ठे, तेउलेस्सा णं एत्तो इट्ठतरिया चेव कंततरिया चेव पियतरिया चेव मणुन्नतरिया चेव मणामतरिया चेव वण्णेणं पन्नत्ता। पम्हलेस्सा णं भंते! केरिसिया वण्णेणं पन्नत्ता? गोयमा! से जहानामए–चंपे इ वा चंपछल्ली इ वा चंपभेदे इ वा हलिद्दा इ वा हालिद्दगुलिया इ वा हालिद्दाभेदे इ वा हरियाले इ वा हरियालगुलिया इ वा हरियालभेदे इ वा चिउरे इ वा चिउररागे इ वा सुवण्णसिप्पी इ वा वरकनगणिहसे इ वा वरपुरिसवसणे इ वा अल्लइकुसुमे इ वा चंपयकुसुमे इ वा कणियारकुसुमे इ वा कुहंडियाकुसुमे इ वा सुवण्णजूहिया इ वा सुहिरण्णियाकुसुमे इ वा कोरेंटमल्लदामे इ वा पीयासोगे इ वा पीयकणवीरए इ वा पीयबंधुजीवए इ वा, भवेतारूवा? गोयमा! नो इणट्ठे समट्ठे, पम्हलेस्सा णं एत्तो इट्ठतरिया चेव कंततरिया चेव पियतरिया चेव मणुन्नतरिया चेव मणामतरिया चेव वण्णेणं पन्नत्ता। सुक्कलेस्सा णं भंते! केरिसिया वण्णेणं पन्नत्ता? गोयमा! से जहानामए–अंके इ वा संखे इ वा चंदे इ वा कुंदे इ वा दगे इ वा दगरए इ वा दही इ वा दहिघणे इ वा खीरे इ वा खीरपूरे इ वा सुक्कछिवाडिया इ वा पेहुणमिंजिया इ वा धंतधोय रुप्पपट्टे इ वा सारइयबलाहए इ वा कुमुददले इ वा पोंडरियदले इ वा सालिपिट्ठरासी इ वा कुडगपुप्फरासी इ वा सिंदुवारवरमल्लदामे इ वा सेयासोए इ वा सेयकणवीरे इ वा सेयबंधुजीवए इ वा, भवेतारूवा? गोयमा! नो इणट्ठे समट्ठे, सुक्कलेस्सा णं एत्तो इट्ठतरिया चेव कंततरिया चेव पियतरिया चेव मणुन्नतरिया चेव मणामतरिया चेव वण्णेणं पन्नत्ता। एयाओ णं भंते! छल्लेस्साओ कतिसु वण्णेसु साहिज्जंति? गोयमा! पंचसु वण्णेसु साहि-ज्जंति, तं जहा–कण्हलेस्सा कालएणं वण्णेणं साहिज्जति, नीललेस्सा नीलएणं वण्णेणं साहिज्जति, काउलेस्सा काललोहिएणं वण्णेणं साहिज्जति, तेउलेस्सा लोहिएणं वण्णेणं साहिज्जइ, पम्हलेस्सा हालिद्दएणं वण्णेणं साहिज्जइ, सुक्कलेस्सा सुक्किलएणं वण्णेणं साहिज्जइ। | ||
Sutra Meaning : | भगवन् ! कृष्णलेश्या वर्ण से कैसी है ? गौतम ! जैसे कोई जीमूत, अंजन, खंजन, कज्जल, गवल, गवल – वृन्द, जामुनफल, गीलाअरीठा, परपुष्ट, भ्रमर, भ्रमरों की पंक्ति, हाथी का बच्चा, काले केश, आकाशथिग्गल, काला अशोक, काला कनेर अथवा काला बन्धुजीवक हो। कृष्णलेश्या इससे भी अनिष्टतर है, अधिक अकान्त, अप्रिय, अमनोज्ञ और अधिक अमनाम वर्णवाली है। भगवन् ! नीललेश्या वर्ण से कैसी है ? गौतम ! जैसे कोई भृंग, भृंगपत्र, पपीहा, चासपक्षी की पांख, शुक, तोते की पांख, श्यामा, वनराजि, दन्तराग, कबूतर की ग्रवा, मोर की ग्रीवा, हलधर का वस्त्र, अलसीफूल, बाणवृक्ष का फूल, अंजनकेसि कुसुम, नीलकमल, नील अशोक, नीला कनेर अथवा नीला बन्धुजीवक वृक्ष हों, नीललेश्या इससे भी अनिष्टतर, अधिक अकान्त, अप्रय, अमनोज्ञ और अधिक अमनाम वर्ण हैं। भगवन् ! कापोतलेश्या वर्ण से कैसी है ? गौतम ! जैसे कोई खदिर के वृक्ष का सार भाग, खेरसार, धमासवृक्ष का सार, ताम्बा, ताम्बे का कटोरा, ताम्बे की फली, बैंगन का फूल, कोकिलच्छद वृक्ष का फूल, जवासा का फूल अथवा कलकुसुम हो, कापोतलेश्या वर्ण से इससे भी अनिष्टतर यावत् अमनाम हैं। भगवन् ! तेजोलेश्या वर्ण से कैसी है ? गौतम ! जैसे कोई खरगोश या मेष या सूअर या सांभर या मनुष्य का रक्त हो, बाल – इन्द्रगोप, बाल – सूर्य, सन्ध्याकालीन लालिमा, गुंजा के आधे भाग की लालिमा, उत्तम हींगुल, प्रवाल का अंकुर, लाक्षारस, लोहिताक्षमणि, किरमिची रंग का कम्बल, हाथी का तालु, चीन नामक रक्तद्रव्य के आटे की राशि, पारिजात का फूल, जपापुष्प, किंशुक फूलों की राशि, लाल कमल, लाल अशोक, लाल कनेर अथवा लालबन्धुजीवक हो, तेजोलेश्या इन से भी इष्टतर, यावत् अधिक मनाम वर्णवाली होती है। भगवन् ! पद्मलेश्या वर्ण से कैसी है ? जैसे कोई चम्पा, चम्पक छाल, चम्पक का टुकड़ा, हल्दी, हल्दीगुटिका, हरताल, हरतालगुटिका, हरताल का टुकड़ा, चिकुर, चिकुर का रंग, स्वर्णशुक्ति, उत्तम स्वर्ण – निकष, वासुदेव का पीताम्बर, अल्लकीफूल, चम्पाफूल, कनेरफूल, कूष्माण्ड लता का पुष्प, स्वर्णयूथिका फूल हो, सुहिरण्यिका – कुसुम, कोरंट फूलों की माला, पीत अशोक, पीला कनेर अथवा पीला बन्धुजीवक हो, पद्मलेश्या वर्ण में इनसे भी इष्टतर, यावत् अधिक मनाम होती है। भगवन् ! शुक्ललेश्या वर्ण से कैसी है ? गौतम ! जैसे कोई अंकरत्न, शंख, चन्द्रमा, कुन्द, उदक, जलकण, दहीं, दूध, दूध का उफान, सूखी फली, मयूरपिच्छ की मिंजी, तपा कर धोया हुआ चाँदी का पट्ट, शरद् ऋतु का बादल, कुमुद का पत्र, पुण्डरीक कमल का पत्र, चावलों के आटे का पिण्ड, कटुजपुष्पों की राशि, सिन्धुवारफूलों की माला, श्वेत अशोक, श्वेत कनेर अथवा श्वेत बन्धुजीवक हो, शुक्ललेश्या इनसे भी वर्ण में इष्टतर यावत् अधिक मनाम होती है। भगवन् ! ये छहों लेश्याएं कितने वर्णों द्वारा कही जाती है ? गौतम ! (ये) पाँच वर्णों वाली हैं। कृष्णलेश्या काले वर्ण से, नीललेश्या नीले वर्ण से, कापोतलेश्या काले और लाल वर्ण से, तेजोलेश्या लाल वर्ण से, पद्मलेश्या पीले वर्ण से और शुक्ललेश्या श्वेत वर्ण द्वारा कही जाती है। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] kanhalessa nam bhamte! Vannenam kerisiya pannatta? Goyama! Se jahanamae–jimue i va amjane i va khamjane i va kajjale i va gavale i va gavalavalae i va jambuphale i va addaritthae i va paraputthe i va bhamare i va bhamaravali i va gayakalabhe i va kinhakesare i va agasathiggale i va kinhasoe i va kinhakanavirae i va kinhabamdhujivae i va, bhavetaruva? Goyama! No inatthe samatthe, kinhalessa nam etto anitthatariya cheva akamtatariya cheva appiyatariya cheva amanunnatariya cheva amanamatariya cheva vannenam pannatta. Nilalessa nam bhamte! Kerisiya vannenam pannatta? Goyama! Se jahanamae– bhimge i va bhimgapatte i va chase i va chasapichchhe i va sue i va suyapichchhe i va sama i va vanarai i va uchchamtae i va parevayagiva i va moragiva i va haladharavasane i va ayasikusume i va vanakusume i va amjanakesiyakusume i va niluppale i va nilasoe i va nilakanavirae i va nilabamdhujivae i va, bhavetaruva? Goyama! No inatthe samatthe, nilalesa nam etto anitthatariya cheva akamtatariya cheva appiyatariya cheva amanunnatariya cheva amanamatariya cheva vannenam pannatta. Kaulessa nam bhamte! Kerisiya vannenam pannatta? Goyama! Se jahanamae–khairasare i va kairasare i va dhamasasare i va tambe i va tambakarodae i va tambachhivadiya i va vaimganikusumae i va koilachchhadakusumae i va javasakusume i va kalakusume i va, bhavetaruva? Goyama! No inatthe samatthe, kaulessa nam etto anitthatariya cheva akamkatariya cheva appiyatariya cheva amanunnatariya cheva amanamatariya cheva vannenam pannatta. Teulessa nam bhamte! Kerisiya vannenam pannatta? Goyama! Se jahanamae– sasaruhire i va urabbharuhire i va varaharuhire i va sambararuhire i va manussaruhire i va valimdagove i va baladivagare i va samjhabbharage i va gumjaddharage i va aihimgulae i va pavalamkure i va lakkharase i va lohiyakkhamani i va kimiragakambale i va gayatalue i va chinapittharasi i va paliyayakusume i va jasumanakusume i va kimsuyapuppharasi i va rattuppale i va rattasoge i va rattakanavirae i va rattabamdhujivae i va, bhaveyaruva? Goyama! No inatthe samatthe, teulessa nam etto itthatariya cheva kamtatariya cheva piyatariya cheva manunnatariya cheva manamatariya cheva vannenam pannatta. Pamhalessa nam bhamte! Kerisiya vannenam pannatta? Goyama! Se jahanamae–champe i va champachhalli i va champabhede i va halidda i va haliddaguliya i va haliddabhede i va hariyale i va hariyalaguliya i va hariyalabhede i va chiure i va chiurarage i va suvannasippi i va varakanaganihase i va varapurisavasane i va allaikusume i va champayakusume i va kaniyarakusume i va kuhamdiyakusume i va suvannajuhiya i va suhiranniyakusume i va koremtamalladame i va piyasoge i va piyakanavirae i va piyabamdhujivae i va, bhavetaruva? Goyama! No inatthe samatthe, pamhalessa nam etto itthatariya cheva kamtatariya cheva piyatariya cheva manunnatariya cheva manamatariya cheva vannenam pannatta. Sukkalessa nam bhamte! Kerisiya vannenam pannatta? Goyama! Se jahanamae–amke i va samkhe i va chamde i va kumde i va dage i va dagarae i va dahi i va dahighane i va khire i va khirapure i va sukkachhivadiya i va pehunamimjiya i va dhamtadhoya ruppapatte i va saraiyabalahae i va kumudadale i va pomdariyadale i va salipittharasi i va kudagapuppharasi i va simduvaravaramalladame i va seyasoe i va seyakanavire i va seyabamdhujivae i va, bhavetaruva? Goyama! No inatthe samatthe, sukkalessa nam etto itthatariya cheva kamtatariya cheva piyatariya cheva manunnatariya cheva manamatariya cheva vannenam pannatta. Eyao nam bhamte! Chhallessao katisu vannesu sahijjamti? Goyama! Pamchasu vannesu sahi-jjamti, tam jaha–kanhalessa kalaenam vannenam sahijjati, nilalessa nilaenam vannenam sahijjati, kaulessa kalalohienam vannenam sahijjati, teulessa lohienam vannenam sahijjai, pamhalessa haliddaenam vannenam sahijjai, sukkalessa sukkilaenam vannenam sahijjai. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Bhagavan ! Krishnaleshya varna se kaisi hai\? Gautama ! Jaise koi jimuta, amjana, khamjana, kajjala, gavala, gavala – vrinda, jamunaphala, gilaaritha, parapushta, bhramara, bhramarom ki pamkti, hathi ka bachcha, kale kesha, akashathiggala, kala ashoka, kala kanera athava kala bandhujivaka ho. Krishnaleshya isase bhi anishtatara hai, adhika akanta, apriya, amanojnya aura adhika amanama varnavali hai. Bhagavan ! Nilaleshya varna se kaisi hai\? Gautama ! Jaise koi bhrimga, bhrimgapatra, papiha, chasapakshi ki pamkha, shuka, tote ki pamkha, shyama, vanaraji, dantaraga, kabutara ki grava, mora ki griva, haladhara ka vastra, alasiphula, banavriksha ka phula, amjanakesi kusuma, nilakamala, nila ashoka, nila kanera athava nila bandhujivaka vriksha hom, nilaleshya isase bhi anishtatara, adhika akanta, apraya, amanojnya aura adhika amanama varna haim. Bhagavan ! Kapotaleshya varna se kaisi hai\? Gautama ! Jaise koi khadira ke vriksha ka sara bhaga, kherasara, dhamasavriksha ka sara, tamba, tambe ka katora, tambe ki phali, baimgana ka phula, kokilachchhada vriksha ka phula, javasa ka phula athava kalakusuma ho, kapotaleshya varna se isase bhi anishtatara yavat amanama haim. Bhagavan ! Tejoleshya varna se kaisi hai\? Gautama ! Jaise koi kharagosha ya mesha ya suara ya sambhara ya manushya ka rakta ho, bala – indragopa, bala – surya, sandhyakalina lalima, gumja ke adhe bhaga ki lalima, uttama himgula, pravala ka amkura, laksharasa, lohitakshamani, kiramichi ramga ka kambala, hathi ka talu, china namaka raktadravya ke ate ki rashi, parijata ka phula, japapushpa, kimshuka phulom ki rashi, lala kamala, lala ashoka, lala kanera athava lalabandhujivaka ho, tejoleshya ina se bhi ishtatara, yavat adhika manama varnavali hoti hai. Bhagavan ! Padmaleshya varna se kaisi hai\? Jaise koi champa, champaka chhala, champaka ka tukara, haldi, haldigutika, haratala, haratalagutika, haratala ka tukara, chikura, chikura ka ramga, svarnashukti, uttama svarna – nikasha, vasudeva ka pitambara, allakiphula, champaphula, kaneraphula, kushmanda lata ka pushpa, svarnayuthika phula ho, suhiranyika – kusuma, koramta phulom ki mala, pita ashoka, pila kanera athava pila bandhujivaka ho, padmaleshya varna mem inase bhi ishtatara, yavat adhika manama hoti hai. Bhagavan ! Shuklaleshya varna se kaisi hai\? Gautama ! Jaise koi amkaratna, shamkha, chandrama, kunda, udaka, jalakana, dahim, dudha, dudha ka uphana, sukhi phali, mayurapichchha ki mimji, tapa kara dhoya hua chamdi ka patta, sharad ritu ka badala, kumuda ka patra, pundarika kamala ka patra, chavalom ke ate ka pinda, katujapushpom ki rashi, sindhuvaraphulom ki mala, shveta ashoka, shveta kanera athava shveta bandhujivaka ho, shuklaleshya inase bhi varna mem ishtatara yavat adhika manama hoti hai. Bhagavan ! Ye chhahom leshyaem kitane varnom dvara kahi jati hai\? Gautama ! (ye) pamcha varnom vali haim. Krishnaleshya kale varna se, nilaleshya nile varna se, kapotaleshya kale aura lala varna se, tejoleshya lala varna se, padmaleshya pile varna se aura shuklaleshya shveta varna dvara kahi jati hai. |