Sutra Navigation: Pragnapana ( प्रज्ञापना उपांग सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1006620 | ||
Scripture Name( English ): | Pragnapana | Translated Scripture Name : | प्रज्ञापना उपांग सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
पद-५ विशेष |
Translated Chapter : |
पद-५ विशेष |
Section : | Translated Section : | ||
Sutra Number : | 320 | Category : | Upang-04 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] जहन्नोगाहणगाणं भंते! मनुस्साणं केवतिया पज्जवा पन्नत्ता? गोयमा! अनंता पज्जवा पन्नत्ता। से केणट्ठेणं भंते! एवं वुच्चइ–जहन्नोगाहणगाणं मनुस्साणं अनंता पज्जवा पन्नत्ता? गोयमा! जहन्नोगाहणए मनुस्से जहन्नोगाहणगस्स मणुसस्स दव्वट्ठयाए तुल्ले। पदेसट्ठयाए तुल्ले। ओगाहणट्ठयाए तुल्ले। ठितीए तिट्ठाणवडिते। वण्ण-गंध-रस-फासपज्जवेहिं तिहिं नाणेहिं दोहिं अन्नाणेहिं तिहिं दंसणेहिं छट्ठाणवडिते। उक्कोसोगाहणए वि एवं चेव, नवरं–ठितीए सिय हीने सिय तुल्ले सिय अब्भहिए–जदि हीने असंखेज्जभागहीने। अह अब्भहिए असंखेज्जभागमब्भहिए। दो नाणा दो अन्नाणा दो दंसणा। अजहन्नमनुक्कोसगाहणए वि एवं चेव, नवरं– ओगाहणट्ठयाए चउट्ठाणवडिते। ठितीए चउट्ठाण-वडिते। आइल्लेहिं चउहिं नाणेहिं छट्ठाणवडिते। केवलनाणपज्जवेहिं तुल्ले। तिहिं अन्नाणेहिं तिहिं दंसणेहिं छट्ठाणवडिते। केवलदंसणपज्जवेहिं तुल्ले। जहन्नट्ठितीयाणं भंते! मनुस्साणं केवतिया पज्जवा पन्नत्ता? गोयमा! अनंता पज्जवा पन्नत्ता। से केणट्ठेणं भंते! एवं वुच्चति? गोयमा! जहन्नट्ठितीए मनुस्से जहन्नट्ठितीयस्स मनुस्सस्स दव्वट्ठयाए तुल्ले। पदेसट्ठयाए तुल्ले। ओगाहणट्ठयाए चउट्ठाणवडिते। ठितीए तुल्ले। वण्ण-गंध-रस-फासपज्जवेहिं दोहिं अन्नाणेहिं दोहिं दंसणेहिं छट्ठाणवडिते। एवं उक्कोसट्ठितीए वि, नवरं–दो नाणा, दो अन्नाणा, दो दंसणा। अजहन्नमनुक्कोसट्ठितीए वि एवं चेव, नवरं– ठितीए चउट्ठाणवडिते। ओगाहणट्ठयाए चउट्ठाणवडिते। आदिल्लेहिं चउनाणेहिं छट्ठाणवडिते। केवलनाणपज्जवेहिं तुल्ले। तिहिं अन्नाणेहिं तिहिं दंसणेहिं छट्ठाणवडिते। केवल-दंसणपज्जवेहिं तुल्ले। जहन्नगुणकालयाणं भंते! मनुस्साणं केवतिया पज्जवा पन्नत्ता? गोयमा! अनंता पज्जवा पन्नत्ता। से केणट्ठेणं भंते! एवं वुच्चति? गोयमा! जहन्नगुणकालए मनुस्से जहन्नगुणकालगस्स मनुस्सस्स दव्वट्ठयाए तुल्ले। पदेसट्ठयाए तुल्ले। ओगाहणट्ठयाए चउट्ठाणवडिते। ठितीए चउट्ठाण-वडिते। कालवण्णपज्जवेहिं तुल्ले। अवसेसेहिं वण्ण-गंध-रस-फासपज्जवेहिं छट्ठाणवडिते। चउहिं नाणेहिं छट्ठाणवडिते। केवलनाणपज्जवेहिं तुल्ले। तिहिं अन्नाणेहिं तिहिं दंसणेहिं छट्ठाणवडिते। केवलदंसणपज्जवेहिं तुल्ले। एवं उक्कोसगुणकालए वि। अजहन्नमनुक्कोसगुणकालए वि एवं चेव, नवरं–सट्ठाणे छट्ठाणवडिते। एवं पंच वण्णा दो गंधा पंच रसा अट्ठ फासा भाणितव्वा। जहन्नाभिनिबोहियनाणीणं भंते! मनुस्साणं केवतिया पज्जवा पन्नत्ता? गोयमा! अनंता पज्जवा पन्नत्ता। से केणट्ठेणं भंते! एवं वुच्चति? गोयमा! जहन्नाभिनिबोहियनाणी मनुस्से जहन्नाभिनिबोहिय-नाणिस्स मनुस्सस्स दव्वट्ठयाए तुल्ले। पदेसट्ठयाए तुल्ले। ओगाहणट्ठयाए चउट्ठाणवडिते। ठितीए चउट्ठाणवडिते। वण्ण-गंध-रस-फासपज्जवेहिं छट्ठाणवडिते। आभिनिबोहियनाणपज्जवेहिं तुल्ले। सुतनाणपज्जवेहिं तुल्ले। दोहिं दंसणेहिं छट्ठाणवडिते। एवं उक्कोसाभिनिबोहियनाणी वि, नवरं–आभिनिबोहियनाणपज्जवेहिं तुल्ले। ठितीए तिट्ठाणवडिते। तिहिं नाणेहिं तिहिं दंसणेहिं छट्ठाणवडिते। अजहन्नमणुक्कोसाभिनिबोहियनाणी जहा उक्कोसाभिनिबोहियनाणी, नवरं–ठितीए चउट्ठाणवडिते। सट्ठाणे छट्ठाणवडिते। एवं सुतनाणी वि। जहन्नोहिनाणीणं भंते! मनुस्साणं केवतिया पज्जवा पन्नत्ता? गोयमा! अनंता पज्जवा पन्नत्ता। से केणट्ठेणं भंते! एवं वुच्चति? गोयमा! जहन्नोहिनाणी मनुस्से जहन्नोहिणाणिस्स मनुस्सस्स दव्वट्ठयाए तुल्ले। पएसट्ठयाए तुल्ले। ओगाहणट्ठयाए तिट्ठाणवडिते। ठिईए तिट्ठाणवडिते। वण्ण-गंध-रसफासपज्जवेहिं दोहिं नाणेहिं छट्ठाणवडिए। ओहिनाणपज्जवेहिं तुल्ले। मनपज्जवनाणपज्जवेहिं छट्ठाणवडिए। तिहिं दंसणेहिं छट्ठाणवडिए। एवं उक्कोसोहिनाणी वि। अजहन्नमणुक्कोसोहिनाणी वि एवं चेव, नवरं–ओगाहणट्ठयाए चउट्ठाणवडिते सट्ठाणे छट्ठाणवडिए। जहा ओहिनाणी तहा मनपज्जवनाणी वि भाणितव्वे, नवरं–ओगाहणट्ठयाए तिट्ठाणवडिए। जहा आभिनिबोहियनाणी तहा मतिअन्नाणी सुतअन्नाणी य भाणितव्वे। जहा ओहिनाणी तहा विभंगनाणी वि भाणियव्वे। चक्खुदंसणी अचक्खुदंसणी य जहा आभिनिबोहियनाणी। ओहिदंसणी जहा ओहिनाणी। जत्थ नाणा तत्थ अन्नाणा नत्थि, जत्थ अन्नाणा तत्थ नाणा नत्थि, जत्थ दंसणा तत्थ नाणा वि अन्नाणा वि। केवलनाणीणं भंते! मनुस्साणं केवतिया पज्जवा पन्नत्ता? गोयमा! अनंता पज्जवा पन्नत्ता। से केणट्ठेणं भंते! एवं वुच्चइ–केवलनाणीणं मनुस्साणं अनंता पज्जवा पन्नत्ता? गोयमा! केवलनाणी मनुस्से केवलनाणिस्स मनुस्सस्स दव्वट्ठयाए तुल्ले। पदेसट्ठयाए तुल्ले। ओगाहणट्ठयाए चउट्ठाणवडिते। ठितीए तिट्ठाणवडिते। वण्ण-गंध-रस-फासपज्जवेहिं छट्ठाणवडिते। केवलनाण-पज्जवेहिं केवलदंसणपज्जवेहि य तुल्ले। एवं केवलदंसणी वि मनुस्से भाणियव्वे। | ||
Sutra Meaning : | भगवन् ! जघन्य अवगाहना वाले मनुष्यों के कितने पर्याय हैं ? गौतम ! अनन्त। क्योंकि – जघन्य अवगाहना वाले मनुष्य द्रव्य, प्रदेशों तथा अवगाहना से तुल्य हैं, स्थिति से त्रिस्थानपतित है, तथा वर्ण आदि से, एवं तीन ज्ञान, दो अज्ञान और तीन दर्शनों से षट्स्थानपतित है। उत्कृष्ट अवगाहना वाले मनुष्यों में भी इसी प्रकार कहना। विशेष यह की स्थिति से कदाचित् हीन, कदाचित् तुल्य और कदाचित् अधिक होता है। यदि हीन हो तो असंख्यातभागहीन होता है, यदि अधिक हो तो असंख्यातभाग अधिक होता है। उनमें दो ज्ञान, दो अज्ञान और दो दर्शन होते हैं। अजघन्य – अनुत्कृष्ट अवगाहना वाले मनुष्यों को भी इसी प्रकार कहना। विशेष यह कि अवगाहना और स्थिति से चतुःस्थानपतित हैं, तथा आदि के चार ज्ञानों से षट्स्थानपतित है, केवलज्ञान से तुल्य है, तथा तीन अज्ञान और तीन दर्शनों से षट्स्थानपतित है, केवलदर्शन से तुल्य है। जघन्य स्थिति वाले मनुष्यों के अनन्त पर्याय हैं। क्योंकि – जघन्य स्थिति वाले मनुष्य द्रव्य और प्रदेशों से तुल्य हैं, अवगाहना से चतुःस्थानपतित है, स्थिति से तुल्य है, तथा वर्णादि, दो अज्ञानों और दो दर्शनों से षट्स्थान – पतित है। उत्कृष्ट स्थिति वाले मनुष्यों में भी इसी प्रकार कहना। विशेष यह कि दो ज्ञान, दो अज्ञान और दो दर्शन हैं। मध्यमस्थिति वाले मनुष्यों को भी इसी प्रकार कहना। विशेष यह कि स्थिति अवगाहना, तथा आदि के चार ज्ञानों एवं तीन अज्ञानों और तीन दर्शनों से षट्स्थानपतित है तथा केवलज्ञान और केवलदर्शन से तुल्य है। जघन्यगुण काले मनुष्यों के अनन्त पर्याय हैं। क्योंकि – जघन्यगुण काले मनुष्य द्रव्य और प्रदेशों से तुल्य हैं, अवगाहना और स्थिति से चतुःस्थानपतित है, कृष्णवर्ण के पर्यायों से तुल्य हैं; तथा अवशिष्ट वर्णादि, चार ज्ञानों, तीन अज्ञानों और तीन दर्शनों से षट्स्थानपतित है और केवलज्ञान – केवलदर्शन से तुल्य है। इसी प्रकार उत्कृष्टगुण काले मनुष्यों में भी समझना। अजघन्य – अनुत्कृष्ट गुण काले मनुष्यों को भी इसी प्रकार कहना। विशेष यह कि स्वस्थान में षट्स्थानपतित हैं। इसी प्रकार शेष वर्णादि वाले मनुष्यों को कहना। जघन्य आभिनिबोधिकज्ञानी मनुष्यों के अनन्तपर्याय हैं। क्योंकि – जघन्य आभिनिबोधिकज्ञानी मनुष्य द्रव्य और प्रदेशों से तुल्य है, अवगाहना और स्थिति से चतुःस्थानपतित है, तथा वर्णादि से षट्स्थानपतित है, तथा आभिनि – बोधिकज्ञान से तुल्य है, किन्तु श्रुतज्ञान और दो दर्शनों से षट्स्थानपतित है। इसी प्रकार उत्कृष्ट आभिनि – बोधिकज्ञानी में जानना। विशेष यह कि वह आभिनिबोधिकज्ञान के पर्यायों से तुल्य है, स्थिति से त्रिस्थानपतित है, तथा तीन ज्ञानों और तीन दर्शनों से षट्स्थानपतित है। अजघन्य – अनुत्कृष्ट आभिनिबोधिकज्ञानी मनुष्यों में ऐसे ही कहना। विशेष यह कि स्थिति से चतुःस्थानपतित हैं, तथा स्वस्थानमें षट्स्थानपतित हैं। इसी प्रकार श्रुतज्ञानीमें भी जानना। जघन्य अवधिज्ञानी मनुष्यों के अनन्त पर्याय हैं। क्योंकि – जघन्य अवधिज्ञानी मनुष्य द्रव्य और प्रदेशों से तुल्य है, अवगाहना से चतुःस्थानपतित, स्थिति से त्रिस्थानपतित है, तथा वर्णादि एवं दो ज्ञानों से षट्स्थानपतित है, तथा अवधिज्ञान से तुल्य है, मनःपर्यवज्ञान और तीन दर्शनों से षट्स्थानपतित है। इसी प्रकार उत्कृष्ट अवधिज्ञानी में भी कहना। इसी प्रकार मध्यम अवधिज्ञानी मनुष्यों में भी कहना। विशेष यह कि स्वस्थान में वह षट्स्थानपतित है। अवधिज्ञानी के समान मनःपर्यायज्ञानी में कहना। विशेष यह कि अवगाहना की अपेक्षा से (वह) त्रिस्थान – पतित है। आभिनिबोधिकज्ञानीयों के समान मति और श्रुत – अज्ञानी में कहना। अवधिज्ञानी के समान विभंगज्ञानी (मनुष्यों) को भी कहना। चक्षुदर्शनी और अचक्षुदर्शनी मनुष्यों आभिनिबोधिकज्ञानी के समान हैं। अवधिदर्शनी को अवधिज्ञानी मनुष्यों के समान समझना। केवलज्ञानी मनुष्यों के अनन्त पर्याय हैं। क्योंकि – केवलज्ञानी मनुष्य द्रव्य और प्रदेशों से तुल्य हैं, अवगाहना से चतुःस्थानपतित है, स्थिति से त्रिस्थानपतित है, तथा वर्ण आदि से षट्स्थानपतित है, एवं केवलज्ञान और केवलदर्शन से तुल्य है। केवलज्ञानी के समान केवलदर्शनी में भी कहना। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] jahannogahanaganam bhamte! Manussanam kevatiya pajjava pannatta? Goyama! Anamta pajjava pannatta. Se kenatthenam bhamte! Evam vuchchai–jahannogahanaganam manussanam anamta pajjava pannatta? Goyama! Jahannogahanae manusse jahannogahanagassa manusassa davvatthayae tulle. Padesatthayae tulle. Ogahanatthayae tulle. Thitie titthanavadite. Vanna-gamdha-rasa-phasapajjavehim tihim nanehim dohim annanehim tihim damsanehim chhatthanavadite. Ukkosogahanae vi evam cheva, navaram–thitie siya hine siya tulle siya abbhahie–jadi hine asamkhejjabhagahine. Aha abbhahie asamkhejjabhagamabbhahie. Do nana do annana do damsana. Ajahannamanukkosagahanae vi evam cheva, navaram– ogahanatthayae chautthanavadite. Thitie chautthana-vadite. Aillehim chauhim nanehim chhatthanavadite. Kevalananapajjavehim tulle. Tihim annanehim tihim damsanehim chhatthanavadite. Kevaladamsanapajjavehim tulle. Jahannatthitiyanam bhamte! Manussanam kevatiya pajjava pannatta? Goyama! Anamta pajjava pannatta. Se kenatthenam bhamte! Evam vuchchati? Goyama! Jahannatthitie manusse jahannatthitiyassa manussassa davvatthayae tulle. Padesatthayae tulle. Ogahanatthayae chautthanavadite. Thitie tulle. Vanna-gamdha-rasa-phasapajjavehim dohim annanehim dohim damsanehim chhatthanavadite. Evam ukkosatthitie vi, navaram–do nana, do annana, do damsana. Ajahannamanukkosatthitie vi evam cheva, navaram– thitie chautthanavadite. Ogahanatthayae chautthanavadite. Adillehim chaunanehim chhatthanavadite. Kevalananapajjavehim tulle. Tihim annanehim tihim damsanehim chhatthanavadite. Kevala-damsanapajjavehim tulle. Jahannagunakalayanam bhamte! Manussanam kevatiya pajjava pannatta? Goyama! Anamta pajjava pannatta. Se kenatthenam bhamte! Evam vuchchati? Goyama! Jahannagunakalae manusse jahannagunakalagassa manussassa davvatthayae tulle. Padesatthayae tulle. Ogahanatthayae chautthanavadite. Thitie chautthana-vadite. Kalavannapajjavehim tulle. Avasesehim vanna-gamdha-rasa-phasapajjavehim chhatthanavadite. Chauhim nanehim chhatthanavadite. Kevalananapajjavehim tulle. Tihim annanehim tihim damsanehim chhatthanavadite. Kevaladamsanapajjavehim tulle. Evam ukkosagunakalae vi. Ajahannamanukkosagunakalae vi evam cheva, navaram–satthane chhatthanavadite. Evam pamcha vanna do gamdha pamcha rasa attha phasa bhanitavva. Jahannabhinibohiyananinam bhamte! Manussanam kevatiya pajjava pannatta? Goyama! Anamta pajjava pannatta. Se kenatthenam bhamte! Evam vuchchati? Goyama! Jahannabhinibohiyanani manusse jahannabhinibohiya-nanissa manussassa davvatthayae tulle. Padesatthayae tulle. Ogahanatthayae chautthanavadite. Thitie chautthanavadite. Vanna-gamdha-rasa-phasapajjavehim chhatthanavadite. Abhinibohiyananapajjavehim tulle. Sutananapajjavehim tulle. Dohim damsanehim chhatthanavadite. Evam ukkosabhinibohiyanani vi, navaram–abhinibohiyananapajjavehim tulle. Thitie titthanavadite. Tihim nanehim tihim damsanehim chhatthanavadite. Ajahannamanukkosabhinibohiyanani jaha ukkosabhinibohiyanani, navaram–thitie chautthanavadite. Satthane chhatthanavadite. Evam sutanani vi. Jahannohinaninam bhamte! Manussanam kevatiya pajjava pannatta? Goyama! Anamta pajjava pannatta. Se kenatthenam bhamte! Evam vuchchati? Goyama! Jahannohinani manusse jahannohinanissa manussassa davvatthayae tulle. Paesatthayae tulle. Ogahanatthayae titthanavadite. Thiie titthanavadite. Vanna-gamdha-rasaphasapajjavehim dohim nanehim chhatthanavadie. Ohinanapajjavehim tulle. Manapajjavananapajjavehim chhatthanavadie. Tihim damsanehim chhatthanavadie. Evam ukkosohinani vi. Ajahannamanukkosohinani vi evam cheva, navaram–ogahanatthayae chautthanavadite satthane chhatthanavadie. Jaha ohinani taha manapajjavanani vi bhanitavve, navaram–ogahanatthayae titthanavadie. Jaha abhinibohiyanani taha matiannani sutaannani ya bhanitavve. Jaha ohinani taha vibhamganani vi bhaniyavve. Chakkhudamsani achakkhudamsani ya jaha abhinibohiyanani. Ohidamsani jaha ohinani. Jattha nana tattha annana natthi, jattha annana tattha nana natthi, jattha damsana tattha nana vi annana vi. Kevalananinam bhamte! Manussanam kevatiya pajjava pannatta? Goyama! Anamta pajjava pannatta. Se kenatthenam bhamte! Evam vuchchai–kevalananinam manussanam anamta pajjava pannatta? Goyama! Kevalanani manusse kevalananissa manussassa davvatthayae tulle. Padesatthayae tulle. Ogahanatthayae chautthanavadite. Thitie titthanavadite. Vanna-gamdha-rasa-phasapajjavehim chhatthanavadite. Kevalanana-pajjavehim kevaladamsanapajjavehi ya tulle. Evam kevaladamsani vi manusse bhaniyavve. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Bhagavan ! Jaghanya avagahana vale manushyom ke kitane paryaya haim\? Gautama ! Ananta. Kyomki – jaghanya avagahana vale manushya dravya, pradeshom tatha avagahana se tulya haim, sthiti se tristhanapatita hai, tatha varna adi se, evam tina jnyana, do ajnyana aura tina darshanom se shatsthanapatita hai. Utkrishta avagahana vale manushyom mem bhi isi prakara kahana. Vishesha yaha ki sthiti se kadachit hina, kadachit tulya aura kadachit adhika hota hai. Yadi hina ho to asamkhyatabhagahina hota hai, yadi adhika ho to asamkhyatabhaga adhika hota hai. Unamem do jnyana, do ajnyana aura do darshana hote haim. Ajaghanya – anutkrishta avagahana vale manushyom ko bhi isi prakara kahana. Vishesha yaha ki avagahana aura sthiti se chatuhsthanapatita haim, tatha adi ke chara jnyanom se shatsthanapatita hai, kevalajnyana se tulya hai, tatha tina ajnyana aura tina darshanom se shatsthanapatita hai, kevaladarshana se tulya hai. Jaghanya sthiti vale manushyom ke ananta paryaya haim. Kyomki – jaghanya sthiti vale manushya dravya aura pradeshom se tulya haim, avagahana se chatuhsthanapatita hai, sthiti se tulya hai, tatha varnadi, do ajnyanom aura do darshanom se shatsthana – patita hai. Utkrishta sthiti vale manushyom mem bhi isi prakara kahana. Vishesha yaha ki do jnyana, do ajnyana aura do darshana haim. Madhyamasthiti vale manushyom ko bhi isi prakara kahana. Vishesha yaha ki sthiti avagahana, tatha adi ke chara jnyanom evam tina ajnyanom aura tina darshanom se shatsthanapatita hai tatha kevalajnyana aura kevaladarshana se tulya hai. Jaghanyaguna kale manushyom ke ananta paryaya haim. Kyomki – jaghanyaguna kale manushya dravya aura pradeshom se tulya haim, avagahana aura sthiti se chatuhsthanapatita hai, krishnavarna ke paryayom se tulya haim; tatha avashishta varnadi, chara jnyanom, tina ajnyanom aura tina darshanom se shatsthanapatita hai aura kevalajnyana – kevaladarshana se tulya hai. Isi prakara utkrishtaguna kale manushyom mem bhi samajhana. Ajaghanya – anutkrishta guna kale manushyom ko bhi isi prakara kahana. Vishesha yaha ki svasthana mem shatsthanapatita haim. Isi prakara shesha varnadi vale manushyom ko kahana. Jaghanya abhinibodhikajnyani manushyom ke anantaparyaya haim. Kyomki – jaghanya abhinibodhikajnyani manushya dravya aura pradeshom se tulya hai, avagahana aura sthiti se chatuhsthanapatita hai, tatha varnadi se shatsthanapatita hai, tatha abhini – bodhikajnyana se tulya hai, kintu shrutajnyana aura do darshanom se shatsthanapatita hai. Isi prakara utkrishta abhini – bodhikajnyani mem janana. Vishesha yaha ki vaha abhinibodhikajnyana ke paryayom se tulya hai, sthiti se tristhanapatita hai, tatha tina jnyanom aura tina darshanom se shatsthanapatita hai. Ajaghanya – anutkrishta abhinibodhikajnyani manushyom mem aise hi kahana. Vishesha yaha ki sthiti se chatuhsthanapatita haim, tatha svasthanamem shatsthanapatita haim. Isi prakara shrutajnyanimem bhi janana. Jaghanya avadhijnyani manushyom ke ananta paryaya haim. Kyomki – jaghanya avadhijnyani manushya dravya aura pradeshom se tulya hai, avagahana se chatuhsthanapatita, sthiti se tristhanapatita hai, tatha varnadi evam do jnyanom se shatsthanapatita hai, tatha avadhijnyana se tulya hai, manahparyavajnyana aura tina darshanom se shatsthanapatita hai. Isi prakara utkrishta avadhijnyani mem bhi kahana. Isi prakara madhyama avadhijnyani manushyom mem bhi kahana. Vishesha yaha ki svasthana mem vaha shatsthanapatita hai. Avadhijnyani ke samana manahparyayajnyani mem kahana. Vishesha yaha ki avagahana ki apeksha se (vaha) tristhana – patita hai. Abhinibodhikajnyaniyom ke samana mati aura shruta – ajnyani mem kahana. Avadhijnyani ke samana vibhamgajnyani (manushyom) ko bhi kahana. Chakshudarshani aura achakshudarshani manushyom abhinibodhikajnyani ke samana haim. Avadhidarshani ko avadhijnyani manushyom ke samana samajhana. Kevalajnyani manushyom ke ananta paryaya haim. Kyomki – kevalajnyani manushya dravya aura pradeshom se tulya haim, avagahana se chatuhsthanapatita hai, sthiti se tristhanapatita hai, tatha varna adi se shatsthanapatita hai, evam kevalajnyana aura kevaladarshana se tulya hai. Kevalajnyani ke samana kevaladarshani mem bhi kahana. |