Sutra Navigation: Jivajivabhigam ( जीवाभिगम उपांग सूत्र )
Search Details
Mool File Details |
|
Anuvad File Details |
|
Sr No : | 1006125 | ||
Scripture Name( English ): | Jivajivabhigam | Translated Scripture Name : | जीवाभिगम उपांग सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
चतुर्विध जीव प्रतिपत्ति |
Translated Chapter : |
चतुर्विध जीव प्रतिपत्ति |
Section : | वैमानिक उद्देशक-१ | Translated Section : | वैमानिक उद्देशक-१ |
Sutra Number : | 325 | Category : | Upang-03 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] सक्कस्स णं भंते! देविंदस्स देवरन्नो कति परिसाओ पन्नत्ताओ? गोयमा! तओ परिसाओ पन्नत्ताओ, तं जहा–समिता चंडा जाता, अब्भिंतरिया समिया, मज्झिमिया चंडा, बाहिरिया जाता। सक्कस्स णं भंते! देविंदस्स देवरन्नो अब्भिंतरियाए परिसाए कति देवसाहस्सीओ पन्नत्ताओ? मज्झिमियाए परिसाए तहेव बाहिरियाए पुच्छा। गोयमा! सक्कस्स णं देविंदस्स देवरन्नो अब्भिंतरियाए परिसाए बारस देवसाहस्सीओ पन्नत्ताओ मज्झिमियाए परिसाए चोद्दस देव-साहस्सीओ पन्नत्ताओ, बाहिरियाए परिसाए सोलस देवसाहस्सीओ पन्नत्ताओ, तहा अब्भिंतरियाए परिसाए सत्त देवीसयाणि, मज्झिमियाए छच्च देवीसयाणि, बाहिरियाए पंच देवीसयाणि पन्नत्ताइं। सक्कस्स णं भंते! देविंदस्स देवरन्नो अब्भिंतरियाए परिसाए देवाणं केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता? एवं मज्झिमियाए बाहिरियाएवि? गोयमा! सक्कस्स देविंदस्स देवरन्नो अब्भिंतरियाए परिसाए पंच पलिओवमाइं ठिती पन्नत्ता, मज्झिमियाए परिसाए चत्तारि पलिओवमाइं ठिती पन्नत्ता, बाहिरियाए परिसाए देवाणं तिन्नि पलिओवमाइं ठिती पन्नत्ता, देवीणं ठिती–अब्भिंतरियाए परिसाए देवीणं तिन्नि पलिओवमाइं ठिती पन्नत्ता, मज्झिमियाए दुण्णि पलिओवमाइं ठिती पन्नत्ता, बाहिरियाए परिसाए एगं पलिओवमं ठिती पन्नत्ता। अट्ठो सो चेव जहा भवनवासीणं। कहि णं भंते! ईसानगाणं देवाणं विमाना पन्नत्ता? तहेव सव्वं जाव ईसानेएत्थ देविंदे देवराया जाव विहरति। ईसानस्स णं भंते! देविंदस्स देवरन्नो कति परिसाओ पन्नत्ताओ? गोयमा! तओ परिसाओ पन्नत्ताओ, तं० समिता चंडा जाता, तहेव सव्वं, नवरं–अब्भिंतरियाए परिसाए दस देवसाहस्सीओ पन्नत्ताओ, मज्झिमियाए परिसाए बारस देवसाहस्सीओ, बाहिरियाए चोद्दस देवसाहस्सीओ। देवीणं पुच्छा। अब्भिंतरियाए नव देवीसता पन्नत्ता, मज्झिमियाए परिसाए अट्ठ देवीसता पन्नत्ता, बाहिरियाए परिसाए सत्त देवीसता पन्नत्ता, देवाणं ठिती पुच्छा। अब्भिंतरियाए परिसाए देवाणं सत्त पलिओवमाइं ठिती पन्नत्ता, मज्झिमियाए छ पलिओवमाइं, बाहिरियाए पंच पलिओवमाइं ठिती पन्नत्ता। देवीणं पुच्छा। अब्भिंतरियाए पंच पलिओवमाइं, मज्झिमियाए परिसाए चत्तारि पलिओवमाइं ठिती पन्नत्ता, बाहिरियाए परिसाए तिन्नि पलिओवमाइं ठिती पन्नत्ता। अट्ठो तहेव भाणियव्वो। सणंकुमाराणं पुच्छा। तहेव ठाणपदगमेणं जाव– सणंकुमारस्स तओ परिसाओ समिताई तहेव, नवरिं–अब्भिंतरियाए परिसाए अट्ठ देवसाहस्सीओ पन्नत्ताओ, मज्झिमियाए परिसाए दस देवसाहस्सीओ पन्नत्ताओ, बाहिरियाए परिसाए बारस देवसाहस्सीओ पन्नत्ताओ। अब्भिंतरियाए परिसाए देवाणं ठिती–अद्धपंचमाइं सागरोवमाइं पंच पलिओवमाइं ठिती पन्नत्ता, मज्झिमियाए परिसाए अद्धपंचमाइं सागरोवमाइं चत्तारि पलिओवमाइं ठिती पन्नत्ता, बाहिरियाए परिसाए अद्धपंचमाइं सागरोवमाइं तिन्नि पलिओवमाइं ठिती पन्नत्ता। अट्ठो सो चेव। एवं माहिंदस्सवि तहेव तओ परिसाओ, नवरिं–अब्भिंतरियाए परिसाए छद्देवसाहस्सीओ पन्नत्ताओ, मज्झिमियाए परिसाए अट्ठ देवसाहस्सीओ पन्नत्ताओ, बाहिरियाए दस देवसाहस्सीओ पन्नत्ताओ। ठिती देवाणं–अब्भिंतरियाए परिसाए अद्धपंचमाइं सागरोवमाइं सत्त य पलिओवमाइं ठिती पन्नत्ता, मज्झिमियाए परिसाए अद्धपंचमाइं सागरोवमाइं छच्च पलिओवमाइं बाहिरियाए परिसाए अद्धपंचमाइं सागरोवमाइं पंच य पलिओवमाइं ठिती पन्नत्ता। तहेव सव्वेसिं इंदाण ठाणपयगमेणं विमाना णेतव्वा। ततो पच्छा परिसाओ पत्तेयंपत्तेयं वुच्चंति– बंभस्सवि तओ परिसाओ पन्नत्ताओ–अब्भिंतरियाए चत्तारि देवसाहस्सीओ, मज्झिमियाए छ देवसाहस्सीओ, बाहिरियाए अट्ठ देवसाहस्सीओ। देवाणं ठिती–अब्भिंतरियाए परिसाए अद्धनवमाइं सागरोवमाइं पंच य पलिओवमाइं मज्झिमियाए परिसाए अद्धनवमाइं सागरोवमाइं चत्तारि य पलिओवमाइं, बाहिरियाए अद्धनवमाइं सागरोवमाइं तिन्नि य पलिओवमाइं। अट्ठो सो चेव। लंतगस्सवि जाव तओ परिसाओ जाव अब्भिंतरियाए परिसाए दो देवसाहस्सीओ, मज्झिमियाए चत्तारि देवसाहस्सीओ पन्नत्ताओ, बाहिरियाए छद्देवसाहस्सीओ पन्नत्ताओ। ठिती भाणियव्वा–अब्भिंतरियाए परिसाए बारस सागरोवमाइं सत्त पलिओवमाइं ठिती पन्नत्ता, मज्झिमियाए परिसाए बारस सागरोवमाइं छच्च पलिओवमाइं ठिती पन्नत्ता, बाहिरियाए परिसाए बारस सागरोवमाइं पंच पलिओवमाइं ठिती पन्नत्ता। महासुक्कस्सवि जाव तओ परिसाओ जाव अब्भिंतरियाए एगं देवसहस्सं, मज्झिमियाए दो देवसाहस्सीओ पन्नत्ताओ, बाहिरियाए चत्तारि देवसाहस्सीओ। अब्भिंतरियाए परिसाए अद्धसोलस सागरोवमाइं पंच पलिओवमाइं, मज्झिमियाए अद्धसोलस सागरोवमाइं चत्तारि पलिओवमाइं, बाहिरियाए अद्धसोलस सागरोवमाइं तिन्नि पलिओवमाइं। अट्ठो सो चेव। सहस्सारे पुच्छा जाव अब्भिंतरियाए परिसाए पंच देवसया, मज्झिमियाए परिसाए एगा देवसाहस्सी, बाहिरियाए दो देवसाहस्सीओ पन्नत्ताओ। ठिती–अब्भिंतरियाए अद्धट्ठारस सागरोवमाइं सत्त पलिओवमाइं ठिती पन्नत्ता, एवं मज्झिमियाए अद्धट्ठारस छप्पलिओवमाइं बाहिरियाए अद्धट्ठारस सागरोवमाइं पंच पलिओवमाइं। अट्ठो सो चेव। आनयपाणयस्सवि पुच्छा जाव तओ परिसाओ, नवरि–अब्भिंतरियाए अड्ढाइज्जा देवसया, मज्झिमियाए पंच देवसया, बाहिरियाए एगा देवसाहस्सी। ठिती–अब्भिंतरियाए एगूणवीसं सागरो-वमाइं पंच य पलिओवमाइं, एवं मज्झिमियाए एगूणवीसं सागरोवमाइं चत्तारि य पलिओवमाइं, बाहिरियाए परिसाए एगूणवीसं सागरोवमाइं तिन्नि य पलिओवमाइं ठिती। अट्ठो सो चेव। कहिं णं भंते! आरणअच्चुयाणं देवाणं तहेव अच्चुए सपरिवारे जाव विहरति। अच्चुयस्स णं देविंदस्स तओ परिसाओ पन्नत्ताओ। अब्भिंतरपरिसाए देवाणं पणवीसं सयं, मज्झिमपरिसाए अड्ढाइज्जा सया, बाहिरपरिसाए पंचसया, अब्भिंतरियाए एक्कवीसं सागरोवमाइं सत्त य पलिओवमाइं, मज्झिमियाए एक्कवीसं सागरोवमाइं छप्पलिओवमाइं, बाहिरपरिसाए एकवीसं सागरोवमाइं पंच य पलिओवमाइं ठती पन्नत्ता। कहिं णं भंते! हेट्ठिमगेवेज्जगाणं देवाणं विमाना पन्नत्ता? कहिं णं भंते! हेट्ठिमगेवेज्जगा देवा परिवसंति? जहेव ठाणपए तहेव। एवं मज्झिमगेवेज्जा उवरिमगेवेज्जगा अनुत्तरा य जाव अहमिंदा नामं ते देवा पन्नत्ता समणाउसो! | ||
Sutra Meaning : | भगवन् ! देवेन्द्र देवराज शक्र की कितनी पर्षदाएं हैं ? गौतम ! तीन – समिता, चण्डा और जाया। आभ्यंतर पर्षदा को समिता, मध्य पर्षदा को चण्डा और बाह्य पर्षदा को जाया कहते हैं। देवेन्द्र देवराज शक्र की आभ्यन्तर परिषद में १२००० देव, मध्यम परिषद में १४००० देव और बाह्य परिषद में १६००० देव हैं। आभ्यन्तर परिषद में ७०० देवियाँ मध्य परिषद में ६०० और बाह्य परिषद में ५०० देवियाँ हैं। देवेन्द्र देवराज शक्र की आभ्यन्तर परिषद के देवों की स्थिति पाँच पल्योपम की है, मध्यम परिषद के देवों की स्थिति चार पल्योपम की है और बाह्य परिषद के देवों की स्थिति तीन पल्योपम की है। आभ्यन्तर परिषद की देवियों की स्थिति तीन पल्योपम, मध्यम परिषद की देवियों की स्थिति दो पल्योपम और बाह्य परिषद की देवियों की स्थिति एक पल्योपम है। शेष कथन चमरेन्द्र समान जानना। भगवन् ! ईशानकल्प के देवों के विमान आदि सब कथन सौधर्मकल्प की तरह जानना चाहिए। विशेषता यह है कि वहाँ ईशान नामक देवेन्द्र देवराज आधिपत्य करता हुआ विचरता है। उनकी तीन पर्षदाएं हैं – समिता, चंडा और जाया। शेष पूर्ववत्। विशेषता यह है कि आभ्यन्तर पर्षदा में १०००० देव, मध्यम १२००० देव और बाह्य पर्षदा में १४००० देव हैं। आभ्यन्तर पर्षदा में नौ सौ, मध्यमा परिषदा में आठ सौ और बाह्य पर्षदा में सात सौ देवियाँ हैं। आभ्यन्तर पर्षदा के देवों की स्थिति सात पल्योपम, मध्यम पर्षदा के देवों की स्थिति छह पल्योपम और बाह्य पर्षदा के देवों की स्थिति पाँच पल्योपम की है। आभ्यन्तर पर्षदा की देवियों की स्थिति कुछ अधिक पाँच पल्योपम, मध्यम पर्षदा की देवियों की स्थिति चार पल्योपम और बाह्य पर्षदा की देवियों की स्थिति तीन पल्योपम की है। सनत्कुमार देवों के विमानों के विषय में प्रज्ञापना के स्थानपद के अनुसार कथन करना यावत् वहाँ सनत्कुमार देवेन्द्र देवराज हैं। उसकी तीन पर्षदा हैं – समिता, चंडा और जाया। आभ्यन्तर परिषदा में ८०००, मध्यम परिषदा में १०००० और बाह्य परिषदा में १२००० देव हैं। आभ्यन्तर पर्षद के देवों की स्थिति साढ़े चार सागरोपम और पाँच पल्योपम है, मध्यम पर्षद के देवों की स्थिति साढ़े चार सागरोपम और चार पल्योपम है, बाह्य पर्षद के देवों की स्थिति साढ़े चार सागरोपम और तीन पल्योपम की है। पर्षदा का अर्थ चमरेन्द्र अनुसार जानना। इसी प्रकार माहेन्द्र देवेन्द्र का कथन जानना। विशेषता यह है कि आभ्यन्तर पर्षद में ६०००, मध्य पर्षद में ८००० और बाह्य पर्षद में १०००० देव हैं। आभ्यन्तर पर्षद के देवों की स्थिति साढ़े चार सागरोपम और सात पल्योपम की है। मध्य पर्षद के देवों की स्थिति साढ़े चार सागरोपम और छह पल्योपम की है और बाह्य पर्षद के देवों की स्थिति साढ़े चार सागरोपम और पाँच पल्योपम की है। इसी प्रकार स्थानपद के अनुसार पहले सब इन्द्रों के विमानों का कथन करने के पश्चात् प्रत्येक की पर्षदाओं का कथन करना। ब्रह्म इन्द्र की आभ्यन्तर परिषद् में ४००० देव, मध्यम परिषद् में ६००० देव और बाह्य परिषद् में ८००० देव हैं। आभ्यन्तर परिषद् के देवों की स्थिति साढ़े आठ सागरोपम और पाँच पल्योपम है। मध्यम परिषद् के देवों की स्थिति साढ़े आठ सागरोपम और चार पल्योपम की है। बाह्य परिषद् के देवों की स्थिति साढ़े आठ सागरोपम और तीन पल्योपम की है। लान्तक इन्द्र की आभ्यन्तर परिषद् में २००० देव, मध्यम परिषद् में ४००० देव और बाह्य परिषद् में ६००० देव हैं। आभ्यन्तर परिषद् के देवों की स्थिति बारह सागरोपम और सात पल्योपम की है, मध्यम परिषद् के देवों की स्थिति बारह सागरोपम और छह पल्योपम की, बाह्य परिषद् के देवों की स्थिति बारह सागरोपम और पाँच पल्योपम की है। महाशुक्र इन्द्र की आभ्यन्तर परिषद् में १००० देव, मध्यम परिषद् में २००० देव और बाह्य परिषद् में ४००० देव हैं। आभ्यन्तर परिषद् के देवों की स्थिति साढ़े पन्द्रह सागरोपम और पाँच पल्योपम की है। मध्यम परिषद् के देवों की स्थिति साढ़े पन्द्रह सागरोपम और चार पल्योपम की और बाह्य परिषद् के देवों की स्थिति साढ़े पन्द्रह सागरोपम और तीन पल्योपम की है। सहस्रार इन्द्र की आभ्यन्तर पर्षद में ५०० देव, मध्यम पर्षद में १००० देव और बाह्य पर्षद में २००० देव हैं। आभ्यन्तर पर्षद के देवों की स्थिति साढ़े सत्रह सागरोपम और सात पल्योपम की है, मध्यम पर्षद के देवों की स्थिति साढ़े सत्रह सागरोपम और छह पल्योपम की है, बाह्य पर्षद के देवों की स्थिति साढ़े सत्रह सागरोपम और पाँच पल्योपम की है। आनत – प्राणत देव की। आभ्यन्तर पर्षद में अढ़ाई सौ देव हैं, मध्यम पर्षद में पाँच सौ देव और बाह्य पर्षद में एक हजार देव हैं, आभ्यन्तर पर्षद के देवों की स्थिति उन्नीस सागरोपम और पाँच पल्योपम है, मध्यम पर्षद के देवों की स्थिति उन्नीस सागरोपम और चार पल्योपम, बाह्य पर्षद के देवों की स्थिति उन्नीस सागरोपम और तीन पल्योपम की है। भगवन् ! आरण – अच्युत देवों के विमान कहाँ हैं – इत्यादि यावत् वहाँ अच्युत नाम का देवेन्द्र देवराज सपरिवार विचरण करता है। देवेन्द्र देवराज की आभ्यन्तर पर्षद में १२५ देव, मध्यम पर्षद में २५० देव और बाह्य पर्षद में ५०० देव हैं। आभ्यन्तर पर्षद के देवों की स्थिति इक्कीस सागरोपम और सात पल्योपम की है, मध्य पर्षद के देवों की स्थिति इक्कीस सागरोपम और छह पल्योपम की है, बाह्य पर्षद के देवों की स्थिति इक्कीस सागरोपम और पाँच पल्योपम की है। भगवन् ! अधस्तन – ग्रैवेयक देवों के विमान कहाँ कहे गये हैं ? भगवन् ! अधस्तन – ग्रैवेयक देव कहाँ रहते हैं ? स्थानपद समान कथन यहाँ करना। इसी तरह मध्यमग्रैवेयक, उपरितन – ग्रैवेयक और अनुत्तर विमान के देवों का कथन करना। यावत् हे आयुष्मन् श्रमण ! ये सब अहमिन्द्र हैं – वहाँ कोई छोटे – बड़े का भेद नहीं है। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] sakkassa nam bhamte! Devimdassa devaranno kati parisao pannattao? Goyama! Tao parisao pannattao, tam jaha–samita chamda jata, abbhimtariya samiya, majjhimiya chamda, bahiriya jata. Sakkassa nam bhamte! Devimdassa devaranno abbhimtariyae parisae kati devasahassio pannattao? Majjhimiyae parisae taheva bahiriyae puchchha. Goyama! Sakkassa nam devimdassa devaranno abbhimtariyae parisae barasa devasahassio pannattao majjhimiyae parisae choddasa deva-sahassio pannattao, bahiriyae parisae solasa devasahassio pannattao, taha abbhimtariyae parisae satta devisayani, majjhimiyae chhachcha devisayani, bahiriyae pamcha devisayani pannattaim. Sakkassa nam bhamte! Devimdassa devaranno abbhimtariyae parisae devanam kevaiyam kalam thii pannatta? Evam majjhimiyae bahiriyaevi? Goyama! Sakkassa devimdassa devaranno abbhimtariyae parisae pamcha paliovamaim thiti pannatta, majjhimiyae parisae chattari paliovamaim thiti pannatta, bahiriyae parisae devanam tinni paliovamaim thiti pannatta, devinam thiti–abbhimtariyae parisae devinam tinni paliovamaim thiti pannatta, majjhimiyae dunni paliovamaim thiti pannatta, bahiriyae parisae egam paliovamam thiti pannatta. Attho so cheva jaha bhavanavasinam. Kahi nam bhamte! Isanaganam devanam vimana pannatta? Taheva savvam java isaneettha devimde devaraya java viharati. Isanassa nam bhamte! Devimdassa devaranno kati parisao pannattao? Goyama! Tao parisao pannattao, tam0 samita chamda jata, taheva savvam, navaram–abbhimtariyae parisae dasa devasahassio pannattao, majjhimiyae parisae barasa devasahassio, bahiriyae choddasa devasahassio. Devinam puchchha. Abbhimtariyae nava devisata pannatta, majjhimiyae parisae attha devisata pannatta, bahiriyae parisae satta devisata pannatta, devanam thiti puchchha. Abbhimtariyae parisae devanam satta paliovamaim thiti pannatta, majjhimiyae chha paliovamaim, bahiriyae pamcha paliovamaim thiti pannatta. Devinam puchchha. Abbhimtariyae pamcha paliovamaim, majjhimiyae parisae chattari paliovamaim thiti pannatta, bahiriyae parisae tinni paliovamaim thiti pannatta. Attho taheva bhaniyavvo. Sanamkumaranam puchchha. Taheva thanapadagamenam java– Sanamkumarassa tao parisao samitai taheva, navarim–abbhimtariyae parisae attha devasahassio pannattao, majjhimiyae parisae dasa devasahassio pannattao, bahiriyae parisae barasa devasahassio pannattao. Abbhimtariyae parisae devanam thiti–addhapamchamaim sagarovamaim pamcha paliovamaim thiti pannatta, majjhimiyae parisae addhapamchamaim sagarovamaim chattari paliovamaim thiti pannatta, bahiriyae parisae addhapamchamaim sagarovamaim tinni paliovamaim thiti pannatta. Attho so cheva. Evam mahimdassavi taheva tao parisao, navarim–abbhimtariyae parisae chhaddevasahassio pannattao, majjhimiyae parisae attha devasahassio pannattao, bahiriyae dasa devasahassio pannattao. Thiti devanam–abbhimtariyae parisae addhapamchamaim sagarovamaim satta ya paliovamaim thiti pannatta, majjhimiyae parisae addhapamchamaim sagarovamaim chhachcha paliovamaim bahiriyae parisae addhapamchamaim sagarovamaim pamcha ya paliovamaim thiti pannatta. Taheva savvesim imdana thanapayagamenam vimana netavva. Tato pachchha parisao patteyampatteyam vuchchamti– Bambhassavi tao parisao pannattao–abbhimtariyae chattari devasahassio, majjhimiyae chha devasahassio, bahiriyae attha devasahassio. Devanam thiti–abbhimtariyae parisae addhanavamaim sagarovamaim pamcha ya paliovamaim majjhimiyae parisae addhanavamaim sagarovamaim chattari ya paliovamaim, bahiriyae addhanavamaim sagarovamaim tinni ya paliovamaim. Attho so cheva. Lamtagassavi java tao parisao java abbhimtariyae parisae do devasahassio, majjhimiyae chattari devasahassio pannattao, bahiriyae chhaddevasahassio pannattao. Thiti bhaniyavva–abbhimtariyae parisae barasa sagarovamaim satta paliovamaim thiti pannatta, majjhimiyae parisae barasa sagarovamaim chhachcha paliovamaim thiti pannatta, bahiriyae parisae barasa sagarovamaim pamcha paliovamaim thiti pannatta. Mahasukkassavi java tao parisao java abbhimtariyae egam devasahassam, majjhimiyae do devasahassio pannattao, bahiriyae chattari devasahassio. Abbhimtariyae parisae addhasolasa sagarovamaim pamcha paliovamaim, majjhimiyae addhasolasa sagarovamaim chattari paliovamaim, bahiriyae addhasolasa sagarovamaim tinni paliovamaim. Attho so cheva. Sahassare puchchha java abbhimtariyae parisae pamcha devasaya, majjhimiyae parisae ega devasahassi, bahiriyae do devasahassio pannattao. Thiti–abbhimtariyae addhattharasa sagarovamaim satta paliovamaim thiti pannatta, evam majjhimiyae addhattharasa chhappaliovamaim bahiriyae addhattharasa sagarovamaim pamcha paliovamaim. Attho so cheva. Anayapanayassavi puchchha java tao parisao, navari–abbhimtariyae addhaijja devasaya, majjhimiyae pamcha devasaya, bahiriyae ega devasahassi. Thiti–abbhimtariyae egunavisam sagaro-vamaim pamcha ya paliovamaim, evam majjhimiyae egunavisam sagarovamaim chattari ya paliovamaim, bahiriyae parisae egunavisam sagarovamaim tinni ya paliovamaim thiti. Attho so cheva. Kahim nam bhamte! Aranaachchuyanam devanam taheva achchue saparivare java viharati. Achchuyassa nam devimdassa tao parisao pannattao. Abbhimtaraparisae devanam panavisam sayam, majjhimaparisae addhaijja saya, bahiraparisae pamchasaya, abbhimtariyae ekkavisam sagarovamaim satta ya paliovamaim, majjhimiyae ekkavisam sagarovamaim chhappaliovamaim, bahiraparisae ekavisam sagarovamaim pamcha ya paliovamaim thati pannatta. Kahim nam bhamte! Hetthimagevejjaganam devanam vimana pannatta? Kahim nam bhamte! Hetthimagevejjaga deva parivasamti? Jaheva thanapae taheva. Evam majjhimagevejja uvarimagevejjaga anuttara ya java ahamimda namam te deva pannatta samanauso! | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Bhagavan ! Devendra devaraja shakra ki kitani parshadaem haim\? Gautama ! Tina – samita, chanda aura jaya. Abhyamtara parshada ko samita, madhya parshada ko chanda aura bahya parshada ko jaya kahate haim. Devendra devaraja shakra ki abhyantara parishada mem 12000 deva, madhyama parishada mem 14000 deva aura bahya parishada mem 16000 deva haim. Abhyantara parishada mem 700 deviyam madhya parishada mem 600 aura bahya parishada mem 500 deviyam haim. Devendra devaraja shakra ki abhyantara parishada ke devom ki sthiti pamcha palyopama ki hai, madhyama parishada ke devom ki sthiti chara palyopama ki hai aura bahya parishada ke devom ki sthiti tina palyopama ki hai. Abhyantara parishada ki deviyom ki sthiti tina palyopama, madhyama parishada ki deviyom ki sthiti do palyopama aura bahya parishada ki deviyom ki sthiti eka palyopama hai. Shesha kathana chamarendra samana janana. Bhagavan ! Ishanakalpa ke devom ke vimana adi saba kathana saudharmakalpa ki taraha janana chahie. Visheshata yaha hai ki vaham ishana namaka devendra devaraja adhipatya karata hua vicharata hai. Unaki tina parshadaem haim – samita, chamda aura jaya. Shesha purvavat. Visheshata yaha hai ki abhyantara parshada mem 10000 deva, madhyama 12000 deva aura bahya parshada mem 14000 deva haim. Abhyantara parshada mem nau sau, madhyama parishada mem atha sau aura bahya parshada mem sata sau deviyam haim. Abhyantara parshada ke devom ki sthiti sata palyopama, madhyama parshada ke devom ki sthiti chhaha palyopama aura bahya parshada ke devom ki sthiti pamcha palyopama ki hai. Abhyantara parshada ki deviyom ki sthiti kuchha adhika pamcha palyopama, madhyama parshada ki deviyom ki sthiti chara palyopama aura bahya parshada ki deviyom ki sthiti tina palyopama ki hai. Sanatkumara devom ke vimanom ke vishaya mem prajnyapana ke sthanapada ke anusara kathana karana yavat vaham sanatkumara devendra devaraja haim. Usaki tina parshada haim – samita, chamda aura jaya. Abhyantara parishada mem 8000, madhyama parishada mem 10000 aura bahya parishada mem 12000 deva haim. Abhyantara parshada ke devom ki sthiti sarhe chara sagaropama aura pamcha palyopama hai, madhyama parshada ke devom ki sthiti sarhe chara sagaropama aura chara palyopama hai, bahya parshada ke devom ki sthiti sarhe chara sagaropama aura tina palyopama ki hai. Parshada ka artha chamarendra anusara janana. Isi prakara mahendra devendra ka kathana janana. Visheshata yaha hai ki abhyantara parshada mem 6000, madhya parshada mem 8000 aura bahya parshada mem 10000 deva haim. Abhyantara parshada ke devom ki sthiti sarhe chara sagaropama aura sata palyopama ki hai. Madhya parshada ke devom ki sthiti sarhe chara sagaropama aura chhaha palyopama ki hai aura bahya parshada ke devom ki sthiti sarhe chara sagaropama aura pamcha palyopama ki hai. Isi prakara sthanapada ke anusara pahale saba indrom ke vimanom ka kathana karane ke pashchat pratyeka ki parshadaom ka kathana karana. Brahma indra ki abhyantara parishad mem 4000 deva, madhyama parishad mem 6000 deva aura bahya parishad mem 8000 deva haim. Abhyantara parishad ke devom ki sthiti sarhe atha sagaropama aura pamcha palyopama hai. Madhyama parishad ke devom ki sthiti sarhe atha sagaropama aura chara palyopama ki hai. Bahya parishad ke devom ki sthiti sarhe atha sagaropama aura tina palyopama ki hai. Lantaka indra ki abhyantara parishad mem 2000 deva, madhyama parishad mem 4000 deva aura bahya parishad mem 6000 deva haim. Abhyantara parishad ke devom ki sthiti baraha sagaropama aura sata palyopama ki hai, madhyama parishad ke devom ki sthiti baraha sagaropama aura chhaha palyopama ki, bahya parishad ke devom ki sthiti baraha sagaropama aura pamcha palyopama ki hai. Mahashukra indra ki abhyantara parishad mem 1000 deva, madhyama parishad mem 2000 deva aura bahya parishad mem 4000 deva haim. Abhyantara parishad ke devom ki sthiti sarhe pandraha sagaropama aura pamcha palyopama ki hai. Madhyama parishad ke devom ki sthiti sarhe pandraha sagaropama aura chara palyopama ki aura bahya parishad ke devom ki sthiti sarhe pandraha sagaropama aura tina palyopama ki hai. Sahasrara indra ki abhyantara parshada mem 500 deva, madhyama parshada mem 1000 deva aura bahya parshada mem 2000 deva haim. Abhyantara parshada ke devom ki sthiti sarhe satraha sagaropama aura sata palyopama ki hai, madhyama parshada ke devom ki sthiti sarhe satraha sagaropama aura chhaha palyopama ki hai, bahya parshada ke devom ki sthiti sarhe satraha sagaropama aura pamcha palyopama ki hai. Anata – pranata deva ki. Abhyantara parshada mem arhai sau deva haim, madhyama parshada mem pamcha sau deva aura bahya parshada mem eka hajara deva haim, abhyantara parshada ke devom ki sthiti unnisa sagaropama aura pamcha palyopama hai, madhyama parshada ke devom ki sthiti unnisa sagaropama aura chara palyopama, bahya parshada ke devom ki sthiti unnisa sagaropama aura tina palyopama ki hai. Bhagavan ! Arana – achyuta devom ke vimana kaham haim – ityadi yavat vaham achyuta nama ka devendra devaraja saparivara vicharana karata hai. Devendra devaraja ki abhyantara parshada mem 125 deva, madhyama parshada mem 250 deva aura bahya parshada mem 500 deva haim. Abhyantara parshada ke devom ki sthiti ikkisa sagaropama aura sata palyopama ki hai, madhya parshada ke devom ki sthiti ikkisa sagaropama aura chhaha palyopama ki hai, bahya parshada ke devom ki sthiti ikkisa sagaropama aura pamcha palyopama ki hai. Bhagavan ! Adhastana – graiveyaka devom ke vimana kaham kahe gaye haim\? Bhagavan ! Adhastana – graiveyaka deva kaham rahate haim\? Sthanapada samana kathana yaham karana. Isi taraha madhyamagraiveyaka, uparitana – graiveyaka aura anuttara vimana ke devom ka kathana karana. Yavat he ayushman shramana ! Ye saba ahamindra haim – vaham koi chhote – bare ka bheda nahim hai. |