Sutra Navigation: Jivajivabhigam ( जीवाभिगम उपांग सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1006118 | ||
Scripture Name( English ): | Jivajivabhigam | Translated Scripture Name : | जीवाभिगम उपांग सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
चतुर्विध जीव प्रतिपत्ति |
Translated Chapter : |
चतुर्विध जीव प्रतिपत्ति |
Section : | ज्योतिष्क उद्देशक | Translated Section : | ज्योतिष्क उद्देशक |
Sutra Number : | 318 | Category : | Upang-03 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] जंबूदीवे णं भंते! दीवे तारारूवस्स य तारारूवस्स य एस णं केवतियं अबाधाए अंतरे पन्नत्ते? गोयमा! दुविहे अंतरे पन्नत्ते, तं जहा–वाघाइमे य निव्वाघाइमे य। तत्थ णं जेसे निव्वाघातिमे से जहन्नेणं पंचधनुसयाइं, उक्कोसेणं दो गाउयाइं तारारूवस्स य तारारूवस्स य अबाहाए अंतरे पन्नत्ते। तत्थ णं जेसे वाघातिमे से जहन्नेणं दोन्नि य छावट्ठे जोयणसए, उक्कोसेणं बारस जोयण-सहस्साइं दोन्नि य बायाले जोयणसए तारारूवस्स य तारारूवस्स य अबाहाए अंतरे पन्नत्ते। | ||
Sutra Meaning : | भगवन् ! जम्बूद्वीप में एक तारा का दूसरे तारे से कितना अंतर कहा गया है ? गौतम ! अन्तर दो प्रकार का है, यथा – व्याघातिम और निर्व्याघातिम। व्याघातिम अन्तर जघन्य २६६ योजन का और उत्कृष्ट १२२४२ योजन का है। जो निर्व्याघातिम अन्तर है वह जघन्य पाँच सौ धनुष और उत्कृष्ट दो कोस का जानना चाहिए। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] jambudive nam bhamte! Dive tararuvassa ya tararuvassa ya esa nam kevatiyam abadhae amtare pannatte? Goyama! Duvihe amtare pannatte, tam jaha–vaghaime ya nivvaghaime ya. Tattha nam jese nivvaghatime se jahannenam pamchadhanusayaim, ukkosenam do gauyaim tararuvassa ya tararuvassa ya abahae amtare pannatte. Tattha nam jese vaghatime se jahannenam donni ya chhavatthe joyanasae, ukkosenam barasa joyana-sahassaim donni ya bayale joyanasae tararuvassa ya tararuvassa ya abahae amtare pannatte. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Bhagavan ! Jambudvipa mem eka tara ka dusare tare se kitana amtara kaha gaya hai\? Gautama ! Antara do prakara ka hai, yatha – vyaghatima aura nirvyaghatima. Vyaghatima antara jaghanya 266 yojana ka aura utkrishta 12242 yojana ka hai. Jo nirvyaghatima antara hai vaha jaghanya pamcha sau dhanusha aura utkrishta do kosa ka janana chahie. |