Sutra Navigation: Jivajivabhigam ( जीवाभिगम उपांग सूत्र )
Search Details
Mool File Details |
|
Anuvad File Details |
|
Sr No : | 1005817 | ||
Scripture Name( English ): | Jivajivabhigam | Translated Scripture Name : | जीवाभिगम उपांग सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
द्विविध जीव प्रतिपत्ति |
Translated Chapter : |
द्विविध जीव प्रतिपत्ति |
Section : | Translated Section : | ||
Sutra Number : | 17 | Category : | Upang-03 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] से किं तं आउक्काइया? आउक्काइया दुविहा पन्नत्ता, तं जहा–सुहुमआउक्काइया य बायर-आउक्काइया य। सुहुमआउक्काइया दुविहा पन्नत्ता, तं जहा–पज्जत्ता य अपज्जत्ता य। तेसि णं भंते! जीवाणं कइ सरीरया पन्नत्ता? गोयमा! तओ सरीरया पन्नत्ता, तं जहा–ओरालिए तेयए कम्मए जहेव सुहुमपुढविकाइयाणं, नवरं–थिबुगसंठिया पन्नत्ता, सेसं तं चेव जाव दुगइया दुआगतिया, परित्ता असंखेज्जा पन्नत्ता। से त्तं सुहुमआउक्काइया। | ||
Sutra Meaning : | अप्कायिक क्या है ? अप्कायिक जीव दो प्रकार के हैं, सूक्ष्म अप्कायिक और बादर अप्कायिक। सूक्ष्म अप्कायिक जीव दो प्रकार के हैं, जैसे कि पर्याप्त और अपर्याप्त। भगवन् ! उन जीवों के कितने शरीर हैं ? गौतम! तीन – औदारिक, तैजस और कार्मण। इस प्रकार सब वक्तव्यता सूक्ष्म पृथ्वीकायिकों की तरह कहना। विशेषता यह है कि संस्थान द्वार में उनका स्तिबुक संस्थान है। शेष सब उसी तरह कहना यावत् वे दो गति वाले, दो आगति वाले हैं, प्रत्येकशरीरी हैं और असंख्यात कहे गए हैं। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] se kim tam aukkaiya? Aukkaiya duviha pannatta, tam jaha–suhumaaukkaiya ya bayara-aukkaiya ya. Suhumaaukkaiya duviha pannatta, tam jaha–pajjatta ya apajjatta ya. Tesi nam bhamte! Jivanam kai sariraya pannatta? Goyama! Tao sariraya pannatta, tam jaha–oralie teyae kammae jaheva suhumapudhavikaiyanam, navaram–thibugasamthiya pannatta, sesam tam cheva java dugaiya duagatiya, paritta asamkhejja pannatta. Se ttam suhumaaukkaiya. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Apkayika kya hai\? Apkayika jiva do prakara ke haim, sukshma apkayika aura badara apkayika. Sukshma apkayika jiva do prakara ke haim, jaise ki paryapta aura aparyapta. Bhagavan ! Una jivom ke kitane sharira haim\? Gautama! Tina – audarika, taijasa aura karmana. Isa prakara saba vaktavyata sukshma prithvikayikom ki taraha kahana. Visheshata yaha hai ki samsthana dvara mem unaka stibuka samsthana hai. Shesha saba usi taraha kahana yavat ve do gati vale, do agati vale haim, pratyekashariri haim aura asamkhyata kahe gae haim. |