Sutra Navigation: Jivajivabhigam ( जीवाभिगम उपांग सूत्र )

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Sr No : 1005814
Scripture Name( English ): Jivajivabhigam Translated Scripture Name : जीवाभिगम उपांग सूत्र
Mool Language : Ardha-Magadhi Translated Language : Hindi
Chapter :

द्विविध जीव प्रतिपत्ति

Translated Chapter :

द्विविध जीव प्रतिपत्ति

Section : Translated Section :
Sutra Number : 14 Category : Upang-03
Gatha or Sutra : Sutra Sutra Anuyog :
Author : Deepratnasagar Original Author : Gandhar
 
Century : Sect : Svetambara1
Source :
 
Mool Sutra : [सूत्र] तेसि णं भंते! जीवाणं कइ सरीरगा पन्नत्ता? गोयमा! तओ सरीरगा पन्नत्ता, तं जहा–ओरालिए तेयए कम्मए। तेसि णं भंते! जीवाणं केमहालिया सरीरोगाहणा पन्नत्ता? गोयमा! जहन्नेणं अंगुलासंखेज्जइ-भागं, उक्कोसेणवि अंगुलासंखेज्जइभागं। तेसि णं भंते! जीवाणं सरीरा किं संघयणा पन्नत्ता? गोयमा! छेवट्टसंघयणा पन्नत्ता। तेसि णं भंते! जीवाणं सरीरा किं संठिया पन्नत्ता? गोयमा! मसूरचंदसंठिया पन्नत्ता। तेसि णं भंते! जीवाणं कति कसाया पन्नत्ता? गोयमा! चत्तारि कसाया पन्नत्ता, तं जहा–कोहकसाए मानकसाए मायाकसाए लोहकसाए। तेसि णं भंते! जीवाणं कति सण्णाओ पन्नत्ताओ? गोयमा! चत्तारि सण्णाओ पन्नत्ताओ, तं जहा–आहारसण्णा भयसण्णा मेहुणसण्णा परिग्गहसण्णा। तेसि णं भंते! जीवाणं कइ लेसाओ पन्नत्ताओ? गोयमा! तिन्नि लेस्साओ पन्नत्ताओ, तं जहा–कण्हलेस्सा नीललेस्सा काउलेस्सा। तेसि णं भंते! जीवाणं कइ इंदियाइं पन्नत्ताइं? गोयमा! एगे फासिंदिए पन्नत्ते। तेसि णं भंते! जीवाणं कइ समुग्घाया पन्नत्ता? गोयमा! तओ समुग्घाया पन्नत्ता, तं जहा–वेयणासमुग्घाए कसायसमुग्घाए मारणंतियसमुग्घाए। ते णं भंते! जीवा किं सन्नी असन्नी? गोयमा! नो सन्नी, असन्नी। ते णं भंते! जीवा किं इत्थिवेया पुरिसवेया नपुंसगवेया? गोयमा! नो इत्थिवेया नो पुरिसवेया, नपुंसगवेया। तेसि णं भंते! जीवाणं कइ पज्जत्तीओ पन्नत्ताओ? गोयमा! चत्तारि पज्जत्तीओ पन्नत्ताओ, तं जहा–आहारपज्जत्ती सरीरपज्जत्ती इंदियपज्जत्ती आनापानुपज्जत्ती। तेसि णं भंते! जीवाणं कइ अपज्जत्तीओ पन्नत्ताओ? गोयमा! चत्तारि अपज्जत्तीओ पन्नत्ताओ, तं जहा–आहारअपज्जत्ती जाव आनापानुअपज्जत्ती। ते णं भंते! जीवा किं सम्मदिट्ठी मिच्छादिट्ठी सम्मामिच्छादिट्ठी? गोयमा! नो सम्मदिट्ठी, मिच्छादिट्ठी, नो सम्मामिच्छादिट्ठी। ते णं भंते! जीवा किं चक्खुदंसणी अचक्खुदंसणी ओहिदंसणी केवलदंसणी? गोयमा! नो चक्खुदंसणी, अचक्खुदंसणी, नो ओहिदंसणी नो केवलदंसणी। ते णं भंते! जीवा किं नाणी अन्नाणी? गोयमा! नो नाणी, अन्नाणी, नियमा दुअन्नाणी, तं जहा–मइअन्नाणी सुयअन्नाणी य। ते णं भंते! जीवा किं मनजोगी वइजोगी कायजोगी? गोयमा! नो मनजोगी, नो वइजोगी, कायजोगी। ते णं भंते! जीवा किं सागारोवउत्ता अनागारोवउत्ता? गोयमा! सागारोवउत्तावि अनागारो-वउत्तावि। ते णं भंते! जीवा किमाहारमाहारेंति? गोयमा! दव्वओ अनंतपएसियाइं दव्वाइं, खेत्तओ असंखेज्जपएसोगाढाइं, कालओ अन्नयरसमयट्ठिइयाइं, भावओ वण्णमंताइं गंधमंताइं रसमंताइं फासमंताइं। जाइं भावओ वण्णमंताइं आहारेंति ताइं किं एगवण्णाइं आहारेंति? दुवण्णाइं आहारेंति? तिवण्णाइं आहारेंति? चउवण्णाइं आहारेंति? पंचवण्णाइं आहारेंति? गोयमा! ठाणमग्गणं पडुच्च एगवण्णाइंपि दुवण्णाइंपि तिवण्णाइंपि चउवण्णाइंपि पंचवण्णाइंपि आहारेंति, विहाणमग्गणं पडुच्च कालाइंपि आहारेंति जाव सुक्किलाइंपि आहारेंति। जाइं वण्णओ कालाइं आहारेंति ताइं किं एगगुणकालाइं आहारेंति जाव अनंतगुणकालाइं आहारेंति? गोयमा! एगगुणकालाइंपि आहारेंति जाव अनंतगुणकालाइंपि आहारेंति। एवं जाव सुक्किलाइं। जाइं भावओ गंधमंताइं आहारेंति ताइं किं एगगंधाइं आहारेंति? दुगंधाइं आहारेंति? गोयमा! ठाणमग्गणं पडुच्च एगगंधाइंपि आहारेंति दुगंधाइंपि आहारेंति, विहाणमग्गणं पडुच्च सुब्भिगंधाइंपि आहारेंति दुब्भिगंधाइंपि आहारेंति। जाइं गंधओ सुब्भिगंधाइं आहारेंति ताइं किं एगगुणसुब्भिगंधाइं आहारेंति जाव अनंतगुणसुब्भिगंधाइं आहारेंति? गोयमा! एगगुणसुब्भिगंधाइंपि आहारेंति जाव अनंतगुण-सुब्भिगंधाइंपि आहारेंति। एवं दुब्भिगंधाइंपि। रसा जहा वण्णा। जाइं भावओ फासमंताइं आहारेंति ताइं किं एगफासाइं आहारेंति जाव अट्ठफासाइं आहारेंति? गोयमा! ठाणमग्गणं पडुच्च नो एगफासाइं आहारेंति नो दुफासाइं आहारेंति नो तिफासाइं आहारेंति, चउफासाइं आहारेंति पंचफासाइं पि जाव अट्ठफासाइं पि आहारेंति, विहाणमग्गणं पडुच्च कक्खडाइंपि आहारेंति जाव लुक्खाइंपि आहारेंति। जाइं फासओ कक्खडाइं आहारेंति ताइं किं एगगुणकक्खडाइं आहारेंति जाव अनंतगुणकक्खडाइं आहारेंति? गोयमा! एगगुणकक्खडाइंपि आहारेंति जाव अनंतगुणकक्खडाइंपि आहारेंति। एवं जाव लुक्खा नेयव्वा। ताइं भंते! किं पुट्ठाइं आहारेंति? अपुट्ठाइं आहारेंति? गोयमा! पुट्ठाइं आहारेंति नो अपुट्ठाइं आहारेंति। ताइं भंते! किं ओगाढाइं आहारेंति? अनोगाढाइं आहारेंति? गोयमा! ओगाढाइं आहारेंति, नो अनोगाढाइं आहारेंति। ताइं भंते! किमनंतरोगाढाइं आहारेंति? परंपरोगाढाइं आहारेंति? गोयमा! अनंतरोगाढाइं आहारेंति, नो परंपरोगाढाइं आहारेंति। ताइं भंते! किं अणूइं आहारेंति? बायराइं आहारेंति? गोयमा! अणूइंपि आहारेंति, बायराइंपि आहारेंति। ताइं भंते! किं उड्ढं आहारेंति? अहे आहारेंति? तिरियं आहारेंति? गोयमा! उड्ढंपि आहारेंति, अहेवि आहारेंति, तिरियंपि आहारेंति। ताइं भंते! किं आदिं आहारेंति? मज्झे आहारेंति? पज्जवसाणे आहारेंति? गोयमा! आदिंपि आहारेंति, मज्झेवि आहारेंति, पज्जवसानेवि आहारेंति। ताइं भंते! किं सविसए आहारेंति? अविसए आहारेंति? गोयमा! सविसए आहारेंति, नो अविसए आहारेंति। ताइं भंते! किं आनुपुव्विं आहारेंति? अनानुपुव्विं आहारेंति? गोयमा! आनुपुव्विं आहारेंति, नो पुव्विं आहारेंति। ताइं भंते! किं तिदिसिं आहारेंति? चउदिसिं आहारेंति? पंचदिसिं आहारेंति? छद्दिसिं आहारेंति? गोयमा! निव्वाघाएणं छद्दिसिं, वाघायं पडुच्च सिय तिदिसिं सिय चउदिसिं सिय पंचदिसिं। ओसन्नकारणं पडुच्च वण्णओ कालाइं नीलाइं जाव सुक्किलाइं, गंधओ सुब्भिगंधाइं दुब्भिगंधाइं, रसओ तित्त जाव महुराइं, फासओ कक्खडमउय जाव निद्धलुक्खाइं, तेसिं पोराणे वण्णगुणे जाव फासगुणे विप्परिणामइत्ता परिपीलइत्ता परिसाडइत्ता परिविद्धंसइत्ता अन्ने अपुव्वे वण्णगुणे गंधगुणे रसगुणे फासगुणे उप्पाइत्ता आयसरीरखेत्तोगाढे पोग्गले सव्वप्पणयाए आहारमाहारेंति। ते णं भंते! जीवा कओहिंतो उववज्जंति? –किं नेरइएहिंतो उववज्जंति तिरिक्ख-मनुस्सदेवेहिंतो उववज्जंति? गोयमा! नो नेरइएहिंतो उववज्जंति, तिरिक्खजोणिएहिंतो उववज्जंति, मनुस्सेहिंतो उववज्जंति, नो देवेहिंतो उववज्जंति, तिरिक्खजोणियपज्जत्तापज्जत्तेहिंतोअसंखेज्ज वासाउयवज्जेहिंतो उववज्जंति, मनुस्सेहिंतो अकम्मभूमगअसंखेज्जवासाउयवज्जेहिंतो उवव-ज्जंति, वक्कंतीउववाओ भाणियव्वो। तेसि णं भंते! जीवाणं केवइयं कालं ठिई पन्नत्ता? गोयमा! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणवि अंतोमुहुत्तं। ते णं भंते! जीवा मारणंतियसमुग्घाएणं किं समोहया मरंति? असमोहया मरंति? गोयमा! समोहयावि मरंति, असमोहयावि मरंति। ते णं भंते! जीवा अनंतरं उव्वट्टित्ता कहिं गच्छंति? कहिं उववज्जंति? किं नेरइएसु उववज्जंति? तिरिक्खजोणिएसु उववज्जंति? मनुस्सेसु उववज्जंति? देवेसु उववज्जंति? गोयमा! नो नेरइएसु उववज्जंति, तिरिक्खजोणिएसु उववज्जंति, मणु स्सेसु उववज्जंति, नो देवेसु उववज्जंति। जइ तिरिक्खजोणिएसु उववज्जंति किं एगिंदिएसु उववज्जंति जाव पंचिंदिएसु उववज्जंति? गोयमा! एगिंदिएसु उववज्जंति जाव पंचेंदियतिरिक्खजोणिएसु उववज्जंति, असंखेज्जवासाउय- वज्जेसु पज्जत्तापज्जत्तएसु उववज्जंति, मनुस्सेसु अकम्मभूमग अंतरदीवग असंखेज्जवासाउय- वज्जेसु पज्जत्तापज्जत्तएसु उववज्जंति। ते णं भंते! जीवा कतिगतिया कतिआगतिया पन्नत्ता? गोयमा! दुगतिया दुआगतिया, परित्ता असंखेज्जा पन्नत्ता समणाउसो! से त्तं सुहमपुढविकाइया।
Sutra Meaning : हे भगवन्‌ ! उन सूक्ष्म पृथ्वीकायिक जीवों के कितने शरीर हैं ? गौतम ! तीन – औदारिक, तैजस और कार्मण। भगवन्‌ ! उन जीवों के शरीर की अवगाहना कितनी बड़ी है ? गौतम ! जघन्य और उत्कृष्ट से भी अंगुल का असंख्यातवां भाग प्रमाण है। भगवन्‌ ! उन जीवों के शरीर के किस संहननवाले हैं ? गौतम ! सेवार्तसंहनन वाले। भगवन्‌ ! उन जीवों के शरीर का संस्थान क्या है ? गौतम ! चन्द्राकार मसूर की दाल के समान है। भगवन्‌ ! उन जीवों के कषाय कितने हैं ? गौतम ! चार – क्रोधकषाय, मानकषाय, मायाकषाय और लोभ – कषाय। भगवन्‌ ! उन जीवों के कितनी संज्ञाएं हैं ? गौतम ! चार – आहारसंज्ञा यावत्‌ परिग्रहसंज्ञा। भगवन्‌ ! उन जीवों के लेश्याएं कितनी हैं ? गौतम ! तीन – कृष्णलेश्या, नीललेश्या और कापोतलेश्या। भगवन्‌ ! उन जीवों के कितनी इन्द्रियाँ हैं ? गौतम ! एक, स्पर्शनेन्द्रिय। भगवन्‌ ! उन जीवों के कितने समुद्‌घात हैं ? गौतम – तीन, १. वेदना – समुद्‌घात, २. कषाय – समुद्‌घात और ३. मारणांतिक – समुद्‌घात। भगवन्‌ ! वे जीव संज्ञी हैं या असंज्ञी ? गौतम ! असंज्ञी हैं। भगवन्‌ ! वे जीव स्त्रीवेदवाले हैं, पुरुषवेदवाले हैं या नपुंसकवेदवाले हैं ? गौतम ! वे नपुंसकवेदवाले हैं। भगवन्‌ ! उन जीवों के कितनी पर्याप्तियाँ हैं ? गौतम ! चार – आहारपर्याप्ति, शरीरपर्याप्ति, इन्द्रियपर्याप्ति और श्वासोच्छ्‌वासपर्याप्ति। हे भगवन्‌ ! उन जीवों के कितनी अपर्याप्तियाँ हैं ? गौतम ! चार – आहार – अपर्याप्ति यावत्‌ श्वासोच्छ्‌वास – अपर्याप्ति। भगवन्‌ ! वे जीव सम्यग्दृष्टि हैं, मिथ्यादृष्टि हैं या सम्यग्‌ – मिथ्यादृष्टि हैं? गौतम ! वे मिथ्यादृष्टि हैं। भगवन्‌ ! वे जीव चक्षुदर्शनी हैं, अचक्षुदर्शनी हैं, अवधिदर्शनी हैं या केवलीदर्शनी हैं ? गौतम ! वे जीव अचक्षुदर्शनी हैं। भगवन्‌ ! वे जीव ज्ञानी हैं या अज्ञानी ? गौतम ! वे अज्ञानी हैं। वे नियम से दो अज्ञानवाले हैं – मति – अज्ञानी और श्रुत – अज्ञानी। भगवन्‌ ! वे जीव क्या मनोयोग वाले, वचनयोग वाले और काययोग वाले हैं ? गौतम ! वे काययोग वाले हैं। भगवन्‌ ! वे जीव क्या साकारोपयोग वाले हैं या अनाकारोपयोग वाले ? गौतम ! साकार – उपयोग वाले भी हैं और अनाकार – उपयोग वाले भी हैं। भगवन्‌ ! वे जीव क्या आहार करते हैं ? गौतम ! वे द्रव्य से अनन्तप्रदेशी पुद्‌गलों का, क्षेत्र से असंख्यात – प्रदेशावगाढ़ पुद्‌गलों का, काल से किसी भी समय की स्थितिवाले पुद्‌गलों का और भाव से वर्ण वाले, गंधवाले, रसवाले और स्पर्शवाले पुद्‌गलों का आहार करते हैं। भगवन्‌ ! भाव से वे एक वर्ण वाल, दो वर्ण वाले, तीन वर्ण वाले, चार वर्ण वाले या पंच वर्ण वाले पुद्‌गलों का आहार करते हैं ? गौतम ! स्थानमार्गणा की अपेक्षा से एक, दो, यावत्‌ पांच वर्ण वाले पुद्‌गलों का आहार करते हैं। भेदमार्गणा की अपेक्षा काले पुद्‌गलों का यावत्‌ सफेद पुद्‌गलों का भी आहार करते हैं। भन्ते ! वर्ण से जिन काले पुद्‌गलों का आहार करते हैं वे क्या एकगुण काले हैं यावत्‌ अनन्तगुण काले हैं ? गौतम ! एकगुण काले पुद्‌गलों का यावत्‌ अनन्तगुण काले पुद्‌गलों का भी आहार करते हैं। इस प्रकार यावत्‌ शुक्लवर्ण तक जान लेना। भन्ते ! भाव से जिन गंधवाले पुद्‌गलों का आहार करते हैं वे एक गंधवाले या दो गंधवाले हैं ? गौतम ! स्थानमार्गणा की अपेक्षा एक गन्धवाले पुद्‌गलों का भी आहार करते हैं और दो गन्धवालों का भी। भेदमार्गणा की अपेक्षा से सुरभिगन्ध और दुरभिगन्ध वाले दोनों का आहार करते हैं। भन्ते ! जिन सुरभिगन्ध वाले पुद्‌गलों का आहार करते हैं वे क्या एकगुण सुरभिगन्ध वाले हैं यावत्‌ अनन्तगुण सुरभिगन्ध वाले होते हैं ? गौतम ! एकगुण यावत्‌ अनन्तगुण सुरभिगन्ध वाले पुद्‌गलों का आहार करते हैं। इसी प्रकार दुरभिगन्ध में भी कहना। रसों का वर्णन भी वर्ण की तरह जान लेना। भन्ते ! भाव की अपेक्षा से वे जीव जिन स्पर्शवाले पुद्‌गलों का आहार करते हैं वे एक स्पर्श वालों का आहार करते हैं यावत्‌ आठ स्पर्श वाले का ? गौतम ! स्थानमार्गणा की अपेक्षा एक, दो या तीन स्पर्शवालों का आहार नहीं करते किन्तु चार, पाँच यावत्‌ आठ स्पर्शवाले पुद्‌गलों का आहार करते हैं। भेदमार्गणा की अपेक्षा कर्कश यावत्‌ रूक्ष स्पर्शवाले पुद्‌गलों का भी आहार करते हैं। भन्ते ! स्पर्श की अपेक्षा जिन कर्कश पुद्‌गलों का आहार करते हैं वे क्या एकगुण कर्कश हैं या अनन्तगुण कर्कश हैं ? गौतम ! एकगुण का यावत्‌ अनन्तगुण कर्कश का भी आहार करते हैं। इस प्रकार यावत्‌ रूक्षस्पर्श तक जान लेना। भन्ते ! वे आत्म – प्रदेशों से स्पृष्ट का आहार करते हैं या अस्पृष्ट का ? गौतम ! स्पृष्ट का आहार करते हैं, अस्पृष्ट का नहीं। भन्ते ! वे आत्म – प्रदेशों में अवगाढ़ पुद्‌गलों का आहार करते हैं या अनवगाढ़ का ? गौतम ! आत्म – प्रदेशों में अवगाढ़ पुद्‌गलों का आहार करते हैं। भन्ते ! वे अनन्तर – अवगाढ़ पुद्‌गलों का आहार करते हैं या परम्परा से अवगाढ़ का ? गौतम ! अनन्तर – अवगाढ़ पुद्‌गलों का आहार करते हैं। भन्ते ! वे थोड़े प्रमाणवाले पुद्‌गलों का आहार करते हैं या अधिक प्रमाणवाले पुद्‌गलों का ? गौतम ! वे थोड़े प्रमाणवाले पुद्‌गलों का भी आहार करते हैं और अधिक प्रमाणवाले का भी। भन्ते ! क्या वे ऊपर, नीचे या तिर्यक्‌ स्थित पुद्‌गलों का आहार करते हैं ? गौतम ! वे ऊपर स्थित पुद्‌गलों का, नीचे स्थित पुद्‌गलों का और तिरछे स्थित पुद्‌गलों का भी आहार करते हैं। भन्ते ! क्या वे आदि, मध्य और अन्त में स्थित पुद्‌गलों का आहार करते हैं ? गौतम ! तीनों का। भन्ते ! क्या वे अपने योग्य पुद्‌गलों का आहार करते हैं या अपने अयोग्य पुद्‌गलों का ? गौतम ! वे अपने योग्य पुद्‌गलों का ही आहार करते हैं। भन्ते ! क्या वे समीपस्थ पुद्‌गलों का आहार करते हैं या दूरस्थ पुद्‌गलों का? गौतम ! वे समीपस्थ पुद्‌गलों का ही आहार करते हैं। भन्ते ! क्या वे तीन दिशाओं, चार दिशाओं, पाँच दिशाओं और छह दिशाओं में स्थित पुद्‌गलों का आहार करते हैं ? गौतम ! व्याघात न हो तो छहों दिशाओं के पुद्‌गलों का आहार करते हैं। व्याघात हो तो तीन, चार और कभी पाँच दिशाओं में स्थित पुद्‌गलों का आहार करते हैं। प्रायः विशेष करके वे जीव कृष्ण, नील यावत्‌ शुक्ल वर्ण वाले पुद्‌गलों का आहार करते हैं। गन्ध से सुरभिगंध दुरभिगंध वाले, रस से तिक्त यावत्‌ मधुररस वाले, स्पर्श से कर्कश – मृदु यावत्‌ स्निग्ध – रूक्ष पुद्‌गलों का आहार करते हैं। वे उन आहार्यमाण पुद्‌गलों के पुराने वर्णगुणों को यावत्‌ स्पर्शगुणों को बदलकर, हटाकर, झटककर, विध्वंसकर उनमें दूसरे अपूर्व वर्णगुण, गन्धगुण, रसगुण और स्पर्शगुणों को उत्पन्न करके आत्मशरीरावगाढ़ पुद्‌गलों को सब आत्म – प्रदेशों से ग्रहण करते हैं। भगवन्‌ ! वे जीव कहाँ से आकर उत्पन्न होते हैं ? क्या वे नरक से, तिर्यंच से, मनुष्य से या देव से आकर उत्पन्न होते हैं ? गौतम ! तिर्यंच से अथवा मनुष्य से आकर उत्पन्न होते हैं। तिर्यंच से उत्पन्न होते हैं तो असंख्यात – वर्षायु वाले भोगमूमि के तिर्यंचों को छोड़कर शेष पर्याप्त – अपर्याप्त तिर्यंचों से आकर उत्पन्न होते हैं। मनुष्यों से उत्पन्न होते हैं तो अकर्मभूमि वाले और असंख्यात वर्षों की आयुवालों को छोड़कर शेष मनुष्यों से आकर उत्पन्न होते हैं। इस प्रकार व्युत्क्रान्ति – उपपात कहना। उन जीवों की स्थिति कितने काल की है ? गौतम ! जघन्य और उत्कृष्ट से भी अन्तर्मुहूर्त्त। वे जीव मारणा – न्तिक समुद्‌घात से समवहत होकर मरते हैं या असमवहत होकर ? गौतम ! दोनों प्रकार से मरते हैं। भगवन्‌ ! वे जीव अगले भव में कहाँ जाते हैं ? कहाँ उत्पन्न होते हैं ? क्या वे नैरयिकों में, तिर्यंचों में, मनुष्यों में और देवों में उत्पन्न होते हैं ? गौतम ! तिर्यंचों में अथवा मनुष्यों में उत्पन्न होते हैं। भन्ते ! क्या वे एकेन्द्रियों में यावत्‌ पंचेन्द्रियों में उत्पन्न होते हैं ? गौतम ! वे एकेन्द्रियों, यावत्‌ पंचेन्द्रियतिर्यंचयोनिकों में उत्पन्न होते हैं, लेकिन असंख्यात वर्षायुवाले तिर्यंचों को छोड़कर शेष पर्याप्त – अपर्याप्त तिर्यंचों में उत्पन्न होते हैं। अकर्मभूमि वाले, अन्तरद्वीपवाले तथा असंख्यात – वर्षायुवाले मनुष्यों को छोड़कर शेष पर्याप्त – अपर्याप्त मनुष्योंमें उत्पन्न होते हैं भगवन्‌ ! वे जीव कितनी गति में जानेवाले और कितनी गति से आने वाले हैं ? गौतम ! वे जीव दो गतिवाले और दो आगतिवाले हैं। हे आयुष्मन्‌ श्रमण ! वे जीव प्रत्येक शरीरवाले और असंख्यात लोकाकाश प्रदेश प्रमाण कहे गए हैं।
Mool Sutra Transliteration : [sutra] tesi nam bhamte! Jivanam kai sariraga pannatta? Goyama! Tao sariraga pannatta, tam jaha–oralie teyae kammae. Tesi nam bhamte! Jivanam kemahaliya sarirogahana pannatta? Goyama! Jahannenam amgulasamkhejjai-bhagam, ukkosenavi amgulasamkhejjaibhagam. Tesi nam bhamte! Jivanam sarira kim samghayana pannatta? Goyama! Chhevattasamghayana pannatta. Tesi nam bhamte! Jivanam sarira kim samthiya pannatta? Goyama! Masurachamdasamthiya pannatta. Tesi nam bhamte! Jivanam kati kasaya pannatta? Goyama! Chattari kasaya pannatta, tam jaha–kohakasae manakasae mayakasae lohakasae. Tesi nam bhamte! Jivanam kati sannao pannattao? Goyama! Chattari sannao pannattao, tam jaha–aharasanna bhayasanna mehunasanna pariggahasanna. Tesi nam bhamte! Jivanam kai lesao pannattao? Goyama! Tinni lessao pannattao, tam jaha–kanhalessa nilalessa kaulessa. Tesi nam bhamte! Jivanam kai imdiyaim pannattaim? Goyama! Ege phasimdie pannatte. Tesi nam bhamte! Jivanam kai samugghaya pannatta? Goyama! Tao samugghaya pannatta, tam jaha–veyanasamugghae kasayasamugghae maranamtiyasamugghae. Te nam bhamte! Jiva kim sanni asanni? Goyama! No sanni, asanni. Te nam bhamte! Jiva kim itthiveya purisaveya napumsagaveya? Goyama! No itthiveya no purisaveya, napumsagaveya. Tesi nam bhamte! Jivanam kai pajjattio pannattao? Goyama! Chattari pajjattio pannattao, tam jaha–aharapajjatti sarirapajjatti imdiyapajjatti anapanupajjatti. Tesi nam bhamte! Jivanam kai apajjattio pannattao? Goyama! Chattari apajjattio pannattao, tam jaha–aharaapajjatti java anapanuapajjatti. Te nam bhamte! Jiva kim sammaditthi michchhaditthi sammamichchhaditthi? Goyama! No sammaditthi, michchhaditthi, no sammamichchhaditthi. Te nam bhamte! Jiva kim chakkhudamsani achakkhudamsani ohidamsani kevaladamsani? Goyama! No chakkhudamsani, achakkhudamsani, no ohidamsani no kevaladamsani. Te nam bhamte! Jiva kim nani annani? Goyama! No nani, annani, niyama duannani, tam jaha–maiannani suyaannani ya. Te nam bhamte! Jiva kim manajogi vaijogi kayajogi? Goyama! No manajogi, no vaijogi, kayajogi. Te nam bhamte! Jiva kim sagarovautta anagarovautta? Goyama! Sagarovauttavi anagaro-vauttavi. Te nam bhamte! Jiva kimaharamaharemti? Goyama! Davvao anamtapaesiyaim davvaim, khettao asamkhejjapaesogadhaim, kalao annayarasamayatthiiyaim, bhavao vannamamtaim gamdhamamtaim rasamamtaim phasamamtaim. Jaim bhavao vannamamtaim aharemti taim kim egavannaim aharemti? Duvannaim aharemti? Tivannaim aharemti? Chauvannaim aharemti? Pamchavannaim aharemti? Goyama! Thanamagganam paduchcha egavannaimpi duvannaimpi tivannaimpi chauvannaimpi pamchavannaimpi aharemti, vihanamagganam paduchcha kalaimpi aharemti java sukkilaimpi aharemti. Jaim vannao kalaim aharemti taim kim egagunakalaim aharemti java anamtagunakalaim aharemti? Goyama! Egagunakalaimpi aharemti java anamtagunakalaimpi aharemti. Evam java sukkilaim. Jaim bhavao gamdhamamtaim aharemti taim kim egagamdhaim aharemti? Dugamdhaim aharemti? Goyama! Thanamagganam paduchcha egagamdhaimpi aharemti dugamdhaimpi aharemti, vihanamagganam paduchcha subbhigamdhaimpi aharemti dubbhigamdhaimpi aharemti. Jaim gamdhao subbhigamdhaim aharemti taim kim egagunasubbhigamdhaim aharemti java anamtagunasubbhigamdhaim aharemti? Goyama! Egagunasubbhigamdhaimpi aharemti java anamtaguna-subbhigamdhaimpi aharemti. Evam dubbhigamdhaimpi. Rasa jaha vanna. Jaim bhavao phasamamtaim aharemti taim kim egaphasaim aharemti java atthaphasaim aharemti? Goyama! Thanamagganam paduchcha no egaphasaim aharemti no duphasaim aharemti no tiphasaim aharemti, chauphasaim aharemti pamchaphasaim pi java atthaphasaim pi aharemti, vihanamagganam paduchcha kakkhadaimpi aharemti java lukkhaimpi aharemti. Jaim phasao kakkhadaim aharemti taim kim egagunakakkhadaim aharemti java anamtagunakakkhadaim aharemti? Goyama! Egagunakakkhadaimpi aharemti java anamtagunakakkhadaimpi aharemti. Evam java lukkha neyavva. Taim bhamte! Kim putthaim aharemti? Aputthaim aharemti? Goyama! Putthaim aharemti no aputthaim aharemti. Taim bhamte! Kim ogadhaim aharemti? Anogadhaim aharemti? Goyama! Ogadhaim aharemti, no anogadhaim aharemti. Taim bhamte! Kimanamtarogadhaim aharemti? Paramparogadhaim aharemti? Goyama! Anamtarogadhaim aharemti, no paramparogadhaim aharemti. Taim bhamte! Kim anuim aharemti? Bayaraim aharemti? Goyama! Anuimpi aharemti, bayaraimpi aharemti. Taim bhamte! Kim uddham aharemti? Ahe aharemti? Tiriyam aharemti? Goyama! Uddhampi aharemti, ahevi aharemti, tiriyampi aharemti. Taim bhamte! Kim adim aharemti? Majjhe aharemti? Pajjavasane aharemti? Goyama! Adimpi aharemti, majjhevi aharemti, pajjavasanevi aharemti. Taim bhamte! Kim savisae aharemti? Avisae aharemti? Goyama! Savisae aharemti, no avisae aharemti. Taim bhamte! Kim anupuvvim aharemti? Ananupuvvim aharemti? Goyama! Anupuvvim aharemti, no puvvim aharemti. Taim bhamte! Kim tidisim aharemti? Chaudisim aharemti? Pamchadisim aharemti? Chhaddisim aharemti? Goyama! Nivvaghaenam chhaddisim, vaghayam paduchcha siya tidisim siya chaudisim siya pamchadisim. Osannakaranam paduchcha vannao kalaim nilaim java sukkilaim, gamdhao subbhigamdhaim dubbhigamdhaim, rasao titta java mahuraim, phasao kakkhadamauya java niddhalukkhaim, tesim porane vannagune java phasagune vipparinamaitta paripilaitta parisadaitta parividdhamsaitta anne apuvve vannagune gamdhagune rasagune phasagune uppaitta ayasarirakhettogadhe poggale savvappanayae aharamaharemti. Te nam bhamte! Jiva kaohimto uvavajjamti? –kim neraiehimto uvavajjamti tirikkha-manussadevehimto uvavajjamti? Goyama! No neraiehimto uvavajjamti, tirikkhajoniehimto uvavajjamti, manussehimto uvavajjamti, no devehimto uvavajjamti, tirikkhajoniyapajjattapajjattehimtoasamkhejja vasauyavajjehimto uvavajjamti, manussehimto akammabhumagaasamkhejjavasauyavajjehimto uvava-jjamti, vakkamtiuvavao bhaniyavvo. Tesi nam bhamte! Jivanam kevaiyam kalam thii pannatta? Goyama! Jahannenam amtomuhuttam, ukkosenavi amtomuhuttam. Te nam bhamte! Jiva maranamtiyasamugghaenam kim samohaya maramti? Asamohaya maramti? Goyama! Samohayavi maramti, asamohayavi maramti. Te nam bhamte! Jiva anamtaram uvvattitta kahim gachchhamti? Kahim uvavajjamti? Kim neraiesu uvavajjamti? Tirikkhajoniesu uvavajjamti? Manussesu uvavajjamti? Devesu uvavajjamti? Goyama! No neraiesu uvavajjamti, tirikkhajoniesu uvavajjamti, manu ssesu uvavajjamti, no devesu uvavajjamti. Jai tirikkhajoniesu uvavajjamti kim egimdiesu uvavajjamti java pamchimdiesu uvavajjamti? Goyama! Egimdiesu uvavajjamti java pamchemdiyatirikkhajoniesu uvavajjamti, asamkhejjavasauya- vajjesu pajjattapajjattaesu uvavajjamti, manussesu akammabhumaga amtaradivaga asamkhejjavasauya- vajjesu pajjattapajjattaesu uvavajjamti. Te nam bhamte! Jiva katigatiya katiagatiya pannatta? Goyama! Dugatiya duagatiya, paritta asamkhejja pannatta samanauso! Se ttam suhamapudhavikaiya.
Sutra Meaning Transliteration : He bhagavan ! Una sukshma prithvikayika jivom ke kitane sharira haim\? Gautama ! Tina – audarika, taijasa aura karmana. Bhagavan ! Una jivom ke sharira ki avagahana kitani bari hai\? Gautama ! Jaghanya aura utkrishta se bhi amgula ka asamkhyatavam bhaga pramana hai. Bhagavan ! Una jivom ke sharira ke kisa samhananavale haim\? Gautama ! Sevartasamhanana vale. Bhagavan ! Una jivom ke sharira ka samsthana kya hai\? Gautama ! Chandrakara masura ki dala ke samana hai. Bhagavan ! Una jivom ke kashaya kitane haim\? Gautama ! Chara – krodhakashaya, manakashaya, mayakashaya aura lobha – kashaya. Bhagavan ! Una jivom ke kitani samjnyaem haim\? Gautama ! Chara – aharasamjnya yavat parigrahasamjnya. Bhagavan ! Una jivom ke leshyaem kitani haim\? Gautama ! Tina – krishnaleshya, nilaleshya aura kapotaleshya. Bhagavan ! Una jivom ke kitani indriyam haim\? Gautama ! Eka, sparshanendriya. Bhagavan ! Una jivom ke kitane samudghata haim\? Gautama – tina, 1. Vedana – samudghata, 2. Kashaya – samudghata aura 3. Maranamtika – samudghata. Bhagavan ! Ve jiva samjnyi haim ya asamjnyi\? Gautama ! Asamjnyi haim. Bhagavan ! Ve jiva strivedavale haim, purushavedavale haim ya napumsakavedavale haim\? Gautama ! Ve napumsakavedavale haim. Bhagavan ! Una jivom ke kitani paryaptiyam haim\? Gautama ! Chara – aharaparyapti, shariraparyapti, indriyaparyapti aura shvasochchhvasaparyapti. He bhagavan ! Una jivom ke kitani aparyaptiyam haim\? Gautama ! Chara – ahara – aparyapti yavat shvasochchhvasa – aparyapti. Bhagavan ! Ve jiva samyagdrishti haim, mithyadrishti haim ya samyag – mithyadrishti haim? Gautama ! Ve mithyadrishti haim. Bhagavan ! Ve jiva chakshudarshani haim, achakshudarshani haim, avadhidarshani haim ya kevalidarshani haim\? Gautama ! Ve jiva achakshudarshani haim. Bhagavan ! Ve jiva jnyani haim ya ajnyani\? Gautama ! Ve ajnyani haim. Ve niyama se do ajnyanavale haim – mati – ajnyani aura shruta – ajnyani. Bhagavan ! Ve jiva kya manoyoga vale, vachanayoga vale aura kayayoga vale haim\? Gautama ! Ve kayayoga vale haim. Bhagavan ! Ve jiva kya sakaropayoga vale haim ya anakaropayoga vale\? Gautama ! Sakara – upayoga vale bhi haim aura anakara – upayoga vale bhi haim. Bhagavan ! Ve jiva kya ahara karate haim\? Gautama ! Ve dravya se anantapradeshi pudgalom ka, kshetra se asamkhyata – pradeshavagarha pudgalom ka, kala se kisi bhi samaya ki sthitivale pudgalom ka aura bhava se varna vale, gamdhavale, rasavale aura sparshavale pudgalom ka ahara karate haim. Bhagavan ! Bhava se ve eka varna vala, do varna vale, tina varna vale, chara varna vale ya pamcha varna vale pudgalom ka ahara karate haim\? Gautama ! Sthanamargana ki apeksha se eka, do, yavat pamcha varna vale pudgalom ka ahara karate haim. Bhedamargana ki apeksha kale pudgalom ka yavat sapheda pudgalom ka bhi ahara karate haim. Bhante ! Varna se jina kale pudgalom ka ahara karate haim ve kya ekaguna kale haim yavat anantaguna kale haim\? Gautama ! Ekaguna kale pudgalom ka yavat anantaguna kale pudgalom ka bhi ahara karate haim. Isa prakara yavat shuklavarna taka jana lena. Bhante ! Bhava se jina gamdhavale pudgalom ka ahara karate haim ve eka gamdhavale ya do gamdhavale haim\? Gautama ! Sthanamargana ki apeksha eka gandhavale pudgalom ka bhi ahara karate haim aura do gandhavalom ka bhi. Bhedamargana ki apeksha se surabhigandha aura durabhigandha vale donom ka ahara karate haim. Bhante ! Jina surabhigandha vale pudgalom ka ahara karate haim ve kya ekaguna surabhigandha vale haim yavat anantaguna surabhigandha vale hote haim\? Gautama ! Ekaguna yavat anantaguna surabhigandha vale pudgalom ka ahara karate haim. Isi prakara durabhigandha mem bhi kahana. Rasom ka varnana bhi varna ki taraha jana lena. Bhante ! Bhava ki apeksha se ve jiva jina sparshavale pudgalom ka ahara karate haim ve eka sparsha valom ka ahara karate haim yavat atha sparsha vale ka\? Gautama ! Sthanamargana ki apeksha eka, do ya tina sparshavalom ka ahara nahim karate kintu chara, pamcha yavat atha sparshavale pudgalom ka ahara karate haim. Bhedamargana ki apeksha karkasha yavat ruksha sparshavale pudgalom ka bhi ahara karate haim. Bhante ! Sparsha ki apeksha jina karkasha pudgalom ka ahara karate haim ve kya ekaguna karkasha haim ya anantaguna karkasha haim\? Gautama ! Ekaguna ka yavat anantaguna karkasha ka bhi ahara karate haim. Isa prakara yavat rukshasparsha taka jana lena. Bhante ! Ve atma – pradeshom se sprishta ka ahara karate haim ya asprishta ka\? Gautama ! Sprishta ka ahara karate haim, asprishta ka nahim. Bhante ! Ve atma – pradeshom mem avagarha pudgalom ka ahara karate haim ya anavagarha ka\? Gautama ! Atma – pradeshom mem avagarha pudgalom ka ahara karate haim. Bhante ! Ve anantara – avagarha pudgalom ka ahara karate haim ya parampara se avagarha ka\? Gautama ! Anantara – avagarha pudgalom ka ahara karate haim. Bhante ! Ve thore pramanavale pudgalom ka ahara karate haim ya adhika pramanavale pudgalom ka\? Gautama ! Ve thore pramanavale pudgalom ka bhi ahara karate haim aura adhika pramanavale ka bhi. Bhante ! Kya ve upara, niche ya tiryak sthita pudgalom ka ahara karate haim\? Gautama ! Ve upara sthita pudgalom ka, niche sthita pudgalom ka aura tirachhe sthita pudgalom ka bhi ahara karate haim. Bhante ! Kya ve adi, madhya aura anta mem sthita pudgalom ka ahara karate haim\? Gautama ! Tinom ka. Bhante ! Kya ve apane yogya pudgalom ka ahara karate haim ya apane ayogya pudgalom ka\? Gautama ! Ve apane yogya pudgalom ka hi ahara karate haim. Bhante ! Kya ve samipastha pudgalom ka ahara karate haim ya durastha pudgalom ka? Gautama ! Ve samipastha pudgalom ka hi ahara karate haim. Bhante ! Kya ve tina dishaom, chara dishaom, pamcha dishaom aura chhaha dishaom mem sthita pudgalom ka ahara karate haim\? Gautama ! Vyaghata na ho to chhahom dishaom ke pudgalom ka ahara karate haim. Vyaghata ho to tina, chara aura kabhi pamcha dishaom mem sthita pudgalom ka ahara karate haim. Prayah vishesha karake ve jiva krishna, nila yavat shukla varna vale pudgalom ka ahara karate haim. Gandha se surabhigamdha durabhigamdha vale, rasa se tikta yavat madhurarasa vale, sparsha se karkasha – mridu yavat snigdha – ruksha pudgalom ka ahara karate haim. Ve una aharyamana pudgalom ke purane varnagunom ko yavat sparshagunom ko badalakara, hatakara, jhatakakara, vidhvamsakara unamem dusare apurva varnaguna, gandhaguna, rasaguna aura sparshagunom ko utpanna karake atmashariravagarha pudgalom ko saba atma – pradeshom se grahana karate haim. Bhagavan ! Ve jiva kaham se akara utpanna hote haim\? Kya ve naraka se, tiryamcha se, manushya se ya deva se akara utpanna hote haim\? Gautama ! Tiryamcha se athava manushya se akara utpanna hote haim. Tiryamcha se utpanna hote haim to asamkhyata – varshayu vale bhogamumi ke tiryamchom ko chhorakara shesha paryapta – aparyapta tiryamchom se akara utpanna hote haim. Manushyom se utpanna hote haim to akarmabhumi vale aura asamkhyata varshom ki ayuvalom ko chhorakara shesha manushyom se akara utpanna hote haim. Isa prakara vyutkranti – upapata kahana. Una jivom ki sthiti kitane kala ki hai\? Gautama ! Jaghanya aura utkrishta se bhi antarmuhurtta. Ve jiva marana – ntika samudghata se samavahata hokara marate haim ya asamavahata hokara\? Gautama ! Donom prakara se marate haim. Bhagavan ! Ve jiva agale bhava mem kaham jate haim\? Kaham utpanna hote haim\? Kya ve nairayikom mem, tiryamchom mem, manushyom mem aura devom mem utpanna hote haim\? Gautama ! Tiryamchom mem athava manushyom mem utpanna hote haim. Bhante ! Kya ve ekendriyom mem yavat pamchendriyom mem utpanna hote haim\? Gautama ! Ve ekendriyom, yavat pamchendriyatiryamchayonikom mem utpanna hote haim, lekina asamkhyata varshayuvale tiryamchom ko chhorakara shesha paryapta – aparyapta tiryamchom mem utpanna hote haim. Akarmabhumi vale, antaradvipavale tatha asamkhyata – varshayuvale manushyom ko chhorakara shesha paryapta – aparyapta manushyommem utpanna hote haim Bhagavan ! Ve jiva kitani gati mem janevale aura kitani gati se ane vale haim\? Gautama ! Ve jiva do gativale aura do agativale haim. He ayushman shramana ! Ve jiva pratyeka shariravale aura asamkhyata lokakasha pradesha pramana kahe gae haim.