Sutra Navigation: Jivajivabhigam ( जीवाभिगम उपांग सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1005819 | ||
Scripture Name( English ): | Jivajivabhigam | Translated Scripture Name : | जीवाभिगम उपांग सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
द्विविध जीव प्रतिपत्ति |
Translated Chapter : |
द्विविध जीव प्रतिपत्ति |
Section : | Translated Section : | ||
Sutra Number : | 19 | Category : | Upang-03 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] से किं तं वणस्सइकाइया? वणस्सइकाइया दुविहा पन्नत्ता, तं जहा–सुहुमवणस्सइकाइया य बायरवणस्सइकाइया य। | ||
Sutra Meaning : | वनस्पतिकायिक जीवों का क्या स्वरूप है ? वनस्पतिकायिक जीव दो प्रकार के हैं, सूक्ष्म वनस्पतिकायिक और बादर वनस्पतिकायिक। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] se kim tam vanassaikaiya? Vanassaikaiya duviha pannatta, tam jaha–suhumavanassaikaiya ya bayaravanassaikaiya ya. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Vanaspatikayika jivom ka kya svarupa hai\? Vanaspatikayika jiva do prakara ke haim, sukshma vanaspatikayika aura badara vanaspatikayika. |