Sutra Navigation: Sthanang ( स्थानांग सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1002072 | ||
Scripture Name( English ): | Sthanang | Translated Scripture Name : | स्थानांग सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
स्थान-२ |
Translated Chapter : |
स्थान-२ |
Section : | उद्देशक-१ | Translated Section : | उद्देशक-१ |
Sutra Number : | 72 | Category : | Ang-03 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] दुविहे धम्मे पन्नत्ते, तं जहा–सुयधम्मे चेव, चरित्तधम्मे चेव। सुयधम्मे दुविहे पन्नत्ते, तं जहा–सुत्तसुयधम्मे चेव, अत्थसुयधम्मे चेव। चरित्तधम्मे दुविहे पन्नत्ते, तं जहा–अगारचरित्तधम्मे चेव, अनगारचरित्तधम्मे चेव। दुविहे संजमे पन्नत्ते, तं जहा–सरागसंजमे चेव, वीतरागसंजमे चेव। सरागसंजमे दुविहे पन्नत्ते, तं जहा–सुहुमसंपरायसरागसंजमे चेव, बादरसंपरायसरागसंजमे चेव। सुहुमसंपरायसरागसंजमे दुविहे पन्नत्ते, तं जहा– पढमसमयसुहुमसंपरायसरागसंजमे चेव, अपढम-समयसुहुमसंपरायसरागसंजमे चेव। अहवा–चरिमसमयसुहुमसंपरायसरागसंजमे चेव, अचरिमसमयसुहुमसंपरायसरागसंजमे चेव। अहवा–सुहुमसंपरायसरागसंजमे दुविहे पन्नत्ते, तं जहा–संकिलेसमाणए चेव, विसुज्झमाणए चेव। बादरसंपरायसरागसंजमे दुविहे पन्नत्ते, तं जहा– पढमसमयबादरसंपरायसरागसंजमे चेव, अपढमसमयबादरसंपरायसरागसंजमे चेव। अहवा–चरिमसमयबादरसंपरायसरागसंजमे चेव, अचरिमसमयबादरसंपरायसरागसंजमे चेव। अहवा–बादरसंपरायसरागसंजमे दुविहे पन्नत्ते, तं जहा–पडिवातिए चेव, अपडिवातिए चेव। वीयरागसंजमे दुविहे पन्नत्ते, तं जहा– उवसंतकसायवीयरागसंजमे चेव खीणकसायवीयरागसंजमे चेव उवसंतकसायवीयरागसंजमे दुविहे पन्नत्ते, तं जहा– पढमसमयउवसंतकसायवीयरागसंजमे चेव, अपढमसमयउवसंतकसायवीयरागसंजमे चेव। अहवा–चरिमसमयउवसंतकसायवीयरागसंजमे चेव, अचरिमसमयउवसंतकसायवीयरागसंजमे चेव खीणकसायवीयरागसंजमे दुविहे पन्नत्ते, तं जहा– छउमत्थखीणकसायवीयरागसंजमे चेव, केवलि-खीणकसायवीयरागसंजमे चेव। छउमत्थखीणकसायवीयरागसंजमे दुविहे पन्नत्ते, तं जहा– सयंबुद्धछउमत्थखीणकसायवीतराग-संजमे चेव, बुद्धबोहियछउमत्थखीणकसायवीतरागसंजमे चेव। सयंबुद्धछउमत्थखीणकसायवीयरागसंजमे दुविहे पन्नत्ते, तं जहा– पढमसमयसयंबुद्धछउमत्थ- खीणकसायवीतरागसंजमे चेव, अपढमसमयसयंबुद्धछउमत्थखीणकसायवीतरागसंजमे चेव। अहवा–चरिमसमयसयंबुद्धछउमत्थखीणकसायवीतरागसंजमे चेव, अचरिमसमयसयंबुद्धछउमत्थ-खीणकसायवीतरागसंजमे चेव बुद्धबोहियछउमत्थखीणकसायवीतरागसंजमे दुविहे पन्नत्ते, तं जहा–पढमसमयबुद्धबोहियछउमत्थ- खीणकसायवीतरागसंजमे चेव, अपढमसमयबुद्धबोहियछउमत्थखीणकसायवीतरागसंजमे चेव। अहवा– चरिमसमयबुद्धबोहियछउमत्थखीणकसायवीयरागसंजमे चेव, अचरिमसमयबुद्धबोहिय-छउमत्थखीणकसायवीयरागसंजमे चेव। केवलिखीणकसायवीयरागसंजमे दुविहे पन्नत्ते, तं जहा– सजोगिकेवलिखीणकसायवीयरागसंजमे चेव, अजोगि-केवलिखीणकसायवीयरागसंजमे चेव। सजोगिकेवलिखीणकसायवीयरागसंजमे दुविहे पन्नत्ते, तं जहा– पढमसमयसजोगिकेवलिखीण-कसायवीयरागसंजमे चेव, अपढमसमयसजोगिकेवलिखीणकसायवीयरागसंजमे चेव। अहवा– चरिमसमयसजोगिकेवलिखीणकसायवीयरागसंजमे चेव, अचरिमसमयसजोगिकेवलिखीण -कसायवीयरागसंजमे चेव। अजोगिकेवलिखीणकसायवीयरागसंजमे दुविहे पन्नत्ते, तं जहा– पढमसमयअजोगिकेवलि-खीणकसायवीयराग-संजमे चेव, अपढमसमयअजोगिकेवलिखीणकसायवीयरागसंजमे चेव। अहवा– चरिमसमयअजोगिकेवलिखीणकसायवीयरागसंजमे चेव, अचरिमसमयअजोगिकेवलि-खीणकसायवीयरागसंजमे चेव। | ||
Sutra Meaning : | धर्म दो प्रकार का कहा गया है, यथा – श्रुत – धर्म और चारित्र – धर्म। श्रुत – धर्म दो प्रकार का कहा है, यथा – सूत्र – श्रुत – धर्म और अर्थ – श्रुत – धर्म। चारित्र धर्म दो प्रकार का कहा है, यथा – अगार – चारित्र – धर्म और अनगार – चारित्र धर्म। संयम दो प्रकार का है, सराग – संयम और वीतराग – संयम। सराग – संयम दो प्रकार का है, सूक्ष्म – सम्परायराग – संयम, बादर – सम्परायराग – संयम। सूक्ष्म सम्पराय सराग संयम दो प्रकार का है – प्रथम समय – सूक्ष्मसम्पराय सराग संयम, अप्रथम समय सूक्ष्म सम्पराय सराग संयम। अथवा चरम – समय – सूक्ष्म – सम्पराय – सराग – संयम, अचरम समय – सूक्ष्म – सम्पराय – सराग – संयम। अथवा सूक्ष्म – सम्पराय – संयम दो प्रकार का है, ‘संक्लिश्यमान’ उपशम – श्रेणी से गिरते हुए जीव का, ‘विशुध्यमान’ उपशम – श्रेणी पर चढ़ते हुए जीव का। बादर – सम्पराय – सराग – संयम दो प्रकार का है, प्रथम – समय – बादर – सम्पराय – सराग – संयम, अप्रथम – समय – बादर – सम्पराय – संयम। अथवा चरम – समय – बादर – सम्पराय – सराग – संयम और अचरम बादर सम्पराय सराग संयम। अथवा बादर – सम्पराय – सराग – संयम दो प्रकार का है, प्रतिपाती और अप्रतिपाती। वीतराग संयम दो प्रकार का कहा गया है, यथा – उपशान्त – कषाय – वीतराग – संयम, क्षीण – कषाय – वीतराग – संयम उपशान्तकषाय वीतराग संयम दो प्रकार का है, प्रथम – समय – उपशान्त – कषाय – वीतराग – संयम और अप्रथम – समय – उपशान्त – कषाय – वीतराग – संयम, अथवा चरमसमय उपशान्त कषाय वीतराग संयम, अचरम – समय – उपशान्त – कषाय – वीतराग संयम। क्षीण – कषाय – वीतराग – संयम दो प्रकार का है – छद्मस्थ – क्षीण – कषाय – वीतराग – संयम, केवली – क्षीण – कषाय – वीतराग – संयम। छद्मस्थ क्षीण कषाय वीतराग संयम दो प्रकार का है, स्वयंबुद्ध – छद्मस्थ – क्षीण – कषाय – वीतराग – संयम, बुद्ध – बोधित – छद्मस्थ – क्षीण – कषाय – वीतराग – संयम। स्वयंबुद्ध – छद्मस्थ – क्षीण – कषाय – वीतराग – संयम दो प्रकार का कहा गया है, प्रथम – समय – स्वयंबुद्ध – छद्मस्थ – क्षीण – कषाय – वीतराग – संयम, अप्रथम – समय – स्वयंबुद्ध – छद्मस्थ – क्षीण – कषाय – वीतराग संयम। अथवा चरम – समय – स्वयंबुद्ध – छद्मस्थ – क्षीण – कषाय – वीतराग – संयम और अचरम – समय – स्वयंबुद्ध – छद्मस्थ – क्षीण – कषाय – वीतराग – संयम। बुद्ध – बोधित – छद्मस्थ – क्षीण – कषाय – वीतराग – संयम दो प्रकार का कहा गया है, यथा – प्रथम – समय – बुद्ध – बोधित – छद्मस्थ – क्षीण – कषाय – वीतराग संयम और अप्रथम – समय – बुद्ध – बोधित – छद्मस्थ – क्षीण – कषाय – वीतराग – संयम। अथवा चरम – समय और अचरम – समय – बुद्ध – बोधित – केवली। क्षीण – कषाय – वीतराग – संयम दो प्रकार का कहा गया है। यथा – सयोगी – केवली – क्षीण – कषाय – वीतराग – संयम, अयोगी – केवली – क्षीण – कषाय – वीतराग – संयम। सयोगी – केवली – क्षीण – कषाय – वीतराग – संयम दो प्रकार का है, प्रथम – समय और अप्रथम – समय – सयोगी – केवली – क्षीण – कषाय – वीतराग – संयम, अथवा चरम – समय और अचरम समय सयोगी – केवली – क्षीण – कषाय – वीतराग – संयम। अयोगी – केवली – क्षीण – कषाय – वीतराग – संयम दो प्रकार का है, प्रथम – समय और अप्रथमसमय अयोगी – केवली – क्षीण – कषाय – वीतराग – संयम। अथवा चरम – समय – अयोगी – केवली – क्षीण – कषाय – वीतराग – संयम, अचरम – समय – अयोगी – केवली – क्षीण – कषाय – वीतराग – संयम। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] duvihe dhamme pannatte, tam jaha–suyadhamme cheva, charittadhamme cheva. Suyadhamme duvihe pannatte, tam jaha–suttasuyadhamme cheva, atthasuyadhamme cheva. Charittadhamme duvihe pannatte, tam jaha–agaracharittadhamme cheva, anagaracharittadhamme cheva. Duvihe samjame pannatte, tam jaha–saragasamjame cheva, vitaragasamjame cheva. Saragasamjame duvihe pannatte, tam jaha–suhumasamparayasaragasamjame cheva, badarasamparayasaragasamjame cheva. Suhumasamparayasaragasamjame duvihe pannatte, tam jaha– padhamasamayasuhumasamparayasaragasamjame cheva, apadhama-samayasuhumasamparayasaragasamjame cheva. Ahava–charimasamayasuhumasamparayasaragasamjame cheva, acharimasamayasuhumasamparayasaragasamjame cheva. Ahava–suhumasamparayasaragasamjame duvihe pannatte, tam jaha–samkilesamanae cheva, visujjhamanae cheva. Badarasamparayasaragasamjame duvihe pannatte, tam jaha– padhamasamayabadarasamparayasaragasamjame cheva, apadhamasamayabadarasamparayasaragasamjame cheva. Ahava–charimasamayabadarasamparayasaragasamjame cheva, acharimasamayabadarasamparayasaragasamjame cheva. Ahava–badarasamparayasaragasamjame duvihe pannatte, tam jaha–padivatie cheva, apadivatie cheva. Viyaragasamjame duvihe pannatte, tam jaha– uvasamtakasayaviyaragasamjame cheva khinakasayaviyaragasamjame cheva Uvasamtakasayaviyaragasamjame duvihe pannatte, tam jaha– padhamasamayauvasamtakasayaviyaragasamjame cheva, apadhamasamayauvasamtakasayaviyaragasamjame cheva. Ahava–charimasamayauvasamtakasayaviyaragasamjame cheva, acharimasamayauvasamtakasayaviyaragasamjame cheva Khinakasayaviyaragasamjame duvihe pannatte, tam jaha– chhaumatthakhinakasayaviyaragasamjame cheva, kevali-khinakasayaviyaragasamjame cheva. Chhaumatthakhinakasayaviyaragasamjame duvihe pannatte, tam jaha– sayambuddhachhaumatthakhinakasayavitaraga-samjame cheva, buddhabohiyachhaumatthakhinakasayavitaragasamjame cheva. Sayambuddhachhaumatthakhinakasayaviyaragasamjame duvihe pannatte, tam jaha– padhamasamayasayambuddhachhaumattha- khinakasayavitaragasamjame cheva, apadhamasamayasayambuddhachhaumatthakhinakasayavitaragasamjame cheva. Ahava–charimasamayasayambuddhachhaumatthakhinakasayavitaragasamjame cheva, acharimasamayasayambuddhachhaumattha-khinakasayavitaragasamjame cheva Buddhabohiyachhaumatthakhinakasayavitaragasamjame duvihe pannatte, tam jaha–padhamasamayabuddhabohiyachhaumattha- khinakasayavitaragasamjame cheva, apadhamasamayabuddhabohiyachhaumatthakhinakasayavitaragasamjame cheva. Ahava– charimasamayabuddhabohiyachhaumatthakhinakasayaviyaragasamjame cheva, acharimasamayabuddhabohiya-chhaumatthakhinakasayaviyaragasamjame cheva. Kevalikhinakasayaviyaragasamjame duvihe pannatte, tam jaha– sajogikevalikhinakasayaviyaragasamjame cheva, ajogi-kevalikhinakasayaviyaragasamjame cheva. Sajogikevalikhinakasayaviyaragasamjame duvihe pannatte, tam jaha– padhamasamayasajogikevalikhina-kasayaviyaragasamjame cheva, apadhamasamayasajogikevalikhinakasayaviyaragasamjame cheva. Ahava– charimasamayasajogikevalikhinakasayaviyaragasamjame cheva, acharimasamayasajogikevalikhina -kasayaviyaragasamjame cheva. Ajogikevalikhinakasayaviyaragasamjame duvihe pannatte, tam jaha– padhamasamayaajogikevali-khinakasayaviyaraga-samjame cheva, apadhamasamayaajogikevalikhinakasayaviyaragasamjame cheva. Ahava– charimasamayaajogikevalikhinakasayaviyaragasamjame cheva, acharimasamayaajogikevali-khinakasayaviyaragasamjame cheva. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Dharma do prakara ka kaha gaya hai, yatha – shruta – dharma aura charitra – dharma. Shruta – dharma do prakara ka kaha hai, yatha – sutra – shruta – dharma aura artha – shruta – dharma. Charitra dharma do prakara ka kaha hai, yatha – agara – charitra – dharma aura anagara – charitra dharma. Samyama do prakara ka hai, saraga – samyama aura vitaraga – samyama. Saraga – samyama do prakara ka hai, sukshma – samparayaraga – samyama, badara – samparayaraga – samyama. Sukshma samparaya saraga samyama do prakara ka hai – prathama samaya – sukshmasamparaya saraga samyama, aprathama samaya sukshma samparaya saraga samyama. Athava charama – samaya – sukshma – samparaya – saraga – samyama, acharama samaya – sukshma – samparaya – saraga – samyama. Athava sukshma – samparaya – samyama do prakara ka hai, ‘samklishyamana’ upashama – shreni se girate hue jiva ka, ‘vishudhyamana’ upashama – shreni para charhate hue jiva ka. Badara – samparaya – saraga – samyama do prakara ka hai, prathama – samaya – badara – samparaya – saraga – samyama, aprathama – samaya – badara – samparaya – samyama. Athava charama – samaya – badara – samparaya – saraga – samyama aura acharama badara samparaya saraga samyama. Athava badara – samparaya – saraga – samyama do prakara ka hai, pratipati aura apratipati. Vitaraga samyama do prakara ka kaha gaya hai, yatha – upashanta – kashaya – vitaraga – samyama, kshina – kashaya – vitaraga – samyama upashantakashaya vitaraga samyama do prakara ka hai, prathama – samaya – upashanta – kashaya – vitaraga – samyama aura aprathama – samaya – upashanta – kashaya – vitaraga – samyama, athava charamasamaya upashanta kashaya vitaraga samyama, acharama – samaya – upashanta – kashaya – vitaraga samyama. Kshina – kashaya – vitaraga – samyama do prakara ka hai – chhadmastha – kshina – kashaya – vitaraga – samyama, kevali – kshina – kashaya – vitaraga – samyama. Chhadmastha kshina kashaya vitaraga samyama do prakara ka hai, svayambuddha – chhadmastha – kshina – kashaya – vitaraga – samyama, buddha – bodhita – chhadmastha – kshina – kashaya – vitaraga – samyama. Svayambuddha – chhadmastha – kshina – kashaya – vitaraga – samyama do prakara ka kaha gaya hai, prathama – samaya – svayambuddha – chhadmastha – kshina – kashaya – vitaraga – samyama, aprathama – samaya – svayambuddha – chhadmastha – kshina – kashaya – vitaraga samyama. Athava charama – samaya – svayambuddha – chhadmastha – kshina – kashaya – vitaraga – samyama aura acharama – samaya – svayambuddha – chhadmastha – kshina – kashaya – vitaraga – samyama. Buddha – bodhita – chhadmastha – kshina – kashaya – vitaraga – samyama do prakara ka kaha gaya hai, yatha – prathama – samaya – buddha – bodhita – chhadmastha – kshina – kashaya – vitaraga samyama aura aprathama – samaya – buddha – bodhita – chhadmastha – kshina – kashaya – vitaraga – samyama. Athava charama – samaya aura acharama – samaya – buddha – bodhita – kevali. Kshina – kashaya – vitaraga – samyama do prakara ka kaha gaya hai. Yatha – Sayogi – kevali – kshina – kashaya – vitaraga – samyama, ayogi – kevali – kshina – kashaya – vitaraga – samyama. Sayogi – kevali – kshina – kashaya – vitaraga – samyama do prakara ka hai, prathama – samaya aura aprathama – samaya – sayogi – kevali – kshina – kashaya – vitaraga – samyama, athava charama – samaya aura acharama samaya sayogi – kevali – kshina – kashaya – vitaraga – samyama. Ayogi – kevali – kshina – kashaya – vitaraga – samyama do prakara ka hai, prathama – samaya aura aprathamasamaya ayogi – kevali – kshina – kashaya – vitaraga – samyama. Athava charama – samaya – ayogi – kevali – kshina – kashaya – vitaraga – samyama, acharama – samaya – ayogi – kevali – kshina – kashaya – vitaraga – samyama. |