Sutra Navigation: Sutrakrutang ( सूत्रकृतांग सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1001381 | ||
Scripture Name( English ): | Sutrakrutang | Translated Scripture Name : | सूत्रकृतांग सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
श्रुतस्कन्ध १ अध्ययन-७ कुशील परिभाषित |
Translated Chapter : |
श्रुतस्कन्ध १ अध्ययन-७ कुशील परिभाषित |
Section : | Translated Section : | ||
Sutra Number : | 381 | Category : | Ang-02 |
Gatha or Sutra : | Gatha | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [गाथा] पुढवी य आऊ अगणी य वाऊ ‘तन रुक्ख’ बीया य तसा य पाणा । जे अंडया जे य जराउ पाणा संसेयया जे रसयाभिहाणा ॥ | ||
Sutra Meaning : | पृथ्वी, जल, अग्नि, वायु, तृण, बीज और त्रस प्राणी अण्डज, जरायुज, संस्वेदज और रसज यह जीव समूह है। इसे जीवनिकाय कहते हैं। इन्हें जानो एवं इनकी साता को देखो। इन कायों का घात करने वाला पुनः पुनः विपर्यास प्राप्त करता है। सूत्र – ३८१, ३८२ | ||
Mool Sutra Transliteration : | [gatha] pudhavi ya au agani ya vau ‘tana rukkha’ biya ya tasa ya pana. Je amdaya je ya jarau pana samseyaya je rasayabhihana. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Prithvi, jala, agni, vayu, trina, bija aura trasa prani andaja, jarayuja, samsvedaja aura rasaja yaha jiva samuha hai. Ise jivanikaya kahate haim. Inhem jano evam inaki sata ko dekho. Ina kayom ka ghata karane vala punah punah viparyasa prapta karata hai. Sutra – 381, 382 |