Sutra Navigation: Sutrakrutang ( सूत्रकृतांग सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1001111 | ||
Scripture Name( English ): | Sutrakrutang | Translated Scripture Name : | सूत्रकृतांग सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
श्रुतस्कन्ध १ अध्ययन-२ वैतालिक |
Translated Chapter : |
श्रुतस्कन्ध १ अध्ययन-२ वैतालिक |
Section : | उद्देशक-२ | Translated Section : | उद्देशक-२ |
Sutra Number : | 111 | Category : | Ang-02 |
Gatha or Sutra : | Gatha | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [गाथा] तय सं व जहाइ से रयं इइ संखाय मुनी न मज्जई । गोयण्णतरेन माहणे अहऽसेयकरी अन्नेसि इंखिणी ॥ | ||
Sutra Meaning : | मुनि रज सहित काया के स्वामित्व का त्याग करता है। यह सोचकर मुनि मद न करे। ब्राह्मण द्वारा अन्य गोत्रों की उपेक्षा – मूलक आकांक्षा अश्रेयस्कर है। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [gatha] taya sam va jahai se rayam ii samkhaya muni na majjai. Goyannatarena mahane ahaseyakari annesi imkhini. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Muni raja sahita kaya ke svamitva ka tyaga karata hai. Yaha sochakara muni mada na kare. Brahmana dvara anya gotrom ki upeksha – mulaka akamksha ashreyaskara hai. |