Sutra Navigation: Jain Dharma Sar ( जैन धर्म सार )
Search Details
Mool File Details |
|
Anuvad File Details |
|
Sr No : | 2011287 | ||
Scripture Name( English ): | Jain Dharma Sar | Translated Scripture Name : | जैन धर्म सार |
Mool Language : | Prakrit | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
11. धर्म अधिकार - (मोक्ष संन्यास योग) |
Translated Chapter : |
11. धर्म अधिकार - (मोक्ष संन्यास योग) |
Section : | 14. उत्तम आकिंचन्य (कस्य स्विद्धनम्) | Translated Section : | 14. उत्तम आकिंचन्य (कस्य स्विद्धनम्) |
Sutra Number : | 284 | Category : | |
Gatha or Sutra : | Sutra Anuyog : | ||
Author : | Original Author : | ||
Century : | Sect : | ||
Source : | समयसार । ३८; तुलना: आचारांग। ८.६ सूत्र १ | ||
Mool Sutra : | अहमिक्को खलु सुद्धो, दंसणणाणमइओ सदाऽरूवी। ण वि अत्थि मज्झ किंचि वि, अण्णं परमाणुमित्तं वि ।। | ||
Sutra Meaning : | तत्त्वतः मैं एक हूँ, शुद्ध हूँ, दर्शन-ज्ञानमयी हूँ और सदा अरूपी हूँ। मेरे सिवाय अन्य कुछ परमाणु मात्र भी यहाँ मेरा नहीं है। १. [दर्शन ज्ञान युक्त यह शाश्वत आत्मा ही मेरा है। इसके अतिरिक्त अन्य सर्व बाह्याभ्यन्तर पदार्थ संयोगज होने के कारण स्वरूपतः मुझसे भिन्न हैं।] २. [जीव अन्य है और शरीर अन्य है, इस प्रकार निश्चित मति वाला ज्ञानी, शरीर को दुःख का कारण जानकर देह का ममत्व छोड़ देता है।] ३. [जिस प्रकार वटबीज से उत्पन्न वृक्ष लम्बी चौड़ी भूमि को घेर लेता है, उसी प्रकार ममतारूपी बीज से उत्पन्न प्रपंच की भी कल्पना कर लेनी चाहिए।] | ||
Mool Sutra Transliteration : | Ahamikko khalu suddho, damsanananamaio sadaruvi. Na vi atthi majjha kimchi vi, annam paramanumittam vi\.. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Tattvatah maim eka hum, shuddha hum, darshana-jnyanamayi hum aura sada arupi hum. Mere sivaya anya kuchha paramanu matra bhi yaham mera nahim hai. 1. [darshana jnyana yukta yaha shashvata atma hi mera hai. Isake atirikta anya sarva bahyabhyantara padartha samyogaja hone ke karana svarupatah mujhase bhinna haim.] 2. [jiva anya hai aura sharira anya hai, isa prakara nishchita mati vala jnyani, sharira ko duhkha ka karana janakara deha ka mamatva chhora deta hai.] 3. [jisa prakara vatabija se utpanna vriksha lambi chauri bhumi ko ghera leta hai, usi prakara mamatarupi bija se utpanna prapamcha ki bhi kalpana kara leni chahie.] |