Sutra Navigation: Saman Suttam ( समणसुत्तं )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 2004312 | ||
Scripture Name( English ): | Saman Suttam | Translated Scripture Name : | समणसुत्तं |
Mool Language : | Sanskrit | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
द्वितीय खण्ड - मोक्ष-मार्ग |
Translated Chapter : |
द्वितीय खण्ड - मोक्ष-मार्ग |
Section : | २३. श्रावकधर्मसूत्र | Translated Section : | २३. श्रावकधर्मसूत्र |
Sutra Number : | 312 | Category : | |
Gatha or Sutra : | Sutra Anuyog : | ||
Author : | Original Author : | ||
Century : | Sect : | ||
Source : | सावयपण्णत्ति 263 | ||
Mool Sutra : | सहसाभ्याख्यानं, रहसा च स्वदारमन्त्रभेदं च। मृषोपदेशं कूटलेखकरणं च वर्जयेत्।।१२।। | ||
Sutra Meaning : | (साथ ही साथ) सत्य-अणुव्रती बिना सोचे-समझे सहसा न तो कोई बात करता है, न किसीका रहस्योद्घाटन करता है, न अपनी पत्नी की कोई गुप्त बात मित्रों आदि में प्रकट करता है, न मिथ्या (अहितकारी) उपदेश करता है और न कूटलेखक्रिया (जाली हस्ताक्षर या जाली दस्तावेज आदि) करता है। | ||
Mool Sutra Transliteration : | Sahasabhyakhyanam, rahasa cha svadaramantrabhedam cha. Mrishopadesham kutalekhakaranam cha varjayet..12.. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | (satha hi satha) satya-anuvrati bina soche-samajhe sahasa na to koi bata karata hai, na kisika rahasyodghatana karata hai, na apani patni ki koi gupta bata mitrom adi mem prakata karata hai, na mithya (ahitakari) upadesha karata hai aura na kutalekhakriya (jali hastakshara ya jali dastaveja adi) karata hai. |