Sutra Navigation: Saman Suttam ( समणसुत्तं )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 2004313 | ||
Scripture Name( English ): | Saman Suttam | Translated Scripture Name : | समणसुत्तं |
Mool Language : | Sanskrit | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
द्वितीय खण्ड - मोक्ष-मार्ग |
Translated Chapter : |
द्वितीय खण्ड - मोक्ष-मार्ग |
Section : | २३. श्रावकधर्मसूत्र | Translated Section : | २३. श्रावकधर्मसूत्र |
Sutra Number : | 313 | Category : | |
Gatha or Sutra : | Sutra Anuyog : | ||
Author : | Original Author : | ||
Century : | Sect : | ||
Source : | सावयपण्णत्ति 268 | ||
Mool Sutra : | वर्जयेत् स्तेनाहृतं, तस्करयोगं विरुद्धराज्यं च। कूटतुलाकूटमाने, तत्प्रतिरूपं च व्यवहारम्।।१३।। | ||
Sutra Meaning : | अचौर्याणुव्रती श्रावक को न चोरी का माल खरीदना चाहिए, न चोरी में प्रेरक बनना चाहिए। न ही राज्य-विरुद्ध अर्थात् कर आदि की चोरी व नियम-विरुद्ध कोई कार्य करना चाहिए। वस्तुओं में मिलावट आदि नहीं करना चाहिए। जाली सिक्के या नोट आदि नहीं चलाना चाहिए। | ||
Mool Sutra Transliteration : | Varjayet stenahritam, taskarayogam viruddharajyam cha. Kutatulakutamane, tatpratirupam cha vyavaharam..13.. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Achauryanuvrati shravaka ko na chori ka mala kharidana chahie, na chori mem preraka banana chahie. Na hi rajya-viruddha arthat kara adi ki chori va niyama-viruddha koi karya karana chahie. Vastuom mem milavata adi nahim karana chahie. Jali sikke ya nota adi nahim chalana chahie. |