Sutra Navigation: Saman Suttam ( समणसुत्तं )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 2004314 | ||
Scripture Name( English ): | Saman Suttam | Translated Scripture Name : | समणसुत्तं |
Mool Language : | Sanskrit | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
द्वितीय खण्ड - मोक्ष-मार्ग |
Translated Chapter : |
द्वितीय खण्ड - मोक्ष-मार्ग |
Section : | २३. श्रावकधर्मसूत्र | Translated Section : | २३. श्रावकधर्मसूत्र |
Sutra Number : | 314 | Category : | |
Gatha or Sutra : | Sutra Anuyog : | ||
Author : | Original Author : | ||
Century : | Sect : | ||
Source : | सावयपण्णत्ति 273 | ||
Mool Sutra : | इत्वरपरिगृहीता-ऽपरिगृहीतागमना-नङ्गक्रीडा च। पर (द्वितीय) विवाहकरणं, कामे तीव्राभिलाषः च।।१४।। | ||
Sutra Meaning : | स्व-स्त्री में सन्तुष्ट ब्रह्मचर्याणुव्रती श्रावक को विवाहित या अविवाहित स्त्रियों से सर्वथा दूर रहना चाहिए। अनंग-क्रीड़ा नहीं करनी चाहिए। अपनी सन्तान के अतिरिक्त दूसरों[1] के विवाह आदि कराने में दिलचस्पी नहीं लेनी चाहिए। कामसेवन की तीव्र लालसा का त्याग करना चाहिए। | ||
Mool Sutra Transliteration : | Itvaraparigrihita-parigrihitagamana-nangakrida cha. Para (dvitiya) vivahakaranam, kame tivrabhilashah cha..14.. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Sva-stri mem santushta brahmacharyanuvrati shravaka ko vivahita ya avivahita striyom se sarvatha dura rahana chahie. Anamga-krira nahim karani chahie. Apani santana ke atirikta dusarom[1] ke vivaha adi karane mem dilachaspi nahim leni chahie. Kamasevana ki tivra lalasa ka tyaga karana chahie. |