Sutra Navigation: Saman Suttam ( समणसुत्तं )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 2004198 | ||
Scripture Name( English ): | Saman Suttam | Translated Scripture Name : | समणसुत्तं |
Mool Language : | Sanskrit | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
द्वितीय खण्ड - मोक्ष-मार्ग |
Translated Chapter : |
द्वितीय खण्ड - मोक्ष-मार्ग |
Section : | १६. मोक्षमार्गसूत्र | Translated Section : | १६. मोक्षमार्गसूत्र |
Sutra Number : | 198 | Category : | |
Gatha or Sutra : | Sutra Anuyog : | ||
Author : | Original Author : | ||
Century : | Sect : | ||
Source : | प्रवचनसार 2/89 (181) | ||
Mool Sutra : | शुभपरिणामः पुण्यं अशुभः पापमिति भणितमन्येषु। परिणामो नान्यगतो, दुःखक्षयकारणं समये।।७।। | ||
Sutra Meaning : | (वह नहीं जानता कि-) परद्रव्य में प्रवृत्त शुभ-परिणाम पुण्य है और अशुभ-परिणाम पाप है। (धर्म) अनन्यगत अर्थात् स्व-द्रव्य में प्रवृत्त परिणाम है जो यथासमय दुःखों के क्षय का कारण होता है। | ||
Mool Sutra Transliteration : | Shubhaparinamah punyam ashubhah papamiti bhanitamanyeshu. Parinamo nanyagato, duhkhakshayakaranam samaye..7.. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | (vaha nahim janata ki-) paradravya mem pravritta shubha-parinama punya hai aura ashubha-parinama papa hai. (dharma) ananyagata arthat sva-dravya mem pravritta parinama hai jo yathasamaya duhkhom ke kshaya ka karana hota hai. |