Sutra Navigation: Saman Suttam ( समणसुत्तं )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 2000728 | ||
Scripture Name( English ): | Saman Suttam | Translated Scripture Name : | समणसुत्तं |
Mool Language : | Prakrit | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
चतुर्थ खण्ड – स्याद्वाद |
Translated Chapter : |
चतुर्थ खण्ड – स्याद्वाद |
Section : | ४१. समन्वयसूत्र | Translated Section : | ४१. समन्वयसूत्र |
Sutra Number : | 728 | Category : | |
Gatha or Sutra : | Sutra Anuyog : | ||
Author : | Original Author : | ||
Century : | Sect : | ||
Source : | सन्मतितर्क 1/28 | ||
Mool Sutra : | णिययवयणिज्जसच्चा, सव्वनया परवियालणे मोहा। ते उण ण दिट्ठसमओ, विभयइ सच्चे व अलिए वा।।७।। | ||
Sutra Meaning : | सभी नय अपने-अपने वक्तव्य में सच्चे हैं, किन्तु यदि दूसरे नयों के वक्तव्य का निराकरण करते हैं तो मिथ्या हैं। अनेकान्तदृष्टि का या शास्त्र का ज्ञाता उन नयों का ऐसा विभाजन नहीं करता कि `ये सच्चे हैं' और `वे झूठे हैं'। | ||
Mool Sutra Transliteration : | Niyayavayanijjasachcha, savvanaya paraviyalane moha. Te una na ditthasamao, vibhayai sachche va alie va..7.. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Sabhi naya apane-apane vaktavya mem sachche haim, kintu yadi dusare nayom ke vaktavya ka nirakarana karate haim to mithya haim. Anekantadrishti ka ya shastra ka jnyata una nayom ka aisa vibhajana nahim karata ki `ye sachche haim aura `ve jhuthe haim. |