Sutra Navigation: Dashvaikalik ( दशवैकालिक सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1021468 | ||
Scripture Name( English ): | Dashvaikalik | Translated Scripture Name : | दशवैकालिक सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
अध्ययन-९ विनयसमाधि |
Translated Chapter : |
अध्ययन-९ विनयसमाधि |
Section : | उद्देशक-३ | Translated Section : | उद्देशक-३ |
Sutra Number : | 468 | Category : | Mool-03 |
Gatha or Sutra : | Gatha | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [गाथा] जे मानिया सययं मानयंति जत्तेण कन्नं च निवेसयंति । ते मानए मानरिहे तवस्सी जिइंदिए सच्चरए स पुज्जो ॥ | ||
Sutra Meaning : | (अभ्युत्थान आदि द्वारा) सम्मानित किये गए आचार्य उन साधकों को सतत सम्मानित करते हैं, जैसे – (पिता अपनी कन्याओं को) यत्नपूर्वक योग्य कुल में स्थापित करते हैं, वैसे ही (आचार्य अपने शिष्यों को सुपथ में) स्थापित करते हैं; उन सम्मानार्ह, तपस्वी, जितेन्द्रिय, सत्यपरायण आचार्यों को जो सम्मानते है, वह पूज्य होता है। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [gatha] je maniya sayayam manayamti jattena kannam cha nivesayamti. Te manae manarihe tavassi jiimdie sachcharae sa pujjo. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | (abhyutthana adi dvara) sammanita kiye gae acharya una sadhakom ko satata sammanita karate haim, jaise – (pita apani kanyaom ko) yatnapurvaka yogya kula mem sthapita karate haim, vaise hi (acharya apane shishyom ko supatha mem) sthapita karate haim; una sammanarha, tapasvi, jitendriya, satyaparayana acharyom ko jo sammanate hai, vaha pujya hota hai. |