राजा मर जाए तब राज में फेरफार हुआ है ऐसा माने। लेकिन पहले राजा की दशा – प्रभाव तूटे न हो, भाई – हिस्सा बँटा न हो, अन्य वंश के राजा का विच्छेद न हुआ हो, दूसरे राजा ने अभी उस देश का राज ग्रहण न किया हो तब तक पूर्व की अनुज्ञा के मुताबिक रहना कल्पे, लेकिन यदि पूर्व के राजा का प्रभाव तूट गया हो, हिस्से का बँटवारा, राज विच्छेद, अन्य से ग्रहण आदि हुए हों तो फिर से नए राजा की आज्ञा लेकर रहना कल्पे। इस प्रकार मैं (तुम्हें) कहता हूँ।
सूत्र – १८५, १८६
Raja mara jae taba raja mem pheraphara hua hai aisa mane. Lekina pahale raja ki dasha – prabhava tute na ho, bhai – hissa bamta na ho, anya vamsha ke raja ka vichchheda na hua ho, dusare raja ne abhi usa desha ka raja grahana na kiya ho taba taka purva ki anujnya ke mutabika rahana kalpe, lekina yadi purva ke raja ka prabhava tuta gaya ho, hisse ka bamtavara, raja vichchheda, anya se grahana adi hue hom to phira se nae raja ki ajnya lekara rahana kalpe. Isa prakara maim (tumhem) kahata hum.
Sutra – 185, 186