[सूत्र] आयरिय-उवज्झाए सरमाणे वा असरमाणे वा परं दसरायकप्पाओ कप्पागं भिक्खुं नो उवट्ठावेइ। अत्थियाइं त्थ से केइ माणणिज्जे कप्पाए, नत्थि से केइ छेए वा परिहारे वा। नत्थियाइं त्थ से केइ माणणिज्जे कप्पाए, संवच्छरं तस्स तप्पत्तियं नो कप्पइ आयरियत्तं उद्दिसित्तए।
Sutra Meaning :
आचार्य – उपाध्याय स्मरण रखे या भूल जाए या नवदीक्षित साधु को (नियत वक्त के बाद) भी दशरात्रि जाने के बाद भी उपस्थापना (वड़ी दीक्षा) हुई नहीं, नियत सूत्रार्थ प्राप्त उस साधु के किसी वडील हो और उसे वडील रखने के लिए वो पढ़े नहीं तब तक साधु को उपस्थापना न करे तो कोई प्रायश्चित्त नहीं आता लेकिन यदि किसी ऐसे कारण बिना उपस्थापना न करे तो ऐसा करनेवाले आचार्य आदि को एक साल तक आचार्य पदवी देना न कल्पे।
Mool Sutra Transliteration :
[sutra] ayariya-uvajjhae saramane va asaramane va param dasarayakappao kappagam bhikkhum no uvatthavei. Atthiyaim ttha se kei mananijje kappae, natthi se kei chhee va parihare va. Natthiyaim ttha se kei mananijje kappae, samvachchharam tassa tappattiyam no kappai ayariyattam uddisittae.
Sutra Meaning Transliteration :
Acharya – upadhyaya smarana rakhe ya bhula jae ya navadikshita sadhu ko (niyata vakta ke bada) bhi dasharatri jane ke bada bhi upasthapana (vari diksha) hui nahim, niyata sutrartha prapta usa sadhu ke kisi vadila ho aura use vadila rakhane ke lie vo parhe nahim taba taka sadhu ko upasthapana na kare to koi prayashchitta nahim ata lekina yadi kisi aise karana bina upasthapana na kare to aisa karanevale acharya adi ko eka sala taka acharya padavi dena na kalpe.