[सूत्र] आयरिय-उवज्झाए सरमाणे परं चउरायाओ पंचरायाओ कप्पागं भिक्खुं नो उवट्ठावेइ। अत्थियाइं त्थ से केइ माणणिज्जे कप्पाए, नत्थि से केइ छेए वा परिहारे वा।
नत्थियाइं त्थ से केइ माणणिज्जे कप्पाए, से संतरा छेए वा परिहारे वा।
Sutra Meaning :
आचार्य – उपाध्याय जो नवदीक्षित छेदोपस्थापनीय (बड़ी दीक्षा) को उचित हुआ है ऐसा जानने के बाद भी या विस्मरण होने से उसके वडील चार या पाँच रात से ज्यादा उस नवदीक्षित को उपस्थापना न करे तो आचार्य आदि को प्रायश्चित्त आता है। यदि उसके साथ पिता आदि किसी वडील ने दीक्षा ली हो और पाँच, दस या पंद्रह रात के बाद दोनों को साथ में उपस्थापन करे तो किसी छेद या परिहार प्रायश्चित्त नहीं आता। लेकिन यदि वडील की उपस्थापना न करनी हो फिर भी नवदीक्षित की उपस्थापना न करे तो जितने दिन उपस्थापना न करे उतने दिन का छेद या परिहार तप प्रायश्चित्त आता है।
सूत्र – १०९, ११०
Mool Sutra Transliteration :
[sutra] ayariya-uvajjhae saramane param chaurayao pamcharayao kappagam bhikkhum no uvatthavei. Atthiyaim ttha se kei mananijje kappae, natthi se kei chhee va parihare va.
Natthiyaim ttha se kei mananijje kappae, se samtara chhee va parihare va.
Sutra Meaning Transliteration :
Acharya – upadhyaya jo navadikshita chhedopasthapaniya (bari diksha) ko uchita hua hai aisa janane ke bada bhi ya vismarana hone se usake vadila chara ya pamcha rata se jyada usa navadikshita ko upasthapana na kare to acharya adi ko prayashchitta ata hai. Yadi usake satha pita adi kisi vadila ne diksha li ho aura pamcha, dasa ya pamdraha rata ke bada donom ko satha mem upasthapana kare to kisi chheda ya parihara prayashchitta nahim ata. Lekina yadi vadila ki upasthapana na karani ho phira bhi navadikshita ki upasthapana na kare to jitane dina upasthapana na kare utane dina ka chheda ya parihara tapa prayashchitta ata hai.
Sutra – 109, 110