[सूत्र] निग्गंथीए य गाहावइकुलं पिंडवायपडियाए अनुप्पविट्ठाए चेलट्ठे समुप्पज्जेज्जा, नो से कप्पइ अप्पणो नीसाए चेलं पडिग्गाहित्तए, कप्पइ से पवत्तिणीनीसाए चेलं पडिग्गाहित्तए।
नो तत्थ पवत्तिणी सामाणा सिया, जे तत्थ सामाणे आयरिए वा उवज्झाए वा पवत्ती वा थेरे वा गणी वा गणहरे वा गणावच्छेइए वा, जं चण्णं पुरओ कट्टु विहरइ कप्पइ से तन्नीसाए चेलं पडिग्गाहित्तए।
Sutra Meaning :
गृहस्थ के घर आहार लेने गए हुए साध्वी को यदि वस्त्र की आवश्यकता हो तो यह वस्त्र मैं अपने लिए लेती हूँ ऐसा स्वनिश्रा से वस्त्र लेना न कल्पे। लेकिन प्रवर्तिनी की निश्रा में लेना कल्पे (यानि प्रवर्तिनी आज्ञा न दे तो वस्त्र परत करना।) यदि प्रवर्तिनी विद्यमान न हो तो वहाँ विद्यमान ऐसे आचार्य, उपाध्याय, प्रवर्तक, स्थविर, गणि, गणधर, गणावच्छेदक या जो गीतार्थ हो उसकी निश्रा में वस्त्र लेना कल्पे।
Mool Sutra Transliteration :
[sutra] niggamthie ya gahavaikulam pimdavayapadiyae anuppavitthae chelatthe samuppajjejja, no se kappai appano nisae chelam padiggahittae, kappai se pavattininisae chelam padiggahittae.
No tattha pavattini samana siya, je tattha samane ayarie va uvajjhae va pavatti va there va gani va ganahare va ganavachchheie va, jam channam purao kattu viharai kappai se tannisae chelam padiggahittae.
Sutra Meaning Transliteration :
Grihastha ke ghara ahara lene gae hue sadhvi ko yadi vastra ki avashyakata ho to yaha vastra maim apane lie leti hum aisa svanishra se vastra lena na kalpe. Lekina pravartini ki nishra mem lena kalpe (yani pravartini ajnya na de to vastra parata karana.) yadi pravartini vidyamana na ho to vaham vidyamana aise acharya, upadhyaya, pravartaka, sthavira, gani, ganadhara, ganavachchhedaka ya jo gitartha ho usaki nishra mem vastra lena kalpe.