[सूत्र] जे भिक्खू अप्पणो पाए आमज्जेज्ज वा पमज्जेज्ज वा, आमज्जंतं वा पमज्जंतं वा सातिज्जति।
Sutra Meaning :
जो साधु – साध्वी अपने पाँव के (मैल निवारण या शोभा बढ़ाने के लिए) एक या बारबार प्रमार्जन करे, साफ करे, पाँव की मालिश करे, तेल, घी, मक्खन या चरबी से मर्दन करे, लोघ्र (नामका एक द्रव्य), कल्क (कईं द्रव्य मिश्रित द्रव्य), चूर्ण (गन्धदार द्रव्य), वर्ण (अबील आदि द्रव्य)। कमल चूर्ण, उसके द्वारा मर्दन करे, अचित्त किए गए ठंड़े या गर्म पानी से प्रक्षालन करे उससे पहले किसी द्रव्य से लींपकर सूखाने के लिए फूँक मारे या रंग दे यह सब करे, करवाए या अनुमोदना करे तो प्रायश्चित्त।
सूत्र – १३३–१३८
Mool Sutra Transliteration :
[sutra] je bhikkhu appano pae amajjejja va pamajjejja va, amajjamtam va pamajjamtam va satijjati.
Sutra Meaning Transliteration :
Jo sadhu – sadhvi apane pamva ke (maila nivarana ya shobha barhane ke lie) eka ya barabara pramarjana kare, sapha kare, pamva ki malisha kare, tela, ghi, makkhana ya charabi se mardana kare, loghra (namaka eka dravya), kalka (kaim dravya mishrita dravya), churna (gandhadara dravya), varna (abila adi dravya). Kamala churna, usake dvara mardana kare, achitta kie gae thamre ya garma pani se prakshalana kare usase pahale kisi dravya se limpakara sukhane ke lie phumka mare ya ramga de yaha saba kare, karavae ya anumodana kare to prayashchitta.
Sutra – 133–138