Sutra Navigation: Jambudwippragnapati ( जंबुद्वीप प्रज्ञप्ति सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1007801 | ||
Scripture Name( English ): | Jambudwippragnapati | Translated Scripture Name : | जंबुद्वीप प्रज्ञप्ति सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
वक्षस्कार ४ क्षुद्र हिमवंत |
Translated Chapter : |
वक्षस्कार ४ क्षुद्र हिमवंत |
Section : | Translated Section : | ||
Sutra Number : | 201 | Category : | Upang-07 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] मंदरस्स णं भंते! पव्वयस्स कइ कंडा पन्नत्ता? गोयमा! तओ कंडा पन्नत्ता, तं जहा–हेट्ठिल्ले कंडे, मज्झिमिल्ले कंडे, उवरिल्ले कंडे। मंदरस्स णं भंते! पव्वयस्स हेट्ठिल्ले कंडे कतिविहे पन्नत्ते? गोयमा! चउव्विहे पन्नत्ते, तं जहा–पुढवी विले वइरे सक्करा। मज्झिमिल्ले णं भंते! कंडे कतिविहे पन्नत्ते? गोयमा! चउव्विहे पन्नत्ते, तं जहा–अंके फलिहे जायरूवे रयए। उवरिल्ले कंडे कतिविहे पन्नत्ते? गोयमा! एगागारे पन्नत्ते सव्वजंबूनयामए। मंदरस्स णं भंते! पव्वयस्स हेट्ठिल्ले कंडे केवइयं बाहल्लेणं पन्नत्ते? गोयमा! एगं जोयणसहस्सं बाहल्लेणं पन्नत्ते। मज्झिमिल्ले कंडे पुच्छा। गोयमा! तेवट्ठिं जोयणसहस्साइं बाहल्लेणं पन्नत्ते। उवरिल्ले पुच्छा। गोयमा! छत्तीसं जोयणसहस्साइं बाहल्लेणं पन्नत्ते। एवामेव सपुव्वावरेणं मंदरे पव्वए एगं जोयणसयसहस्सं सव्वग्गेणं पन्नत्ते। | ||
Sutra Meaning : | भगवन् ! मन्दर पर्वत के कितने काण्ड – हैं ? गौतम ! तीन, – अधस्तन, मध्यम तथा उपरितनकाण्ड। मन्दर पर्वत का अधस्तनविभाग कितने प्रकार का है ? गौतम ! चार प्रकार का, – पृथ्वी, उपल, वज्र तथा शर्करमय। उसका मध्यमविभाग चार प्रकार का है – अंकरत्नमय, स्फटिकमय, स्वर्णमय तथा रजतमय। उसका उपरितन विभाग एकाकार – है। वह सर्वथा जम्बूनद – स्वर्णमय है। मन्दर पर्वत का अधस्तन १००० योजन ऊंचा है। मध्यम विभाग ६३००० योजन ऊंचा है। उपरितन विभाग ३६००० योजन ऊंचा है। यों उसकी ऊंचाई का कुल परिमाण १००००० योजन है। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] mamdarassa nam bhamte! Pavvayassa kai kamda pannatta? Goyama! Tao kamda pannatta, tam jaha–hetthille kamde, majjhimille kamde, uvarille kamde. Mamdarassa nam bhamte! Pavvayassa hetthille kamde kativihe pannatte? Goyama! Chauvvihe pannatte, tam jaha–pudhavi vile vaire sakkara. Majjhimille nam bhamte! Kamde kativihe pannatte? Goyama! Chauvvihe pannatte, tam jaha–amke phalihe jayaruve rayae. Uvarille kamde kativihe pannatte? Goyama! Egagare pannatte savvajambunayamae. Mamdarassa nam bhamte! Pavvayassa hetthille kamde kevaiyam bahallenam pannatte? Goyama! Egam joyanasahassam bahallenam pannatte. Majjhimille kamde puchchha. Goyama! Tevatthim joyanasahassaim bahallenam pannatte. Uvarille puchchha. Goyama! Chhattisam joyanasahassaim bahallenam pannatte. Evameva sapuvvavarenam mamdare pavvae egam joyanasayasahassam savvaggenam pannatte. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Bhagavan ! Mandara parvata ke kitane kanda – haim\? Gautama ! Tina, – adhastana, madhyama tatha uparitanakanda. Mandara parvata ka adhastanavibhaga kitane prakara ka hai\? Gautama ! Chara prakara ka, – prithvi, upala, vajra tatha sharkaramaya. Usaka madhyamavibhaga chara prakara ka hai – amkaratnamaya, sphatikamaya, svarnamaya tatha rajatamaya. Usaka uparitana vibhaga ekakara – hai. Vaha sarvatha jambunada – svarnamaya hai. Mandara parvata ka adhastana 1000 yojana umcha hai. Madhyama vibhaga 63000 yojana umcha hai. Uparitana vibhaga 36000 yojana umcha hai. Yom usaki umchai ka kula parimana 100000 yojana hai. |