Sutra Navigation: Pragnapana ( प्रज्ञापना उपांग सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1006776 | ||
Scripture Name( English ): | Pragnapana | Translated Scripture Name : | प्रज्ञापना उपांग सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
पद-१८ कायस्थिति |
Translated Chapter : |
पद-१८ कायस्थिति |
Section : | Translated Section : | ||
Sutra Number : | 476 | Category : | Upang-04 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] सुहुमे णं भंते! सुहुमे त्ति कालओ केवचिरं होइ? गोयमा! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं असंखेज्जं कालं–असंखेज्जाओ उस्सप्पिणि-ओसप्पिणीओ कालओ, खेत्तओ असंखेज्जा लोगा। सुहुमपुढविक्काइए सुहुमआउक्काइए सुहुमतेउक्काइए सुहुमवाउक्काइए सुहुमवणप्फइ-क्काइए सुहुमनिगोदे वि जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं असंखेज्जं कालं–असंखेज्जाओ उस्सप्पिणि-ओसप्पिणीओ कालओ, खेत्तओ असंखेज्जा लोगा। सुहुमअपज्जत्तए णं भंते! सुहुमअपज्जत्तए त्ति कालओ केवचिरं होइ? गोयमा! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं। पुढविक्काइय-आउक्काइय-तेउक्काइय-वाउक्काइय-वणस्सइकाइयाण य एवं चेव। पज्जत्तयाण वि एवं चेव। बादरे णं भंते! बादरे त्ति कालओ केवचिरं होइ? गोयमा! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं असंखेज्जं कालं–असंखेज्जाओ उस्सप्पिणि-ओसप्पिणीओ कालतो, खेत्तओ अंगुलस्स असंखेज्ज-तिभागं। बादरपुढविक्काइए णं भंते! बादरपुढविक्काइए त्ति कालओ केवचिरं होइ? गोयमा! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं सत्तरिसागरोवमकोडाकोडीओ। एवं बादरआउक्काइए वि जाव बादर-वाउक्काइए वि। बादरवणस्सइकाइए णं भंते! बादरवणस्सइकाइए त्ति कालओ केवचिरं होइ? गोयमा! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं असंखेज्जं कालं–असंखेज्जाओ उस्सप्पिणि-ओसप्पिणीओ कालतो, खेत्तओ अंगुलस्स असंखेज्जतिभागं। पत्तेयसरीरबादरवणस्सइकाइए णं भंते! पत्तेयसरीरबादरवणस्सइकाइए त्ति कालओ केवचिरं होइ? गोयमा! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं सत्तरिसागरोवमकोडाकोडीओ। निगोए णं भंते! णिगोए त्ति कालओ केवचिरं होइ? गोयमा! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं अनंतं कालं–अनंताओ उस्सप्पिणि-ओसप्पिणीओ कालओ, खेत्तओ अड्ढाइज्जा पोग्गलपरियट्टा। बादरनिगोदे णं भंते! बादर णिगोदे त्ति कालओ केवचिरं होइ? गोयमा! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं सत्तरिसागरोवमकोडाकोडीओ। बादरतसकाइए णं भंते! बादरतसकाइए त्ति कालओ केवचिरं होइ? गोयमा! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं दो सागरोवमसहस्साइं संखेज्जवासमब्भहियाइं। एतेसिं चेव अपज्जत्तगा सव्वे वि जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं। बादरपज्जत्तए णं भंते! बादरपज्जत्तए त्ति कालओ केवचिरं होइ? गोयमा! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं सागरोवमसतपुहत्तं सातिरेगं। बादरपुढविक्काइयपज्जत्तए णं भंते! बादर पुढविक्काइयपज्जत्तए त्ति कालओ केवचिरं होइ? गोयमा! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं संखेज्जाइं वाससहस्साइं। एवं आउक्काइए वि। तेउक्काइयपज्जत्तए णं भंते! तेउक्काइयपज्जत्तए त्ति कालओ केवचिरं होइ? गोयमा! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं संखेज्जाइं राइंदियाइं। वाउक्काइए वणस्सइकाइए पत्तेयसरीरबायरवणस्सइकाइए य पुच्छा। गोयमा! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं संखेज्जाइं वाससहस्साइं। निगोयपज्जत्तए बादरनिगोयपज्जत्तए य पुच्छा। गोयमा! दोन्नि वि जहन्नेण वि उक्कोसेण वि अंतोमुहुत्तं। बादरतसकाइयपज्जत्तए णं भंते! बादरतसकाइयपज्जत्तए त्ति कालओ केवचिरं होइ? गोयमा! जहन्नेणं अंतोमुहुत्तं, उक्कोसेणं सागरोवमसतपुहत्तं सातिरेगं। | ||
Sutra Meaning : | भगवन् ! सूक्ष्म जीव कितने काल तक सूक्ष्म रूप में रहता है ? गौतम ! जघन्य अन्तर्मुहूर्त्त और उत्कृष्ट असंख्यातकाल, कालतः असंख्यात उत्सर्पिणी अवसर्पिणियों और क्षेत्रतः असंख्यातलोक तक। इसी प्रकार सूक्ष्म पृथ्वीकायिक, यावत् सूक्ष्मवनस्पतिकायिक एवं सूक्ष्म निगोद भी समझ लेना। सूक्ष्म अपर्याप्तक, सूक्ष्म अपर्याप्तक रूप में जघन्य और उत्कृष्ट अन्तर्मुहूर्त्त रहता है। (सूक्ष्म) पृथ्वीकायिक यावत् वनस्पतिकायिक में भी इसी प्रकार समझना। पर्याप्तकों में भी ऐसा ही समझना। भगवन् ! बादर जीव, बादर जीव के रूपमें कितने काल तक रहता है ? गौतम ! जघन्य अन्तर्मुहूर्त्त, उत्कृष्ट असंख्यात काल तक, कालतः असंख्यात उत्सर्पिणी – अवसर्पिणी तक, क्षेत्रतः अंगुल के असंख्यातवें भाग – प्रमाण। बादर पृथ्वीकायिक बादर पृथ्वीकायिक रूप में जघन्य अन्तर्मुहूर्त्त और उत्कृष्ट सत्तर कोड़ाकोड़ी सागरो – पम रहता है। इसी प्रकार बादर अप्कायिक एवं बादर वायुकायिक में भी समझना। बादर वनस्पतिकायिक बादर वनस्पतिकायिक के रूप में जघन्य अन्तर्मुहूर्त्त और उत्कृष्ट असंख्यात काल तक, कालतः – असंख्यात उत्सर्पिणी – अवसर्पिणियों तक, क्षेत्रतः अंगुल के असंख्यातवें भाग – प्रमाण रहता है। प्रत्येकशरीर बादर वनस्पतिकायिक जघन्य अन्तर्मुहूर्त्त और उत्कृष्ट सत्तर कोटाकोटी सागरोपम तक रहता है। निगोद, निगोद के रूप में जघन्य अन्त – र्मुहूर्त्त, उत्कृष्ट अनन्तकाल तक, कालतः अनन्त उत्सर्पिणी – अवसर्पिणियों तक, क्षेत्रतः ढाई पुद्गलपरावर्त्त तक रहता है। बादर निगोद, बादर निगोद के रूप में जघन्य अन्तर्मुहूर्त्त और उत्कृष्ट सत्तर कोटाकोटी सागरोपम तक रहता है। बादर त्रसकायिक बादर त्रसकायिक के रूप में जघन्य अन्तर्मुहूर्त्त और उत्कृष्ट संख्यातवर्ष अधिक दो हजार सागरोपम तक रहता है। इन सभी के अपर्याप्तक जघन्य और उत्कृष्ट अन्तर्मुहूर्त्त काल तक अपने – अपने पूर्व पर्यायों में रहते हैं। बादर पर्याप्तक, बादर पर्याप्तक के रूपमें जघन्य अन्तर्मुहूर्त्त और उत्कृष्ट कुछ अधिक शतसागरोपमपृथक्त्व तक रहता है। बादर पृथ्वीकायिक पर्याप्तक जघन्य अन्तर्मुहूर्त्त, उत्कृष्ट संख्यात हजार वर्षों तक रहता है। इसी प्रकार अप्कायिक में भी समझना। तेजस्कायिक पर्याप्तक (बादर) तेजस्कायिक पर्याप्तक के रूप में जघन्य अन्त – र्मुहूर्त्त, उत्कृष्ट संख्यात रात्रि – दिन तक रहता है। वायुकायिक, वनस्पतिकायिक और प्रत्येकशरीर बादर वनस्पतिकायिक जघन्य अन्तर्मुहूर्त्त और उत्कृष्ट संख्यात हजार वर्षों तक अपने – अपने पर्याय में रहते हैं। निगोदपर्याप्तक और बादर निगोदपर्याप्तक जघन्य और उत्कृष्ट अन्तर्मुहूर्त्त तक (स्व – स्वपर्याय में रहते हैं) भगवन् ! बादर त्रसकायिकपर्याप्तक बादर त्रसकायिक पर्याप्तक के रूप में जघन्य अन्तर्मुहूर्त्त तक और उत्कृष्ट कुछ अधिक शतसाग – रोपम – पृथक्त्व पर्यन्त रहता है। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] suhume nam bhamte! Suhume tti kalao kevachiram hoi? Goyama! Jahannenam amtomuhuttam, ukkosenam asamkhejjam kalam–asamkhejjao ussappini-osappinio kalao, khettao asamkhejja loga. Suhumapudhavikkaie suhumaaukkaie suhumateukkaie suhumavaukkaie suhumavanapphai-kkaie suhumanigode vi jahannenam amtomuhuttam, ukkosenam asamkhejjam kalam–asamkhejjao ussappini-osappinio kalao, khettao asamkhejja loga. Suhumaapajjattae nam bhamte! Suhumaapajjattae tti kalao kevachiram hoi? Goyama! Jahannenam amtomuhuttam, ukkosena vi amtomuhuttam. Pudhavikkaiya-aukkaiya-teukkaiya-vaukkaiya-vanassaikaiyana ya evam cheva. Pajjattayana vi evam cheva. Badare nam bhamte! Badare tti kalao kevachiram hoi? Goyama! Jahannenam amtomuhuttam, ukkosenam asamkhejjam kalam–asamkhejjao ussappini-osappinio kalato, khettao amgulassa asamkhejja-tibhagam. Badarapudhavikkaie nam bhamte! Badarapudhavikkaie tti kalao kevachiram hoi? Goyama! Jahannenam amtomuhuttam, ukkosenam sattarisagarovamakodakodio. Evam badaraaukkaie vi java badara-vaukkaie vi. Badaravanassaikaie nam bhamte! Badaravanassaikaie tti kalao kevachiram hoi? Goyama! Jahannenam amtomuhuttam, ukkosenam asamkhejjam kalam–asamkhejjao ussappini-osappinio kalato, khettao amgulassa asamkhejjatibhagam. Patteyasarirabadaravanassaikaie nam bhamte! Patteyasarirabadaravanassaikaie tti kalao kevachiram hoi? Goyama! Jahannenam amtomuhuttam, ukkosenam sattarisagarovamakodakodio. Nigoe nam bhamte! Nigoe tti kalao kevachiram hoi? Goyama! Jahannenam amtomuhuttam, ukkosenam anamtam kalam–anamtao ussappini-osappinio kalao, khettao addhaijja poggalapariyatta. Badaranigode nam bhamte! Badara nigode tti kalao kevachiram hoi? Goyama! Jahannenam amtomuhuttam, ukkosenam sattarisagarovamakodakodio. Badaratasakaie nam bhamte! Badaratasakaie tti kalao kevachiram hoi? Goyama! Jahannenam amtomuhuttam, ukkosenam do sagarovamasahassaim samkhejjavasamabbhahiyaim. Etesim cheva apajjattaga savve vi jahannena vi ukkosena vi amtomuhuttam. Badarapajjattae nam bhamte! Badarapajjattae tti kalao kevachiram hoi? Goyama! Jahannenam amtomuhuttam, ukkosenam sagarovamasatapuhattam satiregam. Badarapudhavikkaiyapajjattae nam bhamte! Badara pudhavikkaiyapajjattae tti kalao kevachiram hoi? Goyama! Jahannenam amtomuhuttam, ukkosenam samkhejjaim vasasahassaim. Evam aukkaie vi. Teukkaiyapajjattae nam bhamte! Teukkaiyapajjattae tti kalao kevachiram hoi? Goyama! Jahannenam amtomuhuttam, ukkosenam samkhejjaim raimdiyaim. Vaukkaie vanassaikaie patteyasarirabayaravanassaikaie ya puchchha. Goyama! Jahannenam amtomuhuttam, ukkosenam samkhejjaim vasasahassaim. Nigoyapajjattae badaranigoyapajjattae ya puchchha. Goyama! Donni vi jahannena vi ukkosena vi amtomuhuttam. Badaratasakaiyapajjattae nam bhamte! Badaratasakaiyapajjattae tti kalao kevachiram hoi? Goyama! Jahannenam amtomuhuttam, ukkosenam sagarovamasatapuhattam satiregam. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Bhagavan ! Sukshma jiva kitane kala taka sukshma rupa mem rahata hai\? Gautama ! Jaghanya antarmuhurtta aura utkrishta asamkhyatakala, kalatah asamkhyata utsarpini avasarpiniyom aura kshetratah asamkhyataloka taka. Isi prakara sukshma prithvikayika, yavat sukshmavanaspatikayika evam sukshma nigoda bhi samajha lena. Sukshma aparyaptaka, sukshma aparyaptaka rupa mem jaghanya aura utkrishta antarmuhurtta rahata hai. (sukshma) prithvikayika yavat vanaspatikayika mem bhi isi prakara samajhana. Paryaptakom mem bhi aisa hi samajhana. Bhagavan ! Badara jiva, badara jiva ke rupamem kitane kala taka rahata hai\? Gautama ! Jaghanya antarmuhurtta, utkrishta asamkhyata kala taka, kalatah asamkhyata utsarpini – avasarpini taka, kshetratah amgula ke asamkhyatavem bhaga – pramana. Badara prithvikayika badara prithvikayika rupa mem jaghanya antarmuhurtta aura utkrishta sattara korakori sagaro – pama rahata hai. Isi prakara badara apkayika evam badara vayukayika mem bhi samajhana. Badara vanaspatikayika badara vanaspatikayika ke rupa mem jaghanya antarmuhurtta aura utkrishta asamkhyata kala taka, kalatah – asamkhyata utsarpini – avasarpiniyom taka, kshetratah amgula ke asamkhyatavem bhaga – pramana rahata hai. Pratyekasharira badara vanaspatikayika jaghanya antarmuhurtta aura utkrishta sattara kotakoti sagaropama taka rahata hai. Nigoda, nigoda ke rupa mem jaghanya anta – rmuhurtta, utkrishta anantakala taka, kalatah ananta utsarpini – avasarpiniyom taka, kshetratah dhai pudgalaparavartta taka rahata hai. Badara nigoda, badara nigoda ke rupa mem jaghanya antarmuhurtta aura utkrishta sattara kotakoti sagaropama taka rahata hai. Badara trasakayika badara trasakayika ke rupa mem jaghanya antarmuhurtta aura utkrishta samkhyatavarsha adhika do hajara sagaropama taka rahata hai. Ina sabhi ke aparyaptaka jaghanya aura utkrishta antarmuhurtta kala taka apane – apane purva paryayom mem rahate haim. Badara paryaptaka, badara paryaptaka ke rupamem jaghanya antarmuhurtta aura utkrishta kuchha adhika shatasagaropamaprithaktva taka rahata hai. Badara prithvikayika paryaptaka jaghanya antarmuhurtta, utkrishta samkhyata hajara varshom taka rahata hai. Isi prakara apkayika mem bhi samajhana. Tejaskayika paryaptaka (badara) tejaskayika paryaptaka ke rupa mem jaghanya anta – rmuhurtta, utkrishta samkhyata ratri – dina taka rahata hai. Vayukayika, vanaspatikayika aura pratyekasharira badara vanaspatikayika jaghanya antarmuhurtta aura utkrishta samkhyata hajara varshom taka apane – apane paryaya mem rahate haim. Nigodaparyaptaka aura badara nigodaparyaptaka jaghanya aura utkrishta antarmuhurtta taka (sva – svaparyaya mem rahate haim) bhagavan ! Badara trasakayikaparyaptaka badara trasakayika paryaptaka ke rupa mem jaghanya antarmuhurtta taka aura utkrishta kuchha adhika shatasaga – ropama – prithaktva paryanta rahata hai. |