Sutra Navigation: Pragnapana ( प्रज्ञापना उपांग सूत्र )

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Sr No : 1006615
Scripture Name( English ): Pragnapana Translated Scripture Name : प्रज्ञापना उपांग सूत्र
Mool Language : Ardha-Magadhi Translated Language : Hindi
Chapter :

पद-५ विशेष

Translated Chapter :

पद-५ विशेष

Section : Translated Section :
Sutra Number : 315 Category : Upang-04
Gatha or Sutra : Sutra Sutra Anuyog :
Author : Deepratnasagar Original Author : Gandhar
 
Century : Sect : Svetambara1
Source :
 
Mool Sutra : [सूत्र] जहन्नोगाहणगाणं भंते! नेरइयाणं केवतिया पज्जवा पन्नत्ता? गोयमा! अनंता पज्जवा पन्नत्ता। से केणट्ठेणं भंते! एवं वुच्चति– जहन्नोगाहणगाणं नेरइयाणं अनंता पज्जवा पन्नत्ता? गोयमा! जहन्नोगाहणए नेरइए जहन्नोगाहणगस्स नेरइयस्स दव्वट्ठयाए तुल्ले। पएसट्ठयाए तुल्ले। ओगाहण-ट्ठयाए तुल्ले। ठितीए चउट्ठाणवडिते। वण्ण-गंध-रस-फास-पज्जवेहिं तिहिं नाणेहिं तिहिं अन्नाणेहिं तिहिं दंसणेहि य छट्ठाणवडिते।अ उवकोसोगाहणयाणं भंते! नेरइयाणं केवतिया पज्जवा पन्नत्ता? गोयमा! अनंता पज्जवा पन्नत्ता। से केणट्ठेणं भंते! एवं वुच्चति–उक्कोसोगाहणयाणं नेरइयाणं अनंता पज्जवा पन्नत्ता? गोयमा! उक्कोसोगाहणए नेरइए उक्कोसोगाहणगस्स नेरइयस्स दव्वट्ठयाए तुल्ले। पदेसट्ठयाए तुल्ले। ओगाहणट्ठयाए तुल्ले। ठितीए सिय हीने सिय तुल्ले सिय अब्भहिए–जति हीने असंखेज्जभागहीने वा संखेज्जभागहीने वा। अह अब्भहिए असंखेज्जभागअब्भहिए वा संखेज्जभागअब्भहिए वा। वण्ण-गंध-रस-फासपज्जवेहिं तिहिं नाणेहिं तिहिं अन्नाणेहिं तिहिं दंसणेहिं छट्ठाणवडिते। अजहन्नुक्कोसोगाहणगाणं भंते! नेरइयाणं केवतिया पज्जवा पन्नत्ता? गोयमा! अनंता पज्जवा पन्नत्ता। से केणट्ठेणं भंते! एवं वुच्चति–अजहन्नुक्कोसोगाहणगाणं नेरइयाणं अनंता पज्जवा पन्नत्ता? गोयमा! अजहन्नुक्कोसोगाहणए नेरइए अजहन्नुक्कोसोगाहणगस्स नेरइयस्स दव्वट्ठयाए तुल्ले। पदेसट्ठयाए तुल्ले। ओगाहणट्ठयाए सिए हीने सिय तुल्ले सिय अब्भहिए– जति हीने असंखेज्ज-भागहीने वा संखेज्जभागहीने वा संखेज्जगुणहीने वा असंखेज्जगुणहीने वा। अह अब्भहिए असंखे-ज्जभागअब्भहिए वा संखेज्जभागअब्भहिए वा संखेज्जगुणअब्भहिए वा असंखेज्जगुणअब्भहिए वा। ठितीए सिय हीने सिय तुल्ले सिय अब्भहिए–जति हीने असंखेज्जभागहीने वा संखेज्जभागहीने वा संखेज्जगुणहीने वा असंखेज्जगुणहीने वा। अह अब्भहिए असंखेज्जभागअब्भहिए वा संखेज्जभागअब्भहिए वा संखेज्जगुणअब्भहिए वा असंखेज्जगुणअब्भहिए वा। वण्ण-गंध-रस-फासपज्जवेहिं तिहिं नाणेहिं तिहिं अन्नाणेहिं तिहिं दंसणेहिं छट्ठाणवडिते। से तेणट्ठेणं गोयमा! एवं वुच्चति–अजहन्नुक्कोसोगाहणगाणं नेरइयाणं अनंता पज्जवा पन्नत्ता। जहन्नट्ठितीयाणं भंते! नेरइयाणं केवतिया पज्जवा पन्नत्ता? गोयमा! अनंता पज्जवा पन्नत्ता। से केणट्ठेणं भंते! एवं वुच्चइ–जहन्नट्ठितीयाणं नेरइयाणं अनंता पज्जवा पन्नत्ता? गोयमा! जहन्नट्ठितीए नेरइए जहन्नट्ठितीयस्स नेरइयस्स दव्वट्ठयाए तुल्ले। पदेसट्ठयाए तुल्ले। ओगाहणट्ठयाए चउट्ठाणवडिते। ठितीए तुल्ले। वण्ण-गंध-रस-फासपज्जवेहिं तिहिं नाणेहिं तिहिं अन्नाणेहिं तिहिं दंसणेहि य छट्ठाणवडिते। एवं उक्कोसट्ठितीए वि। अजहन्नमनुक्कोसट्ठितीए वि एवं चेव, नवरं–सट्ठाणे चउट्ठाणवडिते। जहन्नगुणकालयाणं भंते! नेरइयाणं केवतिया पज्जवा पन्नत्ता? गोयमा! अनंता पज्जवा पन्नत्ता। से केणट्ठेणं भंते! एवं वुच्चति–जहन्नगुणकालयाणं नेरइयाणं अनंता पज्जवा पन्नत्ता? गोयमा! जहन्नगुणकालए नेरइए जहन्नगुणकालगस्स नेरइयस्स दव्वट्ठयाए तुल्ले। पदेसट्ठयाए तुल्ले। ओगाहणट्ठयाए चउट्ठाणवडिते। ठितीए चउट्ठाण-वडिते। कालवण्णपज्जवेहिं तुल्ले। अवसेसेहिं वण्ण-गंध-रस-फासपज्जवेहिं तिहिं नाणेहिं तिहिं अन्नाणेहिं तिहिं दंसणेहि य छट्ठाणवडिते। से तेणट्ठेणं गोयमा! एवं वुच्चति–जहन्नगुणकालयाणं नेरइयाणं अनंता पज्जवा पन्नत्ता। एवं उक्कोसगुणकालए वि। अजहन्नमनुक्कोसगुणकालए वि एवं चेव, नवरं–कालवण्ण-पज्जवेहिं छट्ठाणवडिते। एवं अवसेसा चत्तारि वण्णा दो गंधा पंच रसा अट्ठ फासा भाणितव्वा। जहन्नाभिनिबोहियनाणीणं भंते! नेरइयाणं केवतिया पज्जवा पन्नत्ता? गोयमा! जहन्नाभि-निबोहियनाणीणं नेरइयाणं अनंता पज्जवा पन्नत्ता। से केणट्ठेणं भंते! एवं वुच्चति–जहन्नाभिनिबोहियनाणीणं नेरइयाणं अनंता पज्जवा पन्नत्ता? गोयमा! जहन्नाभिनिबोहियनाणी नेरइए जहन्नाभिनिबोहियणाणिस्स नेरइयस्स दव्वट्ठयाए तुल्ले। पदेसट्ठयाए तुल्ले। ओगाहणट्ठयाए चउट्ठाणवडिते। ठितीए चउट्ठाणवडिते। वण्ण-गंध-रस-फास-पज्जवेहिं छट्ठाणवडिते। आभिनिबोहियनाणपज्जवेहिं तुल्ले। सुतनाण-ओहिनाणपज्जवेहिं छट्ठाण-वडिते। तिहिं दंसणेहिं छट्ठाणवडिते। एवं उक्कोसाभिनिबोहियनाणी वि। अजहन्नमणुक्कोसाभिनिबोहियनाणी वि एवं चेव, नवरं– आभिनिबोहियनाण-पज्जवेहिं सट्ठाणे छट्ठाणवडिते। एवं सुतनाणी ओहिनाणी वि, नवरं–जस्सनाणा तस्स अन्नाणा नत्थि। जहा नाणा तहा अन्नाणा वि भाणितव्वा, नवरं–जस्स अन्नाणा तस्स नाणा न भवंति। जहन्नचक्खुदंसणीणं भंते! नेरइयाणं केवतिया पज्जवा पन्नत्ता? गोयमा! अनंता पज्जवा पन्नत्ता। से केणट्ठेणं भंते! एवं वुच्चति–जहन्नचक्खुदंसणीणं नेरइयाणं अनंता पज्जवा पन्नत्ता? गोयमा! जहन्नचक्खुदंसणीणं नेरइए जहन्नचक्खुदंसणिस्स नेरइयस्स दव्वट्ठयाए तुल्ले। पदेसट्ठयाए तुल्ले। ओगाहणट्ठयाए चउट्ठाणवडिते। ठितीए चउट्ठाणवडिते। वण्ण-गंध-रस-फासपज्जवेहिं तिहिं नाणेहिं तिहिं अन्नाणेहिं छट्ठाणवडिते। चक्खुदंसणपज्जवेहिं तुल्ले। अचक्खुदंसणपज्जवेहिं ओहिदंसणपज्जवेहि य छट्ठाणवडिते। एवं उक्कोसचक्खुदंसणी वि। अजहन्नमनुक्कोसचक्खुदंसणी वि एवं चेव, नवरं–सट्ठाणे छट्ठाणवडिते। एवं अचक्खुदंसणी वि ओहिदंसणी वि।
Sutra Meaning : भगवन्‌ ! जघन्य अवगाहना वाले नैरयिकों के कितने पर्याय हैं ? गौतम ! अनन्त। क्योंकि – गौतम ! जघन्य अवगाहना वाला नैरयिक, दूसरे जघन्य अवगाहना वाले नैरयिक से द्रव्य, प्रदेशों और अवगाहना से तुल्य है; (किन्तु) स्थिति की अपेक्षा चतुःस्थान पतित है, और वर्णादि, तीन ज्ञानों, तीन अज्ञानों और तीन दर्शनों से षट्‌स्थान पतित है। उत्कृष्ट अवगाहना वाले नैरयिकों के अनन्त पर्याय हैं। क्योंकि – उत्कृष्ट अवगाहना वाला नारक, दूसरे उत्कृष्ट अवगाहना वाले नारक से द्रव्य, प्रदेशों और अवगाहना से तुल्य है; किन्तु स्थिति से कदाचित्‌ हीन है, कदाचित्‌ तुल्य है और कदाचित्‌ अधिक है। यदि हीन है तो असंख्यातभाग हीन है या संख्यातभाग हीन है। यदि अधिक है तो असंख्यातभाग अधिक है, अथवा संख्यातभाग अधिक है। वर्ण, इत्यादि से पूर्ववत्‌ षट्‌स्थानपतित है। अजघन्य – अनुत्कृष्ट अवगाहना वाले नैरयिकों के अनन्त पर्याय हैं। क्योंकि – गौतम ! मध्यम अवगाहना वाला एक नारक, अन्य मध्यम अवगाहना वाले नैरयिक से द्रव्य और प्रदेशों से तुल्य है, अवगाहना और स्थिति से कदाचित्‌ हीन, कदाचित्‌ तुल्य और कदाचित्‌ अधिक है। यदि हीन है तो, असंख्यातभाग हीन है यावत्‌ असंख्यातगुण हीन है। यदि अधिक है तो असंख्यात भाग अधिक है यावत्‌ असंख्यातगुण अधिक है। वर्ण आदि से (पूर्ववत्‌) षट्‌स्थान पतित है। इसीलिए कहा है कि नैरयिकों के अनन्त पर्याय हैं। भगवन्‌ ! जघन्य स्थिति वाले नारकों के कितने पर्याय हैं ? गौतम ! अनन्त। क्योंकि – गौतम ! एक जघन्य स्थिति वाला नारक, दूसरे जघन्य स्थिति वाले नारक से द्रव्य और प्रदेशों से तुल्य है, अवगाहना से चतुःस्थानपतित है, स्थिति से तुल्य है, (पूर्ववत्‌) वर्ण आदि से षट्‌स्थानपतित है। इसी प्रकार उत्कृष्ट स्थिति वाले नारक में भी कहना। अजघन्य – अनुत्कृष्ट स्थिति वाले नारक में भी इसी प्रकार कहना। विशेष यह है कि स्वस्थान में चतुःस्थान – पतित है। भगवन्‌ ! जघन्यगुण काले नैरयिकों के कितने पर्याय हैं ? गौतम ! अनन्त। क्योंकि – गौतम ! एक जघन्य गुण काला नैरयिक, दूसरे जघन्यगुण काले नैरयिक से द्रव्य की अपेक्षा से तुल्य है, इत्यादि पूर्ववत्‌ यावत्‌ काले वर्ण से तुल्य है शेष वर्णादि से षट्‌स्थानपतित है। इसी प्रकार उत्कृष्टगुण काले समझ लेना। इसी प्रकार अजघन्य – अनुत्कृष्ट गुण काले में जान लेना। विशेष इतना की काले वर्ण के पर्यायों की अपेक्षा से षट्‌स्थानपतित होता है। यों काले वर्ण के पर्यायों की तरह शेष चारों वर्ण, दो गंध, पाँच रस और आठ स्पर्श की अपेक्षा से भी (समझ लेना)। जघन्य आभिनिबोधिक ज्ञानी नैरयिकों के अनन्त पर्याय हैं। क्योंकि – गौतम ! एक जघन्य आभिनिबोधिक – ज्ञानी, दूसरे जघन्य आभिनिबोधिकज्ञानी नैरयिक से द्रव्य और प्रदेशों से तुल्य हैं, अवगाहना और स्थिति से चतुः स्थानपतित है, वर्ण आदि से षट्‌स्थानपतित है, आभिनिबोधिक ज्ञान के पर्यायों की अपेक्षा तुल्य है, श्रुतज्ञान, अवधिज्ञान तथा तीन दर्शनों से षट्‌स्थानपतित है। इसी प्रकार उत्कृष्ट आभिनिबोधिक ज्ञानी में समझना। अजघन्य अनुत्कृष्ट आभिनिबोधिकज्ञानी में भी इसी प्रकार है। विशेष यह कि वह आभिनिबोधिक ज्ञान के पर्यायों की अपेक्षा से भी स्वस्थान में षट्‌स्थानपतित है। श्रुतज्ञानी और अवधिज्ञानी में भी ऐसा ही जानना। विशेष यह है कि जिसके ज्ञान होता है, उसके अज्ञान नहीं होता। तीनों ज्ञानी नैरयिकों के समान तीनों अज्ञानी में भी कहना। विशेष यह कि जिसके अज्ञान होते हैं, उसके ज्ञान नहीं होते। जघन्य चतुदर्शनी नैरयिकों के अनन्तपर्याय हैं। क्योंकि – जघन्य चक्षुदर्शनी नैरयिक से द्रव्य और प्रदेशों से तुल्य हैं, यावत्‌ तीन अज्ञान से, षट्‌स्थानपतित है। चक्षुदर्शन के पर्यायों की अपेक्षा से तुल्य है, तथा अचक्षुदर्शन और अवधिदर्शन के पर्यायों से षट्‌स्थानपतित है। इसी प्रकार उत्कृष्टचक्षुदर्शनी में भी समझना। अजघन्य – अनुत्कृष्ट चक्षुदर्शनी नैरयिकों में भी यहीं जानना। विशेष इतना कि स्वस्थान में भी वह षट्‌स्थानपतित होता है। चक्षुदर्शनी नैरयिकों के समान अचक्षुदर्शनी एवं अवधिदर्शनी में भी समझना।
Mool Sutra Transliteration : [sutra] jahannogahanaganam bhamte! Neraiyanam kevatiya pajjava pannatta? Goyama! Anamta pajjava pannatta. Se kenatthenam bhamte! Evam vuchchati– jahannogahanaganam neraiyanam anamta pajjava pannatta? Goyama! Jahannogahanae neraie jahannogahanagassa neraiyassa davvatthayae tulle. Paesatthayae tulle. Ogahana-tthayae tulle. Thitie chautthanavadite. Vanna-gamdha-rasa-phasa-pajjavehim tihim nanehim tihim annanehim tihim damsanehi ya chhatthanavaditE.A Uvakosogahanayanam bhamte! Neraiyanam kevatiya pajjava pannatta? Goyama! Anamta pajjava pannatta. Se kenatthenam bhamte! Evam vuchchati–ukkosogahanayanam neraiyanam anamta pajjava pannatta? Goyama! Ukkosogahanae neraie ukkosogahanagassa neraiyassa davvatthayae tulle. Padesatthayae tulle. Ogahanatthayae tulle. Thitie siya hine siya tulle siya abbhahie–jati hine asamkhejjabhagahine va samkhejjabhagahine va. Aha abbhahie asamkhejjabhagaabbhahie va samkhejjabhagaabbhahie va. Vanna-gamdha-rasa-phasapajjavehim tihim nanehim tihim annanehim tihim damsanehim chhatthanavadite. Ajahannukkosogahanaganam bhamte! Neraiyanam kevatiya pajjava pannatta? Goyama! Anamta pajjava pannatta. Se kenatthenam bhamte! Evam vuchchati–ajahannukkosogahanaganam neraiyanam anamta pajjava pannatta? Goyama! Ajahannukkosogahanae neraie ajahannukkosogahanagassa neraiyassa davvatthayae tulle. Padesatthayae tulle. Ogahanatthayae sie hine siya tulle siya abbhahie– jati hine asamkhejja-bhagahine va samkhejjabhagahine va samkhejjagunahine va asamkhejjagunahine va. Aha abbhahie asamkhe-jjabhagaabbhahie va samkhejjabhagaabbhahie va samkhejjagunaabbhahie va asamkhejjagunaabbhahie va. Thitie siya hine siya tulle siya abbhahie–jati hine asamkhejjabhagahine va samkhejjabhagahine va samkhejjagunahine va asamkhejjagunahine va. Aha abbhahie asamkhejjabhagaabbhahie va samkhejjabhagaabbhahie va samkhejjagunaabbhahie va asamkhejjagunaabbhahie va. Vanna-gamdha-rasa-phasapajjavehim tihim nanehim tihim annanehim tihim damsanehim chhatthanavadite. Se tenatthenam goyama! Evam vuchchati–ajahannukkosogahanaganam neraiyanam anamta pajjava pannatta. Jahannatthitiyanam bhamte! Neraiyanam kevatiya pajjava pannatta? Goyama! Anamta pajjava pannatta. Se kenatthenam bhamte! Evam vuchchai–jahannatthitiyanam neraiyanam anamta pajjava pannatta? Goyama! Jahannatthitie neraie jahannatthitiyassa neraiyassa davvatthayae tulle. Padesatthayae tulle. Ogahanatthayae chautthanavadite. Thitie tulle. Vanna-gamdha-rasa-phasapajjavehim tihim nanehim tihim annanehim tihim damsanehi ya chhatthanavadite. Evam ukkosatthitie vi. Ajahannamanukkosatthitie vi evam cheva, navaram–satthane chautthanavadite. Jahannagunakalayanam bhamte! Neraiyanam kevatiya pajjava pannatta? Goyama! Anamta pajjava pannatta. Se kenatthenam bhamte! Evam vuchchati–jahannagunakalayanam neraiyanam anamta pajjava pannatta? Goyama! Jahannagunakalae neraie jahannagunakalagassa neraiyassa davvatthayae tulle. Padesatthayae tulle. Ogahanatthayae chautthanavadite. Thitie chautthana-vadite. Kalavannapajjavehim tulle. Avasesehim vanna-gamdha-rasa-phasapajjavehim tihim nanehim tihim annanehim tihim damsanehi ya chhatthanavadite. Se tenatthenam goyama! Evam vuchchati–jahannagunakalayanam neraiyanam anamta pajjava pannatta. Evam ukkosagunakalae vi. Ajahannamanukkosagunakalae vi evam cheva, navaram–kalavanna-pajjavehim chhatthanavadite. Evam avasesa chattari vanna do gamdha pamcha rasa attha phasa bhanitavva. Jahannabhinibohiyananinam bhamte! Neraiyanam kevatiya pajjava pannatta? Goyama! Jahannabhi-nibohiyananinam neraiyanam anamta pajjava pannatta. Se kenatthenam bhamte! Evam vuchchati–jahannabhinibohiyananinam neraiyanam anamta pajjava pannatta? Goyama! Jahannabhinibohiyanani neraie jahannabhinibohiyananissa neraiyassa davvatthayae tulle. Padesatthayae tulle. Ogahanatthayae chautthanavadite. Thitie chautthanavadite. Vanna-gamdha-rasa-phasa-pajjavehim chhatthanavadite. Abhinibohiyananapajjavehim tulle. Sutanana-ohinanapajjavehim chhatthana-vadite. Tihim damsanehim chhatthanavadite. Evam ukkosabhinibohiyanani vi. Ajahannamanukkosabhinibohiyanani vi evam cheva, navaram– abhinibohiyanana-pajjavehim satthane chhatthanavadite. Evam sutanani ohinani vi, navaram–jassanana tassa annana natthi. Jaha nana taha annana vi bhanitavva, navaram–jassa annana tassa nana na bhavamti. Jahannachakkhudamsaninam bhamte! Neraiyanam kevatiya pajjava pannatta? Goyama! Anamta pajjava pannatta. Se kenatthenam bhamte! Evam vuchchati–jahannachakkhudamsaninam neraiyanam anamta pajjava pannatta? Goyama! Jahannachakkhudamsaninam neraie jahannachakkhudamsanissa neraiyassa davvatthayae tulle. Padesatthayae tulle. Ogahanatthayae chautthanavadite. Thitie chautthanavadite. Vanna-gamdha-rasa-phasapajjavehim tihim nanehim tihim annanehim chhatthanavadite. Chakkhudamsanapajjavehim tulle. Achakkhudamsanapajjavehim ohidamsanapajjavehi ya chhatthanavadite. Evam ukkosachakkhudamsani vi. Ajahannamanukkosachakkhudamsani vi evam cheva, navaram–satthane chhatthanavadite. Evam achakkhudamsani vi ohidamsani vi.
Sutra Meaning Transliteration : Bhagavan ! Jaghanya avagahana vale nairayikom ke kitane paryaya haim\? Gautama ! Ananta. Kyomki – gautama ! Jaghanya avagahana vala nairayika, dusare jaghanya avagahana vale nairayika se dravya, pradeshom aura avagahana se tulya hai; (kintu) sthiti ki apeksha chatuhsthana patita hai, aura varnadi, tina jnyanom, tina ajnyanom aura tina darshanom se shatsthana patita hai. Utkrishta avagahana vale nairayikom ke ananta paryaya haim. Kyomki – utkrishta avagahana vala naraka, dusare utkrishta avagahana vale naraka se dravya, pradeshom aura avagahana se tulya hai; kintu sthiti se kadachit hina hai, kadachit tulya hai aura kadachit adhika hai. Yadi hina hai to asamkhyatabhaga hina hai ya samkhyatabhaga hina hai. Yadi adhika hai to asamkhyatabhaga adhika hai, athava samkhyatabhaga adhika hai. Varna, ityadi se purvavat shatsthanapatita hai. Ajaghanya – anutkrishta avagahana vale nairayikom ke ananta paryaya haim. Kyomki – gautama ! Madhyama avagahana vala eka naraka, anya madhyama avagahana vale nairayika se dravya aura pradeshom se tulya hai, avagahana aura sthiti se kadachit hina, kadachit tulya aura kadachit adhika hai. Yadi hina hai to, asamkhyatabhaga hina hai yavat asamkhyataguna hina hai. Yadi adhika hai to asamkhyata bhaga adhika hai yavat asamkhyataguna adhika hai. Varna adi se (purvavat) shatsthana patita hai. Isilie kaha hai ki nairayikom ke ananta paryaya haim. Bhagavan ! Jaghanya sthiti vale narakom ke kitane paryaya haim\? Gautama ! Ananta. Kyomki – gautama ! Eka jaghanya sthiti vala naraka, dusare jaghanya sthiti vale naraka se dravya aura pradeshom se tulya hai, avagahana se chatuhsthanapatita hai, sthiti se tulya hai, (purvavat) varna adi se shatsthanapatita hai. Isi prakara utkrishta sthiti vale naraka mem bhi kahana. Ajaghanya – anutkrishta sthiti vale naraka mem bhi isi prakara kahana. Vishesha yaha hai ki svasthana mem chatuhsthana – patita hai. Bhagavan ! Jaghanyaguna kale nairayikom ke kitane paryaya haim\? Gautama ! Ananta. Kyomki – gautama ! Eka jaghanya guna kala nairayika, dusare jaghanyaguna kale nairayika se dravya ki apeksha se tulya hai, ityadi purvavat yavat kale varna se tulya hai shesha varnadi se shatsthanapatita hai. Isi prakara utkrishtaguna kale samajha lena. Isi prakara ajaghanya – anutkrishta guna kale mem jana lena. Vishesha itana ki kale varna ke paryayom ki apeksha se shatsthanapatita hota hai. Yom kale varna ke paryayom ki taraha shesha charom varna, do gamdha, pamcha rasa aura atha sparsha ki apeksha se bhi (samajha lena). Jaghanya abhinibodhika jnyani nairayikom ke ananta paryaya haim. Kyomki – gautama ! Eka jaghanya abhinibodhika – jnyani, dusare jaghanya abhinibodhikajnyani nairayika se dravya aura pradeshom se tulya haim, avagahana aura sthiti se chatuh sthanapatita hai, varna adi se shatsthanapatita hai, abhinibodhika jnyana ke paryayom ki apeksha tulya hai, shrutajnyana, avadhijnyana tatha tina darshanom se shatsthanapatita hai. Isi prakara utkrishta abhinibodhika jnyani mem samajhana. Ajaghanya anutkrishta abhinibodhikajnyani mem bhi isi prakara hai. Vishesha yaha ki vaha abhinibodhika jnyana ke paryayom ki apeksha se bhi svasthana mem shatsthanapatita hai. Shrutajnyani aura avadhijnyani mem bhi aisa hi janana. Vishesha yaha hai ki jisake jnyana hota hai, usake ajnyana nahim hota. Tinom jnyani nairayikom ke samana tinom ajnyani mem bhi kahana. Vishesha yaha ki jisake ajnyana hote haim, usake jnyana nahim hote. Jaghanya chatudarshani nairayikom ke anantaparyaya haim. Kyomki – jaghanya chakshudarshani nairayika se dravya aura pradeshom se tulya haim, yavat tina ajnyana se, shatsthanapatita hai. Chakshudarshana ke paryayom ki apeksha se tulya hai, tatha achakshudarshana aura avadhidarshana ke paryayom se shatsthanapatita hai. Isi prakara utkrishtachakshudarshani mem bhi samajhana. Ajaghanya – anutkrishta chakshudarshani nairayikom mem bhi yahim janana. Vishesha itana ki svasthana mem bhi vaha shatsthanapatita hota hai. Chakshudarshani nairayikom ke samana achakshudarshani evam avadhidarshani mem bhi samajhana.