Sutra Navigation: Jivajivabhigam ( जीवाभिगम उपांग सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1005969 | ||
Scripture Name( English ): | Jivajivabhigam | Translated Scripture Name : | जीवाभिगम उपांग सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
चतुर्विध जीव प्रतिपत्ति |
Translated Chapter : |
चतुर्विध जीव प्रतिपत्ति |
Section : | द्वीप समुद्र | Translated Section : | द्वीप समुद्र |
Sutra Number : | 169 | Category : | Upang-03 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] विजयस्स णं दारस्स उभओ पासिं दुहओ निसीहियाए दो दो तोरणा पन्नत्ता। वण्णओ जाव सहस्स-पत्तहत्थगा तेसि णं तोरणाणं पुरतो दोदो सालभंजियाओ पन्नत्ताओ। वण्णओ। तेसि णं तोरणाणं पुरतो दोदो नागदंतगा पन्नत्ता। नागदंतावण्णओ उवरिमनागदंता नत्थि। तेसि णं तोरणाणं पुरतो दोदो हयसंघाडा दोदो गयसंघाडा एवं नरकिन्नरकिंपुरिस-महोरगगंधव्वउसभसंघाडा सव्वरयणामया अच्छा जाव पडिरूवा एवं पंतीओ वीहीओ मिहुणगा। दोदो पउमलयाओ जाव पडिरूवाओ। तेसि णं तोरणाणं पुरतो दोदो दिसासोवत्थिया पन्नत्ता सव्वरयणामया अच्छा जाव पडिरूवा। तेसि णं तोरणाणं पुरतो दोदो वंदनकलसा पन्नत्ता। वण्णओ। तेसि णं तोरणाणं पुरतो दोदो भिंगारगा पन्नत्ता वरकमलपइट्ठाणा जाव महतामहता मत्तगयमहामुहागितिसमाणा पन्नत्ता समणाउसो! तेसि णं तोरणाणं पुरतो दोदो आयंसगा पन्नत्ता। तेसि णं आयंसगाणं अयमेयारूवे वण्णावासे पन्नत्ते, तं जहा –तवणिज्जमया पयंठगा वेरुलियमया छरुहा वइरामया वरंगा नानामणिमया वलक्खा अंकमया मंडला अनोग्घसियनिम्मलाए छायाए समनुबद्धा चंदमंडलपडिनिकासा महतामहता अद्धकायसमाणा पन्नत्ता समणाउसो! तेसि णं तोरणाणं पुरतो दोदो वइरणाभा थाला पन्नत्ता। ते णं थाला अच्छ तिच्छडिय सालितंदुल नवसंदट्ठ पडिपुण्णा इव चिट्ठंति सव्वजंबूणदमया अच्छा जाव पडिरूवा महतामहता रहचक्कसमाणा पन्नत्ता समणाउसो! तेसि णं तोरणाणं पुरतो दोदो पातीओ पन्नत्ताओ। ताओ णं पातीओ अच्छोदयपडिहत्थाओ नानाविहस्स फलहरितगस्स बहुपडिपुण्णाओ विव चिट्ठंति सव्वरयणामईओ अच्छाओ जाव पडिरूवाओ महयामहया गोकलिंजगचक्कसमाणाओ पन्नत्ताओ समणाउसो! तेसि णं तोरणाणं पुरतो दोदो सुपतिट्ठगा पन्नत्ता। ते णं सुपतिट्ठगा सुसव्वोसहिपडिपुण्णा नानाविहस्स य पसाधणभंडस्स बहुपडिपुण्णा इव चिट्ठंति सव्वरयणामया अच्छा जाव पडिरूवा। तेसि णं तोरणाणं पुरतो दोदो मनोगुलियाओ पन्नत्ताओ। ताओ णं मनोगुलियाओ सव्ववेरुलियामईओ अच्छाओ जाव पडिरूवाओ। तासु णं मनोगुलियासु बहवे सुवण्णरुप्पामया फलगा पन्नत्ता। तेसु णं सुवण्णरुप्पामएसु फलएसु बहवे वइरामया नागदंतगा पन्नत्ता। तेसु णं वइरामएसु नागदंतएसु बहवे रययामया सिक्कया पन्नत्ता। तेसु णं रययामएसु सिक्कएसु बहवे वायकरगा पन्नत्ता। ते णं वायकरगा किण्हसुत्त सिक्कग गवच्छिया, नीलसुत्तसिक्कग गवच्छिया लोहियसुत्तसिक्कगगवच्छिया, हालिद्दसुत्तसिक्कग गवच्छिया सुक्किलसुत्तसिक्कगगवच्छिया सव्व-वेरुलियामया अच्छा जाव पडिरूवा। तेसि णं तोरणाणं पुरओ दोदो चित्ता रयणकरंडगा पन्नत्ता, से जहानामए– रन्नो चाउरंत-चक्कवट्टिस्स चित्ते रयणकरंडए वेरुलियमणिफालियपडलपच्चोयडे साए पभाए ते पदेसे सव्वतो समंता ओभासइ उज्जोवेइ तावेइ पभासेइ, एवामेव तेवि चित्ता रयणकरंडगा साए पभाए ते पदेसे सव्वतो समंता ओभासेंति उज्जोवेंति तावेंति पभासेंति। तेसि णं तोरणाणं पुरतो दोदो हयकंठा गयकंठा नरकंठा किन्नरकंठा किंपुरिसकंठा महोरगकंठा गंधव्वकंठा उसभकंठा पन्नत्ता सव्वरयणामया अच्छा जाव पडिरूवा। तेसि णं तोरणाणं पुरतो दोदो पुप्फचंगेरीओ, एवं मल्लचुण्णगंध वत्थाभरणचंगेरीओ सिद्धत्थचंगेरीओ लोमहत्थचंगेरीओ सव्वरयणामईओ अच्छाओ जाव पडिरूवाओ। तेसि णं तोरणाणं पुरतो दोदो पुप्फपडलाइं जाव लोमहत्थपडलाइं सव्वरयणामयाइं अच्छाइं जाव पडिरूवाइं। तेसि णं तोरणाणं पुरतो दोदो सीहासनाइं पन्नत्ताइं। तेसि णं सीहासनाणं वण्णओ जाव दामा। तेसि णं तोरणाणं पुरतो दोदो रुप्पच्छदा छत्ता पन्नत्ता। ते णं छत्ता वेरुलियविमलदंडा जंबूनयकण्णिका वइरसंधी मुत्ताजालपरिगता अट्ठसहस्सवरकंचनसलागा दद्दरमलयसुगंधी सव्वो-उअसुरभिसीयलच्छाया मंगलभत्तिचित्ता चंदागारोवमा। तेसि णं तोरणाणं पुरतो दोदो चामराओ पन्नत्ताओ। ताओ णं चामराओ चंदप्पभवइर- वेरुलियनानामनिरयण खचियचित्तदंडाओ सुहुमरयतदीहवालाओ संखंककुंददगरयअमय-महियफेणपुंजसन्निकासाओ सव्वरयणामयाओ अच्छाओ जाव पडिरूवाओ। तेसि णं तोरणाणं पुरतो दोदो तेल्लसमुग्गा कोट्ठसमुग्गा पत्तसमुग्गा चोयसमुग्गा तगरसमुग्गा एलासमुग्गा हरियालसमुग्गा हिंगुलयसमुग्गा मनोसिलासमुग्गा अंजगसमुग्गा सव्वरयणामया अच्छा जाव पडिरूवा। | ||
Sutra Meaning : | उस विजयद्वार के दोनों ओर दोनों नैषेधिकाओं में दो दो तोरण कहे गये हैं। यावत् उन पर आठ – आठ मंगलद्रव्य और छत्रातिछत्र हैं। उन तोरणों के आगे दो दो शालभंजिकाएं हैं। उन तोरणों के आगे दो दो नागदंतक हैं। उन नागदंतकों में बहुत सी काले सूत में गूँथी हुई विस्तृत पुष्पमालाओं के समुदाय हैं यावत् वे अतीव शोभा से युक्त हैं। उन तोरणों के आगे दो दो घोड़ों के जोड़े हैं जो सर्वरत्नमय हैं, स्वच्छ हैं यावत् प्रतिरूप हैं। इसी प्रकार हयों की पंक्तियाँ, हयों की वीथियाँ और हयों के मिथुनक हैं। उन तोरणों के आगे दो – दो पद्मलताएं चित्रित हैं यावत् वे प्रतिरूप हैं। उन तोरणों के आगे अक्षत के स्वस्तिक चित्रित हैं जो सर्वरत्नमय हैं, स्वच्छ हैं यावत् प्रतिरूप हैं। उन तोरणों के आगे दो – दो चन्द्रकलश हैं। वे श्रेष्ठ कमलों पर प्रतिष्ठित हैं यावत् वे सर्वरत्नमय हैं यावत् प्रतिरूप हैं। उन तोरणों के आगे दो – दो भृंगारक हैं। वे श्रेष्ठ कमलों पर प्रतिष्ठित हैं यावत् वे भृंगारक बड़े – बड़े और मत्त हाथी के मुख की आकृति वाले हैं। उन तोरणों के आगे दो – दो आदर्शक हैं। इन दर्पणों के प्रकण्ठक तपनीय स्वर्ण के बने हुए हैं, इनके स्तम्भ वैडूर्यरत्न के हैं, इनके वरांग वज्ररत्नमय हैं, इनके वलक्ष नाना मणियों के हैं, इनके मण्डल अंकरत्न के हैं। ये दर्पण अनवघर्षित और निर्मल छाया से युक्त हैं, चन्द्रमण्डल की तरह गोलाकार हैं। ये दर्पण बड़े – बड़े और दर्शक की आधी काया के प्रमाण वाले हैं। उन तोरणों के आगे दो – दो वज्रनाभ स्थाल हैं। वे स्वच्छ, तीन बार सूप आदि से साफ किये हुए और मूसलादि द्वारा खंडे हुए शुद्ध स्फटिक जैसे चावलों से भरे हुए हैं। वे सर्व स्वर्णमय हैं, स्वच्छ हैं यावत् वे स्थाल बड़े – बड़े रथ के चक्र के समान हैं। उन तोरणों के आगे दो – दो पात्रियाँ हैं। ये स्वच्छ जल से परिपूर्ण हैं। नानाविध पाँच रंग के हरे फलों से भरी हुई हैं। वे पृथ्वीपरिणामरूप और शाश्वत हैं। वे स्थाल सर्वरत्नमय यावत् प्रतिरूप हैं और बड़े – बड़े गोकलिंजर चक्र के समान हैं। उन तोरणों के आगे दो – दो सुप्रतिष्ठक हैं। वे नाना प्रकार के पाँच वर्णों की प्रसाधन – सामग्री और सर्व औषधियों से परिपूर्ण लगते हैं, वे सर्वरत्नमय, स्वच्छ यावत् प्रतिरूप हैं। उन तोरणों के आगे दो – दो मनोगुलिका हैं। उन मे बहुत – से सोने – चाँदी के फलक हैं। उन सोने – चाँदी के फलकों में बहुत से वज्रमय नागदंतक हैं। ये मुक्ताजाल के अन्दर लटकती हुई मालाओं से युक्त हैं यावत् हाथी के दाँत के समान हैं। उन में बहुत से चाँदी के सींके हैं। उन चाँदी के सींको में बहुत से वातकरक हैं। ये घड़े काले से यावत् सफेद सूत्र के बने हुए ढक्कन से आच्छादित हैं। ये सब वैडूर्यमय हैं, स्वच्छ हैं, यावत् प्रतिरूप हैं। उन तोरणों के आगे दो – दो चित्रवर्ण के रत्नकरण्डक हैं। किसी चातुरन्त चक्रवर्ती का नाना मणिमय होने से नानावर्ण का रत्नकरण्डक जिस पर वैडूर्यमणि और स्फटिक मणियों का ढक्कन लगा हुआ है, अपनी प्रभा से उस प्रदेश को सब ओर से अवभासित करता है, उद्योतित करता है, प्रदीप्त करता है, प्रकाशित करता है, इसी तरह वे विचित्र रत्नकरंडक वैडूर्यरत्न के ढक्कन से युक्त होकर अपनी प्रभा से उस प्रदेश को सब ओर से अवभासित करते हैं। उन तोरणों के आगे दो – दो हयकंठक यावत् दो – दो वृषभकंठक कहे गये हैं। वे सर्वरत्नमय, स्वच्छ यावत् प्रतिरूप हैं। उन हयकंठकों में यावत् वृषभकंठकों में दो – दो फूलों की चंगेरियाँ हैं। इसी तरह माल्यों, गंध, चूर्ण, वस्त्र एवं आभरणों की दो – दो चंगेरियाँ हैं। इसी तरह सिद्धार्थ और लोमहस्तक चंगेरियाँ भी दो – दो हैं। ये सब सर्व – रत्नमय हैं, स्वच्छ हैं यावत् प्रतिरूप हैं। उन तोरणों के आगे दो – दो पुष्प – पटल यावत् दो – दो लोमहस्त – पटल कहे गये हैं, जो सर्वरत्नमय हैं यावत् प्रतिरूप हैं। उन तोरणों के आगे दो – दो सिंहासन हैं। यावत् वे प्रासादीय, दर्शनीय, अभिरूप और प्रतिरूप हैं। उन तोरणों के आगे चाँदी के आच्छादनवाले छत्र हैं। उन छत्रों के दण्ड वैडूर्यमणि के हैं, चमकीले और निर्मल हैं, उनकी कर्णिका स्वर्ण की है, उनकी संधियाँ वज्ररत्न से पूरित हैं, वे छत्र मोतियों की मालाओं से युक्त हैं। एक हजार आठ शलाकाओं से युक्त हैं, जो श्रेष्ठ स्वर्ण की बनी हैं। कपड़े से छने हुए चन्दन की गंध के समान सुगन्धित और सर्वऋतुओं में सुगन्धित रहने वाली उनकी शीतल छाया है। उन छत्रों पर नाना प्रकार के मंगल चित्रित हैं और वे चन्द्रमा के आकार के समान गोल हैं। उन तोरणों के आगे दो – दो चामर कहे गये हैं। वे चामर चन्द्रकान्तमणि, वज्रमणि, वैडूर्यमणि आदि नाना मणिरत्नोंसे जटित दण्डवाले हैं। वे चामर शंख, अंकरत्न कुंद, दगरज, अमृतमथित फेनपुंज समान श्वेत हैं, सूक्ष्म और रजत के लम्बे – लम्बे बाल वाले हैं, सर्वरत्नमय हैं, स्वच्छ हैं, यावत् प्रतिरूप हैं। उन तोरणों के आगे दो – दो तैलसमुद्गक, कोष्टसमुद्गक, पत्रसमुद्गक, चोयसमुद्गक, तगरसमुद्गक, इलायचीसमुद्गक, हरितालसमुद्गक, हिंगुलुसमुद्गक, मनःशिलासमुद्गक और अंजनसमुद्गक हैं। ये सर्व समुद्गक सर्वरत्नमय हैं, स्वच्छ हैं, यावत् प्रतिरूप हैं। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] vijayassa nam darassa ubhao pasim duhao nisihiyae do do torana pannatta. Vannao java sahassa-pattahatthaga Tesi nam torananam purato dodo salabhamjiyao pannattao. Vannao. Tesi nam torananam purato dodo nagadamtaga pannatta. Nagadamtavannao uvarimanagadamta natthi. Tesi nam torananam purato dodo hayasamghada dodo gayasamghada evam narakinnarakimpurisa-mahoragagamdhavvausabhasamghada savvarayanamaya achchha java padiruva evam pamtio vihio mihunaga. Dodo paumalayao java padiruvao. Tesi nam torananam purato dodo disasovatthiya pannatta savvarayanamaya achchha java padiruva. Tesi nam torananam purato dodo vamdanakalasa pannatta. Vannao. Tesi nam torananam purato dodo bhimgaraga pannatta varakamalapaitthana java mahatamahata mattagayamahamuhagitisamana pannatta samanauso! Tesi nam torananam purato dodo ayamsaga pannatta. Tesi nam ayamsaganam ayameyaruve vannavase pannatte, tam jaha –tavanijjamaya payamthaga veruliyamaya chharuha vairamaya varamga nanamanimaya valakkha amkamaya mamdala anogghasiyanimmalae chhayae samanubaddha chamdamamdalapadinikasa mahatamahata addhakayasamana pannatta samanauso! Tesi nam torananam purato dodo vairanabha thala pannatta. Te nam thala achchha tichchhadiya salitamdula navasamdattha padipunna iva chitthamti savvajambunadamaya achchha java padiruva mahatamahata rahachakkasamana pannatta samanauso! Tesi nam torananam purato dodo patio pannattao. Tao nam patio achchhodayapadihatthao nanavihassa phalaharitagassa bahupadipunnao viva chitthamti savvarayanamaio achchhao java padiruvao mahayamahaya gokalimjagachakkasamanao pannattao samanauso! Tesi nam torananam purato dodo supatitthaga pannatta. Te nam supatitthaga susavvosahipadipunna nanavihassa ya pasadhanabhamdassa bahupadipunna iva chitthamti savvarayanamaya achchha java padiruva. Tesi nam torananam purato dodo manoguliyao pannattao. Tao nam manoguliyao savvaveruliyamaio achchhao java padiruvao. Tasu nam manoguliyasu bahave suvannaruppamaya phalaga pannatta. Tesu nam suvannaruppamaesu phalaesu bahave vairamaya nagadamtaga pannatta. Tesu nam vairamaesu nagadamtaesu bahave rayayamaya sikkaya pannatta. Tesu nam rayayamaesu sikkaesu bahave vayakaraga pannatta. Te nam vayakaraga kinhasutta sikkaga gavachchhiya, nilasuttasikkaga gavachchhiya lohiyasuttasikkagagavachchhiya, haliddasuttasikkaga gavachchhiya sukkilasuttasikkagagavachchhiya savva-veruliyamaya achchha java padiruva. Tesi nam torananam purao dodo chitta rayanakaramdaga pannatta, se jahanamae– ranno chauramta-chakkavattissa chitte rayanakaramdae veruliyamaniphaliyapadalapachchoyade sae pabhae te padese savvato samamta obhasai ujjovei tavei pabhasei, evameva tevi chitta rayanakaramdaga sae pabhae te padese savvato samamta obhasemti ujjovemti tavemti pabhasemti. Tesi nam torananam purato dodo hayakamtha gayakamtha narakamtha kinnarakamtha kimpurisakamtha mahoragakamtha gamdhavvakamtha usabhakamtha pannatta savvarayanamaya achchha java padiruva. Tesi nam torananam purato dodo pupphachamgerio, evam mallachunnagamdha vatthabharanachamgerio siddhatthachamgerio lomahatthachamgerio savvarayanamaio achchhao java padiruvao. Tesi nam torananam purato dodo pupphapadalaim java lomahatthapadalaim savvarayanamayaim achchhaim java padiruvaim. Tesi nam torananam purato dodo sihasanaim pannattaim. Tesi nam sihasananam vannao java dama. Tesi nam torananam purato dodo ruppachchhada chhatta pannatta. Te nam chhatta veruliyavimaladamda jambunayakannika vairasamdhi muttajalaparigata atthasahassavarakamchanasalaga daddaramalayasugamdhi savvo-uasurabhisiyalachchhaya mamgalabhattichitta chamdagarovama. Tesi nam torananam purato dodo chamarao pannattao. Tao nam chamarao chamdappabhavaira- veruliyananamanirayana khachiyachittadamdao suhumarayatadihavalao samkhamkakumdadagarayaamaya-mahiyaphenapumjasannikasao savvarayanamayao achchhao java padiruvao. Tesi nam torananam purato dodo tellasamugga kotthasamugga pattasamugga choyasamugga tagarasamugga elasamugga hariyalasamugga himgulayasamugga manosilasamugga amjagasamugga savvarayanamaya achchha java padiruva. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Usa vijayadvara ke donom ora donom naishedhikaom mem do do torana kahe gaye haim. Yavat una para atha – atha mamgaladravya aura chhatratichhatra haim. Una toranom ke age do do shalabhamjikaem haim. Una toranom ke age do do nagadamtaka haim. Una nagadamtakom mem bahuta si kale suta mem gumthi hui vistrita pushpamalaom ke samudaya haim yavat ve ativa shobha se yukta haim. Una toranom ke age do do ghorom ke jore haim jo sarvaratnamaya haim, svachchha haim yavat pratirupa haim. Isi prakara hayom ki pamktiyam, hayom ki vithiyam aura hayom ke mithunaka haim. Una toranom ke age do – do padmalataem chitrita haim yavat ve pratirupa haim. Una toranom ke age akshata ke svastika chitrita haim jo sarvaratnamaya haim, svachchha haim yavat pratirupa haim. Una toranom ke age do – do chandrakalasha haim. Ve shreshtha kamalom para pratishthita haim yavat ve sarvaratnamaya haim yavat pratirupa haim. Una toranom ke age do – do bhrimgaraka haim. Ve shreshtha kamalom para pratishthita haim yavat ve bhrimgaraka bare – bare aura matta hathi ke mukha ki akriti vale haim. Una toranom ke age do – do adarshaka haim. Ina darpanom ke prakanthaka tapaniya svarna ke bane hue haim, inake stambha vaiduryaratna ke haim, inake varamga vajraratnamaya haim, inake valaksha nana maniyom ke haim, inake mandala amkaratna ke haim. Ye darpana anavagharshita aura nirmala chhaya se yukta haim, chandramandala ki taraha golakara haim. Ye darpana bare – bare aura darshaka ki adhi kaya ke pramana vale haim. Una toranom ke age do – do vajranabha sthala haim. Ve svachchha, tina bara supa adi se sapha kiye hue aura musaladi dvara khamde hue shuddha sphatika jaise chavalom se bhare hue haim. Ve sarva svarnamaya haim, svachchha haim yavat ve sthala bare – bare ratha ke chakra ke samana haim. Una toranom ke age do – do patriyam haim. Ye svachchha jala se paripurna haim. Nanavidha pamcha ramga ke hare phalom se bhari hui haim. Ve prithviparinamarupa aura shashvata haim. Ve sthala sarvaratnamaya yavat pratirupa haim aura bare – bare gokalimjara chakra ke samana haim. Una toranom ke age do – do supratishthaka haim. Ve nana prakara ke pamcha varnom ki prasadhana – samagri aura sarva aushadhiyom se paripurna lagate haim, ve sarvaratnamaya, svachchha yavat pratirupa haim. Una toranom ke age do – do manogulika haim. Una me bahuta – se sone – chamdi ke phalaka haim. Una sone – chamdi ke phalakom mem bahuta se vajramaya nagadamtaka haim. Ye muktajala ke andara latakati hui malaom se yukta haim yavat hathi ke damta ke samana haim. Una mem bahuta se chamdi ke simke haim. Una chamdi ke simko mem bahuta se vatakaraka haim. Ye ghare kale se yavat sapheda sutra ke bane hue dhakkana se achchhadita haim. Ye saba vaiduryamaya haim, svachchha haim, yavat pratirupa haim. Una toranom ke age do – do chitravarna ke ratnakarandaka haim. Kisi chaturanta chakravarti ka nana manimaya hone se nanavarna ka ratnakarandaka jisa para vaiduryamani aura sphatika maniyom ka dhakkana laga hua hai, apani prabha se usa pradesha ko saba ora se avabhasita karata hai, udyotita karata hai, pradipta karata hai, prakashita karata hai, isi taraha ve vichitra ratnakaramdaka vaiduryaratna ke dhakkana se yukta hokara apani prabha se usa pradesha ko saba ora se avabhasita karate haim. Una toranom ke age do – do hayakamthaka yavat do – do vrishabhakamthaka kahe gaye haim. Ve sarvaratnamaya, svachchha yavat pratirupa haim. Una hayakamthakom mem yavat vrishabhakamthakom mem do – do phulom ki chamgeriyam haim. Isi taraha malyom, gamdha, churna, vastra evam abharanom ki do – do chamgeriyam haim. Isi taraha siddhartha aura lomahastaka chamgeriyam bhi do – do haim. Ye saba sarva – ratnamaya haim, svachchha haim yavat pratirupa haim. Una toranom ke age do – do pushpa – patala yavat do – do lomahasta – patala kahe gaye haim, jo sarvaratnamaya haim yavat pratirupa haim. Una toranom ke age do – do simhasana haim. Yavat ve prasadiya, darshaniya, abhirupa aura pratirupa haim. Una toranom ke age chamdi ke achchhadanavale chhatra haim. Una chhatrom ke danda vaiduryamani ke haim, chamakile aura nirmala haim, unaki karnika svarna ki hai, unaki samdhiyam vajraratna se purita haim, ve chhatra motiyom ki malaom se yukta haim. Eka hajara atha shalakaom se yukta haim, jo shreshtha svarna ki bani haim. Kapare se chhane hue chandana ki gamdha ke samana sugandhita aura sarvarituom mem sugandhita rahane vali unaki shitala chhaya hai. Una chhatrom para nana prakara ke mamgala chitrita haim aura ve chandrama ke akara ke samana gola haim. Una toranom ke age do – do chamara kahe gaye haim. Ve chamara chandrakantamani, vajramani, vaiduryamani adi nana maniratnomse jatita dandavale haim. Ve chamara shamkha, amkaratna kumda, dagaraja, amritamathita phenapumja samana shveta haim, sukshma aura rajata ke lambe – lambe bala vale haim, sarvaratnamaya haim, svachchha haim, yavat pratirupa haim. Una toranom ke age do – do tailasamudgaka, koshtasamudgaka, patrasamudgaka, choyasamudgaka, tagarasamudgaka, ilayachisamudgaka, haritalasamudgaka, himgulusamudgaka, manahshilasamudgaka aura amjanasamudgaka haim. Ye sarva samudgaka sarvaratnamaya haim, svachchha haim, yavat pratirupa haim. |