Sutra Navigation: Bhagavati ( भगवती सूत्र )
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Mool File Details |
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Anuvad File Details |
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Sr No : | 1004498 | ||
Scripture Name( English ): | Bhagavati | Translated Scripture Name : | भगवती सूत्र |
Mool Language : | Ardha-Magadhi | Translated Language : | Hindi |
Chapter : |
शतक-३० समवसरण लेश्यादि |
Translated Chapter : |
शतक-३० समवसरण लेश्यादि |
Section : | उद्देशक-१ थी ११ | Translated Section : | उद्देशक-१ थी ११ |
Sutra Number : | 998 | Category : | Ang-05 |
Gatha or Sutra : | Sutra | Sutra Anuyog : | |
Author : | Deepratnasagar | Original Author : | Gandhar |
Century : | Sect : | Svetambara1 | |
Source : | |||
Mool Sutra : | [सूत्र] कइ णं भंते! समोसरणा पन्नत्ता? गोयमा! चत्तारि समोसरणा पन्नत्ता, तं० किरियावादी, अकिरियावादी, अन्नाणियवादी, वेणइयवादी जीवा णं भंते! किं किरियावादी? अकिरियावादी? अन्नाणियवादी? वेणइयवादी? गोयमा! जीवा किरियावादी वि, अकिरियावादी वि, अन्नाणियवादी वि, वेणइयवादी वि। सलेस्सा णं भंते! जीवा किं किरियावादी–पुच्छा। गोयमा! किरियावादी वि, अकिरियावादी वि, अन्नाणियावादी वि, वेणइयवादी वि। एवं जाव सुक्कलेस्सा। अलेस्सा णं भंते! जीवा–पुच्छा। गोयमा! किरियावादी, नो अकिरियावादी, नो अन्नाणियवादी, नो वेणइयवादी। कण्हपक्खिया णं भंते! जीवा किं किरियावादी–पुच्छा। गोयमा! नो किरियावादी, अकिरियावादी, अन्नाणियवादी वि, वेनइयवादी वि। सुक्कपक्खिया जहा सलेस्सा। सम्मदिट्ठी जहा अलेस्सा। मिच्छादिट्ठी जहा कण्हपक्खिया। सम्मामिच्छादिट्ठी णं–पुच्छा। गोयमा! नो किरियावादी, नो अकिरियावादी, अन्नाणियवादी वि, वेणइयवादी वि। नाणी जाव केवलनाणी जहा अलेस्से। अन्नाणी जाव विभंगनाणी जहा कण्हपक्खिया। आहारसण्णोवउत्ता जाव परिग्गहसण्णोवउत्ता जहा सलेस्सा। नोसण्णोवउत्ता जहा अलेस्सा। सवेदगा जाव नपुंसगवेदगा जहा सलेस्सा। अवेदगा जहा अलेस्सा। सकसायी जाव लोभकसायी जहा सलेस्सा। अकसायी जहा अलेस्सा। सजोगी जाव कायजोगी जहा सलेस्सा। अजोगी जहा अलेस्सा। सागारोवउत्ता अनागारोवउत्ता जहा सलेस्सा। नेरइया णं भंते! किं किरियावादी–पुच्छा। गोयमा! किरियावादी वि जाव वेनइयवादी वि। सलेस्सा णं भंते! नेरइया किं किरियावादी? एवं चेव। एवं जाव काउलेस्सा। कण्हपक्खिया किरियाविवज्जिया। एवं एएणं कमेणं जच्चेव जीवाणं वत्तव्वया सच्चेव नेरइयाण वि जाव अनागारोवउत्ता, नवरं– जं अत्थि तं भाणियव्वं, सेसं न भण्णति। जहा नेरइया एवं जाव थणियकुमारा। पुढविकाइया णं भंते! किं किरियावादी–पुच्छा। गोयमा! नो किरियावादी, अकिरियावादी वि, अन्नाणियवादी वि, नो वेणइयवादी। एवं पुढवि-काइयाणं जं अत्थि तत्थ सव्वत्थ वि एयाइं दो मज्झिल्लाइं समोसरणाइं जाव अनागारोवउत्ता वि। एवं जाव चउरिंदियाणं। सव्वट्ठाणेसु एयाइं चेव मज्झि-ल्लगाइं दो समोसरणाइं। सम्मत्तनाणेहि वि एयाणि चेव मज्झिल्लगाइं दो समोसरणाइं। पंचिंदियतिरिक्खजोणिया जहा जीवा, नवरं–जं अत्थि तं भाणियव्वं। मनुस्सा जहा जीवा तहेव निरवसेसं। वाणमंतर-जोइसिय-वेमाणिया जहा असुरकुमारा। किरियावादी णं भंते! जीवा किं नेरइयाउयं पकरेंति? तिरिक्खजोणियाउयं पकरेंति? मनुस्साउयं पकरेंति? देवाउयं पकरेंति? गोयमा! नो नेरइयाउयं पकरेंति, नो तिरिक्खजोणियाउयं पकरेंति, मनुस्साउयं पि पकरेंति, देवाउयं पि पकरेंति। जइ देवाउयं पकरेंति किं भवनवासिदेवाउयं पकरेंति जाव वेमानिय देवाउयं पकरेंति? गोयमा! नो भवनवासिदेवाउयं पकरेंति, नो वाणमंतरदेवाउयं पकरेंति, नो जोइसियदेवाउयं पकरेंति, वेमानियदेवाउयं पकरेंति अकिरियावादी णं भंते! जीवा किं नेरइयाउयं पकरेंति, तिरिक्खजोणियाउयं–पुच्छा। गोयमा! नेरइयाउयं पि पकरेंति जाव देवाउयं पि पकरेंति। एवं अन्नाणियवादी वि वेणइयवादी वि। सलेस्सा णं भंते! जीवा किरियावादी किं नेरइयाउयं पकरेंति–पुच्छा। गोयमा! नो नेरइयाउयं, एवं जहेव जीवा तहेव सलेस्सा वि चउहिं वि समोसरणेहिं भाणियव्वा। कण्हलेस्सा णं भंते! जीवा किरियावादी किं नेरइयाउयं पकरेंति–पुच्छा। गोयमा! नो नेरइयाउयं पकरेंति, नो तिरिक्खजोणियाउयं पकरेंति, मनुस्साउयं पकरेंति, नो देवाउयं पकरेंति। अकिरियवादी अन्नाणियवादी वेणइयवादी य चत्तारि वि आउयाइं पकरेंति। एवं नीललेस्सा वि, काउलेस्सा वि। तेउलेस्सा णं भंते! जीवा किरियावादी किं नेरइयाउयं पकरेंति–पुच्छा। गोयमा! नो नेरइयाउयं पकरेंति, नो तिरिक्खजोणियाउयं पकरेंति, मनुस्साउयं पि पकरेंति, देवाउयं पि पकरेंति। जइ देवा-उयं पकरेंति तहेव। तेउलेस्सा णं भंते! जीवा अकिरियावादी किं नेरइयाउयं–पुच्छा। गोयमा! नो नेरइयाउयं पकरेंति, मनुस्साउयं पि पकरेंति, तिरिक्खजोणियाउयं पि पकरेंति, देवाउयं पि पकरेंति। एवं अन्ना णियवादी वि, वेणइयवादी वि। जहा तेउलेस्सा एवं पम्हलेस्सा वि सुक्कलेस्सा वि नायव्वा। अलेस्सा णं भंते! जीवा किरियावादी किं नेरइयाउयं–पुच्छा। गोयमा! नो नेरइयाउयं पकरेंति, नो तिरिक्खजोणियाउयं पकरेंति, नो मनुस्साउयं पकरेंति, नो देवाउयं पकरेंति। कण्हपक्खिया णं भंते! जीवा अकिरियावादी किं नेरइयाउयं–पुच्छा। गोयमा! नेरइयाउयं पि पकरेंति, एवं चउविहं पि। एवं अन्नाणियवादी वि, वेणइयवादी वि। सुक्कपक्खिया जहा सलेस्सा। सम्मदिट्ठी णं भंते! जीवा किरियावादी किं नेरइयाउयं–पुच्छा। गोयमा! नो नेरइयाउयं पकरेंति, नो तिरिक्खजोणियाउयं पकरेंति, मनुस्साउयं पि पकरेंति, देवाउयं पि पकरेंति। मिच्छादिट्ठी जहा कण्हपक्खिया। सम्मामिच्छादिट्ठी णं भंते! जीवा अन्नाणियवादी किं नेरइयाउयं? जहा अलेस्सा। एवं वेनइयवादी वि। नाणी आभिनिबोहियनाणी य सुयनाणी य ओहिनाणी य जहा सम्मद्दिट्ठी। मनपज्जवनाणी णं भंते! –पुच्छा। गोयमा! नो नेरइयाउयं पकरेंति, नो तिरिक्खजोणियाउयं पकरेंति, नो मनुस्साउयं पकरेंति, देवाउयं पकरेंति। जइ देवाउयं पकरेंति किं भवनवासि–पुच्छा। गोयमा! नो भवनवासिदेवाउयं पकरेंति, नो वाणमंतरदेवाउयं पकरेंति, नो जोइसियदेवाउयं पकरेंति, वेमानियदेवाउयं पकरेंति। केवलनाणी जहा अलेस्सा। अन्नाणी जाव विभंगनाणी जहा कण्हपक्खिया। सण्णासु चउसु वि जहा सलेस्सा। नोसण्णोवउत्ता जहा मनपज्जवनाणी। सवेदगा जाव नपुंसगवेदगा जहा सलेस्सा। अवेदगा जहा अलेस्सा। सकसायी जाव लोभकसायी जहा सलेस्सा। अकसायी जहा अलेस्सा। सजोगी जाव कायजोगी जहा सलेस्सा। अजोगी जहा अलेस्सा। सागारोवउत्ता य अनागारोवउत्ता य जहा सलेस्सा। | ||
Sutra Meaning : | भगवन् ! समवसरण कितने कहे हैं? गौतम! चार, यथा – क्रियावादी, अक्रियावादी, अज्ञानवादी, विनयवादी। भगवन् ! जीव क्रियावादी हैं, अक्रियावादी हैं, अज्ञानवादी हैं या विनयवादी हैं ? गौतम ! जीव क्रियावादी भी हैं, अक्रियावादी भी हैं, अज्ञानवादी भी हैं और विनयवादी भी हैं। भगवन् ! सलेश्य जीव क्रियावादी भी हैं? इत्यादि प्रश्न। गौतम! सलेश्य जीव क्रियावादी भी हैं यावत् विनयवादी भी हैं। इस प्रकार शुक्ललेश्यावाले जीव पर्यन्त जानना। भगवन् ! अलेश्य जीव क्रियावादी हैं ? इत्यादि प्रश्न। गौतम! वे क्रियावादी हैं। भगवन् ! कृष्णपाक्षिक जीव क्रियावादी हैं ? गौतम ! कृष्णपाक्षिक जीव अक्रियावादी, अज्ञानवादी, विनयवादी हैं। शुक्लपाक्षिक जीवों को सलेश्य जीवों समान जानना। सम्यग्दृष्टि जीव, अलेश्य जीव के समान हैं। मिथ्यादृष्टि जीव, कृष्णपाक्षिक जीवों के समान हैं भगवन् ! सम्यग्मिथ्या दृष्टि जीव क्रियावादी हैं ? इत्यादि प्रश्न। गौतम ! वे अज्ञानवादी और विनयवादी हैं। ज्ञानी यावत् केवलज्ञानी जीव, अलेश्य जीवों के तुल्य हैं। अज्ञानी यावत् विभंगज्ञानी जीव, कृष्णपाक्षिक जीवों के समान हैं। आहारसंज्ञोपयुक्त यावत् परिग्रहसंज्ञोपयुक्त जीव सलेश्य जीवों के समान हैं। नोसंज्ञोपयुक्त जीवों का कथन अलेश्य जीवों के समान है। सवेदी से लेकर नपुंसकवेदी जीव तक सलेश्य जीवों के सदृश है। अवेदी जीवों अलेश्य जीवों के तुल्य हैं। सकषायी यावत् लोभकषायी जीवों सलेश्य जीवों के समान हैं। अकषायी जीवों अलेश्य जीवों के सदृश हैं। सयोगी से लेकर काययोगी पर्यन्त जीवों सलेश्य जीवों के समान हैं। अयोगी जीव, सलेश्य जीवों के समान हैं। साकारोपयुक्त और अनाकारोपयुक्त जीव, सलेश्य जीवों के तुल्य हैं। भगवन् ! नैरयिक क्रियावादी हैं ? इत्यादि प्रश्न। गौतम ! वे क्रियावादी यावत् विनयवादी भी होते हैं। भगवन्! सलेश्य नैरयिक क्रियावादी होते हैं ? इत्यादि प्रश्न। गौतम ! वे क्रियावादी यावत् विनयवादी भी हैं। इसी प्रकार कापोतलेश्य नैरयिकों तक जानना। कृष्णपाक्षिक नैरयिक क्रियावादी नहीं हैं। इसी प्रकार और इसी क्रम से सामान्य जीवों की वक्तव्यता समान अनाकारोपयुक्त तक वक्तव्यता कहना। विशेष यह है कि जिसके जो हो, वही कहना चाहिए, शेष नहीं कहना चाहिए। नैरयिकों समान स्तनितकुमार पर्यन्त कहना। भगवन् ! क्या पृथ्वीकायिक क्रियावादी होते हैं ? इत्यादि प्रश्न। गौतम ! वे अक्रियावादी भी हैं और अज्ञान वादी भी हैं। इसी प्रकार पृथ्वीकायिक आदि जीवों में जो पद संभवित हों, उन सभी पदों में अक्रियावादी और अज्ञानवादी हैं, ये ही अनाकारोपयुक्त पृथ्वीकायिक पर्यन्त होते हैं। इसी प्रकार चतुरिन्द्रिय जीवों तक सभी पदों में मध्य के दो समवसरण होते हैं। इनके सम्यक्त्व और ज्ञान में भी ये दो मध्यम समवसरण जानने चाहिए। पञ्चे – न्द्रियतिर्यञ्चयोनिक जीवों का कथन औघिक जीवों के समान है, किन्तु इनमें भी जिसके जो पद हों, वे कहने चाहिए मनुष्यों का समग्र कथन औघिक जीवों के सदृश है। वाणव्यन्तर, ज्योतिष्क और वैमानिक जीवों का कथन असुरकुमारों के समान जानना। भगवन् ! क्रियावादी जीव नरकायु बाँधते हैं, तिर्यञ्चायु बाँधते हैं, मनुष्यायु बाँधते हैं अथवा देवायु बाँधते हैं ? गौतम ! क्रियावादी जीव मनुष्यायु और देवायु बाँधते हैं। भगवन् ! यदि क्रियावादी जीव देवायुष्य बाँधते हैं तो क्या वे भवनवासी देवायुष्य बाँधते हैं, यावत् वैमानिक देवायुष्य बाँधते हैं ? गौतम ! वे वैमानिक – देवायुष्य बाँधते हैं। भगवन् ! अक्रियावादी जीव नैरयिकायुष्य यावत् देवायुष्य बाँधते हैं ? गौतम ! वे नैरयिकायुष्य यावत् देवायुष्य भी बाँधते हैं। इसी प्रकार अज्ञानवादी और विनयवादी जीवों के आयुष्य – बन्ध को समझना। भगवन् ! क्या सलेश्य क्रियावादी जीव नैरयिकायुष्य बाँधते हैं ? इत्यादि प्रश्न। गौतम ! वे नैरयिकायुष्य नहीं बाँधते इत्यादि सब औघिक जीव के समान सलेश्य में चारों समवसरणों का कथन करना। भगवन् ! क्या कृष्णलेश्यी क्रियावादी जीव, नैरयिक का आयुष्य बाँधते हैं ? इत्यादि। गौतम ! वे केवल मनुष्यायुष्य बाँधते हैं। कृष्णलेश्यी अक्रियावादी, अज्ञानवादी और विनयवादी जीव, नैरयिक आदि चारों प्रकार का आयुष्य बाँधते हैं। इसी प्रकार नीललेश्यी और कापोतलेश्यी के विषय में भी जानना। भगवन् ! क्या तेजोलेश्यी क्रियावादी जीव नैरयिका – युष्य बाँधते हैं ? इत्यादि। गौतम ! वे मनुष्यायुष्य और देवायुष्य भी बाँधते हैं। भगवन् ! यदि वे देवायुष्य बाँधते हैं तो क्या भवनवासी, यावत् वैमानिक देवायुष्य बाँधते हैं ? पूर्ववत् जानना। भगवन् ! तेजोलेश्यी अक्रियावादी जीव नैरयिकायुष्य बाँधते हैं ? इत्यादि। गौतम ! वे तिर्यञ्चायुष्य यावत् देवायुष्य बाँधते हैं। इसी प्रकार अज्ञानवादी और विनयवादी को जानना। तेजोलेश्यी के आयुष्य – बन्ध के समान पद्मलेश्यी और शुक्ललेश्यी के आयुष्यबन्ध को जानना। भगवन् ! अलेश्यी क्रियावादी जीव नैरयिकायुष्य बाँधते हैं? इत्यादि। गौतम ! नैरयिक यावत् देव, किसी का आयुष्य नहीं बाँधते। भगवन् ! कृष्णपाक्षिक अक्रियावादी जीव नैरयिकायुष्य बाँधते हैं ? इत्यादि। गौतम ! वे नैरयिक आदि चारों प्रकार का आयुष्य बाँधते हैं। इसी प्रकार कृष्णपाक्षिक अज्ञानवादी और विनयवादी जीवों के आयुष्यबन्ध को जानना। शुक्लपाक्षिक जीव सलेश्यी जीवों के समान आयुष्यबन्ध करते हैं। भगवन् ! क्या सम्यग्दृष्टि क्रियावादी जीव नैरयिकानुबन्ध करते हैं ? इत्यादि। गौतम ! वे मनुष्य और देव का आयुष्य बाँधते हैं। मिथ्यादृष्टि क्रियावादी जीव का आयुष्यबन्ध कृष्णपाक्षिक के समान है। भगवन् ! सम्यग् – मिथ्यादृष्टि अज्ञानवादी जीव नैरयिकायुष्य बाँधते हैं ? इत्यादि। गौतम ! अलेश्यी जीव के समान जानना। इसी प्रकार विनयवादी जीवों को जानना। ज्ञानी, आभिनिबोधिकज्ञानी, श्रुतज्ञानी और अवधिज्ञानी का कथन सम्यग्दृष्टि के समान है। भगवन् ! मनःपर्यवज्ञानी नैरयिकायुष्य बाँधते हैं ? इत्यादि। गौतम ! वे केवल देव का आयुष्य बाँधते हैं। भगवन् ! यदि वे देवायुष्य बाँधते हैं, तो क्या भवनवासी देवायुष्य बाँधते हैं ? गौतम ! वे केवल वैमानिकदेव का आयुष्य बाँधते हैं। केवलज्ञानी के विषय में अलेश्यी के समान जानना। अज्ञानी से लेकर विभंगज्ञानी तक का आयुष्यबन्ध कृष्णपाक्षिक के समान समझना। आहारादि चारों संज्ञाओं वाले जीवों का आयुष्यबन्ध सलेश्य जीवों के समान है। नोसंज्ञोपयुक्त जीवों का आयुष्यबन्ध मनःपर्यव – ज्ञानी के सदृश है। सवेदी से लेकर नपुंसकवेदी तक सलेश्य जीवों के समान हैं। अवेदी जीवों का आयुष्यबन्ध अलेश्य जीवों के समान है। सकषायी से लेकर लोभकषायी तक को सलेश्य जीवों के समान जानना। अकषायी जीवों के विषय में अलेश्य के समान जानना। सयोगी से लेकर काययोगी तक सलेश्य जीवों के समान समझना। अयोगी जीवों को अलेश्य के समान कहना। साकारोपयुक्त और अनाकारोपयुक्त को सलेश्य जीवों के समान जानना। | ||
Mool Sutra Transliteration : | [sutra] kai nam bhamte! Samosarana pannatta? Goyama! Chattari samosarana pannatta, tam0 kiriyavadi, akiriyavadi, annaniyavadi, venaiyavadi Jiva nam bhamte! Kim kiriyavadi? Akiriyavadi? Annaniyavadi? Venaiyavadi? Goyama! Jiva kiriyavadi vi, akiriyavadi vi, annaniyavadi vi, venaiyavadi vi. Salessa nam bhamte! Jiva kim kiriyavadi–puchchha. Goyama! Kiriyavadi vi, akiriyavadi vi, annaniyavadi vi, venaiyavadi vi. Evam java sukkalessa. Alessa nam bhamte! Jiva–puchchha. Goyama! Kiriyavadi, no akiriyavadi, no annaniyavadi, no venaiyavadi. Kanhapakkhiya nam bhamte! Jiva kim kiriyavadi–puchchha. Goyama! No kiriyavadi, akiriyavadi, annaniyavadi vi, venaiyavadi vi. Sukkapakkhiya jaha salessa. Sammaditthi jaha alessa. Michchhaditthi jaha kanhapakkhiya. Sammamichchhaditthi nam–puchchha. Goyama! No kiriyavadi, no akiriyavadi, annaniyavadi vi, venaiyavadi vi. Nani java kevalanani jaha alesse. Annani java vibhamganani jaha kanhapakkhiya. Aharasannovautta java pariggahasannovautta jaha salessa. Nosannovautta jaha alessa. Savedaga java napumsagavedaga jaha salessa. Avedaga jaha alessa. Sakasayi java lobhakasayi jaha salessa. Akasayi jaha alessa. Sajogi java kayajogi jaha salessa. Ajogi jaha alessa. Sagarovautta anagarovautta jaha salessa. Neraiya nam bhamte! Kim kiriyavadi–puchchha. Goyama! Kiriyavadi vi java venaiyavadi vi. Salessa nam bhamte! Neraiya kim kiriyavadi? Evam cheva. Evam java kaulessa. Kanhapakkhiya kiriyavivajjiya. Evam eenam kamenam jachcheva jivanam vattavvaya sachcheva neraiyana vi java anagarovautta, navaram– jam atthi tam bhaniyavvam, sesam na bhannati. Jaha neraiya evam java thaniyakumara. Pudhavikaiya nam bhamte! Kim kiriyavadi–puchchha. Goyama! No kiriyavadi, akiriyavadi vi, annaniyavadi vi, no venaiyavadi. Evam pudhavi-kaiyanam jam atthi tattha savvattha vi eyaim do majjhillaim samosaranaim java anagarovautta vi. Evam java chaurimdiyanam. Savvatthanesu eyaim cheva majjhi-llagaim do samosaranaim. Sammattananehi vi eyani cheva majjhillagaim do samosaranaim. Pamchimdiyatirikkhajoniya jaha jiva, navaram–jam atthi tam bhaniyavvam. Manussa jaha jiva taheva niravasesam. Vanamamtara-joisiya-vemaniya jaha asurakumara. Kiriyavadi nam bhamte! Jiva kim neraiyauyam pakaremti? Tirikkhajoniyauyam pakaremti? Manussauyam pakaremti? Devauyam pakaremti? Goyama! No neraiyauyam pakaremti, no tirikkhajoniyauyam pakaremti, manussauyam pi pakaremti, devauyam pi pakaremti. Jai devauyam pakaremti kim bhavanavasidevauyam pakaremti java vemaniya devauyam pakaremti? Goyama! No bhavanavasidevauyam pakaremti, no vanamamtaradevauyam pakaremti, no joisiyadevauyam pakaremti, vemaniyadevauyam pakaremti Akiriyavadi nam bhamte! Jiva kim neraiyauyam pakaremti, tirikkhajoniyauyam–puchchha. Goyama! Neraiyauyam pi pakaremti java devauyam pi pakaremti. Evam annaniyavadi vi venaiyavadi vi. Salessa nam bhamte! Jiva kiriyavadi kim neraiyauyam pakaremti–puchchha. Goyama! No neraiyauyam, evam jaheva jiva taheva salessa vi chauhim vi samosaranehim bhaniyavva. Kanhalessa nam bhamte! Jiva kiriyavadi kim neraiyauyam pakaremti–puchchha. Goyama! No neraiyauyam pakaremti, no tirikkhajoniyauyam pakaremti, manussauyam pakaremti, no devauyam pakaremti. Akiriyavadi annaniyavadi venaiyavadi ya chattari vi auyaim pakaremti. Evam nilalessa vi, kaulessa vi. Teulessa nam bhamte! Jiva kiriyavadi kim neraiyauyam pakaremti–puchchha. Goyama! No neraiyauyam pakaremti, no tirikkhajoniyauyam pakaremti, manussauyam pi pakaremti, devauyam pi pakaremti. Jai deva-uyam pakaremti taheva. Teulessa nam bhamte! Jiva akiriyavadi kim neraiyauyam–puchchha. Goyama! No neraiyauyam pakaremti, manussauyam pi pakaremti, tirikkhajoniyauyam pi pakaremti, devauyam pi pakaremti. Evam anna niyavadi vi, venaiyavadi vi. Jaha teulessa evam pamhalessa vi sukkalessa vi nayavva. Alessa nam bhamte! Jiva kiriyavadi kim neraiyauyam–puchchha. Goyama! No neraiyauyam pakaremti, no tirikkhajoniyauyam pakaremti, no manussauyam pakaremti, no devauyam pakaremti. Kanhapakkhiya nam bhamte! Jiva akiriyavadi kim neraiyauyam–puchchha. Goyama! Neraiyauyam pi pakaremti, evam chauviham pi. Evam annaniyavadi vi, venaiyavadi vi. Sukkapakkhiya jaha salessa. Sammaditthi nam bhamte! Jiva kiriyavadi kim neraiyauyam–puchchha. Goyama! No neraiyauyam pakaremti, no tirikkhajoniyauyam pakaremti, manussauyam pi pakaremti, devauyam pi pakaremti. Michchhaditthi jaha kanhapakkhiya. Sammamichchhaditthi nam bhamte! Jiva annaniyavadi kim neraiyauyam? Jaha alessa. Evam venaiyavadi vi. Nani abhinibohiyanani ya suyanani ya ohinani ya jaha sammadditthi. Manapajjavanani nam bhamte! –puchchha. Goyama! No neraiyauyam pakaremti, no tirikkhajoniyauyam pakaremti, no manussauyam pakaremti, devauyam pakaremti. Jai devauyam pakaremti kim bhavanavasi–puchchha. Goyama! No bhavanavasidevauyam pakaremti, no vanamamtaradevauyam pakaremti, no joisiyadevauyam pakaremti, vemaniyadevauyam pakaremti. Kevalanani jaha alessa. Annani java vibhamganani jaha kanhapakkhiya. Sannasu chausu vi jaha salessa. Nosannovautta jaha manapajjavanani. Savedaga java napumsagavedaga jaha salessa. Avedaga jaha alessa. Sakasayi java lobhakasayi jaha salessa. Akasayi jaha alessa. Sajogi java kayajogi jaha salessa. Ajogi jaha alessa. Sagarovautta ya anagarovautta ya jaha salessa. | ||
Sutra Meaning Transliteration : | Bhagavan ! Samavasarana kitane kahe haim? Gautama! Chara, yatha – kriyavadi, akriyavadi, ajnyanavadi, vinayavadi. Bhagavan ! Jiva kriyavadi haim, akriyavadi haim, ajnyanavadi haim ya vinayavadi haim\? Gautama ! Jiva kriyavadi bhi haim, akriyavadi bhi haim, ajnyanavadi bhi haim aura vinayavadi bhi haim. Bhagavan ! Saleshya jiva kriyavadi bhi haim? Ityadi prashna. Gautama! Saleshya jiva kriyavadi bhi haim yavat vinayavadi bhi haim. Isa prakara shuklaleshyavale jiva paryanta janana. Bhagavan ! Aleshya jiva kriyavadi haim\? Ityadi prashna. Gautama! Ve kriyavadi haim. Bhagavan ! Krishnapakshika jiva kriyavadi haim\? Gautama ! Krishnapakshika jiva akriyavadi, ajnyanavadi, vinayavadi haim. Shuklapakshika jivom ko saleshya jivom samana janana. Samyagdrishti jiva, aleshya jiva ke samana haim. Mithyadrishti jiva, krishnapakshika jivom ke samana haim Bhagavan ! Samyagmithya drishti jiva kriyavadi haim\? Ityadi prashna. Gautama ! Ve ajnyanavadi aura vinayavadi haim. Jnyani yavat kevalajnyani jiva, aleshya jivom ke tulya haim. Ajnyani yavat vibhamgajnyani jiva, krishnapakshika jivom ke samana haim. Aharasamjnyopayukta yavat parigrahasamjnyopayukta jiva saleshya jivom ke samana haim. Nosamjnyopayukta jivom ka kathana aleshya jivom ke samana hai. Savedi se lekara napumsakavedi jiva taka saleshya jivom ke sadrisha hai. Avedi jivom aleshya jivom ke tulya haim. Sakashayi yavat lobhakashayi jivom saleshya jivom ke samana haim. Akashayi jivom aleshya jivom ke sadrisha haim. Sayogi se lekara kayayogi paryanta jivom saleshya jivom ke samana haim. Ayogi jiva, saleshya jivom ke samana haim. Sakaropayukta aura anakaropayukta jiva, saleshya jivom ke tulya haim. Bhagavan ! Nairayika kriyavadi haim\? Ityadi prashna. Gautama ! Ve kriyavadi yavat vinayavadi bhi hote haim. Bhagavan! Saleshya nairayika kriyavadi hote haim\? Ityadi prashna. Gautama ! Ve kriyavadi yavat vinayavadi bhi haim. Isi prakara kapotaleshya nairayikom taka janana. Krishnapakshika nairayika kriyavadi nahim haim. Isi prakara aura isi krama se samanya jivom ki vaktavyata samana anakaropayukta taka vaktavyata kahana. Vishesha yaha hai ki jisake jo ho, vahi kahana chahie, shesha nahim kahana chahie. Nairayikom samana stanitakumara paryanta kahana. Bhagavan ! Kya prithvikayika kriyavadi hote haim\? Ityadi prashna. Gautama ! Ve akriyavadi bhi haim aura ajnyana vadi bhi haim. Isi prakara prithvikayika adi jivom mem jo pada sambhavita hom, una sabhi padom mem akriyavadi aura ajnyanavadi haim, ye hi anakaropayukta prithvikayika paryanta hote haim. Isi prakara chaturindriya jivom taka sabhi padom mem madhya ke do samavasarana hote haim. Inake samyaktva aura jnyana mem bhi ye do madhyama samavasarana janane chahie. Panche – ndriyatiryanchayonika jivom ka kathana aughika jivom ke samana hai, kintu inamem bhi jisake jo pada hom, ve kahane chahie manushyom ka samagra kathana aughika jivom ke sadrisha hai. Vanavyantara, jyotishka aura vaimanika jivom ka kathana asurakumarom ke samana janana. Bhagavan ! Kriyavadi jiva narakayu bamdhate haim, tiryanchayu bamdhate haim, manushyayu bamdhate haim athava devayu bamdhate haim\? Gautama ! Kriyavadi jiva manushyayu aura devayu bamdhate haim. Bhagavan ! Yadi kriyavadi jiva devayushya bamdhate haim to kya ve bhavanavasi devayushya bamdhate haim, yavat vaimanika devayushya bamdhate haim\? Gautama ! Ve vaimanika – devayushya bamdhate haim. Bhagavan ! Akriyavadi jiva nairayikayushya yavat devayushya bamdhate haim\? Gautama ! Ve nairayikayushya yavat devayushya bhi bamdhate haim. Isi prakara ajnyanavadi aura vinayavadi jivom ke ayushya – bandha ko samajhana. Bhagavan ! Kya saleshya kriyavadi jiva nairayikayushya bamdhate haim\? Ityadi prashna. Gautama ! Ve nairayikayushya nahim bamdhate ityadi saba aughika jiva ke samana saleshya mem charom samavasaranom ka kathana karana. Bhagavan ! Kya krishnaleshyi kriyavadi jiva, nairayika ka ayushya bamdhate haim\? Ityadi. Gautama ! Ve kevala manushyayushya bamdhate haim. Krishnaleshyi akriyavadi, ajnyanavadi aura vinayavadi jiva, nairayika adi charom prakara ka ayushya bamdhate haim. Isi prakara nilaleshyi aura kapotaleshyi ke vishaya mem bhi janana. Bhagavan ! Kya tejoleshyi kriyavadi jiva nairayika – yushya bamdhate haim\? Ityadi. Gautama ! Ve manushyayushya aura devayushya bhi bamdhate haim. Bhagavan ! Yadi ve devayushya bamdhate haim to kya bhavanavasi, yavat vaimanika devayushya bamdhate haim\? Purvavat janana. Bhagavan ! Tejoleshyi akriyavadi jiva nairayikayushya bamdhate haim\? Ityadi. Gautama ! Ve tiryanchayushya yavat devayushya bamdhate haim. Isi prakara ajnyanavadi aura vinayavadi ko janana. Tejoleshyi ke ayushya – bandha ke samana padmaleshyi aura shuklaleshyi ke ayushyabandha ko janana. Bhagavan ! Aleshyi kriyavadi jiva nairayikayushya bamdhate haim? Ityadi. Gautama ! Nairayika yavat deva, kisi ka ayushya nahim bamdhate. Bhagavan ! Krishnapakshika akriyavadi jiva nairayikayushya bamdhate haim\? Ityadi. Gautama ! Ve nairayika adi charom prakara ka ayushya bamdhate haim. Isi prakara krishnapakshika ajnyanavadi aura vinayavadi jivom ke ayushyabandha ko janana. Shuklapakshika jiva saleshyi jivom ke samana ayushyabandha karate haim. Bhagavan ! Kya samyagdrishti kriyavadi jiva nairayikanubandha karate haim\? Ityadi. Gautama ! Ve manushya aura deva ka ayushya bamdhate haim. Mithyadrishti kriyavadi jiva ka ayushyabandha krishnapakshika ke samana hai. Bhagavan ! Samyag – mithyadrishti ajnyanavadi jiva nairayikayushya bamdhate haim\? Ityadi. Gautama ! Aleshyi jiva ke samana janana. Isi prakara vinayavadi jivom ko janana. Jnyani, abhinibodhikajnyani, shrutajnyani aura avadhijnyani ka kathana samyagdrishti ke samana hai. Bhagavan ! Manahparyavajnyani nairayikayushya bamdhate haim\? Ityadi. Gautama ! Ve kevala deva ka ayushya bamdhate haim. Bhagavan ! Yadi ve devayushya bamdhate haim, to kya bhavanavasi devayushya bamdhate haim\? Gautama ! Ve kevala vaimanikadeva ka ayushya bamdhate haim. Kevalajnyani ke vishaya mem aleshyi ke samana janana. Ajnyani se lekara vibhamgajnyani taka ka ayushyabandha krishnapakshika ke samana samajhana. Aharadi charom samjnyaom vale jivom ka ayushyabandha saleshya jivom ke samana hai. Nosamjnyopayukta jivom ka ayushyabandha manahparyava – jnyani ke sadrisha hai. Savedi se lekara napumsakavedi taka saleshya jivom ke samana haim. Avedi jivom ka ayushyabandha aleshya jivom ke samana hai. Sakashayi se lekara lobhakashayi taka ko saleshya jivom ke samana janana. Akashayi jivom ke vishaya mem aleshya ke samana janana. Sayogi se lekara kayayogi taka saleshya jivom ke samana samajhana. Ayogi jivom ko aleshya ke samana kahana. Sakaropayukta aura anakaropayukta ko saleshya jivom ke samana janana. |